06/11/2024
ये छठ पूजा जरुरी है धर्म के लिए नहीं, अपितु,
ये छठ जरुरी है, हम-आप सभी के लिए जो अपनी जड़ों से कट रहे हैं |
उन बेटों के लिए जिनके घर आने का ये बहाना है |
ये छठ जरुरी है, उस माँ के लिए जिन्हें अपनी संतान को देखे महीनों हो जाते हैं।
उस परिवार के लिये जो टुकड़ो में बंट गया है।
ये छठ जरुरी है , उस नई पौध के लिए जिन्हें नहीं पता की दो कमरों से बड़ा भी घर होता है।
उनके लिए जिन्होंने नदियों को सिर्फ किताबों में ही देखा है।
ये छठ जरुरी है ,उस परंपरा को ज़िंदा रखने के लिए जो समानता की वकालत करता है। जो बताता है कि बिना पुरोहित भी पूजा हो सकती है |
ये छठ जरुरी है ,जो सिर्फ उगते सूरज को ही नहीं डूबते सूरज को भी प्रणाम करना सिखाता है |
ये छठ जरुरी है ,गागर , निम्बू और सुथनी जैसे फलों को जिन्दा रखने के लिए |
ये छठ जरुरी है ,सूप और दउरा को बनाने वालों के लिए।
ये बताने के लिए कि , इस समाज में उनका भी महत्व है।
ये छठ जरुरी है
उन दंभी पुरुषों के लिए जो नारी को कमज़ोर समझते हैं ।
ये छठ जरुरी है , बेहद जरुरी बिहार के योगदान और बिहारियों के सम्मान के लिए।
सांस्कृतिक विरासत और आस्था को बनाये रखने के लिए ।
परिवार तथा समाज में एकता एवं एकरूपता के लिए।
जय छठी मैया।