21/07/2024
गुरु – ‘गु’ का अर्थ है अंधकार रूपी अज्ञानता ‘रू’ का अर्थ है दूर करने वाला। भाव गुरु अज्ञानता रुपी अंधकार को दूर करने वाला है।
र्ब्रह्मा – र्ब्रह्मा जी को इस सृष्टि का निर्माता” कहा जाता है। गुरु अपने शिष्य को ज्ञान की बातें सिखाता है उसकी अज्ञानता के अंधेरे को दूर कर उसको ज्ञान की नई राह दिखाता है इसलिए उसकी तुलना सृजन कर्ता ब्रह्मा जी से की गई है।
विष्णु – विष्णु को सृष्टि के पालनहार कहा जाता है। गुरु अपने शिष्य के सभी भ्रम दूर है और उसके हृदय में व्यापक ज्ञान की रक्षा करता है इसलिए गुरु को भगवान विष्णु के समान बन जाता है।
देवो – देवता
महेश्वर – महादेव भगवान शिव को संहारक कहा जाता है। गुरु अपने शिष्य की अज्ञानता का नाश करता है और उसे ज्ञान की नई राह दिखाता है। तब वह भगवान शिव के समान कार्य करता है।
गुरुसाक्षात् – स्वयं
परंब्रह्म – परमात्मा
तस्मै – ऐसे
श्रीगुरवे – महान गुरु को
नमः – प्रणाम