रूबी सत्येन्द्र कुमार 'कुशीनगरी' ग़ज़लें

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रूबी  सत्येन्द्र कुमार 'कुशीनगरी' ग़ज़लें ⚘⚘⚘⚘⚘⚘
ज़रा सी आहटों से डर रही है आज जो लड़की।
कभी बे-खौफ सी रहकर वो पीहर में पली होगी।।

आप सभी दोस्तों को बहुत-बहुत धन्यवाद आपका साथ ऐसे ही मिलता रहा तो मेरी लेखनी को ताकत और हौसला मिलेगा।इस मुहब्बत के लिया श...
14/12/2024

आप सभी दोस्तों को बहुत-बहुत धन्यवाद आपका साथ ऐसे ही मिलता रहा तो मेरी लेखनी को ताकत और हौसला मिलेगा।
इस मुहब्बत के लिया शुक्रिया नवाज़िश 🙏🙏🙏

05/12/2024

बंदिशें लाख लगा लें ये ज़माने वाले

नमस्कार दोस्तों 🙏 🙏 🙏 🙏 आज दो शेर आपकी खिदमत में ,❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️उंगलियाँ मुझपे  जो सरकार उठा देते हो। और बेहतर मेरा किरद...
02/12/2024

नमस्कार दोस्तों 🙏 🙏 🙏 🙏
आज दो शेर आपकी खिदमत में
,❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️
उंगलियाँ मुझपे जो सरकार उठा देते हो।
और बेहतर मेरा किरदार बना देते हो।

रास्तों पर मेरे कांटों को बिछाने वालो,
तुम मेरे पैरों की रफ्तार बढ़ा देते रहो

नमस्कार दोस्तों 🙏 कुछ अशआर आपके खिदमत में 💐💐🥳
20/11/2024

नमस्कार दोस्तों 🙏
कुछ अशआर आपके खिदमत में
💐💐🥳

आज एक मुक्तक आप सभी के नज्र करती हूं।💐💐💐नही चाहती पूजी जाऊँ,लिए आरती थाल में।ना ही चाहूँ गजरा महके, हर दिन मेरे बाल में।...
12/11/2024

आज एक मुक्तक आप सभी के नज्र करती हूं।
💐💐💐
नही चाहती पूजी जाऊँ,लिए आरती थाल में।
ना ही चाहूँ गजरा महके, हर दिन मेरे बाल में।
मेरी चाहत है बस इतनी, उसको इतना अधिकार मिलें
पीहर जैसे चहक सकूं मैं भी अपने ससुराल में

कवि सम्मेलन पलिया कला खीरी की तस्वीर आज प्राप्त हुईं।शानदार प्रोग्राम रहा 🥳🎉
19/10/2024

कवि सम्मेलन पलिया कला खीरी की तस्वीर आज प्राप्त हुईं।
शानदार प्रोग्राम रहा 🥳🎉


कवि सम्मेलन पलिया कला खीरी में मेरी उपस्थिति 💐🎉🎉🥰🙏
16/10/2024

कवि सम्मेलन पलिया कला खीरी में मेरी उपस्थिति 💐🎉🎉🥰🙏

कल हमारे शहर के विमर्श साहित्यिक संस्थान की ५५वी गोष्ठी आयोजित की गयी जिसको विभिन्न अखबारों ने स्थान दिया है।आभार 🙏🙏🙏🙏
07/10/2024

कल हमारे शहर के विमर्श साहित्यिक संस्थान की ५५वी गोष्ठी आयोजित की गयी जिसको विभिन्न अखबारों ने स्थान दिया है।
आभार 🙏🙏🙏🙏

01/10/2024

नमस्कार, पुस्तक विमोचन कार्यक्रम
💐🙏🙏🙏

नमस्कार दोस्तों आपकी मुहब्बतों के नाम एक शेर 🙏🎉🎉🎉मेरे लब पर जो मुस्कुराहट है दर्द का ये बयान है यारों
21/09/2024

नमस्कार दोस्तों
आपकी मुहब्बतों के नाम एक शेर
🙏🎉🎉🎉
मेरे लब पर जो मुस्कुराहट है
दर्द का ये बयान है यारों

आप सभी को नमस्कार एक  ग़ज़ल पेशे खिदमत है ,,🎉🙏🙏💗💗💗ग़ज़ल बंदिशें लाख लगा लें ये ज़माने वाले,प्यार की ख़ुशबू लुटाएगें लुटा...
09/09/2024

आप सभी को नमस्कार एक ग़ज़ल पेशे खिदमत है
,,🎉🙏🙏💗💗💗
ग़ज़ल

बंदिशें लाख लगा लें ये ज़माने वाले,
प्यार की ख़ुशबू लुटाएगें लुटाने वाले।।

प्यार के दरिया में डूबा है उसे रब रखे
कुछ नही पाएंगे साहिल पे नहाने वाले

अपने बच्चों की तरह पालते हैं वो इनको,
पेड़ काटेंगे नहीं पेड़ लगाने वाले।

आग लगते ही हवाओं ने ऐसा रुख बदला
उम्र भर रोये मेरे घर को जलाने वाले

क़ब्र पे आते‌ हैं, रोते हैं, दुआ पढ़ते हैं,
इससे ज़्यादा करें क्या रब्त निभाने वाले

साथ रहने के भी आदाब निभाया हमनें
देर तक साथ चले छोड़ के जाने वाले

सब्र की आग में जल जाएगा सब कुछ "रूबी"
भूल जाते हैं गरीबों को सताने वाले।

'रूबी कुशीनगरी'
#फॉलोअर #वायरल

08/09/2024

💐🙏🙏🙏🙏
नमस्कार दोस्तों
टूटे हुए दिल से निकले कुछ अशआर पेशे खिद्मत है।
,,💐🙏🙏

❣️बीच दरिया में वो कश्ती डुबा गये साहब,
❣️कितनों को दिन में ही तारे दिखा गये साहब

❣️जिनसे उम्मीद थी मरहम लगाने की मुझको
❣️ दिल पे मेरे वही नश्तर लगा गये साहब

एक मुकम्मल ग़ज़ल पेशे खिदमत है 💐🙏🙏🙏🙏मेरी आदत ,मेरी मुहब्बत होतुम तो मेरी अधूरी चाहत हो।।हो तो पहले नही मगर साहबतुम "मेरी...
02/09/2024

एक मुकम्मल ग़ज़ल पेशे खिदमत है
💐🙏🙏🙏🙏

मेरी आदत ,मेरी मुहब्बत हो
तुम तो मेरी अधूरी चाहत हो।।

हो तो पहले नही मगर साहब
तुम "मेरी आखिरी मुहब्बत हो '

छूँ सकूँ मैं तुम्हें न नज़रो से
मुझमें ऐसी भी क्यूँ शराफ़त हो।।

शौक थी मैं तुम्हारें फ़ुर्सत की
और अब तुम मेरी ज़रूरत हो।।

तुम से मिलकर जो मैंने देखा था
काश ! अब ख़ाब वो हकीक़त हो।।

बर्फ कब से जमी है पलकों पर
जब ये पिघले तो दिल को राहत हो

ख़ूबसूरत तुझे लगे 'रूबी'
तेरी नज़रों की ग़र यूँ रहमत हो

Rubi Styendra Kumar

My presentation will start after 28 minutes ☺️💟🙏💐💐
24/08/2024

My presentation will start after 28 minutes ☺️💟🙏💐💐

1.खेल जगत

2.काव्य पाठ

अभी देखिए
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