30/03/2022
सुबह सबेरे का प्रणाम मित्रों ।ईश्वर कृपा बनाये रखें ।
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2122 2122 2122 212
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जिंदगी में रोज़ अनुभव नित नये मिलते रहे
खुद ही सी कर के ग़मों को हम भी बस हंसते रहे
जुगनुओं के साथ मिलकर के लड़ाई जीत ली
चांद सूरज घर के कोने में दबे रक्खे रहे
धूप, बारिश, सर्द रातें या तूफानी मुश्किलें
ले गई सब कुछ किनारे हम मगर अटके रहे
यह न पूछो जिंदगी का यह सफ़र कैसे कटा
जिंदगी के जाल फैले हम मगर बचते रहे
दौर तो इक ये भी आया आंधियां सब ले उड़ी
था ख़ुदा का हाथ सर पर हम तभी ठहरे रहे
डॉ.दीपक जोशी
अमांपुर जिला कासगंज