15/12/2024
काम हो तो रिश्ते सब निभाते है, काम निकले तो दिल से निकल जाते है
करनाल(एम.एस.निर्मल):जिमखाना क्लब करनाल में कारवाने-अदब करनाल की महफिल में करनाल तथा आसपास से पधारे कवियों, शायरों तथा सहित्यकारों ने शिरकत की। राष्ट्रीय गान गाकर देश में आपसी भाईचारा कायम होने तथा सुख-समृद्धि की कामना की।
इस मौके पर कवि डा.एस.के शर्मा ने कहा कि मेरा देश इसी तरह दुनियां में आगे बढ़ता रहे, हम रहें न रहें मेरा देश रहे बस यही तमन्ना है मेरी..। कवियत्री अंजु शर्मा ने कहा कि चाहत का गुलिस्ता पेश हो, नगमो की हो महफिल, जहां भी रहो तुम, हर खुशी हो हासिल..। कवि भारत भूषण वर्मा ने कहा कि काम हो तो रिश्ते सब निभाता है आदमी, काम निकले तो दिल से निकल जाता है आदमी..। कवि महावीर शास्त्री ने कहा कि हमें हां रोकने होंगे अन्धेरे भी लुटेरे भी, तभी झोली में आएंगे, उजाले भी सवेरे भी...। कवि इकबाल पानीपती ने कहा कि नफरत के अंधेरे को दुनियां से मिटाना है..।
कवि रामेश्वर ने कहा कि गीता हमारे धर्म की सच्ची किताब है, खुशबू है जिसमें प्यार की ये वो गुलाब है,...। कवि हरबंस ने कहा कि सफर व कैसा सफर जिस सफर में तुम न हो...। कवि दलीप खरेरा ने कहा कि बाज आए हम बूतो की इबाबत से, चलो पीछा छुटा एक पुरानी सी आदत से...। कवि गुरमुख सिंह वडै़च ने कहा कि मुझे तुम नजर से गिरा तो रहे हो, मुझे तुम कभी भी भुला ना सकोगे..। कवि अशोक मिश्रा ने कहा कि जीवन एक पहेली है इन्सान के लिए..। कवि पे्रम पाल ने कहा कि जीने की अलग तरकीब निकाली मैंने...। कवि राजपाल ने कहा कि आ जाओ सनम मेरे बांके बलम...। कवि आशीष ताजने कहा कि ये और बात है कि मुहब्बत तुझे भी है..। कवि अशोक ने कहा कि मैं बहारो के गीता गाता हूं, मुझको ना पतझड़ में रंग भरना है..। कवियत्री ममता प्रवीन ने कहा कि मस्ती में था जो दिखता पागल, यार गजब का सियाना निकला..। कवि डॉ.कमर रईस ने कहा कि अपने लब जब भी खोलिए साहिब, बोल शीरी ही बोलिए साहिब..। कई अन्य कवियों ने शिरकत की व अपनी अपनी-अपनी कविताएं सुनाई।