30/03/2024
भक्त वह है जिसके प्राणों में परमात्मा बसते हैं-आचार्य सुधांशु जी महाराज करनाल : 30:मार्च : 2024 विश्व जागृति मिशन करनाल मंडल के सौजन्य से स्थानीय पावन धाम आश्रम में आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित भक्ति सत्संग के तीसरे दिवस का शुभारंभ सुमधुर भजनों से हुआ।व्यास पूजन के उपरांत भक्तों ने माल्यार्पण कर पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
उपस्थित भक्तों को संदेश देते हुए पूज्य महाराज श्री ने कहा कि जिसकी लगन जहां होती है उसकी दृष्टि संसार में सर्वत्र उसी वस्तु को तलाशती है। भगवान का भक्त संसार में सर्वत्र अपने परमात्मा की दिव्यता का दर्शन करता है। फूलों के विविध प्रकार, फलों के अलग-अलग स्वाद, अलग-अलग ऋतु , धरती आकाश ,सागर,पर्वत, नदियों की सुंदरता भक्तों को प्रभु की महिमा की याद दिलाती है। जिसका मन प्रभु के रंग में रंगा है, जिसने अपने प्राणों में भगवान नाम को बसाया है उसकी चर्चा के केंद्र में भी भगवान ही होते हैं। उसे भक्तों की संगति ही पसंद आती है। भगवान की महिमा सुनकर ही वह खुश होता है भगवान की महिमा की चर्चा करता है। उसका तन ,मन, धन अपने प्रभु के लिए अर्पित होता है। ऐसा भक्त चलते फिरते उठते बैठते श्वास श्वास में भगवान का नाम जप करता है। उसकी चिंतन धारा परमात्मा की ओर ही प्रवाहित होती है। प्राणी मात्र में वह उसी ईश्वर तत्व को तत्वतः देखता है।
भक्ति मार्ग में प्रगति के लिए सदगुरु से मंत्र प्राप्त कर नियमपूर्वक जप करें।जप जितनी श्रद्धा एवं प्रेम से करेंगे उतनी जल्दी कृपा होगी।मोह एवम अहंकार भक्ति मार्ग की सबसे बड़ी बाधा है। उपनिषद् के ऋषियों ने ग्रंथ में अपना नाम तक नहीं दिया।आंतरिक रूप से व्यक्ति जितना ऊंचा होगा उतनी ही अधिक विनम्रता उसके जीवन में होती है।भक्ति का मार्ग समर्पण का मार्ग है।सदगुरु के प्रति समर्पण का भाव,धर्म का आचरण,प्रेमपूर्ण हृदय,वाणी में मिठास,अनुशासित जीवन,उपकार की भावना भक्त की पहचान है।भगवान की भक्ति समस्त सुखों की जननी है।इसलिए भक्ति पाने के लिए सदगुरु की शरण ग्रहण करें।