31/01/2025
कश्मीर में बर्फबारी उम्मीद से कम इसलिए इन गर्मियों में पानी की कमी का सामना करना होगा कश्मीरियों को
--सुरेश एस डुग्गर--
जम्मू, 31 जनवरी। कश्मीर में इस साल सर्दियों के मौसम में कम बर्फबारी होने से आने वाले महीनों में पानी की कमी हो सकती है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।
विशेषज्ञों का कहना था कि मौसम के बदलते मिजाज के कारण कश्मीर में बर्फबारी की तीव्रता में कमी आई है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। मौसम विभाग के निदेशक डा मुख्तार अहमद कहते थे कि सर्दियों में बर्फबारी आने वाले मौसम के लिए महत्वपूर्ण है।
उनका कहना था कि कम बर्फबारी होने की स्थिति में कश्मीर में पानी की कमी और सिंचाई कार्यों में असुविधा होना आम बात हो जाएगी। वे कहते थे कि बर्फबारी न होने के कारण पिछले वर्षों की तरह इस साल भी जनवरी के महीने में अधिकतम तापमान में वृद्धि देखी गई है।
डा अहमद के बकौल, जब भी सूखा रहेगा, तापमान में वृद्धि होने की उम्मीद है। इसलिए, इस साल भी गर्मी पिछले साल की तरह ही गर्म रहेगी, जब जुलाई में पारा 36.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर गया था।
जबकि इस बीच, स्वतंत्र मौसम पूर्वानुमानकर्ता फैजान आरिफ केंग का कहना था कि मौसम के बदलते मिजाज के कारण कश्मीर में बर्फबारी कम हुई है। वे कहते थे कि लगभग एक दशक पहले कश्मीर में बर्फबारी के रूप में वर्षा देखी जा रही थी, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
उनका कहना था कि कम बर्फबारी के पीछे का कारण ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव और कश्मीर में तापमान में वृद्धि है। केंग का कहना था कि एक समय था जब एक दशक के बाद रिकॉर्ड टूट जाते थे, लेकिन अब हर साल रिकॉर्ड तोड़ तापमान दर्ज किया जाता है, जो कश्मीर में कम बर्फबारी के पीछे एक कारण है।
गौरतलब है कि 2024 में जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व बारिश की कमी देखी गई, जिससे यह पिछले 50 वर्षों में क्षेत्र का सबसे सूखा वर्ष बन गया। आंकड़े बताते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश में 2024 में सामान्य वार्षिक औसत 1,232.3 मिमी की तुलना में 870.9 मिमी बारिश हुई, जिससे 29% कम बारिश हुई। और जनवरी 2025 में, केंद्र शासित प्रदेश ने पहले 29 दिनों में 87 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की है।