04/11/2025
💔 सूदान में बाप की अपने बेटे को आख़िरी कॉल 💔
एक बाप ने अपने बेटे को मैसेंजर के ज़रिए आख़िरी बार कॉल की —
ताकि उसे बता सके कि वो गिरफ़्तार हो चुका है।
वो अब बे-रहम दुश्मनों (Rapid Support Force) के हाथों में है।
वो क़तार में बैठा है… अपने वार का इंतज़ार कर रहा है —
वो वार… सर क़लम करने के लिए।
उसने अपने बेटे को अलविदा कहने के लिए फ़ोन किया,
ना कि तसल्ली देने के लिए।
उसने वसियत की:
> “बेटे! अपनी माँ और बहन-भाईयों का ख़याल रखना,
फ़िक्र मत करना, अपने बाप पर फ़ख़्र करना,
मैं अब शहीद होने वाला हूँ।
रो मत… अब तुम घर के मर्द हो,
और मर्द नहीं रोते।”
हालाँकि वो अपने बेटे को हौसला देने की कोशिश कर रहा था,
मगर उसकी आवाज़ काँप रही थी…
दर्द से भरी हुई —
ख़ौफ़ से नहीं, बल्कि उस जुदाई के एहसास से,
जो इंसान को जीते-जी तोड़ देता है।
वो बार-बार कह रहा था:
> “ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर रसूलुल्लाह।”
अचानक...
फ़ोन कट गया।
> “सलाम मेरे अब्बू…”
क़सम है ख़ुदा की, मैं रो पड़ा 💔
कौन-सा दिल है जो ये मंज़र बर्दाश्त कर सके?
सूदान रो रहा है…
अल-फ़ाशर की मिट्टी ख़ून से तर है।
लोग ग़ायब हो रहे हैं… इंसानियत मर रही है।
> ऐ अल्लाह!
उनके कमज़ोर दिलों पर रहम फ़रमा,
उनके क़दम साबित रख,
और हर मज़लूम की मदद फ़रमा
जिसका तेरे सिवा कोई नहीं —
ऐ अज़ीज़, ऐ जब्बार।