27/08/2024
🎉 Facebook recognized me as a top rising creator this week!
मेरे बाद भी सजेंगी ये महफिलें यूं ही,
हम शायर है साहब...
कलम तोड़कर नही जाते..!☺️
🎉 Facebook recognized me as a top rising creator this week!
मैं जीवन लिखूं तो
तुम अपना साथ समझना ,
मैं सुकून लिखूं तो तुम
अपने हाथों में मेरा हाथ समझना,
मैं रात लिखूं तो तुम्हीं हो
मेरा हर ख्वाब समझना,
मैं मोहब्बत लिखूं तो
तुम मेरे दिल पर अपना
राज समझना...
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D K Gupta, Motin Akhtar, D. C Sharma
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बरबाद कर देती है मोहब्बत, हर मोहब्बत करने वाले को,
क्योंकि इश्क़ हार नही मानता, और दिल बात नही मानता।❤️🩹❤️🩹❤️🩹💔
Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Rajendra Parikh, Lalan Kumar, Sattiram Ksyap, Md Alam, Vishal Nayak
*_"हज़ारों सवालों सें बेहतर हैं हमारीं ख़ामोशी...._*🌷
*_ना जानें कितनें सवालों क़ी आबरू ऱख लीं....!"_*🌹
💐💐💐💐💐
प्रेम के लिए कोई भी
कारण नहीं होता।
और जिस प्रेम का कारण
बताया जा सके,
वह प्रेम नहीं है।
प्रेम के साथ क्यों का
कोई भी संबंध नहीं है।
प्रेम कोई व्यवसाय नहीं है।
प्रेम के भीतर हेतु होता ही नहीं।
प्रेम अकारण भाव—दशा है।
न कोई शर्त है, न कोई सीमा है।
क्यों का पता चल जाए,
तो प्रेम का रहस्य ही
समाप्त हो गया।
प्रेम का कभी भी
शास्त्र नहीं बन पाता।
इसीलिए नहीं बन पाता।
प्रेम के गीत हो सकते हैं।
प्रेम का कोई शास्त्र नहीं,
कोई सिद्धांत नहीं।
प्रेम मस्तिष्क की बात नहीं है।
मस्तिष्क की होती,
तो क्यों का उत्तर मिल जाता।
प्रेम हृदय की बात है।
वहा क्यों का कभी
प्रवेश ही नहीं होता।
क्यों है मस्तिष्क का प्रश्न;
और प्रेम है हृदय का आविर्भाव।
इन दोनों का कहीं
मिलना नहीं होता।
इसलिए जब प्रेम होता है,
तो बस होता है—
बेबूझ, रहस्यपूर्ण।
अज्ञात ही नहीं—अज्ञेय।
🙏💕🙏
कल पोहा बनाते टाइम
उसपर हरा धनिया डाला तो मालूम है क्या हुआ???
क्या हुआ ?
पोहा कड़ाई में डांस करने लगा
और बोला
“हम पे ये किसने हरा रंग डाला
मार डाला, हाए मार डाला !!!!!”
😂 😂 👊 👊 😝 👌💐😂 😂 HAPPY HOLI IN ADVANCE
*जन्म होने पर बटने वाली मिठाई से शुरू हुआ ज़िन्दगी का यह खेल;*
*श्राद्ध की खीर पर आकर ख़तम हो जाता है.. यही जीवन की मिठास है.....*
*और बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बंदा इन दोनों मौको पे ये दोनों चीजे नही खा पाता*
*जिंदगी का क्या है??*
आकर *नहाया...*
और
*नहाकर* चल दिया...
*बात पर गौर करना*
*फिर इतना घमंड किस बात का*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sadhana sharma
Rajasthan
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कौन समझे...
क्या है रिश्ता हमारा....
कुछ ना हो कर भी...
बहुत कुछ है हमारा....
ना जन्मों का बंधन..
ना उम्मीदो का दामन...
ना पाने की चाहत..
ना बिछड़ने का ग़म...
कुछ तो है...
जो हमें खींचता है दोबारा..
यूं ख्यालों में रहता है..
तुम्हारा आना -जाना...
दुनिया के नजरों से परे..
अनाम सा रिश्ता है हमारा
जब मुझसे ताल्लुक खत्म करने का मन हो तुम्हारा तो ,
झटके से रिश्ता नही तोड़ना ।
नही बिछड़ना मुझसे ऐसे ,
जैसे विशाल हिमखंड यकायक ही
विलग धम्म से गिरता है समंदर में .।
छोड़ना मुझे ऐसे कि मुझे भनक ना हो ।
मेरे आस पास अपने होने के
भरम को बनाए रखना ..।
फासला बनाना गर चाहो तो
ऐसे बनाना जैसे ,
माँ छल करती है सोते बच्चे को
अपनी खुश्बू की चुनर ओढ़ाकर ।
मुझे ऐसे वज्रपात सा मत छोड़ना जैसे
पेड़ बिल्कुल भूला देता है झड़े पत्तों को ।
यकायक खुद से ऐसे मत काटना
जैसे ब्रह्मपुत्र की विराट जलराशि
धसका ले जाती है आसन्न तटों को ।
ऐसे ना जाना छोड़कर जैसे
कृष्ण गए मथुरा से बिना पलट कर देखे ।
हटाना हो तो किश्तों में धीरे धीरे हटाना जैसे ,
पर्वत झड़ाता है रजकणों को ।
मत बिछड़ना ऐसे एक झटके में जैसे
पतंग जुदा हो जाती है डोर से।
मुझे ऐसे मत त्यागना जैसे
आकाश एकदम से छोड़ देता है जल बूंदों को धराशायी होने ।
बिछोह करना जैसे जमीन त्यागती है नदी को ,
जिसे हमेशा भरम रहता है उद्गम से जुड़े रहने का ...।
मुझे अचानक मत छोड़ना..।
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मेरे बाद भी सजेंगी ये महफिलें यूं ही,
हम शायर है साहब...
कलम तोड़कर नही जाते..!☺️
Nice ग़ज़ल
कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत बड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है
मैं जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो
नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं
बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो
ये एक शब की मुलाक़ात भी ग़नीमत है
किसे है कल की ख़बर थोड़ी दूर साथ चलो
अभी तो जाग रहे हैं चिराग़ राहों के
अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो
तवाफ़-ए-मन्ज़िल-ए-जानाँ हमें भी करना है
"फ़राज़" तुम भी अगर थोड़ी दूर साथ चलो
मैं रूठा, तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी
फिर भर पायेगा कौन ?
मैं चुप, तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोड़ पायेगा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगे दिल से,
तो रिश्ता ये नाजुक निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर,
सोचो तो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी, न तुम राजी,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी,
तो फिर धीरज बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
सोचो इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....
तो कल इस बात पर फिर
पछतायेगा कौन
यू उम्र कट रही है दो अल्फाजो में ।
एक आस में
एक काश में...........!!
#मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब....!
#मोहब्बत है, #मोहब्बत है, #मोहब्बत है _____
______कहने से #मोहब्बत नहीं होती है....!!
Sadhana sharma
कुहरे में डूबी है सुबह ,
जी भर के जी लें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||
मिल-बैठ सुनें ज़रा आओ ,
मौसम की आहट |
ठण्डे हैं पड़ गए रिश्ते ,
भर दें गरमाहट |
मौका है चलो दें निकाल ,
कटुता की कीलें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||
फिर से इशारों में खेलें ,
प्यार वाला खेल |
जो कुछ भी मन में है दबा ,
सब कुछ दें उड़ेल |
मन से हो मन का संवाद ,
होंठों को सी लें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||
जितने भी हैं शिकवे-गिले ,
बिसरायें सारे |
रात के आँचल में मिलकर ,
टाँक दें सितारे |
गहरा न जाये अन्धकार ,
जला दें कंदीलें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||
💐
*प्रेम अनपढ़ है,*
*ये हस्ताक्षर नहीं करता*
*छाप छोड़ता है...*
Sadhana sharma
✌️🙂
_देखा भी उसने, और नज़र भी फेर ली.._
_इस बदनसीब का दो बार क़त्ल हुआ.._
कौन समझे...
क्या है रिश्ता हमारा....
कुछ ना हो कर भी...
बहुत कुछ है हमारा....
ना जन्मों का बंधन..
ना उम्मीदो का दामन...
ना पाने की चाहत..
ना बिछड़ने का ग़म...
कुछ तो है...
जो हमें खींचता है दोबारा..
यूं ख्यालों में रहता है..
तुम्हारा आना -जाना...
दुनिया के नजरों से परे..
अनाम सा रिश्ता है हमारा
Good evening frnds
ज़िंदगी जीनी है तो तकलीफ तो होगी ही
क्योंकि मरने के बाद तो जलने तक का एहसास नहीं होता...!!
Good Morning Friends....🌞
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Jodhpur
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