Sunita Meena

Sunita Meena उपाध्यक्ष- भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा दक्षिण मंडल जमवारामगढ़.

Happy Marriage Anniversary Dr Pradeep Meena and Sontosh
09/05/2024

Happy Marriage Anniversary
Dr Pradeep Meena and Sontosh

05/05/2024

ताजमहल views

05/05/2024
भाई जुगल देवाना बस्सी को शादी की सालगिरह पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
03/05/2024

भाई जुगल देवाना बस्सी को शादी की सालगिरह पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं

Happy birthday jiडॉ रामनारायण मीणा
01/05/2024

Happy birthday ji
डॉ रामनारायण मीणा

😢😢दुःखद घटना😢😢 #रणजीत_मीणा निवासी  #लालवास  #आँधी (जयपुर) की टैक्टर पलटने से दर्दनाक मौत के मैं दिवंगत पुण्यात्मा को कोट...
30/04/2024

😢😢दुःखद घटना😢😢
#रणजीत_मीणा
निवासी #लालवास #आँधी (जयपुर) की टैक्टर पलटने से दर्दनाक मौत के मैं दिवंगत पुण्यात्मा को कोटि–कोटि नमन करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे और परिजनों को इस दुख की घड़ी में दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।

जिला मंत्री भाजपा महिला मोर्चा Meera Meena एवं Namo Narayan Meenà  जी को वैवाहिक सालगिरह की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभका...
29/04/2024

जिला मंत्री भाजपा महिला मोर्चा Meera Meena एवं Namo Narayan Meenà जी को वैवाहिक सालगिरह की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं।
ईश्वर आपको हमेशा स्वस्थ एवं दीर्घायु रखें।💐💐

राजस्थान प्रदेश का बहुत ही खूबसूरत नजारा 😎😎
29/04/2024

राजस्थान प्रदेश का बहुत ही खूबसूरत नजारा 😎😎

शहर में कितनी भी तरक्की कर लो पर बुढ़ापे में सुकून अपने गांव के घर में ही आएगा ❤️😊 सुनिता मीणा भावपुरा
28/04/2024

शहर में कितनी भी तरक्की कर लो पर बुढ़ापे में सुकून
अपने गांव के घर में ही आएगा ❤️😊
सुनिता मीणा भावपुरा

आदरणीय जमवारामगढ़ विधायक श्री Mahendra Pal Meena  Ji को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें 💐💐
08/04/2024

आदरणीय जमवारामगढ़ विधायक श्री Mahendra Pal Meena Ji को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें 💐💐

जीवन में कुछ भी कर लेना लेकिन पैसे देकर नौकरी नहीं लगना, दस साल बाद भी गड़े मुर्दे उखड़ सकते हैं!अपने साथ-साथ परिवार, रि...
05/04/2024

जीवन में कुछ भी कर लेना लेकिन पैसे देकर नौकरी नहीं लगना, दस साल बाद भी गड़े मुर्दे उखड़ सकते हैं!
अपने साथ-साथ परिवार, रिश्तेदारों को भी ले डूबोगे!

आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
08/03/2024

आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

आदरणीय विधायक महेंद्र पाल मीणा जी के बेटे यस मीणा को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएंHappy birthday to you Mahen...
24/02/2024

आदरणीय विधायक महेंद्र पाल मीणा जी के बेटे यस मीणा को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
Happy birthday to you
Mahendra Pal Meena

Girraj balot ji ओर सिमरन ध्यावणा जी को शादी की पहली सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएंHappy Marriage Anniversary
22/02/2024

Girraj balot ji ओर सिमरन ध्यावणा जी को शादी की पहली सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
Happy Marriage Anniversary

 #विश्व_इतिहास में एकलौता उदाहरण .हमने सुनी कहानी थी।"हाड़ी-रानी""सिसोदिया कुलभूषण, क्षत्रिय शिरोमणि महाराणा राजसिंह को र...
08/02/2024

#विश्व_इतिहास में एकलौता उदाहरण .

हमने सुनी कहानी थी।
"हाड़ी-रानी"
"सिसोदिया कुलभूषण, क्षत्रिय शिरोमणि महाराणा राजसिंह को रूपनगर की राजकुमारी का प्रणाम। महाराज को विदित हो कि मुगल औरंगजेब ने मुझसे विवाह का आदेश भेजा है। आप वर्तमान समय में क्षत्रियों के सर्वमान्य नायक हैं। आप बताएं, क्या पवित्र कुल की यह कन्या उस मलेच्छ का वरण करे? क्या एक राजहंसिनी एक गिद्ध के साथ जाए?
महाराज! मैं आपसे अपने पाणिग्रहण का निवेदन करती हूँ। मुझे स्वीकार करना या अस्वीकार करना आपके ऊपर है, पर मैंने आपको पति रूप में स्वीकार कर लिया है। अब मेरी रक्षा का भार आपके ऊपर है। आप यदि समय से मेरी रक्षा के लिए न आये तो मुझे आत्महत्या करनी होगी। अब आपकी...."
मेवाड़ की राजसभा में रूपनगर के राजपुरोहित ने जब पत्र को पढ़ कर समाप्त किया तो जाने कैसे सभासदों की कमर में बंधी सैकड़ों तलवारें खनखना उठीं।
महाराज राजसिंह अब प्रौढ़ हो चुके थे। अब विवाह की न आयु बची थी न इच्छा, किन्तु राजकुमारी के निवेदन को अस्वीकार करना भी सम्भव नहीं था। वह प्रत्येक निर्बल की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझने वाले राजपूतों की सभा थी। वह अपनी प्रतिष्ठा के लिए सैकड़ों बार शीश चढ़ाने वाले क्षत्रियों की सभा थी। फिर एक क्षत्रिय बालिका के इस समर्पण भरे निवेदन को अस्वीकार करना कहाँ सम्भव था! पर विवाह...? महाराणा चिंतित हुए।
महाराणा मौन थे पर राजसभा मुखर थी। सब ने सामूहिक स्वर में कहा, "राजकुमारी की प्रतिष्ठा की रक्षा करनी ही होगी महाराज! अन्यथा यह राजसभा भविष्य के सामने सदैव अपराधी बनी कायरों की भाँती खड़ी रहेगी। हमें रूपनगर कूच करना ही होगा।
महाराणा ने कुछ देर सोचने के बाद कहा, "हम सभासदों की भावना का सम्मान करते हैं। राजकुमारी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, और हम अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे। राजकुमारी की रक्षा के लिए आगे आने का सीधा अर्थ है औरंगजेब से युद्ध करना, सो सभी सरदारों को युद्ध के लिए तैयार होने का सन्देश भेज दिया जाय। हम कल ही रूपनगर के लिए कूच करेंगे।
महाराणा रूपनगर के लिए निकले, और इधर औरंगजेब की सेना उदयपुर के लिए निकली। युद्ध अब अवश्यम्भावी था।
सलूम्बर के सरदार रतन सिंह चुण्डावत के यहाँ जब महाराणा का संदेश पहुँचा, तब रतन सिंह घर की स्त्रियों के बीच नवविवाहिता पत्नी के साथ बैठे विवाह के बाद चलने वाले मनोरंजक खेल खेल रहे थे। उनके विवाह को अभी कुल छह दिन हुए थे। उन्होंने जब महाराणा का सन्देश पढ़ा तो काँप उठे। औरंगजेब से युद्ध का अर्थ आत्मोत्सर्ग था, यह वे खूब समझ रहे थे। खेल रुक गया, स्त्रियाँ अपने-अपने कक्षों में चली गईं। सरदार रतन सिंह की आँखों के आगे पत्नी का सुंदर मुखड़ा नाचने लगा। उनकी पत्नी बूंदी के हाड़ा सरदारों की बेटी थी, अद्भुत सौंदर्य की मालकिन...
प्रातः काल मे मेघों की ओट में छिपे सूर्य की उलझी हुई किरणों जैसी सुंदर केशराशि, पूर्णिमा के चन्द्र जैसा चमकता ललाट, दही से भरे मिट्टी के कलशों जैसे कपोल, अरुई के पत्ते पर ठहरी जल की दो बड़ी-बड़ी बूंदों सी आँखे, और उनकी रक्षा को खड़ी आल्हा और ऊदल की दो तलवारों सी भौहें, प्रयागराज में गले मिल रही गङ्गा-यमुना की धाराओं की तरह लिपटे दो अधर, नाचते चाक पर कुम्हार के हाथ में खेलती कच्ची सुराही सी गर्दन... ईश्वर ने हाड़ी रानी को जैसे पूरी श्रद्धा से बनाया था। सरदार उन्हें भूल कर युद्ध को कैसे जाता?
रतन सिंह ने दूत को विश्राम करने के लिए कहा और पत्नी के कक्ष में आये। सप्ताह भर पूर्व वधु बन कर आई हाड़ी रानी से महाराणा का संदेश बताते समय बार-बार काँप उठते थे रतन सिंह, पर रानी के चेहरे की चमक बढ़ती जाती थी। पूरा सन्देश सुनने के बार सोलह वर्ष की हाड़ा राजकुमारी ने कहा, " किसी क्षत्राणी के लिए सबसे सौभाग्य का दिन वही होता है जब वह अपने हाथों से अपने पति के मस्तक पर तिलक लगा कर उन्हें युद्ध भूमि में भेजती है। मैं सौभाग्यशाली हूँ जो विवाह के सप्ताह भर के अंदर ही मुझे यह महान अवसर प्राप्त हो रहा है। निकलने की तैयारी कीजिये सरदार! मैं यहाँ आपकी विजय के लिए प्रार्थना और आपकी वापसी की प्रतीक्षा करूंगी।"
रतन सिंह ने उदास शब्दों में कहा, "आपको छोड़ कर जाने की इच्छा नहीं हो रही है।युद्ध क्षेत्र में भी आपकी बड़ी याद आएगी! सोचता हूँ, मेरे बिना आप कैसे रहेंगी।"
रानी का मस्तक गर्व से चमक उठा था। कहा," मेरी चिन्ता न कीजिये स्वामी! अपने कर्तव्य की ओर देखिये। मैं वैसे ही रहूंगी जैसे अन्य योद्धाओं की पत्नियाँ रहेंगी। और फिर कितने दिनों की बात ही है, युद्ध के बाद तो पुनः आप मेरे ही संग होंगे न!"
रतन सिंह ने कोई उत्तर नहीं दिया। वे अपनी टुकड़ी को निर्देश देने और युद्ध के लिए कूच करने की तैयारी में लग गए। अगली सुबह प्रस्थान के समय जब रानी ने उन्हें तिलक लगाया तो रतन सिंह ने अनायास ही पत्नी को गले लगा लिया। दोनों मुस्कुराए, फिर रतन सिंह निकल गए।
तीसरे दिन युद्ध भूमि से एक दूत रतन सिंह का पत्र लेकर सलूम्बर पहुँचा। पत्र हाड़ी रानी के लिए था। लिखा था-
" आज हमारी सेना युद्ध के पूरी तरह तैयार खड़ी है। सम्भव है दूसरे या तीसरे दिन औरंगजेब की सेना से भेंट हो जाय। महाराणा रूपनगर गए हैं सो उनकी अनुपस्थिति में राज्य की रक्षा हमारे ही जिम्मे है। आपका मुखड़ा पल भर के लिए भी आँखों से ओझल नहीं होता है। आपके निकट था तो कह नहीं पाया, अभी आपसे दूर हूँ तो बिना कहे रहा नहीं जा रहा है। मैं आपसे बहुत प्रेम करता हूँ। आपका- सरदार रतन सिंह चूंडावत।"
रानी पत्र पढ़ कर मुस्कुरा उठीं। किसी से स्वयं के लिए यह सुनना कि "मैं आपको बहुत प्रेम करता हूँ" भाँग से भी अधिक मता देता है। रानी ने उत्तर देने के लिए कागज उठाया और बस इतना ही लिखा-
"आपकी और केवल आपकी...."
पत्रवाहक उत्तर ले कर चला गया। दो दिन के बाद पुनः पत्रवाहक रानी के लिए पत्र ले कर आया। इसबार रतन सिंह ने लिखा था-
"उसदिन के आपके पत्र ने मदहोश कर दिया है। लगता है जैसे मैं आपके पास ही हूँ। हमारी तलवार मुगल सैनिकों के सरों की प्रतीक्षा कर रही है। कल राजकुमारी का महाराणा के साथ विवाह है। औरंगजेब की सेना भी कल तक पहुँच जाएगी। औरंगजेब भड़का हुआ है, सो युद्ध भयानक होगा। मुझे स्वयं की चिन्ता नहीं, केवल आपकी चिन्ता सताती है।"
रानी ने पत्र पढ़ा, पर मुस्कुरा न सकीं। आज उन्होंने कोई उत्तर भी नहीं भेजा। पत्रवाहक लौट गया। अगले दिन सन्ध्या के समय पत्रवाहक पुनः पत्र लेकर उपस्थित था। रानी ने उदास हो कर पत्र खोला। लिखा था-
"औरंगजेब की सेना पहुँच चुकी। प्रातः काल मे ही युद्ध प्रारम्भ हो जाएगा। मैं वापस लौटूंगा या नहीं, यह अब नियति ही जानती है। अब शायद पत्र लिखने का मौका न मिले,सो आज पुनः कहता हूँ, मैंने अपने जीवन मे सबसे अधिक प्रेम आपसे ही किया है। सोचता हूँ, यदि युद्ध में मैं वीरगति प्राप्त कर लूँ तो आपका क्या होगा। एक बात पूछूँ- यदि मैं न रहा तो क्या आप मुझे भूल जाएंगी? आपका- रतन सिंह।"
हाड़ा रानी गम्भीर हुईं। वे समझ चुकीं थीं कि रतन सिंह उनके मोह में फँस कर अपने कर्तव्य से दूर हो रहे हैं। उन्होंने पल भर में ही अपना कर्तव्य निश्चित कर लिया। उन्होंने सरदार रतन सिंह के नाम एक पत्र लिखा, फिर पत्रवाहक को अपने पास बुलवाया। पत्रवाहक ने जब रानी का मुख देखा तो काँप उठा। शरीर का सारा रक्त जैसे रानी के मुख पर चढ़ आया था, केश हवा में ऐसे उड़ रहे थे जैसे आंधी चल रही हो। सोलह वर्ष की लड़की जैसे साक्षात दुर्गा लग रही थी। उन्होंने गम्भीर स्वर में पत्रवाहक से कहा-"मेरा एक कार्य करोगे भइया?"
पत्रवाहक के हाथ अनायास ही जुड़ गए थे। कहा, "आदेश करो बहन"
"मेरा यह पत्र और एक वस्तु सरदार तक पहुँचा दीजिये।"
पत्रवाहक ने हाँ में सर हिलाया। रानी ने आगे बढ़ कर एक झटके से उसकी कमर से तलवार खींच ली, और एक भरपूर हाथ अपनी ही गर्दन पर चलाया। हाड़ी रानी का शीश कट कर दूर जा गिरा। पत्रवाहक भय से चिल्ला उठा, उसके रोंगटे खड़े गए थे।
अगले दिन पत्रवाहक सीधे युद्धभूमि में रतन सिंह के पास पहुँचा और हाड़ी रानी की पोटली दी। रतन सिंह ने मुस्कुराते हुए लकड़ी का वह डब्बा खोला, पर खुलते ही चिल्ला उठे। डब्बे में रानी का कटा हुआ शीश रखा था। सरदार ने जलती हुई आँखों से पत्रवाहक को देखा, तो उसने उनकी ओर रानी का पत्र बढ़ा दिया। रतन सिंह ने पत्र खोल कर देखा। लिखा था-
"सरदार रतन सिंह के चरणों में उनकी रानी का प्रणाम। आप शायद भूल रहे थे कि मैं आपकी प्रेयसी नहीं पत्नी हूँ। हमने पवित्र अग्नि को साक्षी मान कर फेरे लिए थे सो मैं केवल इस जीवन भर के लिए ही नहीं, अगले सात जन्मों तक के लिए आपकी और केवल आपकी ही हूँ। मेरी चिन्ता आपको आपके कर्तव्य से दूर कर रही थी, इसलिए मैं स्वयं आपसे दूर जा रही हूँ। वहाँ स्वर्ग में बैठ कर आपकी प्रतीक्षा करूँगी। रूपनगर की राजकुमारी के सम्मान की रक्षा आपका प्रथम कर्तव्य है, उसके बाद हम यहाँ मिलेंगे। एक बात कहूँ सरदार? मैंने भी आपसे बहुत प्रेम किया है। उतना, जितना किसी ने न किया होगा।"
रतन सिंह की आँखों से अश्रुधारा बहने लगी। वे कुछ समय तक तड़पते रहे, फिर जाने क्यों मुस्कुरा उठे। उनका मस्तक ऊँचा हो गया था, उनकी छाती चौड़ी हो गयी थी। उसके बाद तो जैसे समय भी ठहर कर रतन सिंह की तलवार की धार देखता रहा था। तीन दिन तक चले युद्ध में राजपूतों की सेना विजयी हुई थी, और इस युद्ध मे सबसे अधिक रक्त सरदार रतन सिंह की तलवार ने ही पिया था। वह अंतिम सांस तक लड़ा था। जब-जब शत्रु के शस्त्र उसका शरीर छूते, वह मुस्कुरा उठता था। एक-एक करके उसके अंग कटते गए, और अंत मे वह अमर हुआ।
रूपनगर की राजकुमारी मेवाड़ की छोटी रानी बन कर पूरी प्रतिष्ठा के साथ उदयपुर में उतर चुकी थीं। राजपूत युद्ध भले अनेक बार हारे हों, प्रतिष्ठा कभी नहीं हारे। राजकुमारी की प्रतिष्ठा भी अमर हुई।
महाराणा राजसिंह और राजकुमारी रूपवती के प्रेम की कहानी मुझे ज्ञात नहीं। मुझे तो हाड़ी रानी का मूल नाम भी नहीं पता। हाँ! यह देश हाड़ा सरदारों की उस सोलह वर्ष की बेटी का ऋणी है, यह जानता हूँ मैं।
जय राजपूताना

चरित्र से पवित्र रहो , किसी के बाप में इतना दम नहीं , जो तुम पर उंगली उठा सके .
07/02/2024

चरित्र से पवित्र रहो , किसी के बाप में इतना दम नहीं , जो तुम पर उंगली उठा सके .

राम सियाराम जय जय राम
25/01/2024

राम सियाराम जय जय राम

02/01/2024

जन्मदिन मुबारक

जमवारामगढ़ की सेवा में कोई कमी नहीं रहने देंगे बस आपका आशीर्वाद और स्नेह यूं ही मिलता रहें।🙏💐 #आपणौ_परिवार_जमवारामगढ़ #म...
10/11/2023

जमवारामगढ़ की सेवा में कोई कमी नहीं रहने देंगे बस आपका आशीर्वाद और स्नेह यूं ही मिलता रहें।🙏💐
#आपणौ_परिवार_जमवारामगढ़
#महेंद्र_पाल_मीणा_जमवारामगढ़

08/11/2023

महिला मोर्चा जनसंपर्क कार्यक्रम
श्रीमती केसर मीना w/o महेन्द्र पाल मीना व सभी समाज प्रमुख महिलाओं के साथ जमवारामगढ़ विधानसभा भाजपा लोकप्रिय प्रत्याशी महेंद्र पाल मीना जी के लिए आशीर्वाद लेने आपके बीच पहुंच रही है जय भाजपा तय भाजपा विजय महेंद्र पाल मीणा।।।

भारतीय जनता पार्टी   दक्षिण मंडल कार्यकारिणी की बैठक एवं कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम 08/11/2023 बुधवार नायला में  आप सभी ...
08/11/2023

भारतीय जनता पार्टी दक्षिण मंडल कार्यकारिणी की बैठक एवं कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम 08/11/2023 बुधवार नायला में आप सभी कार्यकर्ता सादर आमंत्रित

सुनिता मीणा भावपुरा उपाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा
दक्षिण मंडल जमवारामगढ़ जयपुर

आप सभी के आशीर्वाद से दिनांक 6 नवंबर 2023, सोमवार को भाजपा प्रत्याशी Mahendra Pal Meenaअपना नामांकन भरने जा रहें हैं। आप...
04/11/2023

आप सभी के आशीर्वाद से दिनांक 6 नवंबर 2023, सोमवार को भाजपा प्रत्याशी Mahendra Pal Meenaअपना नामांकन भरने जा रहें हैं। आप सभी जमवारामगढ़ वासी इस अवसर पर आयोजित नामांकन एवं जन आशीर्वाद रैली में अवश्य पधारें और आशीर्वाद प्रदान करें।

Address

VILLAGE/BHAWPURA, POST/BAINARA, VAYA/BASSI, THASIL/JAMWARAMGARH, DISTRICT/JAIPUR
Jamwa Ramgarh
303301

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Sunita Meena posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Sunita Meena:

Videos

Share


Other Digital creator in Jamwa Ramgarh

Show All

You may also like