23/04/2024
हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं 🚩
जय श्री राम 🙏जय हनुमान 🙏
अंतर्मन की ज़्वाला
हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं 🚩
जय श्री राम 🙏जय हनुमान 🙏
तोरा दरकार की.?
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खाय छै सरकारोॅ के, लै छै सरकारोॅ के,
तोरा दरकार की?
नहरोॅ के पानी में पैसै के धार छै
सड़कोॅ के माटी में एकोॅ के चार छै
कुच्छु जों बोलोॅ तेॅ नन्हैं केॅ तार छै
चुपचाप बैठी रहोॅ पैभेॅ तों पार की?
तोरा दरकार की?
माय बहु छोड़ी केॅ घरो दुआरी पर
सभ्भे कोय जान दै रेहू बुआरी पर
तोहें भोड़ं दास, पोठियौ नसीव नै,
लै छै लिये दहो, धुनभोॅ कपार की?
तोरा दरकार की?
साहब के कुर्सी पर बैठलोॅ एतवार छै
सभ्भे जलपानोॅ लेॅ गेलोॅ बाजार छै
टानै के लूर नै फानै छौ सभ्भै पर,
बड़का के बड़ोॅ बात करभेॅ तों मार की?
तोरा दरकार की?
मेमोॅ लग जाय छोॅ सागौ केॅ पांगी लेॅ
फाईलोॅ तों बढ़ियां रंग हुनकै से मांगी लेॅ
कहै छिहौं नै चलोॅ हुनका विरोधोॅ में
ठोर दोनों बन्द करोॅ सुनभेॅ फटकार की?
तोरा दरकार की?
रोगी केॅ अस्पताल जाना बेकार छै
डाक्टर के डेरा पर भीड़ो भरमार छै
रासन दोकानी पर लगलोॅ कतार छै
ब्लैकै सें किनी लेॅ करभेॅ तकरार की?
तोरा दरकार की?
बाबू के किरिया करनी तेॅ करनै छौं
लौब्वा बोलाय केॅ माथो मुड़ानै छौं
बाभन केॅ भोज आरो पलंगी दान करी
की लेॅ की करै, झूठे परचार की?
तोरा दरकार की?
तनीसन कारी छै भोकन बिलारी छै,
रतन केू दस हजार दैके तैयारी छै।
दोनों चुल्होॅ नारी केॅ मुन्नी के ठीक करोॅ
$घरोॅ पर घोॅर मिलै एक नै हजार की-
तोरा दरकार की?
की भेलै हौ रक्त, कहाँ गेलै देस भक्त?
सभ्भे तेॅ ताकै छै दिल्ली के ताज तख्त!
तोहें बौरैलोॅ छौॅ गाँधी के बातोू में,
आजू सें कहलोॅ करौ- ‘‘जय जय सरकार की’’
तोरा दरकार की?
-पंडित जगन्नाथ चतुर्वेदी
पढ़ें संत कबीर का ये अंगिका भजन..
इन लोरियों को सुन सुनकर हम बड़े हुए. लेकिन अब नई नवेली आधुनिक पीढ़ियों ने इसे शायद उतना महत्व देना उचित नहीं समझा..
पढ़ें "जगदीश पाठक 'मधुकर'" जी की रचना अंगिका में
"मच्छर वंदना "
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जीवोॅ में प्रधान, बुद्धिमान, शक्तिमान, रक्तबीज खानदान
तोरा डरें काँपवै-जहान, जै हो मच्छड़ भगवान !
सब्भै जीवोॅ केॅ तोहें एक्के रं देखै छोॅ
सब्भै जग्घा में तोहें एक्के रं घूमै छोॅ
सर्वव्यापी आरो समदर्शी महान ! जै हो
राग-रागिनी के तों ज्ञाता बेजोड़ छोॅ
लोकगीत, गजलो सुनावै निन्द-तोड़ छोॅ
लहुवे टा श्रोता सें लै छोॅ तों दान ! जै होमच्छड़ भगवान !
गावी-गावी कीरतन दिलवावै छोॅ ताली
आठो अंगे ताली दै छौ पढ़ी-पढ़ी गाली
महिमा तोरोॅ लीला के, करेॅ बखान ! जै हो मच्छड़ भगवान !
भरमाय छोॅ हीरो रं दै-दै सीटी-नारा
हर दिन एक चुम्मा में गिनवावै छोॅ तारा
गिनथैं-गिनथैं तारा, होय जाय छै विहान ! जै हो मच्छड़ भगवान !
डाक्टर धुरंधर धन्वत्रिहो के बाप छोॅ
रोगी-निरोगी के इलाज करै छाथ छोॅ
सुइया चुभाय खून खीचै छोॅ दोनों में समान ! जै हो मच्छड़ भगवान !
वही जनम सें आगा या सूदखोर सेठ छोॅ
लहुवे टा चुसी-चुसी आपनोॅ भरै पेट छोॅ
जत्तेॅ छिटै फ्ल्टि डीडीटी ओत्तेॅ बढ़ेॅ प्राण । जै हो मच्छड़ भगवान !
मच्छड़ प्रभु ! देश में तोरे भरमार छै
शोषण-व्याभिचार के सजलोॅ बाजार छै
‘मधुकर’ छै मुक्ति लेली लोग परेशान ! जै हो मच्छड़ भगवान !
पढ़ें "सियाराम प्रहरी" (केशोपुर, मुंगेर,बिहार) जी की रचना ..
चलोॅ तनी संभलि केॅ
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चलोॅ तनी संभलि केॅ
दु डेग चलोॅ लेकिन चलोॅ तनी संभलि केॅ
चारो दिश आय फैलल छै अन्हेरा
लागै छै अभी बहुत दूर है सबेरा
तेजी से दौड़ोॅ नै चलोॅ तनी हलके
डगमगाय गिरि जैभेॅ गलत चाल चलि केॅ
चलोॅ तनी संभलि केॅ
झुलसै छै काँपै छै, धरती श्री हीना
संकट में प्राण छै, अ मुश्किल छै जीना
एन्हों उपाय करोॅ अमरित घट छलके
दुख भागथों तभिये करबट बदलि केॅ
चलो तनी संभलि केॅ
दोलित छै सागर उद्वेलित लहर लहर
ऐसी ना बीते छै जीवन ई जीवन भर
के देतै दिशा-बोधा मौसम बदलि केॅ
स्वर्ग बनेॅ धरती सब नाचेॅ मचलि केॅ
चलो तनी संभलि केॅ
कवि सुरेन्द्र जी की रचना "गुड़गुड़ी" के अंश
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जबतक बचतै दम गे मैया,
हम ककरा से कम गे मैया !
धन्य यहाँ के भूमि कहाय,
जहाँ विराजै गंगा माय,
जेकर पूत करै अनुराग,
साधै कठिन जोग बैराग,
सुनै शब्द हरदम गे मैया
जब तक बचतै दम गे मैया
हम ककरा से कम गे मैया ।।
जिनकर रूप देखि के लोग
छोड़े ऐश मौज सुख भोग
जे मानुष के घट में जाय
देलक अंतर्जोत जगाय
जानै सभे मरम गे मैया
जब तक बचतै दम गे मैया
हम ककरा से कम गे मैया
दुश्मन देखि रहल मुह बाय
सीमा पर जब पड़ल लड़ाय
जोन देश के वानर भाल
छोड़ै गोली लड़ै कमाल
फेंके बड़ बड़ बम गे मैया
जब तक बचतै दम गे मैया
हम ककरा से कम गे मैया
अंग क्षेत्र से होकर भी यदि आपने 'कवि- सुरेंद्र' जी की रचना "गुड़गुड़ी" ना पढ़ी तो आप एक शानदार अनुभव से अछूते रह गए......
सिस्टम है.. भाई..
झुक के रहना पड़ेगा।
आप अभी सिस्टम को समझने के लिए नासमझ हैं.. !
इस बार बिगबॉस के पास कोई ऐसा बंदा था ही नही जो बिगबॉस को ग्रो कर सके, मास ऑडियंस बटोर सके...
कोई देखता ही नही था, बिगबॉस को... !
सबके सब कूड़ा एक्टर ...
पहले पुनीत सुपर स्टार को लाया गया। जैसे ही उसको बाहर निकाला गया , जिओ सिनेमा की रेटिंग तबाह कर दी गयी..
लगभग दस लाख लोगों ने रेटिंग करके जिओ सिनेमा को नरक में पहुंचा दिया।
फिर से बिगबॉस की वही हालत... !
अब
वाइल्ड कार्ड एंट्री से एल्विष यादव आये, अब सिस्टम काम करने लगा।
तुमको लगा तुम्हारा बंदा है...!
लेकिन अगर तुम्हारा बंदा था तो न जाता बिग बॉस में?
सारी हेकड़ी निकल जाती शो की...!
काश किसी दिन कोई आये जो ऐसे इनविटेशन को मना कर दे.. ! लेकिन सिस्टम है..
जिसका हिस्सा आपको बनाया जाता है..
आपको लगता है आप खेल रहे हैं.. लेकिन आप खेलाए जाते हैं..अब जिओ सिनेमा की रेटिंग 3.5 है...
हमने राजा-रानी की कहानियाँ सुनी। परियों की कहानियों पर भरोसा किया। भूतों को भी ऑलमोस्ट सच ही मानते हैं और ईश्वर में आस्था का तो पूछो ही मत।
तो हम ये भी मानेंगे कि इसी धरती पर कहीं एक तारा सिंह भी रहता है जो हाथों से हथकड़ियाँ तोड़ देता है। हथौड़े से जीप फाड़ देता है। बाजुओं से तोप का रुख मोड़ देता है। बस चिल्ला भर दे तो पाकिस्तानी मेजर जनरल भी सहम जाता है। और जो कहीं वो हैंडपंप के साथ दिख जाए तो चौतरफा हिंसक भीड़ जहाँ की तहाँ ठिठक जाती है।
जो लोग कह रहे हैं कि ये फिल्म देखने के लिए दिमाग साइड में रखना पड़ेगा, सही कह रहे हैं क्योंकि तारा सिंह हमारे दिमाग में नहीं, हमारे दिल में बसता है। इसलिए हम वो सब मानेंगे जो तारा सिंह एक बड़े से रूपहले पर्दे पर हमसे मनवाने की कोशिश करेगा। और तो और, उसको तो कोशिश करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी, हम बस मान जाएंगे।
हम मान जाएंगे कि है इसी जहाँ में 65 साल का एक आदमी जो जब-जब सिनेमा में ऐक्शन की हानि होने लगती है, तब-तब ऐक्शन हीरो का भेष धरकर आता है और दुनिया के बाकी सारे डोले-शोलेशुदा हाई-फाई ऐक्शन हीरोज़ को पानी पिला देता है।
हम ये सब मान जाएंगे।
-जिंदाबाद-
एको अहम द्वितीयो ना अस्ति..
ना भूतो ना भविष्यती!! 🚩
अरविंद त्रिवेदी जी से बेहतर कोई दूसरा रावण का किरदार निभाने वाला कोई न हुआ है और न ही शायद होगा..
🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩
दो शब्द रखें इनके लिए.......
हम देश के सभी हिंदुवों से "आदिपुरुष" ना देखने की अपील करते हैं!!
आप क्या देख रहे हैं..क्या कर रहे हैं..! उससे पहले ये जानना अधिक जरूरी है कि आप इस माध्यम से किसको लाभ पहुंचा रहे हैं.?
कहीं आपके एक छोटे कदम से किसी का कितना बड़ा मिसन कामयाब हो रहा है..? ये भी जानना जरूरी है.
आप जिसको लाभ पहुंचा रहे हैं वो किस विचारधारा से ग्रसित है..? क्या उसके इस मिसन के कामयाब हो जाने के बाद कहीं वो इससे बड़ा कदम तो आपके खिलाफ नहीं उठाने जा रहा है..?
हर स्तर से जांच परख के बाद ही किसी को एक रुपये की भी मदद करने की सोचें,,!
आदिपुरुष के माध्यम से उन्होंने बहुत बड़ा घुसपैठ किया है हमारे धर्मग्रंथों मे इसे भी समझना होगा,.!
और जिस तरह से उन्होंने रामायण के किरदार का चयन किया इससे साफ झलकती है इनकी मानसिकता..,
खैर अंतिम निर्णय आपको करना है.. इसे स्वीकार करना है या अस्वीकार..!
गुरु करेजा काट के ले जाया जा रहा है तुम्हारा!
और तुम हो कि टका 10 टका के लिए थपड़ी बजाये जा रहे हो.. ग़जब!!
और तर्क पेलेंगे एक से बढ़कर एक ज्ञानी महापुरुष- "अरे ई सब सरकारी चीज है एक न एक दिन उठायेगा ही.. "
हम मानते हैं - "इस पर सरकार का हक़ है या होगा लेकिन इन नदियों का अस्तित्व ही मिटा दो ये कहाँ की विधि व्यवस्था है....? "
खैर हम बहुत दिनों बाद आज नदी के किनारे अकेले जा कर बैठे जहाँ बरसों से अपने लंगोटिया के साथ बैठकर बालु मे ओघड़ाया करते थे... लेकिन आज वहाँ ढेर देर बैठ नहीं पाए.. मन एकदम भीतर से रो रहा था.. अभी तक मन में वही बात कौन्धिया रहा है..
"बिहान पाईन खोनेतो होooooo..... बिहान पाईन खोनेतो होooooo.... शायद अब सुनने को नहीं मिलेगा...!!! " क्युंकि जब नदी ही नहीं बचेगी तो पाईन कहाँ खुदेगा..?
छठ में वो घाट फिर कहाँ मिलेगा... गर्मी के मौसम में सांझ बेरा में बालु पर घोलटने का सुख कहाँ मिलेगा...?
जाड़ा मे रोदा मे नहाने का सुख कहाँ मिलेगा..?
बाढ़ में डुबकी लगाने का सुख कहाँ मिलेगा...?
बारहो मास साग सब्जी केकर भरोसे उपजाओगे...?
पानी पड़े न पड़े.. बरसात हो ना हो धान रोपाइबे करेगा.. अब उ गुमान कहाँ से लाओगे...?
खैर सौ- पचास के लिए मरने वालों तुम्हे इससे क्या....!!कमाओ..!! कमाओ!! लेकिन तुम खो क्या रहे हो शायद तुम्हे इस बात का अंदाजा ना हो...!
जरूर देखें!!!!!!
मस्जिद है या शिवाला
ये सच बता ही देंगे
पूछेगी जब अदालत
पत्थर गवाही देंगे
हम जोड़ने के क़ायल
तुम तोड़ने में माहिर
मेहमान तुमको माना
और तुमने हमको काफिर
बस ये बता दो खंजर पीठ में क्यूँ
सोमनाथ तोड़ा मथुरा को क्यूँ उजाड़ा
शंकर का जुर्म क्या था
कान्हा ने क्या किया था
वनवास राम जी को बाबर ने क्यूँ दिया था
तेरह सौ साल हमने यही सोचते गुज़ारे
क्यूँ फूंके घर हमारे
सारी जवाबदेही तय होगी धीरे धीरे
हर-हर का नाद होगा गंगा नदी के तीरे
सोया हुआ सनातन चैतन्य है सजग है
वो वक्त कुछ अलग था ये वक्त कुछ अलग है
क़ब्रों से खींचकर हम लाएँगेसच तुम्हारे
आएँगे कटघरे में औरंगज़ेब सारे
सारा हिसाब इक दिन
जिल्ले इलाही देंगे पूछेगी जब अदालत
पत्थर गवाही देंगे!
Manoj Muntashir
ABD... CDB सबको भूल जाइये.
अब 360° जादो जी को याद रखिये.! क्या समझे.?
हम बोले थे महुआ पी के भाषण देवे ना जाइहो.. ई ससुरा हमरा एको बात ध्यान में नहीं रखता है..!
लो अब खरीदो आटा 40 रुपए लीटर 😇🤣
Jamui
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मस्जिद है या शिवाला ये सच बता ही देंगे पूछेगी जब अदालत पत्थर गवाही देंगे हम जोड़ने के क़ायल तुम तोड़ने में माहिर मेहमान तुमको माना और तुमने हमको काफिर बस ये बता दो खंजर पीठ में क्यूँ सोमनाथ तोड़ा मथुरा को क्यूँ उजाड़ा शंकर का जुर्म क्या था कान्हा ने क्या किया था वनवास राम जी को बाबर ने क्यूँ दिया था तेरह सौ साल हमने यही सोचते गुज़ारे क्यूँ फूंके घर हमारे सारी जवाबदेही तय होगी धीरे धीरे हर-हर का नाद होगा गंगा नदी के तीरे सोया हुआ सनातन चैतन्य है सजग है वो वक्त कुछ अलग था ये वक्त कुछ अलग है क़ब्रों से खींचकर हम लाएँगेसच तुम्हारे आएँगे कटघरे में औरंगज़ेब सारे सारा हिसाब इक दिन जिल्ले इलाही देंगे पूछेगी जब अदालत पत्थर गवाही देंगे! #HarHarMahadev #GyanvapiCase #GyanvapiVerdict #GyanvapiMosque #KashiVishwanath Manoj Muntashir
हम बोले थे महुआ पी के भाषण देवे ना जाइहो.. ई ससुरा हमरा एको बात ध्यान में नहीं रखता है..! लो अब खरीदो आटा 40 रुपए लीटर 😇🤣
सुप्रीम कोर्ट के मिलार्ड ने आँखो पर लगा ली है जालीदार पट्टी.. चुनिंदा मुद्दों पर ही अपना कंमेंट् जारी करते हैं..!
लोग इसे एकतरफा प्यार का नाम दे रहे हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है! ये सब एक बहुत बड़ी साजिस का हिस्सा है.. जिसे हिंदू आज समझ नहीं पा रहे हैं. जरा गौर से देखिये इस शख्स को जिसे पोलिस गिरफ्तार कर ले जा रही है और ये मुस्कुराते हुए चला जा रहा है मानो इसने कोई अपराध नहीं जंग जीतकर आ रहा हो.यही है वो शाहरुख जिसने अंकिता को उसके घर जाकर पेट्रोल डालकर जिंदा जला डाला. लेकिन इसके चेहरे पर कोई अफसोस या कोई डर जैसा कुछ भी नही दिख रहा है. बल्कि एक आत्मविश्वास दिख रहा है कि उसके आका उसे बचा ही लेंगे. अब कुछ सेकुलर ज्ञान पेलेंगे की लड़का मानसिक रोगी है या और कुछ.. तो हम उन्हें बस इतना ही कहेंगे कि- कहीं आप ये तो नहीं समझ रहे कि जब तक धुआँ आपके पिछवाड़े से ना निकलने लगे तब तक सिगरेट/गांजे से कोई नुकसान नहीं होता!! तो याद रखिये ये जिहाद नामक संक्रामक रोग हमारे आपके भी बहुत नजदीक आता जा रहा है.