गौ संस्क्रति का संदेश वाहक "शं

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गौ संस्क्रति का संदेश वाहक "शं प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ गौमाता
शंखनाद न्यूज़ जालौर
संवाददाता समरथसिंह राठौड़

10/09/2018

भाई भाई का प्रेम

31/03/2018

संकटमोचन हनुमानाष्टक ,,मत्तगयन्द छन्द

बाल समय रबि भक्षि लियो तब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो ।
ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महा मुनि साप दियो तब चाहिय कौन बिचार बिचारो ।
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु सो तुम दास के सोक निवारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ २ ॥
अंगद के सँग लेन गये सिय खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु बिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो ।
हेरि थके तट सिंधु सबै तब लाय सिया सुधि प्रान उबारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ३ ॥
रावन त्रास दई सिय को सब राक्षसि सों कहि सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु जाय महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ४ ॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब प्रान तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब लछिमन के तुम प्रान उबारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ५ ॥

रावन जुद्ध अजान कियो तब नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल मोह भयो यह संकट भारो ।
आनि खगेस तबै हनुमान जु बंधन काटि सुत्रास निवारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ६ ॥

बंधु समेत जबै अहिरावन लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही अहिरावन सैन्य समेत सँहारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ७ ॥

काज किये बड़ देवन के तुम बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुमसों नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होय हमारो ।
को नहिं जानत है जगमें कपि संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ८ ॥
दोहा,,लाल देह लाली लसे अरू धरि लाल लँगूर ।
बज्र देह दानव दलन जय जय जय कपि सूर ॥

॥ इति गोस्वामि तुलसीदास कृत संकटमोचन हनुमानाष्टक सम्पूर्ण ॥

🕉 ह्रीँ नम : स्वाहा जय श्री राम जय हनुमान 🚩🕉

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

30/03/2018

राजस्थान राज्य के स्थापना दिवस 30 मार्च पर सभी क्षेत्रवासियो को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। राजस्थान के शौर्य की एक सुक्षम गाथा... .

कितरो कितरो रें करा म्हे बखाण, कण कण सु गूंजे,जय जय राजस्थान.
कोटा बूंदी भलो भरतपुर अलवर अर अजमेर, पुष्कर तीरथ बड़ो की जिणरी महिमा चारु मेर, दे अजमेर शरीफ औलिया नित करू फरमान,
कितरो कितरो रे करा म्हे बखाण, कण कण सू गूंजे, जय जय राजस्थान।
दसो दिसावा में गूंजे रे मीरा रो गुणगान, हल्दी घाटी अर प्रताप रे तप पर जग कुर्बान, चेतक और चित्तोड़ पे सारे जग ने हैं अभिमान,
कितरो कितरो रे करा म्हे बखाण, कण कण सू गूंजे, जय जय राजस्थान।
उदियापुर में एक लिंग जी गणपति रणथम्भोर, जैपुर में आमेर भवनी जोधाणे मण्डोर, बीकाणै में करणी माता राठोडा री शान,
कितरो कितरो रे करा म्हे बखाण, कण कण सु गूंजे, जय जय राजस्थान।
आबू छत्तर तो सीमा रो रक्षक जैसलमेर, कीर्णे गढ़ रा परपोटा हैं बाँका घेर घुमेर, घर घर गूंजे मेड़ततणि मीरा रा मीठा गान,
कितरो कितरो रे करा म्हे बखाण, कण कण सु गूंजे जय जय राजस्थान।
रानी सती री शेखावाटी जंगल मंगल करणी, खाटू वाले श्याम घणी री महिमा जाए न वरणी, करणी बरणी रोज चलने बाथेड़ री संतान,
कितरो कितरो रे करा म्हे बखाण, कण कण सू गूंजे, जय जय राजस्थान।
गोगा पाबू, तेजो दादु, झाम्बोजी री वाणी, रामदेव की परचारी लीला किण सू अणजाणी, जैमल पन्ना भामाशा री आ धरती हैं खान,
कितरो कितरो रे करा म्हे बखाण, कण कण सू गूंजे, जय जय राजस्थान।।

30/03/2018

कठै गया बे गाँव आपणा
कठै गयी बे रीत ।
कठै गयी बा, मिलनसारिता,
गयो जमानो बीत ||
गुवाड़- आंगन बैठ्या करता,
सुख-दुःख की बतियाता।
बैठ एक थाली में सगळा ,
बाँट-चुंट कर खाता ।
महफ़िल में मनवारां करता ,
कठै गया बे मीत ||
कठै गयी बा, मिलनसारिता,
गयो जमानो बीत ||
कम पीसो हो सुख ज्यादा हो,
उण जीवन रा सार मै।
छल -कपट, धोखाधड़ी,
कोनी होती व्यवहार मै।
परदेश में पाती लिखता ,
कठै गयी बा प्रीत ||
कठै गयी बा, मिलनसारिता,
गयो जमानो बीत || ||
राजस्थान दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

30/03/2018

विदेशी फसल

स्कूलों में, एवम यदा कदा अखबारों में , ये प्रायः लिखा रहता है कि आलू पोलैंड से आया, टमाटर जापान से , गन्ना ब्राजील से भारत आया आदि।

बस ये एक लाइन लिख कर फिर आगे आलू, टमाटर आदि के गुण, सब्जी बनाने की विधि, व्यंजन, औषधीय उपयोग आदि का वर्णन होता है।

लेकिन
*ये कभी नहीं लिखा रहता कि भारत से कौन लेने गया था या वहा से कौन भारत लेकर आया और कब ??*

एक 99% सत्य लेखः की आड़ में केवल एक झूठ लिख दिया जाता है जिसको हमारा *अवचेतन मस्तिष्क ग्रहण कर लेता है*, और ये एक तथ्य हमको जीवन भर याद रह जाता है ,और ऐसे ही 1% प्रतिदिन के झूठ पढ़ते हुए 10 साल का बालक, *40 वर्ष की उम्र तंक मानसिक गुलाम बन जाता है।*

जबकि

सत्य ये है कि पुराणो में सम्राट *पृथु द्वारा कृषि कार्य के विस्तार का प्रसंग आता है*, अग्निपुराण में हजारो औषधीयो एवम अनाज, शक्कर आदी का वर्णन है, निघंटु ग्रंथो में आलू,प्याज,गन्ने, दाल, पालक, घी,दूध, चावल, भिन्डी आदि का औषधीय वर्णन है,संस्क्रत में। महाभारत काल में विदुर जी की पालग साग और द्रौपदी की हांडी के चावल का वर्णन है।
साथ ही भगवान् को छप्पन भोग अर्पित करने वर्णन पूजा पद्यति में है।

और

प्राचीनकाल से लेकर कालियुग में *भारत के सम्राट का राज्य तो पृथ्वी के अधिकांश हिस्से था* जोकि कालान्तर में एशिया के कुछ हिस्से तक, 1100 वर्ष पहले तक, सम्राट पृथ्वीराज चौहान के समय तक रहा है।

तो फिर

जापान,बर्मा,थायलैंड ये विदेश क्षेत्रः कैसे हो गए भारत्त के प्राचीन इतिहास के हिसाब से।आज विशेष एकपोथिया लहसुन केवल आसाम तरफ पाया जाता है । यदि ये कुछ 500 किलोमीटर दूर पाया जाता तो तुरंत इल्लिमिनाती के एजेंट लिख देते कि *ये लहसुन भारत में चीन से आया* (जबकि वस्तुतः चीन का बहुत सारा सीमावर्ती हिस्सा कुछ दशक पहले तक भारत का ही था )

तो

भारत के लोगो को जंगली अज्ञानी, भारत भूमि को साधनविहीन घोषित करने के लिये, *मैक्समूलर की आर्यो के बाहर से आगमन की थ्योरी एवम डिस्कवरी आफ इंडिया किताब को सही साबित करने के लिये* इल्लुमिनाति प्रतिदिन एक झूठ निर्मित करते जाता है और अंग्रेजी अखबार, पत्रिकाएं, मीडिया उसको प्रसारित करते है जोकि फिर हिंदी , क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवादित होकर पुरे देश में फ़ैल जाता है और मानसिक गुलामो की संख्या में वृद्धि होते जाती है।

एक श्रृंखला के रूप में, *यूरोप में जन्मा झूठ*, भारत की किताबो,अखबारों में परोसने वाले कौन, और उद्देश्य क्या ??

साभार अन्यत्र से

30/03/2018

30 मार्च
पुण्य-तिथि

#सागरपार_भारतीय_क्रान्ति_के_दूत_श्यामजी_कृष्ण_वर्मा जी की पुण्य-तिथि पर शत शत नमन

भारत के स्वाधीनता संग्राम में जिन महापुरुषों ने विदेश में रहकर क्रान्ति की मशाल जलाये रखी, उनमें श्यामजी कृष्ण वर्मा का नाम अग्रणी है। चार अक्तूबर, 1857 को कच्छ (गुजरात) के मांडवी नगर में जन्मे श्यामजी पढ़ने में बहुत तेज थे।

इनके पिता श्रीकृष्ण वर्मा की आर्थिक स्थिति अच्छी न थी; पर मुम्बई के सेठ मथुरादास ने इन्हें छात्रवृत्ति देकर विल्सन हाईस्कूल में भर्ती करा दिया। वहाँ वे नियमित अध्ययन के साथ पंडित विश्वनाथ शास्त्री की वेदशाला में संस्कृत का अध्ययन भी करने लगे।

मुम्बई में एक बार महर्षि दयानन्द सरस्वती आये। उनके विचारों से प्रभावित होकर श्यामजी ने भारत में संस्कृत भाषा एवं वैदिक विचारों के प्रचार का संकल्प लिया। ब्रिटिश विद्वान प्रोफेसर विलियम्स उन दिनों संस्कृत-अंग्रेजी शब्दकोष बना रहे थे। श्यामजी ने उनकी बहुत सहायता की। इससे प्रभावित होकर प्रोफेसर विलियम्स ने उन्हें ब्रिटेन आने का निमन्त्रण दिया। वहाँ श्यामजी ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में संस्कृत के अध्यापक नियुक्त हुए; पर स्वतन्त्र रूप से उन्होंने वेदों का प्रचार भी जारी रखा।

कुछ समय बाद वे भारत लौट आये। उन्होंने मुम्बई में वकालत की तथा रतलाम, उदयपुर व जूनागढ़ राज्यों में काम किया। वे भारत की गुलामी से बहुत दुखी थे। लोकमान्य तिलक ने उन्हें विदेशों में स्वतन्त्रता हेतु काम करने का परामर्श दिया। इंग्लैण्ड जाकर उन्होंने भारतीय छात्रों के लिए एक मकान खरीदकर उसका नाम इंडिया हाउस (भारत भवन) रखा। शीघ्र ही यह भवन क्रान्तिकारी गतिविधियों का केन्द्र बन गया। उन्होंने राणा प्रताप और शिवाजी के नाम पर छात्रवृत्तियाँ प्रारम्भ कीं।

1857 के स्वातंत्र्य समर का अर्धशताब्दी उत्सव ‘भारत भवन’ में धूमधाम से मनाया गया। उन्होंने ‘इंडियन सोशियोलोजिस्ट’ नामक समाचार पत्र भी निकाला। उसके पहले अंक में उन्होंने लिखा - मनुष्य की स्वतन्त्रता सबसे बड़ी बात है, बाकी सब बाद में। उनके विचारों से प्रभावित होकर वीर सावरकर, सरदार सिंह राणा और मादाम भीकाजी कामा उनके साथ सक्रिय हो गये। लाला लाजपत राय, विपिनचन्द्र पाल आदि भी वहाँ आने लगे।

विजयादशमी पर्व पर ‘भारत भवन’ में वीर सावरकर और गांधी जी दोनों ही उपस्थित हुए। जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के अपराधी माइकेल ओ डायर का वध करने वाले ऊधमसिंह के प्रेरणास्रोत श्यामजी ही थे। अब वे शासन की निगाहों में आ गये, अतः वे पेरिस चले गये। वहाँ उन्होंने ‘तलवार’ नामक अखबार निकाला तथा छात्रों के लिए ‘धींगरा छात्रवृत्ति’ प्रारम्भ की।

भारतीय क्रान्तिकारियों के लिए शस्त्रों का प्रबन्ध मुख्यतः वे ही करते थे। भारत में होने वाले बमकांडों के तार उनसे ही जुड़े थे। अतः पेरिस की पुलिस भी उनके पीछे पड़ गयी। उनके अनेक साथी पकड़े गये। उन पर भी ब्रिटेन में राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाने लगा। अतः वे जेनेवा चले गये। 30 मार्च, 1930 को श्यामजी ने और 22 अगस्त, 1933 को उनकी धर्मपत्नी भानुमति ने मातृभूमि से बहुत दूर जेनेवा में ही अन्तिम साँस ली।

श्यामजी की इच्छा थी कि स्वतन्त्र होने के बाद ही उनकी अस्थियाँ भारत में लायी जायें। उनकी यह इच्छा 73 वर्ष तक अपूर्ण रही। अगस्त, 2003 में भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उनके अस्थिकलश लेकर भारत आये......

30/03/2018

रामायण काल से ही मूर्खों का
महा-गठबन्धन....

जनक जी की सभा में जब किसी राजा से अकेले धनुष नहीं उठा....

तो मूर्ख राजाओं ने,
महा-गठबन्धन करके संयुक्त रूप से धनुष में जोर लगाया !

"भूप सहस दस एकहिं बारा !
लगे उठावन टरै न टारा" !!

इस कुप्रयास को देख कर किसी नें पूंछा कि मानो धनुष टूट ही गया तो सीता जी तो एक हैं और आप हजारों हों,
तो दूल्हा कौन बनेगा !

प्रयत्नशील राजा बोले -
पहले धनुष तोड़ेगे फिर हम सब आपस मे लड़ेंगे मारेंगे, काटेंगे....

जो जीत बचेगा वही राजा दूल्हा बनेगा !

यह है मूर्खों का गठबन्धन !!

( मात्र व्यंग भाव से इसे न पढ़े )
इसका राजनीति से कोई मतलब नहीं है....
😂🤣

30/03/2018

ये डाक टिकट 1991 में केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया था। इसमें साफ साफ "डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर" लिखा हुआ है। तब केंद्र में न मोदी जी थे, न योगी जी और न आरएसएस। अब प्रश्न यह है कि उनके नाम में से "रामजी" किसने और क्यों हटाया? ये साजिश/ षड्यंत्र किसके लिए रचा गया? ये दलितों के साथ धोखा किसने किया? दलित नेता उन षड्यंत्रकारियों के नाम पर चुप क्यों हैं?

30/03/2018

Photos from गौ संस्क्रति का संदेश वाहक "शंखनाद" जालौर's post

30/03/2018

साथीयो आज 30 मार्च राजस्थान दिवस के उपलक्ष्स पर राजस्थान की आन बान और शान की गाथा को गाती ये कवीता👇👇👇👇👇
📝सीधा साधा मिनख मानवी,रंग रंगीलो देश.!!
घणो हढीलो ओ गर्वीलो म्हारो मरूधर देश..!!
🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪
मौढ बाजरा मक्को निपजे,कर बोर तरबुज..!!
मिल बाट के खावा मैं नही करा आपस में दुज...!!
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झीणी-झीणी गुलाल जईया,रेत उडे आकाशा...!!
शुरा री जननी मरूधरा,बोले विरा री भाषा...!!
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अढै भोली सुरत शुरा री,अढै चौडी छाती विरा री...!!
आ धरती भक्त मीरा री,आ मरूधरा राम सा पीरा री...!!
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चेतक झोको अवतारो चालै-बिजली री चाल...!!
राणा प्रताप टुट पडीया बण दुश्मण रो काल...!!
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हिम्मत नही दुश्मण री,जो देखे बुरी नजर सु....!!
चिर कालजो हाथ धरा, नामो निशाण मिटावा धरा सु....!!
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आ जननी भामाशाहो री आ धरती पन्ना धाय री....!!
देश री रक्षा री खातीर बली चढावे जायो री....!!
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मरूधरा री नारीया ममता री फुलवारीया...!!
अगर देश पर संकट आवे, तो ले निकल पडे तलवारीया...!!
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आन बान और शान पर ऐ मर मीटी हैं नारीया....!!
पिया रण में खुब लडै,सींहणी करे जौहर री तैयारीया..!!!
🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪
नस-नस में फोलाद भरयो हैं,अंग-अंग मैं शक्ती...!!
जननी थारे काम आवा, थु दे अपार शक्ती....!!
🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪
आपस मैं खुब रेवा हेत सु,बोला प्रेम री भाषा....!!
बार-बार अढै जन्म लु,हैं दशरथ दर्जी रे मन री आशा...!!
🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪
सीधा-साधा मिनख मानवी,रंग-रंगीलो वेश...!!
घणो हढीलो ओ गर्वीलो, म्हारो मरूधर देश.....!!!!
🙏🙏🙏🙏

30/03/2018

जय हिन्द , जय भारत ,जय आर्यव्रत
मेरा भारत महान

जानिए क्या है जन गण मन...का मतलब..

शब्द =अंग्रेजी
अर्थ= हिंदी
पर्यायवाची

जन= People= लोग
गण= Group= समूह
मन= Mind = दिमाग
अधिनायक= Leader= नेता
जय हे= Victory= जीत
भारत= India= भारत
भाग्य= Destiny= किस्मत
जय हे= Victory= जीत
भारत= India= भारत
भाग्य= Destiny= किस्मत
विधाता= Disposer= ऊपरवाला
पंजाब= Punjab= पंजाब
सिंधु= Sindhu =सिंधु
गुजरात= Gujarat= गुजरात
मराठा= Maratha= मराठा (महाराष्ट्र)
द्रविण= South= दक्षिण
उत्कल= Orissa= उड़िसा
बंगा= Bengal= बंगाल
विंध्य= Vindhyas= विन्धयाचल
हिमाचल= Himalay= हिमालय
यमुना= Yamuna = यमुना
गंगा= Ganges = गंगा
उच्छलय= Moving= गतिमान
जलधि= Ocean = समुद्र
तरंगा= Waves = लहरें ( धाराएं)
तब = Your = तुम्हारा
शुभ = Auspicious = मंगल
नामे = name = नाम
जागे= Awaken = जागो
तब = Your = तुम्हारा
शुभ = Auspicious = मंगल
आशीष= Blessings = आशीर्वाद
मांगे = Ask = पूछो
गाहे = Gaahe = गाओ
तब = Your = तुम्हारी
जय = Victory = जीत
गाथा = Song = गीत
जन = People = लोग
गण = Group = समूह
मंगल = Fortune = भाग्य
दायक = Giver = दाता
जय हे = Victory Be = जीत
भारत = India = हिंदुस्तान
भाग्य = Destiny = किस्मत
विधाता = Dispenser= ऊपरवाला
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे.= Victory,
Victory, Victory, Victory Forever =
विजय, विजय, विजय, विजय हमेशा के लिए ...
जय हिंद = JAIHIND
जय भारत= JAI BHARAT

29/03/2018

दलितों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले और श्रीराम को काल्पनिक मानने वाले कांग्रेसियों और वामपंथियों ने कभी भी बाबा साहब का पूरा नाम देश की जनता की जनता के सामने नहीं आने दिया क्योकि उनके नाम में "रामजी" लगा था | इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इन कांग्रेसियों और वामपंथियों को "राम" नाम से कितनी एलर्जी हैं, इसलिए इन धूर्तों ने देश की जनता को बाबा साहब का पूरा नाम "भीमराव आंबेडकर" बताया, जबकि उनका पूरा नाम "भीमराव रामजी आंबेडकर" था और संविधान के पन्ने पर बाबा साहब ने भीमराव रामजी आंबेडकर के नाम से ही हस्ताक्षर भी किया था |

रामजी आंबेडकर उनके पिता का नाम था। महाराष्ट्र में पुरानी परंपरा के आधार पर पिता का नाम बेटे मध्य नाम के लिए इस्तेमाल करते आए हैं। यही वजह हैं कि खुद बाबा साहब भी अपना नाम "भीमराव रामजी आंबेडकर" लिखते थे | B.R. Ambedkar का मतलब ही "भीमराव रामजी आंबेडकर" हैं क्योकि "भीमराव" पूरा एक शब्द हैं, इसलिए इस B.R. Ambedkar में B = भीमराव , R = रामजी | लेकिन इन धूर्तो ने जनता को B मतलब भीम और R मतलब राव बतलाया |

29/03/2018

जय श्री कृष्ण
इतिहास के पन्नो से -_
राजसमंद एक ऐसा जिला हे,
जहा भगवान
द्दारिकाधीश ,श्रीनाथ जी ,चारभुजानाथ जी
ओर परशुराम जी, रूपनारायण जी ,
का ऐतिहासिक मंदिर हे, यही महादेवी गोमती के नाम की नदी बहती है, और उसी पर लक्ष्मण झूला बना हुआ है,
ओर यह वही राजसमन्द क्षेत्र हे
जहा पांडवो ने माता कुंती के साथ वनवास का वक्त
यही व्यतीत किया था आज भी फरारा गांव मे
जहा माता कुंती द्दारा स्थापित शिवलिगं हे
जो पांचो पाडंव आराधना करते थे, आपको पता हे
दोस्तो महाभारत मे गटोरगच्छ(भीम पुत्र घटोत्कच) का नाम
सुना होगा उसका जन्म इसी क्षेत्र मे हुआ
था ,उनकी माता का नाम (हडुंबी) जो अपने इसी इलाके मे
रहती थी, भाइयो यह वही क्षेत्र हे जहा महाराणा कुंभा ने
कुंभलगढ बनवाया जो आज देश विदेश मे अपने राजस्थान
का नाम रोशन कर रहा हे,और इसी कुम्भलगढ़ में great wall of india भारत की भव्य दिवार है, जो की चीन की ग्रेट वाल से हूबहू मिलती है, यह वही क्षेत्र हे जिनका नाम
रामायण मे सुना होगा मेवाड के अमरनाथ भगवान परसुराम
महादेव का मंदिर राजसमंद की धरती पर बना हुआ हे , ओर
भाइयो आपने यह स्थान को बहुत कम
सुना होगा नाम हे जलदेवी माता (सांसेरा)
जहा महाराणा प्रताप ने बादशाह अकबर की मुछ काट
दी थी यह वही राजसमंद हे, भाइयो 1857
की क्रांती को रकमगढ का छापर व वंहा बना हुआ रुकमण
बाई का महल ओर कोठारिया का ऐतिहासि गढ को देखकर
दिल दहल जाता हे ओर क्या बताउ दोस्तो राणा प्रताप
की रण भुमी हल्दीघाटी का नाम सुनते ही दिल कांप
जाता हे ऐसी वीरो की भुमी को सो बार नमन करता हु ,
भइयो राजसमंद के आमेट के पास कमेरी गांव जहा पन्नाधाय
रहती थी उसने अपने सपुत्र चंदन को को बलीदान कर
दिया,ओर उदयसिह को बचा लिया सुना हे,
अपने राजसमंद पर मुझे गर्व हे ।
राजसमंद वही क्षेत्र हे जो देश के दुश्मनो से लोहा लिया था,1857 की क्रांती मे भी राजसमंद पिछे नही हे,गवालियर से
अग्रेंजो की फोज ने तात्या टोपे का पिछा किया था ओर
तात्या टोपे राजसमंद के कोठारिया गाव के
साहसी ठाकुरो ने उनको शरण दी उसके बाद
अग्रेंजो को खदेडने के लिए यही से सेना बनाई ,ओर (रकमगढ
के छापर) मे महासंग्राम हुआ लहु से धरती लाल हो गई
हजारो लोगो ने अग्रेंजो की फोज का सामना करते करते
देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए,।ओर दोस्तो यह
वही क्षेत्र हे जहाँ हल्दीघाटी मे दिल्ली के बादशाह अकबर ओर
वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप के बिच युध हुआ ,यह
वही राजसमंद की धरती हे जो मुगंलो को दिल्ली जाने पर
मजबुर किया ,ओर यह वही राजसमंद हे,जहा पन्नाधाय ने
अपने देश के लिए प्राणो से भी प्यारा चन्दन
को अपनी आखो के सामने देश के लिए कुब्रान कर दिए।।
जालोर का मेवाड़ से बहोत पुराना संबंध रहा है

जयजय जालोर
जय जय राजसमंद
जय जय राजस्थान
जय जय भारत

29/03/2018

✏.....पेट की आग............
📝......पत्रकारिता का दर्द.....
.मैं एक दिन घर जा रहा था,
हाथ में आटे का थैला लिए मन्द मन्द मुस्कुरा रहा था।
सोच रहा था कि घर जाऊंगा रोटियां पकाउंगा, आज भर पेट नमक रोटी, हरी मिर्ची, प्याज खाऊंगा।

कुछ दूर रास्ते में सुनसान सी जगह देख मैंने सोचा शार्ट कट अपनाऊँ, और इसी रास्ते से जल्दी घर पहुँच जाऊँ।
मेने उसी रास्ते पर कदम बढ़ाएँ , रास्ते में मुझे कुछ लोग हथियार बन्द नजर आएं ।

मैं पहले तो थोड़ा डरा मगर ये सोच के आगे बढ़ा कि क्या है मेरे पास गवाने को।
हो सकता है ये बन्दे मेरी दीन हीन दशा देखकर कुछ दें देवे मुझको ।

इतने में ही उसमे से एक शख्स मेरे पास आया और खींच के एक जोरदार तमाचा लगाया,
फिर गुर्राया हम डाकू हैं ।
जो कुछ भी है तुम्हारे पास मेरे हवाले कर दो ।
मैं पहले तो सहमा, उसके बाद गिड़ गिड़ाया:- हुजूर मुझे जाने दो, अंदर से बहुत सुखा हूँ, मैं तीन दिन से भूखा हूँ ।

इतने में उनका सरदार मेरे पास आया । पहले तो मुझे घूरा उसके बाद पूछा इस थैले में क्या है?।
मैंने कहा पुरे हफ्ते की कमाई है,
जिसमें दो किलो आटा, थोडी हरी मिर्ची और पॉव भर प्याज आई है।

उसने कहा अच्छा ये बता तू काम क्या करता है?
मैंने कहा हुजूर "पत्रकार"हूँ ।

इतना सुनते ही वो जोर -जोर से रोने लगा ।
मैंने पूछा क्या हुआ हुजूर आप क्यों रोने लगे ?
उसने कहा सचमुच तू पत्रकार है, इसलिए "बेकार" है।
मैं भी कभी पत्रकार था, निहायत ही बेरोजगार था।
मुझे सच लिखने का जूनून था, मेरे अंदर भी गर्म खून था ।
मगर मैं हारने लगा था बेईमानों से, पेट की आग व बाजारवाद से ।

जब बच्चे लगे भूख से रोने, मैं भी लगा अपना आपा खोने।
फिर मेरे जमीर ने मुझे धिक्कारा तू क्यों फिर रहा है मारा -मारा।

भूख से बड़ा कोई ईमान नहीं होता, और रोटी से बड़ा कोई भगवान नहीं होता।
छोड़ कलम, तू बन्दूक उठा ले, वरना तेरे कलम की स्याही तेरे बच्चों के लिए जहर बन जायेगी। तेरी पत्रकारिता तेरे लिए "कहर" बन जायेगी ।..

तब से मैंने बन्दूक उठाई और "डाकू" बन गया।
आज तेरी दशा देखकर मैं खुद को न रोक पाया ।
तेरे वजूद में मेरा बिता हुआ कल नजर आया ।
आ तुझे भर पेट"पकवान" खिलाता हूँ।
पहले तेरे पेट की आग बुझाता हूँ ।

मैंने कहा माफ़ करिये हुजूर, अगर बेईमानी की ही "कमाई" खानी होती तब कुछ अलग ही मेरी कहानी होती ।
आज मैं "ईमानदार" हूँ,
इसीलिए बेकार हूँ ।

वो बोला सोच ले फिर तू पछतायेगा।
एक दिन रोते हुए तू मेरे पास आएगा।
मैंने कहा पत्रकार हूँ बेकार हूँ।
इसी पत्रकारिता के लिए घर बार बेचने के लिए तैयार हूँ।

जिस दिन "ईमानदारी "से मेरा भरम टूटेगा,
उस वक्त मेरी कलम टूटेगी।
फिलहाल तो जाने दो,
मुझे दो पेट की आग बुझाने दो..।।

(यह एक ईमानदार और स्वतन्त्र विचारों के पत्रकार की व्यथा है)

भारत देश का नागरीक के साथ एक ईमानदार पत्रकार

28/03/2018

हिंदुत्व के रक्षक तथा आजादी के दीवाने

28/03/2018

महाभारत का एक श्लोक अधूरा पढा जाता है क्यों ?
शायद गांधी Ji की वजह से..

"अहिंसा परमो धर्मः"

जबकि पूर्ण श्लोक इस तरह से है:-

"अहिंसा परमो धर्मः,
धर्म हिंसा तदैव च l

अर्थात - अहिंसा मनुष्य का परम धर्म है..
किन्तु धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करना उससे भी श्रेष्ठ है.

गांधीजी ने सिर्फ इस ☝श्लोक को ही नहीं बल्कि उसके अलावा उन्होंने एक प्रसिद्ध भजन को भी बदल दिया...

"रघुपति राघव राजा राम"


इस प्रसिद्ध-भजन का नाम है."राम-धुन" .
जो कि बेहद लोकप्रिय भजन था.. गाँधी ने इसमें परिवर्तन करते हुए "अल्लाह" शब्द जोड़ दिया..

गाँधीजी द्वारा किया गया परिवर्तन और असली भजन👇

गाँधीजी का भजन

रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम,
सब को सन्मति दे भगवान...

जबकि असली राम धुन भजन...

"रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम
सुंदर विग्रह मेघाश्याम
गंगा तुलसी शालीग्राम
भद्रगिरीश्वर सीताराम
भगत-जनप्रिय सीताराम
जानकीरमणा सीताराम
जयजय राघव सीताराम"

बड़े-बड़े पंडित तथा वक्ता भी इस भजन को गलत गाते हैं, यहां तक कि मंदिरो में भी उन्हें रोके कौन?

'श्रीराम को सुमिरन' करने के इस भजन को जिन्होंने बनाया था उनका नाम था "पंडित लक्ष्मणाचार्य जी"

ये भजन "श्री नमः रामनायनम"
नामक हिन्दू-ग्रन्थ से लिया गया है।

कृपया शेयर करें.. ताकि लोग जाग्रत् हो सकें।
धन्यवाद

🙏जय सियाराम🙏

28/03/2018

💥68 साल पहले- एक गुजराती ने देश को"अंग्रेजों"से,"मुक्त"किया था !!
💥अब 68 साल बाद,एक गुजराती ने,देश को"कांग्रेस"से,"मुक्त"किया है !!
💥पहले वाला-गुजराती 'नोटो' पर छा गया !!!
💥अभी वाला-गुजराती 'वोटों' पर छा गया !!
💥 ऐ दोस्त - खिडकिया खोल के देखने दे,मुझे ..?????
💥मेरे वतन की,"नई तस्वीर"बन रही है !!!
🌻आज,भारत- फिरसे"आजाद" हुआ !!
💥➖पहले - "इग्लेड की रानी"से !!!
💥 और आज :--💥
💥➖" इटली की नौकरानी से " !!!
💥➖जो,पढ़ सके न खुद, किताब मांग रहे हैं ???
💥➖खुद, रख न पाए, वो हिसाब मांग रहे हैं ????
💥➖जो, कर सके न साठ साल में- कोई विकास देश का, वो 2 साल में जवाब मांग रहे हैं ????
💥➖आज - गधे गुलाब मांग रहे हैं?? चोर लुटेरे इन्साफ मांग रहे हैं??
💥➖जो Loot te रहे देश को,60 सालों तक ???
💥सुना है,आज वो- 2 साल का हिसाब मांग रहे हैं??
💥 वर्षों बाद - एक नेता को,माँ गंगा की आरती करते देखा है !!
💥वरना - अब तक, एक परिवार की समाधियों पर,"फूल चढ़ते"देखा है।!!
💥वर्षों बाद - एक नेता को,अपनी"मातृभाषा"में बोलते देखा है ।!
💥वरना - अब तक,रटी रटाई "अंग्रेजी"बोलते देखा है।!
💥 ➖अब तक -एक परिवार की मूर्तियां बनते देखा है।!
💥वर्षों बाद-: एक नेता को,"संसद की माटी चूमते"देखा है !!
💥वर्षों बाद - एक नेता को,"देश के लिए रोते"देखा है !!
💥वरना - अब तक,"मेरे पति को मार दिया"कह कर,वोटों की भीख मांगते देखा है।!
💥➖पाकिस्तान को घबराते देखा है !!
💥➖अमेरिका को झुकते देखा है।
💥इतने वर्षों बाद-भारत माँ को, खुलकर"मुस्कुराते"देखा है।
💥आप सभी से"निवेदन"है, इस मेसेज को,पुरे भारत ke,
हर एक नागरीक तक,पहुचाने में मेरी मदद करें! !!

28/03/2018
02/09/2016

🚫 केन्द्रीय कार्यालय, गौपुत्र सेना से जारी प्रेस विज्ञप्ति
तिथि:1-09-2016
www.facebook.com/gauputra1857
गौपुत्र सम्पत सिंह,राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्देशानुसार

*सदस्यता अभियान शुभारम्भ*

दिनांक:- *2 सितम्बर,2016 शुक्रवार*
समय:- *शायं 3 से 5 बजे*
स्थान:- *जिला कार्यालय ,पानीपत*

अध्यक्षता- *गौपुत्र अमित राणा* जिलाध्यक्ष पानीपत

*गरिमामय उपस्थिति*
गौपुत्र सुनील क्रांतिकारी *(राष्ट्रीय प्रचारक)*
गौपुत्र प्रमोद श्योकंद *(प्रदेश संगठन मंत्री,हरियाणा)*
गौपुत्र दीपक शर्मा *(जिलाध्यक्ष करनाल)*

*प्रिय गौपुत्र साथियों*
आप सभी गौमाता की कृपा से कुशल होगें और अपने पारिवारिक कार्यो के साथ-साथ संगठन कार्यो को भी पूरी उर्जा से कर रहे होगें।
*गौमाता के वर्तमान हालात* को देखकर सम्पूर्ण देश भर में गति से सदस्यता अभियान का चलाया जा रहा है।
जिससे अधिकतम गौपुत्र इस अभियान से जुड़कर गौमाता की सेवा व रक्षा कर पाऐगें।
जिसकी शुरूआत *हरियाणा के पानीपत* जिले से कर रहे है।
*तहसील,जिला व प्रदेश स्तरीय* जिम्मेदार कार्यकर्ता बैठक कर अपने लक्ष्य को निर्धारित करें।
निश्चय ही हम सब *इस वर्ष एक लाख स्दस्यता* के लक्ष्य को हासिल करेगें।
इसमें संगठन को ओर अधिक मजबूती मिलेंगी एवं आप और अधिक तन्मयता के साथ कार्य करके इस राष्ट्रवादी अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
🌺शुभकामनाओं सहित🌺

👉🏽ये प्रेस विज्ञप्ति सेना द्वारा प्रिंट मीडिया में भी भेजी जा रही है अतः इसे बिना बदलाव के आगे भेजा जाए।

🙏🏽आपाका साथी🙏🏽
गौपुत्र सुनील क्रांतिकारी
*राष्ट्रीय प्रचारक*
दूरवाणी 9812919705
🐚🐚गौपुत्र सेना हिन्दुस्तान🚩🚩
ॐ वन्दे गौमातरम ॐ

02/09/2016

🙏🌹🔥सभी ध्यान दें🔥🌹🙏

*युवाओं के चरित्र की रक्षा एवं भारतीय संस्कृति की सुरक्षा के लिए इतना छोटा सा काम सभी करें ।*

आप या आपके कोई परिचित अथवा मित्र, संबंधी वर्ष 2017 का कैलेंडर या डायरी छपवा रहे हों तो उसमें *14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के स्थान पर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ तथा *25 दिसम्बर को ‘तुलसी पूजन दिवस’* अवश्य छपवाएं । अपने क्षेत्र के प्रकाशकों, डीटीपी इकाइयों तथा हिंदुत्ववादी संगठनों आदि को भी इनकी महत्ता बताकर इनका कैलेंडर आदि में समावेश करने के लिए कहें ।

🌹👉इस प्रकार अल्प प्रयास द्वारा आप भारतीय संस्कृति की रक्षा में सहभागी हो सकते हैं तथा समाज को सही दिशा देने के महापुरुषों के दैवी कार्य में सहभागी होने का पुण्यलाभ ले सकते हैं । छपवाने के बाद इस आईडी पर प्रतिपुष्टि (फीडबैक) भेजें : [email protected]

✏ आप के द्वारा किया गया छोटा सा प्रयास भारत को विश्व गुरु पद पर आसीन करने में मददगार सिद्ध होगा । कृपया ये मैसेज आप के सभी ग्रुप्स भेजें ।

01/09/2016

🚩वन्दे गो माँतरम् 🚩
सभी पशु प्रेमियो, गोभक्तो से निवेदिन है कि 08/09/2016 को जालोर मे दिल्ली से गो क्रांति संगठन के संस्थापक आदरणीय गोभक्त गोपालमणीजी महाराज पधार रहे है जो गो माँता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने के लिए उच्च अधिकारीयो को ज्ञापन दिया जाएगा वह गो माँ के नाम की रैली निकाली जाएगी इसलिए सभी गोभक्तो से निवेदन है कि आप सभी ज्यादा से ज्यादा संख्या मे जालोर पधारे वह गो माँ को न्याय दिलाने में अपनी भागीदारी निभाये जो भी गो प्रेमी वह गो भक्त जालोर मारवाड है वो गोभक्त एक दिन गो माता के लिए समय निकाले ओर अपनी जिम्मेदारी निभाने में हमारा सहयोग करे ! धन्यवाद

🚩 गो माँता राष्ट्र माता वंदेगोमातरम🚩

इस संदेश को हर जालोर वासी को भेजे

25/08/2016

हार्दिक शुभकामना

25/08/2016

गोमाता को समर्पित मिडिया "शखनाद" मे रोजगार पाने का सुनहरा अवसर मासिक वेतन 7000/- से 15000/- प्रतिमाह एग्रीमेंट के साथ, गौ संरक्षण व संवर्धन का सुगम व सरल मार्ग। (नियम व शर्ते लागू)

अधिक जानकारी हेतु संपर्क करे।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ गोमाता
9013910100

जानकारी हेतु संपर्क जालोर
9772992074

रोजगार पाने के इच्छुक अपना बायोडाटा मे करे [email protected]
गोहितार्थ संदेश

19/08/2016

जय गौ माता जय गौपाल
में आप सब गौभक्त और गौ सेवक और गौ रक्षक मित्रों से एक निवेदन करता हूँ की आप जो भी मित्र जालोर से हो वो इस विषय पर ध्यान दें
यह गौ माता के प्रति जो भी आपकी भावना है उसे सजग करने का समय है। आप जो भी मित्र तन मन और धन मै से जो भी जैसा भी जितना भी सहयोग कर सकते हो करो और गौ सेवा में भागीदार बनों।

गौ दर्शन" टी.वी चैनल से जुडना तो सब चाहते है। गोमाता का अपना एक मिडीया हो यह भी सब कि इच्छा है परन्तु इसके लिए कोई कुछ करना नही चाहता तो कया केवल चाहने से ही काम हो जायेगा।

यदि आप वास्तविकता मे चाहते है कि गौमाता राष्ट्रमाता बने तो जन-जागरण बहुत जरुरी है अौर इसका एकमात्र सशक्त माध्यम इलेक्ट्रॉनिक मिडीया है।

गोमाता, गोरक्षको व गोभक्तो का अपना एक टी.वी चैनल बने इसके लिए केवल अाप लोगो का मत सग्रह कराने मे सहयोग करे अौर चैनल स्थापना मे सक्रिय भूमिका निभाये।

यदि आप केवल ऐसे १० लोगो के नाम व न. भेजते है जो चाहते है कि गोमाता के लिए टी.वी चैनल बनाना चाहिए तो आपको "गौ दर्शन" टी.वी चैनल के ग्रुप मे जोडा जायेगा।

पुरे जालोर मै से ऐसे 10 मित्र अगर तैयार हो तो अपने जालोर को भी इस ग्रुप में जुड़वा देते है
नेतृत्व कोई भी कर सकता है मुझे अपने नाम की परवाह नही है जो भी मित्र बोलेगा में उनको ही मुख्या बना दूंगा बस आप सहयोग करो और इस गौ हित कार्य में आगे आओ
आपका मित्र
गौ भक्त पत्रकार समरथ सिंह राठौड़
9772992074

प्रेस ट्रस्ट ऑफ गोमाता व गौ संस्कृति का संदेश वाहक "शखनाद" समाचार पत्र। 9013910100

14/08/2016

स्वतंत्र दिवस की पूर्व शुभ संध्या
आअो जीवन के निजी कार्यों से समय निकालकर
देश व समाज कार्य के लिये प्रतिदिन कुछ समय देने
का सकलप इस 15 अगस्त पर जरुर ले।

15 अगस्त कि बधाई हो।
सन्देश विडियो सहित अग्रसित करे।

संजय मौर्य, संपादक
गौ संस्कृति का संदेशवाहक "शखनाद"
9013910100

समरथ सिंह राठौड़ पत्रकार
गौ संस्कृति का संदेशवाहक
"शंखनाद" जालोर ब्यूरो चीफ
9772992074

14/08/2016

1. - 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेगी।

2. - कुल 13 अधारणीय वेग हैं
3. - 160 रोग केवल मांसाहार से होते है।

4. - 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल पीना चाहिये।

5. - 80 रोग चाय पीने से होते हैं।

6. - 48 रोग ऐलुमिनियम के बर्तन या कुकर के खाने से होते हैं।

7. - शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है।

8. - अण्डा खाने से हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब होते हैं।

9. - ठंडेजल (फ्रिज) और आइसक्रीम से बड़ीआंत सिकुड़ जाती है।

10. - मैगी, गुटका, शराब, सूअर का माँस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है।

11. - भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।

12. - बाल रंगने वाले द्रव्यों (हेयरकलर) से आँखों को हानि (अंधापन भी) होती है।

13. - दूध(चाय) के साथ नमक (नमकीन पदार्थ) खाने से चर्म रोग हो जाता है।

14. - शैम्पू, कंडीशनर और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल पकने, झड़ने और दोमुहें होने लगते हैं।

15. - गर्म जल से स्नान से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। गर्म जल सिर पर डालने से आँखें कमजोर हो जाती हैं।

16. - टाई बांधने से आँखों और मस्तिश्क हो हानि पहुँचती है।

17. - खड़े होकर जल पीने से घुटनों (जोड़ों) में पीड़ा होती है।

18. - खड़े होकर मूत्रत्याग करने से रीढ़ की हड्डी को हानि होती है।

19. - भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) बढ़ता है।

20. - जोर लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुँचती है।

21. - मुँह से साँस लेने पर आयु कम होती है।

22. - पुस्तक पर अधिक झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और क्षय (टीबी) होने का डर रहता है।

23. - चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने से रक्त शुद्ध हो जाता है मलेरिया नहीं होता है।

24. - तुलसी के सेवन से मलेरिया नहीं होता है।

25. - मूली प्रतिदिन खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से मुक्त रहता है।

26. - अनार आंव, संग्रहणी, पुरानी खांसी व हृदय रोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ है।

27. - हृदयरोगी के लिए अर्जुन की छाल, लौकी का रस, तुलसी, पुदीना, मौसमी, सेंधा नमक, गुड़, चोकरयुक्त आटा, छिलकेयुक्त अनाज औशधियां हैं।

28 - भोजन के पश्चात् पान, गुड़ या सौंफ खाने से पाचन अच्छा होता है। अपच नहीं होता है।

29. - अपक्व भोजन (जो आग पर न पकाया गया हो) से शरीर स्वस्थ रहता है और आयु दीर्घ होती है।

30. - मुलहठी चूसने से कफ बाहर आता है और आवाज मधुर होती है।

31. - जल सदैव ताजा (चापाकल, कुएं आदि का) पीना चाहिये, बोतल बंद (फ्रिज) पानी बासी और अनेक रोगों के कारण होते हैं।

32. - नींबू गंदे पानी के रोग (यकृत, टाइफाइड, दस्त, पेट के रोग) तथा हैजा से बचाता है।

33 . - चोकर खाने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसलिए सदैव गेहूं मोटा ही पिसवाना चाहिए।

34. - फल, मीठा और घी या तेल से बने पदार्थ खाकर तुरन्त जल नहीं पीना चाहिए।

35. - भोजन पकने के 48 मिनट के अन्दर खा लेना चाहिए। उसके पश्चात् उसकी पोशकता कम होने लगती है। 12 घण्टे के बाद पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता है।

36. - मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से पोशकता 100:ए कांसे के बर्तन में 97:ए पीतल के बर्तन में 93:ए अल्युमिनियम के बर्तन और प्रेशर कुकर में 7-13: ही बचते हैं।

37. - गेहूँ का आटा 15 दिनों पुराना और चना, ज्वार, बाजरा, मक्का का आटा 7 दिनों से अधिक पुराना नहीं प्रयोग करना चाहिए।

38. - 14 वर्श से कम उम्र के बच्चों को मैदा (बिस्कुट, बे्रड, समोसा आदि) कभी भी नहीं खिलाना चाहिए।

39. - खाने के लिए सेंधा नमक सर्वश्रेश्ठ होता है उसके बाद काला नमक का स्थान आता है। सफेद नमक जहर के समान होता है।

40. - जल जाने पर आलू का रस, हल्दी, शहद, घृतकुमारी में से कुछ भी लगाने पर जलन ठीक हो जाती है और फफोले नहीं पड़ते।

41. - सरसों, तिल, मूंगफली या नारियल का तेल ही खाना चाहिए। देशी घी ही खाना चाहिए है।

42. - पैर के अंगूठे के नाखूनों को सरसों तेल से भिगोने से आँखों की खुजली लाली और जलन ठीक हो जाती है।

43. - खाने का चूना 70 रोगों को ठीक करता है।

44. - चोट, सूजन, दर्द, घाव, फोड़ा होने पर उस पर 5 से 20 मिनट तक चुम्बक रखने से जल्दी ठीक होता है। हड्डी टूटने पर चुम्बक का प्रयोग करने से आधे से भी कम समय में ठीक होती है।

45. - मीठे में मिश्री, गुड़, शहद, देशी (कच्ची) चीनी का प्रयोग करना चाहिए सफेद चीनी जहर होता है।

46. - कुत्ता काटने पर हल्दी लगाना चाहिए।

47. - बर्तन मिट्टी या राख (उपली की) से ही धोना चाहिए। हाथों को भी साबुन के स्थान पर मिट्टी और राख से ही धोये तो अच्छा है।

48. - टूथपेस्ट और ब्रश के स्थान पर दातून और मंजन करना चाहिए दाँत मजबूत रहेंगे। (आँखों के रोग में दातून नहीं करना)

49. - यदि सम्भव हो तो सूर्यास्त के पश्चात् न तो पढ़े और लिखने का काम तो न ही करें तो अच्छा है।

50. - निरोग रहने के लिए अच्छी नींद और अच्छा(ताजा) भोजन अत्यन्त आवश्यक है।

51. - देर रात तक जागने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है। भोजन का पाचन भी ठीक से नहीं हो पाता है आँखों के रोग भी होते हैं।

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Sanchore
Jalor
343041

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