प्रासंगिक सामाजिक बातें- ए. के.त्रिपाठी

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प्रासंगिक सामाजिक बातें- ए. के.त्रिपाठी Cricket Current talks, Life Success Stories, Spritual knowledge, Youth empowerment दिन-प्रतिदिन के सामाजिक मुद्दों पर विचार - विमर्श

16/01/2025

महाकुंभ में कल मकर संक्रांति के अमृत स्नान में एक अजीब वाकया देखने को मिला। कुछ लोग अपनी तुच्छ मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र में पोस्टर लेकर खड़े थे कि हमारा महाकुंभ एक पाखंड है और ऐसे ही और सारे और माईक से अलाउंस भी कर रहे थे। और अपने तर्क से संबंधित किताबें भी बांट रहे थे। वहां से कुछ हमारे महान नागा संन्यासी गुजर रहे थे। उन्हें धर्म का अपमान और सनातन संस्कृति का अपमान सहन नहीं हुआ और उन्होंने कर दिया वह इलाज जिसके लिए वह जाने जाते हैं।
अर्थात हमारे धर्म का अपमान हमारी सनातन संस्कृति का अपमान नहीं सहेंगे हम।
हमारे संत ही ऐसे दुष्ट को ठीक करेंगे ।।
ये कोई आया था प्रयाग में मेरे कुंभ को अंध विश्वास बता रहा था।। फिर क्या मेरे भारत के शूरवीर नागाओं ने धुनाई कर दिया।।।

जय हिंदू धर्म जय सनातन संस्कृति जय हो ऐसे साधु संतों की
👏👏

सहमत हो तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि अन्य कोई ऐसी हिमाकत ना कर सके ।।।

भारत की बेटियों ने रचा इतिहासवन डे इंटरनेशनल के इतिहास में भारत का सबसे बड़ा स्कोर बनायामेंस टीम का 418 रनों का रिकॉर्ड ...
15/01/2025

भारत की बेटियों ने रचा इतिहास

वन डे इंटरनेशनल के इतिहास में भारत का सबसे बड़ा स्कोर बनाया

मेंस टीम का 418 रनों का रिकॉर्ड भी तोड़ा

आयरलैंड के खिलाफ भारत की विमेंस टीम ने 435-5 का ऐतिहासिक स्कोर बनाया

प्रतिका रावल- 154 रन
स्मृति मंधाना- 135 रन
ऋचा घोष- 59 रन

स्मृति मंधाना ने भारत की तरफ से वन डे इतिहास का सबसे तेज शतक जड़ा ।

कुम्भ के मेले से मशहूर हुए आईआईटियन बाबा अभय सिंह IIT मुंबई से ऐरोस्पेस से इंजीनियरिंग करने वाले अभय सिंह सन्यास के तरफ ...
15/01/2025

कुम्भ के मेले से मशहूर हुए आईआईटियन बाबा अभय सिंह IIT मुंबई से ऐरोस्पेस से इंजीनियरिंग करने वाले अभय सिंह सन्यास के तरफ रास्ता क्यों चुना।
पत्रकार के सवालों का अभय सिंह ने कितनी सहजता से जबाब दिया !
पत्रकार के सवाल :- आप इतने बड़े इंस्टिट्यूट से इतनी बड़ी डिग्री लेकर फिर ये मार्ग ?
आईआईटियन सन्यासी:- आप कितने भी बड़े हो जाओ कितने भी पढोगे आखिर चलकर तो यही आनी है।

हमारे वेद शास्त्रों ने दु'निया को रास्ता दिखाया है
बस आज हमलोग शिक्षा ग्रहण का उद्देश्य नौकरी के रूप में लेने लगे हैं।
जबकि शिक्षा हमे हमारे होने का बोध कराता है, आधुनिकता में भी आध्यात्मिकता को जी सकते हैं, बस उसे खुद में समाहित करने की आवश्यकता है।

पवित्र महाकुंभ से एक बहुत ही प्रेरणादायक तस्वीर । संतो के साथ महाकुंभ को पवित्र रखने में सफाईकार्मिकों की खास भूमिका को ...
15/01/2025

पवित्र महाकुंभ से एक बहुत ही प्रेरणादायक तस्वीर । संतो के साथ महाकुंभ को पवित्र रखने में सफाईकार्मिकों की खास भूमिका को वंदन करता युवा ।

सहवाग के किस्से साथी खिलाड़ी की जबान से : एक पॉडकास्ट के दौरान भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला से पूछा गया कि युवराज सिंह ,...
15/01/2025

सहवाग के किस्से साथी खिलाड़ी की जबान से : एक पॉडकास्ट के दौरान भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला से पूछा गया कि युवराज सिंह , धोनी या फिर वीरेंद्र सहवाग किसको बोलिंग करने में सबसे ज्यादा दिक्कत होती थी।
पीयूष चावला ने पलटते ही जवाब दिया कि वीरेंद्र सहवाग , पीयूष चावला ने कहा कि वीरेन्द्र सहवाग अलग ही लेवल में बल्लेबाजी करते थे और स्पिनर को तो वो गेंदबाज की श्रेणी में ही नहीं समझते थे। चावला ने कहा कि वो बड़ी बेरहमी से स्पिनर्स को पीटा करते थे एक मैच का इंसीडेंट बताते हुए आगे पीयूष चावला ने बताया कि किसी मैच में सहवाग ने ऑफ स्पिनर की बॉल पर छक्का मार दिया था और वह बॉल नो बॉल थी इस पर नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े खिलाड़ी ने सहवाग को इनफॉर्म किया कि वीरू भाई अगली बॉल फ्री हिट है इस पर सहवाग ने कहा कि अरे यार इसकी तो सारी गेंदे फ्री हिट के बराबर हैं।
यह बात भारत के महान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी कही की वीरेंद्र सहवाग उन्हें बड़े जबरदस्त अंदाज में खेला करते थे अच्छी से अच्छी गेंद को सहवाग बाउंड्री पर पहुंचा देते थे।

अजंता मेंडिस जो पूरी दुनिया के लिए मिस्ट्री स्पिनर हुआ करते थे सहवाग ने उनकी ऐसी पिटाई लगाई कि केरियर ही खतरे में आ गया। वीरेंद सहवाग को लाइव खेलते देखा है तो पोस्ट लाइक करे।

 #गूगल पर " " लिखकर 2 सेकंड रुकना गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा हो रही है ...ये है   #सनातन के प्रति  #विश्व का सम्मान..🙏...
14/01/2025

#गूगल पर " " लिखकर 2 सेकंड रुकना गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा हो रही है ...

ये है #सनातन के प्रति #विश्व का सम्मान..

🙏 🕉️ 🚩

साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार अजिथ कुमार रियल लाइफ में कार रेसर भी है । अजिथ कुमार ने दुबई 24H कार रेसिंग में जीत हा...
14/01/2025

साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार अजिथ कुमार रियल लाइफ में कार रेसर भी है । अजिथ कुमार ने दुबई 24H कार रेसिंग में जीत हासिल की है ।
वह कार रेसिंग में तीसरे नंबर पर रहे । कुछ दिनों पहले सुपरस्टार अजित कुमार का प्रैक्टिस के दौरान ब्रेक फेल होने की वजह से भयंकर एक्सीडेंट हो गया था। उसके बावजूद अजिथ कुमार ने काफी अच्छा कमबैक किया ।

क्या आपको पता है राजस्थान में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जो आधा एम पी में और आधा राजस्थान में पड़ता है । टिकट देने वाला बा...
14/01/2025

क्या आपको पता है राजस्थान में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जो आधा एम पी में और आधा राजस्थान में पड़ता है । टिकट देने वाला बाबू एमपी में बैठता है और टिकट लेने वाले लोग राजस्थान में खड़े होते हैं ।

हमारे आस-पास कई ऐसी रोचक जगहें हैं जिनके बारे में जानने पर आपको यकीन नहीं होगा। दिल्ली और मुबई रेल रूट पर एक रेलवे स्टेशन है जो दो राज्यों में पड़ता है। यह जानकर आपको बेशक विचित्र लग रहा होगा, लेकिन यह बिल्कुल सच है। राजस्थान के झालावाड़ जिले में पड़ने वाले इस स्टेशन पर आधी ट्रेन एक राज्य में खड़ी होती है, तो आधी दूसरे राज्य में।
कोटा संभाग में पड़ने वाले इस स्टेशन का नाम भवानी मंडी रेलवे स्टेशन है जो राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच बंटा हुआ है। भारत में यह अपनी तरह का इकलौता रेलवे स्टेशन है। इस अनोखे रेलवे स्टेशन पर दोनों राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई देती है।

मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित यह रेलवे स्टेशन कई मायनों में बेहद खास है। इस स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि यहां पर लोग टिकट लेने के लिए राजस्थान में खड़े होते हैं और टिकट देने वाला क्लर्क मध्य प्रदेश में बैठता है।

मध्य प्रदेश के लोगों को हर छोटे बड़े काम के लिए भवानी मंडी स्टेशन ही आना पड़ता है। इसलिए दोनों राज्यों के लोगों में आपसी प्रेम और सौहार्द दिखाई देता है। राजस्थान की सीमा पर स्थित लोगों के घर के आगे का दरवाजा भवानी मंडी कस्बे में खुलता है, तो वहीं पीछे का दरवाजा मध्य प्रदेश के भैंसोदा मंडी में खुलता है। दोनों राज्यों के लोगों की बाजार भी एक ही है।

T 20 क्रिकेट के अजेय कप्तान है सूर्या । सूर्य कुमार यादव ने जब से कप्तानी संभाली है तब से टी-20 के अजेय कप्तान हैं। उन्ह...
14/01/2025

T 20 क्रिकेट के अजेय कप्तान है सूर्या । सूर्य कुमार यादव ने जब से कप्तानी संभाली है तब से टी-20 के अजेय कप्तान हैं। उन्होंने अब तक अपनी कप्तानी में कोई भी टी-20 सीरीज नहीं हारी है।
लेकिन अब देखना है कि वर्तमान टी-20 वर्ल्ड चैंपियन और पूर्व टी-20 वर्ल्ड चैंपियन इंग्लैंड में कौन बाजी मारता है।

आपको क्या लगता है सूर्या भाई आगे भी इसी तरह अपनी अजेयता जारी रख पाएगे ।

महाकुंभ में ये जो कृत्रिम पुल बनाये गए है उनको किस नाम से जाना जाता है । त्रिवेणी संगम की लहरों पर एक अलग ही सुकून है! 🌊...
13/01/2025

महाकुंभ में ये जो कृत्रिम पुल बनाये गए है उनको किस नाम से जाना जाता है ।

त्रिवेणी संगम की लहरों पर एक अलग ही सुकून है! 🌊🚤 प्रयागराज के महाकुंभ में बोटिंग का अनुभव एक दिव्य यात्रा जैसा लगा, जहां पानी की हर छोटी लहर में आस्था और शांति छुपी है।

क्या आपने भी महाकुंभ के इस खूबसूरत पल का आनंद लिया? अपना अनुभव जरूर साझा करें! 😊👇

पिता उसे कहते हैं जो खुद दुख में रहकर औलाद को सुखी करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता हैं ।क्या आप भी नीचे लिखी पंक्तियों ...
13/01/2025

पिता उसे कहते हैं जो खुद दुख में रहकर औलाद को सुखी करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता हैं ।
क्या आप भी नीचे लिखी पंक्तियों से सहमत हैं ।
औलाद को नए जूते

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत होने में अब 40 दिन से भी कम समय बचा हुआ है लेकिन पाकिस्तान में स्टेडियम का कंस्ट्रक्शन का...
12/01/2025

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत होने में अब 40 दिन से भी कम समय बचा हुआ है लेकिन पाकिस्तान में स्टेडियम का कंस्ट्रक्शन का काम पूरा नहीं हुआ है ।
ऐसे में आईसीसी ने पीसीबी को अल्टीमेटम देते हुए अध्यक्ष जय शाह ने कहा है कि हफ्ते भर में पूरा काम करें नहीं तो चैंपियंस ट्रॉफी यूएई में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

12/01/2025

जयतु जय जय विवेकानंद 🙏🌹

इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी20आई मैचों कि सीरीज के लिए टीम इंडिया की घोषणा कर दी गई है जो 22 जनवरी से खेली जाएगी।मोहम्मद शमी क...
12/01/2025

इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी20आई मैचों कि सीरीज के लिए टीम इंडिया की घोषणा कर दी गई है जो 22 जनवरी से खेली जाएगी।

मोहम्मद शमी की इंग्लैंड के खिलाफ टी20आई सीरीज के लिए टीम इंडिया में वापसी हो गई है। मोहम्मद शमी बहुत लंबे समय से चोट से जूझ रहे थे और अब उनकी वापसी हुई है।

यशस्वी जायसवाल को भी टी20आई टीम में चुना नहीं गया है। यह बिल्कुल ही अनुभवहीन टीम चुनी गई है जो इंग्लैंड के खिलाफ टी20आई सीरीज खेलेगी। इस टीम में ध्रुव जुरैल को विकेट कीपर के रूप में चुना गया है। संजू सैमसन पहले से ही विकेटकीपर के रूप में हैं।

स्क्वॉड इस प्रकार है:-
सूर्यकुमार यादव (कप्तान)
संजू सैमसन(विकेटकीपर)
अभिषेक शर्मा
तिलक वर्मा
हार्दिक पांड्या
रिंकू सिंह
नीतीश कुमार रेड्डी
अक्षर पटेल (उपकप्तान)
हर्षित राणा
अर्शदीप सिंह
मोहम्मद शमी
रवि बिश्नोई
वरुण चक्रवर्ती
वॉशिंगटन सुंदर
ध्रुव जुरैल(विकेटकीपर)

🪷महाकुंभ🪷 13 जनवरी  से प्रयागराज में शुरू हो रहा है दुनिया का सबसे बड़ा मेला "कुंभ मेला" हर 12 साल में लगने वाला ये मिला...
11/01/2025

🪷महाकुंभ🪷 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू हो रहा है दुनिया का सबसे बड़ा मेला "कुंभ मेला" हर 12 साल में लगने वाला ये मिला इस साल 2025 में प्रयागराज में लग रहा है। हम पहुच चुके है महाकुम्भ में ।
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🌟 सरकारी अनुमान है की इस बार 40 करोड़ से ज्यादा लोग आयेंगे और गंगा जी में स्नान करेंगे।
🌟ये दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी धार्मिक गैदरिंग है, शायद 2500 साल पहले की या उससे भी पहले की क्योंकि इसका कोई अधिकारिक साक्ष्य नहीं है की ये कितना पुराना है। लेकिन हम जैसे घुमक्कड़ है न , जो उस समय भी थे और हर समय रखेंगे जो अपनी हर बात लिखते है, तो यूनानी यात्री मेगस्थनीज जो कि सम्राट चंद्रगुप्त (302 BC) में भारत आया था उसने भी कुंभ मेले का वर्णन किया है।उसी तरह चीनी यात्री फ़ाहिहान और व्हेनसांग ने भी अपनी अपनी यात्रा वृतांत में कुंभ मेले का वर्णन किया है जो कि सब ईसा पूर्व की ही है। हालांकि बहुत सारी जगह और वेबसाइट्स पर राजा हर्षवर्धन को 644 BC में पहला कुंभ करवाने का श्रेय दिया जाता है।

🍁इतने सारे लोग किसी एक कार्य के लिए दुनिया भर में और कहीं भी एकत्रित नहीं होते। सन 2001 में प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन करीब 4 करोड़ लाभ प्रयागराज में थे।इस बार ये आंकड़ा करीब 9 करोड़ होने का अनुमान है।

🌺ये एक ऐसी गैदरिंग है जिसके लिए किसी को न्योता नहीं दिया जाता, एक बार आजादी से पहले प्रयागराज कुंभ में काफी भीड़ इकट्ठा हुई तो एक अंग्रेज ऑफिसर ने लाला लाजपत राय जी से पूछा की इतने सारे लोगों को यहां लाने में इतना खर्चा होता होगा तो लाल जी ने कहा सिर्फ 2 पैसा।
तो उस अंग्रेज ऑफिसर को कुछ समझा नहीं, उसने आश्चर्य से पूछा वो कैसे?? तो लाला जी ने अपने जेब से पंचांग निकाला और कहा," महोदय ये पंचांग मात्र 2 पैसे का आता है और ये कुंभ शुरू होने की तारीख ही इन हजारों लाखों लोगों को यहां अपने आप ले आती है"

☘️ ये अब तक ज्ञात सभी धार्मिक यात्राओं में सबसे पुरानी है, हालांकि कुंभ मेला लग रहा है ये सबको पता होगा लेकिन क्या आपको पता है ये क्यों लगता है।
चलिए आज बताते है।

🔥ऋषि दुर्वासा के श्राप के कारण देवताओं की शक्ति कमजोर हो रही थी और वो दानवों से युद्ध में हार रहे थे, इसके लिए किसी को कुछ सूज नहीं रहा था। तो सबने श्री हरि नारायण से इसका उपाय पूछा तो हल मिला की इसके लिए अमृत का पान करना होगा और अमृत पाने के लिए समुद्र का मंथन करना होगा। अब अकेले तो ये देवताओं के बस की भी नहीं थी और सृष्टि के बैलेंस के लिए दानवों को भी साथ लेना जरूरी था।
तो दानवों को भी मनाया गया और लालच में वो भी तैयार हो
क्षीर सागर में समुद्र मंथन का सेट अप लगाया गया , श्री हरि कश्यप अवतार लेकर नींव बने, मंड्याचल पर्वत को मथनी बनाया गया और नाग वासुकी ने रस्सी का काम किया।
समुद्र मंथन में सारे रत्न आभूषण, और बाकी सारी चीजों के बाद अंत में एक कुंभ के साथ अमृत प्रकट हुआ।

देवताओं ने देवराज इंद्र के बेटे जयंत की ड्यूटी लगाई थी की वो उसे दानवों से दूर रखे तो जैसे ही कुंभ निकला, जयंत उसे लेकर भागने लगे ताकि दानव उसे न पा सकें।
जयंत के साथ साथ, सूर्य देवता,चंद्र देवता,बृहस्पति देवता और शनि देवता की भी ड्यूटी लगाई गई।

1)चंद्र देवता का काम कुंभ को छलकने से बचाना था ।
२)सूर्य देवता का काम कुंभ को टूटने से बचाना था।
३)बृहस्पति देवता का काम उसको राक्षसों से बचाना था।
४)और शनि देव का काम जयंत को देखना था की वो खुद ही न आता पी जाए।

और इस भागा दौड़ी में कुंभ से अमृत की बूंदे कुल चार जगह छलकी।💦
१) गंगा के किनारे हरिद्वार
2) गंगा यमुना के संगम प्रयागराज
3) गोदावरी के किनारे नासिक
4) शिप्रा के किनारे उज्जैन

चूंकि चंद्र के साथ सूर्य, बृहस्पति और शनि भी इस में शामिल थे तो इन्हीं ग्रहों की स्थिति के हिसाब से कुंभ मेले का आयोजन होता है।

1) चैत्र (मार्च अप्रैल) मास में जब सूर्य मेष राशि में और गुरु ,शनि कुंभ राशि में तो हरिद्वार का कुंभ लगता है।
2) माघ (जनवरी) मास में जब सूर्य और चंद्रमा दोनों मकर राशि में और गुरु मेष राशि में तो प्रयागराज का कुंभ लगता है।
3) चैत्र मास में ही जब सूर्य मेष राशि में और गुरु सिंह राशि में तो उज्जैन का कुंभ लगता है, चूंकि उस समय गुरु सिंह राशि में होता है इसलिए उसे सिंहस्थ कुंभ भी कहते है।
4) भादो (जुलाई अगस्त) में सूर्य और गुरु दोनों या तो मकर या फिर कर्क राशि में हो तो नासिक में कुंभ लगता है।

हर 3 साल बाद हर शहर में कुंभ रहता है। जैसे 2025 प्रयागराज कुंभ के बाद 2028 में नासिक में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होगा।

हालांकि ये समझना अभी भी हमारे आपके दिमाग से बाहर की चीज है। हमें तो बस ये पता है की ये धार्मिक मेले हमारी धरोहर है, हमारी संस्कृति में अखाड़ों की स्थापना श्री आदि शंकराचार्य ने धर्म को बाहरी आक्रमणकारियों से बचाने के लिए किया था। अखाड़े का मतलब यहां वही कुश्ती के अखाड़ों से ही है, हालांकि ये एक शाब्दिक है बस। इन अखाड़ों के साधुओं को शास्त्र के साथ साथ शस्त्र की भी शिक्षा दी जाती थी।ताकि वो जरूरत पड़ने पर शस्त्र उठा सकें। बाद में इसकी जरूरत खत्म हो गई और अब अखाड़े सिर्फ धर्म को बचाने के लिए है।

अभी देश में अधिकारिक रूप से 14 अखाड़े मान्यता प्राप्त है।
ये तीन प्रकार से बांटे गए है।
1)शिव को मानने वाले (शैव)
2) विष्णु को मानने वाले (वैष्णव)
3) उदासीन (जो दोनों को मानते है)

शैव सम्प्रदाय में अभी 7 अखाड़े मान्यता प्राप्त है।
बैरागी संप्रदाय में अभी 3 अखाड़े मान्यता प्राप्त है।
और उदासीन संप्रदाय में अभी 4 अखाड़े मान्यता प्राप्त है।
तो कुल 14 अखाड़े अभी देश में अधिकारिक रूप से मौजूद है।

शुरू में ये सिर्फ 4 थे लेकिन बाद में मतभेदों के चलते ये 13 हो गए, पिछले प्रयागराज अर्द्ध कुंभ में किन्नर अखाड़े को मान्यता दी गई जो की शैव अखाड़े में ही शामिल हो गया। किसी भी अखाड़े का सबसे बड़ा पद महामंडलेश्वर होता है।

लेकिन इस अखाड़ों में जो सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करते है वो है नागा साधु, नागा साधु शिव के दत्तात्रेय रूप की पूजा करते है और उन्हें अपना गुरु मानते है। ये शैव अखाड़े के अंतर्गत ही श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के नाम से सम्मिलित है।बाद में संख्या ज्यादा होने पर इन्हें अटल अखाड़ा और अन्य में भी स्थानांतरित किया गया।

ये पूरे मेले की जान होते है और सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करते है। ये पूरी तरह से गृहस्थ जीवन से दूर होते है और दीक्षा से पहले अपने आपको भी मोक्ष मान लेते है।ये खुद अपना पिंडदान करते है, और उसके बाद सारे सांसारिक मोह माया से दूर हो जाते है। नागा साधु बनना सबके बस की बात नहीं होती।

इन सब अखाड़ों की कुंभ के समय का तीन मुख्य परंपरा होती है।
1)धर्मध्वजा 2) पेशवाई और 3) शाही स्नान

धर्मध्वजा मतलब कुंभ की तारीखों का ऐलान होने के बाद की तैयारी।
पेशवाई मतलब कुंभ में एंट्री
और शाही स्नान मतलब मुख्य त्योहारों पर पवित्र नदियों में स्नान

मुख्य स्नान पर्व के दौरान सभी अखाड़ों का एक निश्चित समय होता है जब उन्हें प्रशासन की तरफ से नदी में स्नान का आदेश मिलता है, सभी मेला में अलग अलग सीक्वल होता है स्नान टाइम का। जैसे प्रयागराज कुंभ में इस बार सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के साधु सबसे पहले स्नान करेंगे। उसी तरह हरिद्वार में लगने वाले कुंभ में निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले शाही स्नान करता है। जबकि उज्जैन और नासिक में कुंभ मेला लगने पर जूना अखाड़े को सबसे पहले शाही स्नान करने का अवसर मिलता है।उसके बाद बारी बारी से सबका नंबर आएगा। साधुओं की संख्या के हिसाब से उनको प्रशासन द्वारा नहाने की अवधि दी जाती है जैसे किसी को 1 घंटा किसी को 45 मिनट।शाही स्नान मतलब किसी पर्व या खास दिन में स्नान जैसे इस बार कुल 5 शाही स्नान है।

1) 15 जनवरी (मकर संक्रांति)
2) 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) ये सबसे खास दिन होता है
3) 3 फरबरी (बसंत पंचमी)
4) 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा)
5) 26 फरवरी (महाशिवरात्रि)

इन शाही स्नान वाले दिन अखाड़ों के नदी तट तक आने जाने का मार्ग पूरी तरह से अलग होता है और उसमें सुरक्षा व्यवस्था बहुत अधिक रहती है, क्योंकि आम पब्लिक इनको छूना और पास से देखना चाहती है।

इस बार का कुंभ भव्य और पूरी तरह से डिजिटल है।
आगे आने वाले सालों में कुंभ शायद पूरी तरह से डिजिटल हो जायेगा लेकिन फिर भी लाखों करोड़ों लोग आयेंगे, क्योंकि सभ्यता, संस्कृति और रीति रिवाज जिंदा रहेंगे हमारे आपके दिलों में आगे आने वाले हजारों लाखों सालों तक।
ये शहर की आत्मा है जो अमर है।

🍁आइए इस कुंभ में अपने विचारों, संस्कारों और अध्यात्म का मंथन करने और निकालिए अमृत रूपी अपने नए रूप को। पहचान दीजिए अपने नए स्वरूप को। खो जाइए कुंभ की भव्यता में और देखिए भारत के हर रंग, रूप और कल्चर को पास से।🍁

“आप भी कुंभ में आइए और अपनी आस्था को नए आयाम दीजिए।

11/01/2025
नमस्ते लखनऊ 😊 लखनऊ से कौन कौन साथी है । क्या विशेष है लखनऊ में घूमने को/ शॉपिंग को  ।
11/01/2025

नमस्ते लखनऊ 😊
लखनऊ से कौन कौन साथी है ।
क्या विशेष है लखनऊ में घूमने को/ शॉपिंग को ।

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