Live News India

Live News India indias live updates....

क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में र

खकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं.

पत्रकारिता में दिनोंदिन कई गलत प्रचलन सामने आ रहे हैं, जैसे खबरों को गैर-जरूरी तरीके से संपादित करना, पेड न्यूज, निजी संबंधों के लाभ के लिए कुछ खबरों को चलाना आदि. मीडिया संस्थान अब खबर तक पहुंचना नहीं चाहते, इसके उलट, उन्होंने पत्रकारिता की आड़ में व्यापारिक समझौते करने शुरू कर दिए हैं, कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं और खबरें जनता तक पहुंचती ही नहीं हैं क्योंकि मीडिया संस्थान उन्हें किसी व्यक्ति या संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सामने लाना ही नहीं चाहते. धीरे-धीरे ही सही पर जनता भी इस बात को समझने लगी है कि पत्रकारिता खतरे में पड़ रही है. आमजन का मीडिया पर विश्वास कम हो रहा है. वही मीडिया जो लोकतंत्र का ‘चौथा स्तंभ’ होने का दम भरता था, अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है.

आज भी मुख्यधारा के भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा केवल विशेष व समृद्ध वर्ग के लोगों की चिंताओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है। इस संविदा में हाशिए पर खड़े समाज जिसमें देश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर शामिल हैं, उनके हितों एवं संघर्षों को आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है। livenewsindia.in हाशिए पर खड़े समाज की आवाज बनने का एक प्रयास है। livenewsindia.in की कोशिश रहती है कि जो अन्य मीडिया घरानों के 'रूचि' का विषय नहीं है उसकी जानकारी आप तक पहुंचाई जाए। livenewsindia.in जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है. खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है. सामाजिक तानेबाने की आड़ में सदियों से चली आ रही शोषण की बारीकियों से अवगत कराना भी उद्देश्य है।
इसके साथ साथ हमारा यह भी प्रयास है कि हम देश के कोने कोने से 1 लाख वालंटियर को जोड सके ताकि समाज के उस हिस्सो के मुद्दों को उठा सके जिसकी कोई आवाज़ नहीं बनना चाहता। ....इस प्रयास में अब तक देश भर से 500 वालंटियर जुड़ चुके है।
हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें.

Address

Sitapura
Jaipur
302022

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Live News India posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Live News India:

Share

Category

Our Story

क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में रखकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं. पत्रकारिता में दिनोंदिन कई गलत प्रचलन सामने आ रहे हैं, जैसे खबरों को गैर-जरूरी तरीके से संपादित करना, पेड न्यूज, निजी संबंधों के लाभ के लिए कुछ खबरों को चलाना आदि. मीडिया संस्थान अब खबर तक पहुंचना नहीं चाहते, इसके उलट, उन्होंने पत्रकारिता की आड़ में व्यापारिक समझौते करने शुरू कर दिए हैं, कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं और खबरें जनता तक पहुंचती ही नहीं हैं क्योंकि मीडिया संस्थान उन्हें किसी व्यक्ति या संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सामने लाना ही नहीं चाहते. धीरे-धीरे ही सही पर जनता भी इस बात को समझने लगी है कि पत्रकारिता खतरे में पड़ रही है. आमजन का मीडिया पर विश्वास कम हो रहा है. वही मीडिया जो लोकतंत्र का ‘चौथा स्तंभ’ होने का दम भरता था, अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है. आज भी मुख्यधारा के भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा केवल विशेष व समृद्ध वर्ग के लोगों की चिंताओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है। इस संविदा में हाशिए पर खड़े समाज जिसमें देश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर शामिल हैं, उनके हितों एवं संघर्षों को आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है। LIVE NEWS INDIA हाशिए पर खड़े समाज की आवाज बनने का एक प्रयास है। LIVE NEWS INDIA की कोशिश रहती है कि जो अन्य मीडिया घरानों के 'रूचि' का विषय नहीं है उसकी जानकारी आप तक पहुंचाई जाए। LIVE NEWS INDIA जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है. खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है. सामाजिक तानेबाने की आड़ में सदियों से चली आ रही शोषण की बारीकियों से अवगत कराना भी उद्देश्य है। इसके साथ साथ हमारा यह भी प्रयास है कि हम देश के कोने कोने से 1 लाख वालंटियर को जोड सके ताकि समाज के उस हिस्सो के मुद्दों को उठा सके जिसकी कोई आवाज़ नहीं बनना चाहता। ....इस प्रयास में अब तक देश भर से 500 वालंटियर जुड़ चुके है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें.


Other TV Channels in Jaipur

Show All