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25/07/2024

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25/07/2024

हेलो दोस्तो आपके लिए एक जरूरी सूचना है,
जो भी व्यक्ति इस पेज को अपने दोस्तो में शेयर करके 20 फॉलोअर कराएगा, उसको अच्छा खासा रिवार्ड्स दिया जाएगा टीम की तरफ से टास्क पूरा करके स्क्रीनशॉट शेयर करना है कन्फर्मेशन के लिए बस,

👍अच्छा खासा रिवार्ड्स💸 हैं दोस्तो ⏫

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Ten Unknown Facts About   1. Founding and History: BMW, Bayerische Motoren Werke AG, was founded in 1916 in Munich, Germ...
25/07/2024

Ten Unknown Facts About

1. Founding and History: BMW, Bayerische Motoren Werke AG, was founded in 1916 in Munich, Germany, initially producing aircraft engines. The company transitioned to motorcycle production in the 1920s and eventually to automobiles in the 1930s.

2. Iconic Logo: The BMW logo, often referred to as the "roundel," consists of a black ring intersecting with four quadrants of blue and white. It represents the company's origins in aviation, with the blue and white symbolizing a spinning propeller against a clear blue sky.

3. Innovation in Technology: BMW is renowned for its innovations in automotive technology. It introduced the world's first electric car, the BMW i3, in 2013, and has been a leader in developing advanced driving assistance systems (ADAS) and hybrid powertrains.

4. Performance and Motorsport Heritage: BMW has a strong heritage in motorsport, particularly in touring car and Formula 1 racing. The brand's M division produces high-performance variants of their regular models, known for their precision engineering and exhilarating driving dynamics.

5. Global Presence: BMW is a global automotive Company

6. Luxury and Design: BMW is synonymous with luxury and distinctive design, crafting vehicles that blend elegance with cutting-edge technology and comfort.

7. Sustainable Practices: BMW has committed to sustainability, incorporating eco-friendly materials and manufacturing processes into its vehicles, as well as advancing electric vehicle technology with models like the BMW i4 and iX.

8. Global Manufacturing: BMW operates numerous production facilities worldwide, including in Germany, the United States, China, and other countries, ensuring a global reach and localized production.

9. Brand Portfolio: In addition to its renowned BMW brand, the company also owns MINI and Rolls-Royce, catering to a diverse range of automotive tastes and luxury segments.

10. Cultural Impact: BMW's vehicles often become cultural icons, featured in fi
♥️
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Dwaraka history image 👍Ten Unknown Facts About   1. Founding and History: BMW, Bayerische Motoren Werke AG, was founded ...
25/07/2024

Dwaraka history image 👍
Ten Unknown Facts About

1. Founding and History: BMW, Bayerische Motoren Werke AG, was founded in 1916 in Munich, Germany, initially producing aircraft engines. The company transitioned to motorcycle production in the 1920s and eventually to automobiles in the 1930s.

2. Iconic Logo: The BMW logo, often referred to as the "roundel," consists of a black ring intersecting with four quadrants of blue and white. It represents the company's origins in aviation, with the blue and white symbolizing a spinning propeller against a clear blue sky.

3. Innovation in Technology: BMW is renowned for its innovations in automotive technology. It introduced the world's first electric car, the BMW i3, in 2013, and has been a leader in developing advanced driving assistance systems (ADAS) and hybrid powertrains.

4. Performance and Motorsport Heritage: BMW has a strong heritage in motorsport, particularly in touring car and Formula 1 racing. The brand's M division produces high-performance variants of their regular models, known for their precision engineering and exhilarating driving dynamics.

5. Global Presence: BMW is a global automotive Company

6. Luxury and Design: BMW is synonymous with luxury and distinctive design, crafting vehicles that blend elegance with cutting-edge technology and comfort.

7. Sustainable Practices: BMW has committed to sustainability, incorporating eco-friendly materials and manufacturing processes into its vehicles, as well as advancing electric vehicle technology with models like the BMW i4 and iX.

8. Global Manufacturing: BMW operates numerous production facilities worldwide, including in Germany, the United States, China, and other countries, ensuring a global reach and localized production.

9. Brand Portfolio: In addition to its renowned BMW brand, the company also owns MINI and Rolls-Royce, catering to a diverse range of automotive tastes and luxury segments.

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॥ अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा ॥भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहा...
25/07/2024

॥ अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा ॥
भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान देती, न ही भगवान का पूजन करती थी और राजा को भी दान देने से मना किया करती थी।
एक दिन राजा शिकार खेलने वन को गए हुए थे, तो रानी महल में अकेली थी। उसी समय बृहस्पतिदेव साधु वेष में राजा के महल में भिक्षा के लिए गए और भिक्षा माँगी रानी ने भिक्षा देने से इन्कार किया और कहा: हे साधु महाराज मैं तो दान पुण्य से तंग आ गई हूँ। मेरा पति सारा धन लुटाते रहिते हैं। मेरी इच्छा है कि हमारा धन नष्ट हो जाए फिर न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी।

साधु ने कहा: देवी तुम तो बड़ी विचित्र हो। धन, सन्तान तो सभी चाहते हैं। पुत्र और लक्ष्मी तो पापी के घर भी होने चाहिए। यदि तुम्हारे पास अधिक धन है तो भूखों को भोजन दो, प्यासों के लिए प्याऊ बनवाओ, मुसाफिरों के लिए धर्मशालाएं खुलवाओ। जो निर्धन अपनी कुंवारी कन्याओं का विवाह नहीं कर सकते उनका विवाह करा दो। ऐसे और कई काम हैं जिनके करने से तुम्हारा यश लोक-परलोक में फैलेगा।

परन्तु रानी पर उपदेश का कोई प्रभाव न पड़ा। वह बोली: महाराज आप मुझे कुछ न समझाएं। मैं ऐसा धन नहीं चाहती जो हर जगह बाँटती फिरूं।

साधु ने उत्तर दिया यदि तुम्हारी ऐसी इच्छा है तो तथास्तु! तुम ऐसा करना कि बृहस्पतिवार को घर लीपकर पीली मिट्‌टी से अपना सिर धोकर स्नान करना, भट्‌टी चढ़ाकर कपड़े धोना, ऐसा करने से आपका सारा धन नष्ट हो जाएगा। इतना कहकर वह साधु महाराज वहाँ से आलोप हो गये।

साधु के अनुसार कही बातों को पूरा करते हुए रानी को केवल तीन बृहस्पतिवार ही बीते थे, कि उसकी समस्त धन-संपत्ति नष्ट हो गई। भोजन के लिए राजा का परिवार तरसने लगा।

तब एक दिन राजा ने रानी से बोला कि हे रानी, तुम यहीं रहो, मैं दूसरे देश को जाता हूँ, क्योंकि यहाँ पर सभी लोग मुझे जानते हैं। इसलिए मैं कोई छोटा कार्य नहीं कर सकता। ऐसा कहकर राजा परदेश चला गया। वहाँ वह जंगल से लकड़ी काटकर लाता और शहर में बेचता। इस तरह वह अपना जीवन व्यतीत करने लगा। इधर, राजा के परदेश जाते ही रानी और दासी दुःखी रहने लगी।

एक बार जब रानी और दासी को सात दिन तक बिना भोजन के रहना पड़ा, तो रानी ने अपनी दासी से कहा: हे दासी! पास ही के नगर में मेरी बहिन रहती है। वह बड़ी धनवान है। तू उसके पास जा और कुछ ले आ, ताकि थोड़ी-बहुत गुजर-बसर हो जाए। दासी रानी की बहिन के पास गई।

उस दिन गुरुवार था और रानी की बहिन उस समय बृहस्पतिवार व्रत की कथा सुन रही थी। दासी ने रानी की बहिन को अपनी रानी का संदेश दिया, लेकिन रानी की बड़ी बहिन ने कोई उत्तर नहीं दिया। जब दासी को रानी की बहिन से कोई उत्तर नहीं मिला तो वह बहुत दुःखी हुई और उसे क्रोध भी आया। दासी ने वापस आकर रानी को सारी बात बता दी। सुनकर रानी ने अपने भाग्य को कोसा।

उधर, रानी की बहिन ने सोचा कि मेरी बहिन की दासी आई थी, परंतु मैं उससे नहीं बोली, इससे वह बहुत दुःखी हुई होगी।

कथा सुनकर और पूजन समाप्त करके वह अपनी बहिन के घर आई और कहने लगी: हे बहिन! मैं बृहस्पतिवार का व्रत कर रही थी। तुम्हारी दासी मेरे घर आई थी परंतु जब तक कथा होती है, तब तक न तो उठते हैं और न ही बोलते हैं, इसलिए मैं नहीं बोली। कहो दासी क्यों गई थी?

रानी बोली: बहिन, तुमसे क्या छिपाऊं, हमारे घर में खाने तक को अनाज नहीं था। ऐसा कहते-कहते रानी की आंखें भर आई। उसने दासी समेत पिछले सात दिनों से भूखे रहने तक की बात अपनी बहिन को विस्तार पूर्वक सुना दी।

रानी की बहिन बोली: देखो बहिन! भगवान बृहस्पतिदेव सबकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं। देखो, शायद तुम्हारे घर में अनाज रखा हो।

पहले तो रानी को विश्वास नहीं हुआ पर बहिन के आग्रह करने पर उसने अपनी दासी को अंदर भेजा तो उसे सचमुच अनाज से भरा एक घड़ा मिल गया। यह देखकर दासी को बड़ी हैरानी हुई।

दासी रानी से कहने लगी: हे रानी! जब हमको भोजन नहीं मिलता तो हम व्रत ही तो करते हैं, इसलिए क्यों न इनसे व्रत और कथा की विधि पूछ ली जाए, ताकि हम भी व्रत कर सकें। तब रानी ने अपनी बहिन से बृहस्पतिवार व्रत के बारे में पूछा।

उसकी बहिन ने बताया, बृहस्पतिवार के व्रत में चने की दाल और मुनक्का से विष्णु भगवान का केले की जड़ में पूजन करें तथा दीपक जलाएं, व्रत कथा सुनें और पीला भोजन ही करें। इससे बृहस्पतिदेव प्रसन्न होते हैं। व्रत और पूजन विधि बताकर रानी की बहिन अपने घर को लौट गई।

सात दिन के बाद जब गुरुवार आया, तो रानी और दासी ने व्रत रखा। घुड़साल में जाकर चना और गुड़ लेकर आईं। फिर उससे केले की जड़ तथा विष्णु भगवान का पूजन किया। अब पीला भोजन कहाँ से आए इस बात को लेकर दोनों बहुत दुःखी थे। चूंकि उन्होंने व्रत रखा था, इसलिए बृहस्पतिदेव उनसे प्रसन्न थे। इसलिए वे एक साधारण व्यक्ति का रूप धारण कर दो थालों में सुन्दर पीला भोजन दासी को दे गए। भोजन पाकर दासी प्रसन्न हुई और फिर रानी के साथ मिलकर भोजन ग्रहण किया।

उसके बाद वे सभी गुरुवार को व्रत और पूजन करने लगी। बृहस्पति भगवान की कृपा से उनके पास फिर से धन-संपत्ति आ गई, परंतु रानी फिर से पहले की तरह आलस्य करने लगी।

तब दासी बोली: देखो रानी! तुम पहले भी इस प्रकार आलस्य करती थी, तुम्हें धन रखने में कष्ट होता था, इस कारण सभी धन नष्ट हो गया और अब जब भगवान बृहस्पति की कृपा से धन मिला है तो तुम्हें फिर से आलस्य होता है।

रानी को समझाते हुए दासी कहती है कि बड़ी मुसीबतों के बाद हमने यह धन पाया है, इसलिए हमें दान-पुण्य करना चाहिए, भूखे मनुष्यों को भोजन कराना चाहिए, और धन को शुभ कार्यों में खर्च करना चाहिए, जिससे तुम्हारे कुल का यश बढ़ेगा, स्वर्ग की प्राप्ति होगी और पित्र प्रसन्न होंगे। दासी की बात मानकर रानी अपना धन शुभ कार्यों में खर्च करने लगी, जिससे पूरे नगर में उसका यश फैलने लगा।

बृहस्पतिवार व्रत कथा के बाद श्रद्धा के साथ आरती की जानी चाहिए। इसके बाद प्रसाद बांटकर उसे ग्रहण करना चाहिए।

एक दिन राजा दुःखी होकर जंगल में एक पेड़ के नीचे आसन जमाकर बैठ गया। वह अपनी दशा को याद करके व्याकुल होने लगा। बृहस्पतिवार का दिन था, एकाएक उसने देखा कि निर्जन वन में एक साधु प्रकट हुए। वह साधु वेष में स्वयं बृहस्पति देवता थे।

लकड़हारे के सामने आकर बोले: हे लकड़हारे! इस सुनसान जंगल में तू चिन्ता मग्न क्यों बैठा है?

लकड़हारे ने दोनों हाथ जोड़ कर प्रणाम किया और उत्तर दिया: महात्मा जी! आप सब कुछ जानते हैं, मैं क्या कहूँ। यह कहकर रोने लगा और साधु को अपनी आत्मकथा सुनाई।

महात्मा जी ने कहा: तुम्हारी स्त्री ने बृहस्पति के दिन बृहस्पति भगवान का निरादर किया है जिसके कारण रुष्ट होकर उन्होंने तुम्हारी यह दशा कर दी। अब तुम चिन्ता को दूर करके मेरे कहने पर चलो तो तुम्हारे सब कष्ट दूर हो जायेंगे और भगवान पहले से भी अधिक सम्पत्ति देंगे। तुम बृहस्पति के दिन कथा किया करो। दो पैसे के चने मुनक्का लाकर उसका प्रसाद बनाओ और शुद्ध जल से लोटे में शक्कर मिलाकर अमृत तैयार करो। कथा के पश्चात अपने सारे परिवार और सुनने वाले प्रेमियों में अमृत व प्रसाद बांटकर आप भी ग्रहण करो। ऐसा करने से भगवान तुम्हारी सब मनोकामनाएँ पूरी करेंगे।

साधु के ऐसे वचन सुनकर लकड़हारा बोला: हे प्रभो! मुझे लकड़ी बेचकर इतना पैसा नहीं मिलता, जिससे भोजन के उपरान्त कुछ बचा सकूं। मैंने रात्रि में अपनी स्त्री को व्याकुल देखा है। मेरे पास कुछ भी नहीं जिससे मैं उसकी खबर मंगा सकूं।

साधु ने कहा: हे लकड़हारे! तुम किसी बात की चिन्ता मत करो। बृहस्पति के दिन तुम रोजाना की तरह लकड़ियाँ लेकर शहर को जाओ। तुमको रोज से दुगुना धन प्राप्त होगा, जिससे तुम भली-भांति भोजन कर लोगे तथा बृहस्पतिदेव की पूजा का सामान भी आ जायेगा।

इतना कहकर साधु अन्तर्ध्यान हो गए। धीरे-धीरे समय व्यतीत होने पर फिर वही बृहस्पतिवार का दिन आया। लकड़हारा जंगल से लकड़ी काटकर किसी शहर में बेचने गया, उसे उस दिन और दिन से अधिक पैसा मिला। राजा ने चना गुड आदि लाकर गुरुवार का व्रत किया। उस दिन से उसके सभी क्लेश दूर हुए, परन्तु जब दुबारा गुरुवार का दिन आया तो बृहस्पतिवार का व्रत करना भूल गया। इस कारण बृहस्पति भगवान नाराज हो गए।

उस दिन उस नगर के राजा ने विशाल यज्ञ का आयोजन किया तथा शहर में यह घोषणा करा दी कि कोई भी मनुष्य अपने घर में भोजन न बनावे न आग जलावे समस्त जनता मेरे यहाँ भोजन करने आवे। इस आज्ञा को जो न मानेगा उसे फाँसी की सजा दी जाएगी। इस तरह की घोषणा सम्पूर्ण नगर में करवा दी गई।

राजा की आज्ञानुसार शहर के सभी लोग भोजन करने गए। लेकिन लकड़हारा कुछ देर से पहुँचा इसलिए राजा उसको अपने साथ घर लिवा ले गए और ले जाकर भोजन करा रहे थे तो रानी की दृष्टि उस खूंटी पर पड़ी जिस पर उसका हार लटका हुआ था। वह वहाँ पर दिखाई नहीं दिया। रानी ने निश्चय किया कि मेरा हार इस मनुष्य ने चुरा लिया है। उसी समय सिपाहियों को बुलाकर उसको कारागार में डलवा दिया।

जब लकड़हारा कारागार में पड़ गया और बहुत दुःखी होकर विचार करने लगा कि न जाने कौन से पूर्व जन्म के कर्म से मुझे यह दुःख प्राप्त हुआ है, और उसी साधु को याद करने लगा जो कि जंगल में मिला था।

उसी समय तत्काल बृहस्पतिदेव साधु के रूप में प्रकट हुए और उसकी दशा को देखकर कहने लगे: अरे मूर्ख! तूने बृहस्पतिदेव की कथा नहीं करी इस कारण तुझे दुःख प्राप्त हुआ है। अब चिन्ता मत कर बृहस्पतिवार के दिन कारागार के दरवाजे पर चार पैसे पड़े मिलेंगे। उनसे तू बृहस्पतिदेव की पूजा करना तेरे सभी कष्ट दूर हो जायेंगे।

बृहस्पति के दिन उसे चार पैसे मिले। लकड़हारे ने कथा कही उसी रात्रि को बृहस्पतिदेव ने उस नगर के राजा को स्वप्न में कहा: हे राजा! तूमने जिस आदमी को कारागार में बन्द कर दिया है वह निर्दोष है। वह राजा है उसे छोड़ देना। रानी का हार उसी खूंटी पर लटका है। अगर तू ऐसा नही करेगा तो मैं तेरे राज्य को नष्ट कर दूंगा।

इस तरह रात्रि के स्वप्न को देखकर राजा प्रातःकाल उठा और खूंटी पर हार देखकर लकड़हारे को बुलाकर क्षमा मांगी तथा लकड़हारे को योग्य सुन्दर वस्त्र-आभूषण देकर विदा कर दिया। बृहस्पतिदेव की आज्ञानुसार लकड़हारा अपने नगर को चल दिया।

राजा जब अपने नगर के निकट पहुँचा तो उसे बड़ा आश्चर्य हुआ। नगर में पहले से अधिक बाग, तालाब, कुएं तथा बहुत सी धर्मशाला मन्दिर आदि बन गई हैं। राजा ने पूछा यह किसका बाग और धर्मशाला हैं, तब नगर के सब लोग कहने लगे यह सब रानी और बांदी के हैं। तो राजा को आश्चर्य हुआ और गुस्सा भी आया।

जब रानी ने यह खबर सुनी कि राजा आरहे हैं, तो उन्होंने बाँदी से कहा कि: हे दासी! देख राजा हमको कितनी बुरी हालत में छोड़ गए थे। हमारी ऐसी हालत देखकर वह लौट न जायें, इसलिए तू दरवाजे पर खड़ी होजा। आज्ञानुसार दासी दरवाजे पर खड़ी हो गई। राजा आए तो उन्हें अपने साथ लिवा लाई। तब राजा ने क्रोध करके अपनी रानी से पूछा कि यह धन तुम्हें कैसे प्राप्त हुआ है, तब उन्होंने कहा: हमें यह सब धन बृहस्पतिदेव के इस व्रत के प्रभाव से प्राप्त हुआ है।

राजा ने निश्चय किया कि सात रोज बाद तो सभी बृहस्पतिदेव का पूजन करते हैं परन्तु मैं प्रतिदिन दिन में तीन बार कहानी तथा रोज व्रत किया करूँगा। अब हर समय राजा के दुपट्‌टे में चने की दाल बँधी रहती तथा दिन में तीन बार कहानी कहता।

एक रोज राजा ने विचार किया कि चलो अपनी बहिन के यहाँ हो आवें। इस तरह निश्चय कर राजा घोड़े पर सवार हो अपनी बहिन के यहाँ को चलने लगा। मार्ग में उसने देखा कि कुछ आदमी एक मुर्दे को लिए जा रहे हैं, उन्हें रोककर राजा कहने लगा: अरे भाइयों! मेरी बृहस्पतिदेव की कथा सुन लो।

वे बोले: लो! हमारा तो आदमी मर गया है, इसको अपनी कथा की पड़ी है। परन्तु कुछ आदमी बोले: अच्छा कहो हम तुम्हारी कथा भी सुनेंगे। राजा ने दाल निकाली और जब कथा आधी हुई थी कि मुर्दा हिलने लग गया और जब कथा समाप्त हो गई तो राम-राम करके मनुष्य उठकर खड़ा हो गया।

आगे मार्ग में उसे एक किसान खेत में हल चलाता मिला। राजा ने उसे देख और उससे बोले: अरे भईया! तुम मेरी बृहस्पतिवार की कथा सुन लो। किसान बोला जब तक मैं तेरी कथा सुनूंगा तब तक चार हरैया जोत लूंगा। जा अपनी कथा किसी और को सुनाना। इस तरह राजा आगे चलने लगा। राजा के हटते ही बैल पछाड़ खाकर गिर गए तथा किसान के पेट में बड़ी जोर का दर्द होने लगा।

उस समय उसकी माँ रोटी लेकर आई, उसने जब यह देखा तो अपने पुत्र से सब हाल पूछा और बेटे ने सभी हाल कह दिया तो बुढ़िया दौड़ी-दौड़ी उस घुड़सवार के पास गई और उससे बोली कि मैं तेरी कथा सुनूंगी तू अपनी कथा मेरे खेत पर चलकर ही कहना। राजा ने बुढ़िया के खेत पर जाकर कथा कही, जिसके सुनते ही वह बैल उठ खड़ हुए तथा किसान के पेट का दर्द भी बन्द हो गया।

राजा अपनी बहिन के घर पहुँचा। बहिन ने भाई की खूब मेहमानी की। दूसरे रोज प्रातःकाल राजा जगा तो वह देखने लगा कि सब लोग भोजन कर रहे हैं।

राजा ने अपनी बहिन से कहा: ऐसा कोई मनुष्य है जिसने भोजन नहीं किया हो, मेरी बृहस्पतिवार की कथा सुन ले।

बहिन बोली: हे भैया! यह देश ऐसा ही है कि पहले यहाँ लोग भोजन करते हैं, बाद में अन्य काम करते हैं। अगर कोई पड़ोस में हो तो देख आउं।

वह ऐसा कहकर देखने चली गई परन्तु उसे कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला, जिसने भोजन न किया हो अतः वह एक कुम्हार के घर गई जिसका लड़का बीमार था। उसे मालूम हुआ कि उनके यहाँ तीन रोज से किसी ने भोजन नहीं किया है। रानी ने अपने भाई की कथा सुनने के लिए कुम्हार से कहा वह तैयार हो गया। राजा ने जाकर बृहस्पतिवार की कथा कही जिसको सुनकर उसका लड़का ठीक होगया, अब तो राजा की प्रशंसा होने लगी।

एक रोज राजा ने अपनी बहिन से कहा कि हे बहिन! हम अपने घर को जायेंगे। तुम भी तैयार हो जाओ। राजा की बहिन ने अपनी सास से कहा। सास ने कहा हाँ चली जा। परन्तु अपने लड़कों को मत ले जाना क्योंकि तेरे भाई के कोई औलाद नहीं है।

बहिन ने अपने भईया से कहा: हे भईया! मैं तो चलूंगी पर कोई बालक नहीं जाएगा।
राजा बोला: जब कोई बालक नहीं चलेगा, तब तुम ही क्या करोगी।

बड़े दुःखी मन से राजा अपने नगर को लौट आया।
राजा ने अपनी रानी से कहा: हम निरवंशी हैं। हमारा मुंह देखने का धर्म नहीं है और कुछ भोजन आदि नहीं किया।

रानी बोली: हे प्रभो! बृहस्पतिदेव ने हमें सब कुछ दिया है, वह हमें औलाद अवश्य देंगे।

उसी रात को बृहस्पतिदेव ने राजा से स्वप्न में कहा: हे राजा उठ। सभी सोच त्याग दे, तेरी रानी गर्भ से है। राजा की यह बात सुनकर बड़ी खुशी हुई।

नवें महीने में उसके गर्भ से एक सुन्दर पुत्र पैदा हुआ। तब राजा बोला: हे रानी! स्त्री बिना भोजन के रह सकती है, पर बिना कहे नहीं रह सकती। जब मेरी बहिन आवे तुम उससे कुछ कहना मत। रानी ने सुनकर हाँ कर दिया।

जब राजा की बहिन ने यह शुभ समाचार सुना तो वह बहुत खुश हुई तथा बधाई लेकर अपने भाई के यहाँ आई, तभी रानी ने कहा: घोड़ा चढ़कर तो नहीं आई, गधा चढ़ी आई।

राजा की बहिन बोली: भाभी मैं इस प्रकार न कहती तो तुम्हें औलाद कैसे मिलती।

बृहस्पतिदेव ऐसे ही हैं, जैसी जिसके मन में कामनाएँ हैं, सभी को पूर्ण करते हैं, जो सदभावनापूर्वक बृहस्पतिवार का व्रत करता है एवं कथा पढता है, अथवा सुनता है, दूसरो को सुनाता है, बृहस्पतिदेव उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
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आरती: श्री बृहस्पति देवआरती माँ लक्ष्मीजीॐ जय जगदीश हरे आरतीश्री बृहस्पतिवार व्रत कथा 2गुरुवार गुड मॉर्निंग मैसेज
भगवान बृहस्पतिदेव उसकी सदैव रक्षा करते हैं, संसार में जो मनुष्य सदभावना से भगवान जी का पूजन व्रत सच्चे हृदय से करते हैं, तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है।

जैसी सच्ची भावना से रानी और राजा ने उनकी कथा का गुणगान किया तो उनकी सभी इच्छायें बृहस्पतिदेव जी ने पूर्ण की थीं। इसलिए पूर्ण कथा सुनने के बाद प्रसाद लेकर जाना चाहिए। हृदय से उसका मनन करते हुए जयकारा बोलना चाहिए।
॥ बोलो बृहस्पतिदेव की जय। भगवान विष्णु की जय ॥

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Ten Unknown Facts About

1. Founding and History: BMW, Bayerische Motoren Werke AG, was founded in 1916 in Munich, Germany, initially producing aircraft engines. The company transitioned to motorcycle production in the 1920s and eventually to automobiles in the 1930s.

2. Iconic Logo: The BMW logo, often referred to as the "roundel," consists of a black ring intersecting with four quadrants of blue and white. It represents the company's origins in aviation, with the blue and white symbolizing a spinning propeller against a clear blue sky.

3. Innovation in Technology: BMW is renowned for its innovations in automotive technology. It introduced the world's first electric car, the BMW i3, in 2013, and has been a leader in developing advanced driving assistance systems (ADAS) and hybrid powertrains.

4. Performance and Motorsport Heritage: BMW has a strong heritage in motorsport, particularly in touring car and Formula 1 racing. The brand's M division produces high-performance variants of their regular models, known for their precision engineering and exhilarating driving dynamics.

5. Global Presence: BMW is a global automotive Company

6. Luxury and Design: BMW is synonymous with luxury and distinctive design, crafting vehicles that blend elegance with cutting-edge technology and comfort.

7. Sustainable Practices: BMW has committed to sustainability, incorporating eco-friendly materials and manufacturing processes into its vehicles, as well as advancing electric vehicle technology with models like the BMW i4 and iX.

8. Global Manufacturing: BMW operates numerous production facilities worldwide, including in Germany, the United States, China, and other countries, ensuring a global reach and localized production.

9. Brand Portfolio: In addition to its renowned BMW brand, the company also owns MINI and Rolls-Royce, catering to a diverse range of automotive tastes and luxury segments.

10. Cultural Impact: BMW's vehicles often become cultural icons, featured in f

Ten Unknown Facts About   1. Founding and History: BMW, Bayerische Motoren Werke AG, was founded in 1916 in Munich, Germ...
25/07/2024

Ten Unknown Facts About

1. Founding and History: BMW, Bayerische Motoren Werke AG, was founded in 1916 in Munich, Germany, initially producing aircraft engines. The company transitioned to motorcycle production in the 1920s and eventually to automobiles in the 1930s.

2. Iconic Logo: The BMW logo, often referred to as the "roundel," consists of a black ring intersecting with four quadrants of blue and white. It represents the company's origins in aviation, with the blue and white symbolizing a spinning propeller against a clear blue sky.

3. Innovation in Technology: BMW is renowned for its innovations in automotive technology. It introduced the world's first electric car, the BMW i3, in 2013, and has been a leader in developing advanced driving assistance systems (ADAS) and hybrid powertrains.

4. Performance and Motorsport Heritage: BMW has a strong heritage in motorsport, particularly in touring car and Formula 1 racing. The brand's M division produces high-performance variants of their regular models, known for their precision engineering and exhilarating driving dynamics.

5. Global Presence: BMW is a global automotive Company

6. Luxury and Design: BMW is synonymous with luxury and distinctive design, crafting vehicles that blend elegance with cutting-edge technology and comfort.

7. Sustainable Practices: BMW has committed to sustainability, incorporating eco-friendly materials and manufacturing processes into its vehicles, as well as advancing electric vehicle technology with models like the BMW i4 and iX.

8. Global Manufacturing: BMW operates numerous production facilities worldwide, including in Germany, the United States, China, and other countries, ensuring a global reach and localized production.

9. Brand Portfolio: In addition to its renowned BMW brand, the company also owns MINI and Rolls-Royce, catering to a diverse range of automotive tastes and luxury segments.

10. Cultural Impact: BMW's vehicles often become cultural icons, featured in fi

𝐏𝐚𝐭𝐡𝐢𝐯𝐚𝐫𝐚 𝐓𝐨𝐮𝐫 𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 𝟒𝐍/𝟓𝐃@17000𝐩𝐞𝐫 𝐏𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐁𝐲 𝐉𝐞𝐞𝐩 @12000 𝐩𝐞𝐫 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐛𝐲 𝐁𝐮𝐬𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐁𝐢𝐫𝐭𝐚𝐦𝐨𝐝𝐡* Depart early...
24/07/2024

𝐏𝐚𝐭𝐡𝐢𝐯𝐚𝐫𝐚 𝐓𝐨𝐮𝐫 𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 𝟒𝐍/𝟓𝐃
@17000𝐩𝐞𝐫 𝐏𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐁𝐲 𝐉𝐞𝐞𝐩
@12000 𝐩𝐞𝐫 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐛𝐲 𝐁𝐮𝐬
𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐁𝐢𝐫𝐭𝐚𝐦𝐨𝐝𝐡
* Depart early in the morning from your location via Sindhuli BP Highway.
* Have lunch on the way.
* Explore the Terai road.
* Stay at Birtamodh.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟐: 𝐁𝐢𝐫𝐭𝐚𝐦𝐨𝐝𝐡 𝐭𝐨 𝐓𝐚𝐩𝐥𝐞𝐣𝐮𝐧𝐠
* Have an early morning breakfast at the hotel and head towards Taplejung.
* Enjoy the journey with sightseeing opportunities.
* Explore the ways of Taplejung.
* Have lunch on the way.
* Stay at Taplejung.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟑: 𝐓𝐚𝐩𝐥𝐞𝐣𝐮𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐓𝐡𝐮𝐥𝐨𝐩𝐡𝐞𝐝𝐢 – 𝐏𝐚𝐭𝐡𝐢𝐯𝐚𝐫𝐚
* Take a jeep to Thulofedi early in the morning (self-cost for jeep, which is 400 for going and 400 for coming back).
* Trek about 5km from Thulofedi towards Pathivara.
* After visiting Pathivara, return back to the hotel.
* Have dinner at the hotel.
* Stay at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟒: 𝐓𝐚𝐩𝐥𝐞𝐣𝐮𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐊𝐚𝐧𝐲𝐚𝐦
* Have an early morning breakfast at the hotel.
* Have lunch on the way.
* Explore Kanyam and the Ilam District.
* Have dinner at the hotel.
* Stay at Kanyam.
𝐃𝐚𝐲 𝟓: 𝐊𝐚𝐧𝐲𝐚𝐦 𝐭𝐨 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮
* Have breakfast at the hotel.
* Head back to Kathmandu.
* Have lunch on the way.
* Reached Kathmandu
*Yadi aap kisi Garib ki help karna chahte hain
*Aap donation ₹1 Dan dekar kisi Garib ki help karna
𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞 :-
✅ Lunch
✅ Dinner
✅ Breakfast
✅ Room Accommodation ( sharing Basis)
✅ Transportation ( bus or jeep as per your preference)
𝐍𝐨𝐭 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 😕
𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐝
❌ Snacks & cuisines
❌ Drinking beverages (Beer, Mineral Water)
❌ Personal expenses
❌ Travel Insurance
❌ Overstay due to any natural calamities/strikes
𝐅𝐨𝐫 𝐦𝐨𝐫𝐞 𝐨𝐫 𝐁𝐨𝐨𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐂𝐨𝐧𝐭𝐚𝐜𝐭 :
𝐒𝐚𝐧𝐬𝐡𝐫𝐞𝐞 𝐈𝐧𝐭𝐞𝐫𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐓𝐫𝐚𝐯𝐞𝐥 𝐀𝐧𝐝 𝐓𝐨𝐮𝐫𝐬 (𝐏𝐯𝐭. 𝐋𝐭𝐝.) 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮
Note: Schools and colleges are planning to go on a tour. Remember, we offer special discounts for schools and colleges. These special discounts will be provided for schools and colleges
𝐏𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐩𝐩𝐨𝐫𝐭𝐮𝐧𝐢𝐭𝐲 𝐭𝐨 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐞, 𝐘𝐨𝐮𝐫 𝐒𝐚𝐭𝐢𝐬𝐟𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐨𝐮𝐫 𝐀𝐜𝐡𝐢𝐞𝐯𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭


























Jai neemkaroli dham

Jai Maa Lakshmi ji

कोई भी miss मत करो बुधवार के दिन पिता पुत्र को ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️दिन 1: काठमांडू से बिरतमोध*सुबह-सुबह अपने स्थ...
24/07/2024

कोई भी miss मत करो बुधवार के दिन पिता पुत्र को ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
दिन 1: काठमांडू से बिरतमोध
*सुबह-सुबह अपने स्थान से सिंधुली बीपी हाईवे के माध्यम से प्रस्थान करें।
* रास्ते में दोपहर का भोजन करें।
* तराई सड़क का अन्वेषण करें।
* बिर्तामोढ में रहना।
* होटल में रात का खाना है।
दूसरा दिन: बिरतमोध से ताप्लेजुंग
* होटल में सुबह का नाश्ता करके ताप्लेजुंग की ओर रवाना हो जाओ।
* पर्यटन स्थलों के भ्रमण के अवसरों के साथ यात्रा का आनंद लें।
* ताप्लेजुंग के तरीकों का अन्वेषण करें।
* रास्ते में दोपहर का भोजन करें।
* ताप्लेजुंग में रहो।
* होटल में रात का खाना है।
दिन 3: ताप्लेजुंग से ठुलोफेडी - पाथिभरा
* सुबह सुबह ठुलोफेदी जीप ले जाओ (जीप के लिए स्व लागत जो जाने के लिए 400 और वापस आने के लिए 400)
* ठुलोफेदी से पाथिभरा की ओर लगभग 5 किमी ट्रेक।
* पाथिभरा दर्शन के बाद वापस होटल
* होटल में रात का खाना है।
* होटल में रुको।
𝐃𝐚𝐲 𝟒: 𝐓𝐚𝐩𝐥𝐞𝐣𝐮𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐊𝐚𝐧𝐲𝐚𝐦
* होटल में सुबह का नाश्ता करें।
* रास्ते में दोपहर का भोजन करें।
* कन्याम और ईलाम जिले का अन्वेषण करें।
* होटल में रात का खाना है।
* कन्याम में रहना।
दिन 5: कन्याम से काठमांडू
* होटल में नाश्ता करें।
* काठमांडू के लिए वापस जा रहे हैं।
* रास्ते में दोपहर का भोजन करें।
* काठमांडू पहुँच गए
पैकेज में शामिल है :-
✅ दोपहर का भोजन
✅ डिनर
✅ नाश्ता
✅ कमरा आवास (आधार साझा करना)
✅ परिवहन (बस या जीप आपकी पसंद के अनुसार)
पैकेज में शामिल नहीं है 😕
पैकेज शामिल नहीं है
❌ स्नैक्स और व्यंजन
❌ पेय पदार्थ पीना (बीर, खनिज जल)
❌ व्यक्तिगत खर्च
❌ यात्रा बीमा
❌ किसी भी प्राकृतिक आपदा / हड़ताल के कारण ओवरस्टे
नोट: स्कूल और कॉलेज दौरे पर जाने की योजना बना रहे हैं। याद रहे स्कूल कॉलेज के लिए हम विशेष छूट देते हैं। स्कूल-कॉलेजों के लिए मिलेगी ये विशेष छूट
कृपया सेवा का अवसर प्रदान करें, आपकी संतुष्टि ही हमारी उपलब्धि है

गणेश को लाइक करो आपको रिद्धि सिद्धि प्राप्त होगी Today's 💞 Best' 🥀 Sleeping 😌 Photography _______________👉 Rajkishor Yad...
24/07/2024

गणेश को लाइक करो आपको रिद्धि सिद्धि प्राप्त होगी
Today's 💞 Best' 🥀 Sleeping 😌 Photography _______________👉
Rajkishor Yadav
Challenge











𝐓𝐫𝐚𝐯𝐞𝐥 𝐏𝐥𝐚𝐧: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢* Depart early in the morning from your location...
23/07/2024

𝐓𝐫𝐚𝐯𝐞𝐥 𝐏𝐥𝐚𝐧: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧
𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢
* Depart early in the morning from your location via the Prithvi Highway.
* Have lunch on the way.
* Visit Lumbini, the birthplace of Lord Buddha.
* Explore the Lumbini Garden and the Mayadevi Temple.
* Stay at Lumbini.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟐: 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐭𝐨 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭𝐩𝐮𝐫
* Have an early morning breakfast at the hotel and head towards Bharatpur.
* Enjoy the scenic journey.
* Explore Bharatpur and visit the Narayani River.
* Have lunch on the way.
* Stay at Bharatpur.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟑: 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧 𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐏𝐚𝐫𝐤
* After breakfast, head to Chitwan National Park.
* Enjoy a jungle safari and elephant ride.
* Visit the Elephant Breeding Center.
* Have lunch inside the park.
* Return to the hotel in the evening.
* Have dinner at the hotel.
* Stay at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟒: 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭𝐩𝐮𝐫 𝐭𝐨 𝐁𝐚𝐧𝐝𝐢𝐩𝐮𝐫
* Have an early morning breakfast at the hotel.
* Head towards Bandipur.
* Have lunch on the way.
* Explore Bandipur, visit Siddha Gufa (cave), and enjoy the local culture.
* Stay at Bandipur.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟓: 𝐁𝐚𝐧𝐝𝐢𝐩𝐮𝐫 𝐭𝐨 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮
* Have breakfast at the hotel.
* Head back to Kathmandu.
* Have lunch on the way.
* Reach Kathmandu by evening.
𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐬:
✅ Lunch
✅ Dinner
✅ Breakfast
✅ Room Accommodation (sharing basis)
✅ Transportation (bus or jeep as per your preference)
𝐍𝐨𝐭 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞:
❌ Snacks & cuisines
❌ Drinking beverages (Beer, Mineral Water)
❌ Personal expenses
❌ Travel Insurance
❌ Overstay due to any natural calamities/strikes
**Note:** Schools and colleges are planning to go on a tour. Remember, we offer special discounts for schools and colleges. These special discounts will be provided for schools and colleges.
𝐏𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐩𝐩𝐨𝐫𝐭𝐮𝐧𝐢𝐭𝐲 𝐭𝐨 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐞, 𝐘𝐨𝐮𝐫 𝐒𝐚𝐭𝐢𝐬𝐟𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐨𝐮𝐫 𝐀𝐜𝐡𝐢𝐞𝐯𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭

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