Mukesh Mathur

Mukesh Mathur State Editor Dainik Bhasker, Rajasthan J*O*U*R*N*A*L*I*S*M और Z*I*N*D*G*I⛱
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गर्व है।Rohit Sharma Dainik Bhaskar
20/11/2023

गर्व है।
Rohit Sharma Dainik Bhaskar

19/11/2023

बॉयज़ प्लेड वेल। पूरा टूर्नामेंट। सराहिए उन्हें।

आइए भाजपा-कांग्रेस में टीम इंडिया खोजें • मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेटअपनी-अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता। मैदान पर प...
19/11/2023

आइए भाजपा-कांग्रेस में टीम इंडिया खोजें

• मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

अपनी-अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता। मैदान पर पूरा फोकस टास्क को आनंद लेते हुए पूरा करना। ईगो फ्री ड्रेसिंग रूम में हंसी-खेल का माहौल लेकिन मैदान पर इतने आक्रामक कि बाकी टीमों से कोसों दूर निकल जाएं। टीम मैनेजमेंट की मीटिंग में तय प्लान को अक्षरशः मैच में लागू कर देने वाला आत्मविश्वास से भरा कप्तान जो खिलाड़ियों को सबसे करीबी दोस्त भी लगे।

जिस टीम में ये छह-सात तत्व पाए जाएंगे वह फाइनल का टिकट कटवा सकती है। इस विश्वकप में टीम इंडिया ऐसी ही है। राजस्थान चुनाव में कौनसी टीम के पास जीत का यह पक्का फॉर्मूला मौजूद है?

भाजपा के टॉप दस नेताओं को उनकी भूमिका का पता है निभा भी रहे हैं। टीम स्पिरिट और दिखती अगर वसुंधरा राजे, राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनियां, गजेन्द्र सिंह सहित सभी दिग्गज एक-दूसरे के क्षेत्र में मंच साझा करते, प्रत्याशी के लिए वोट मांगते नजर आते। संदेश जाता।

भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पूरे फोकस के साथ मैदान में हैं। रोज की रिपोर्ट तैयार हो रही है। अगले दिन उसके हिसाब से रणनीति बन रही है। प्रोफेशनल एजेंसियां पल-पल की जानकारी जुटा रही हैं।

भाषणों में जनता की दुखती रग पर चोट की जा रही है। घर-परिवार और सदस्यों की हर जरूरत का सामान सेवा देने की उम्मीद बंधाई जा रही है। किसी ने पोस्ट की कि सारी पार्टियां सिलेंडर 500-450 रुपए में देने की होड़ कर रही है लेकिन कोई पेट्रोल-डीजल की बात करने का साहस क्यों नहीं जुटा रहा? प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार की सभा में कह दिया कि सत्ता में आते ही पेट्रोल- डीजल की दरों की समीक्षा कर उचित कदम उठाया जाएगा।
54 दिन बाद राजस्थान आए राहुल और अब प्रियंका ने अंग्रेजी स्कूल, नए जिले चिरंजीवी योजना पर बात की।

टास्क का आनंद! कम ही नेता ले पा रहे हैं। तनाव सामने वाले को देना चाहिए, खुद ले रहे हैं। इस मामले में अशोक गहलोत- सचिन पायलट आदर्श हो सकते हैं। पांच साल की खींचतान के बावजूद एयरपोर्ट और मंच पर मुस्कुराते हुए तो दिख रहे हैं।

प्रियंका गांधी ने मोदी जी घूम-घूम कर सीएम चेहरा ढूंढ़ रहे हैं' तो बोल दिया लेकिन एक इंटरव्यू में यह भी कह दिया कि उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री आलाकमान तय करेगा। इसके बावजूद भी आज चुनाव अभियान की कमान कांग्रेस में गहलोत और भाजपा में मोदी के हाथ में है यह तो हम जानते ही हैं। क्या ये दोनों लीडर रोहित शर्मा की तरह प्लान जमीन पर अक्षरशः उतार रहे हैं?

पिछले चुनाव की 12 सभाओं के मुकाबले मतदान में एक हफ्ता रहते अब तक 15 सभाएं कर चुके मोदी और लगभग सभी सीटें घूम चुके गहलोत लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट यानी कि खुद आगे रह कर नेतृत्व देने का उदाहरण भी पेश कर रहे हैं और रणनीति का सूक्ष्मतम स्तर पर क्रियान्वयन भी कर रहे हैं। बस स्लॉग ओवर्स का मैच बचा है।
Dainik Bhaskar

चुनाव की पूर्व संध्या पर हमें तो नेताओं के अंदाज भी क्रिकेट के इशारों जैसे ही लगे।      Dainik Bhaskar
19/11/2023

चुनाव की पूर्व संध्या पर हमें तो नेताओं के अंदाज भी क्रिकेट के इशारों जैसे ही लगे।
Dainik Bhaskar

ज़हीन पत्रकार, जमीनी इंसान।Rajdeep Sardesai
18/11/2023

ज़हीन पत्रकार, जमीनी इंसान।
Rajdeep Sardesai

राजस्थान में किसकी लहर। देखें कमेंट बॉक्स में।
18/11/2023

राजस्थान में किसकी लहर। देखें कमेंट बॉक्स में।

18/11/2023

क्या वाकई पिछली सरकार के भ्रष्टाचार की जांच किसी ने आज तक करवाई है? भाजपा ने घोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार के कथित घोटालों की जांच के लिए एसआईटी बनाने की घोषणा की है।
#हनुमान_बेनीवाल

चुनाव और नौकरी का ये रिश्ता क्या कहलाता है ? • मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट  ढाई लाख नौकरियां। स्वागत है। बेरोजगारी...
18/11/2023

चुनाव और नौकरी का ये रिश्ता क्या कहलाता है ?

• मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

ढाई लाख नौकरियां। स्वागत है। बेरोजगारी, पेपर लीक, आरपीएससी में भ्रष्टाचार से आहत 46 लाख युवाओं वाले प्रदेश में नौकरी शब्द ही शायद कुछ खुशी ला दे। नौकरियां मिल भी जाए और इतनी तादाद में मिल जाए तो युवा आपका सार्वजनिक अभिनंदन भी कर देगा।

पांच साल में कांग्रेस ने युवाओं की इस सबसे बड़ी जरूरत को नजरअंदाज किया तो भाजपा ने इस गहरे दर्द को कभी ठीक से व्यक्त नहीं किया। चुनाव करीब आया तो बेरोजगार सबको याद आ गया।

लाखों नौकरियों का पूरा सच गिनती की कुछ पंक्तियों में जान लीजिए। कांग्रेस सरकार ने पांच साल में करीब 1.37 लाख नियुक्तियाँ दीं। इनमें तकरीबन एक लाख से अधिक भर्तियां अकेले शिक्षा विभाग में की थीं। पिछले बजट में एक लाख नई भर्तियों की घोषणा की लेकिन कभी धरातल पर नहीं आई। किस महकमे में कितनी नौकरियां किन पदों की दी जाएंगी यह वर्गीकरण तक नहीं बताया गया।

विडंबना यह कि करीब 98 हजार पदों पर परीक्षा आवेदन प्रक्रिया और नियुक्तियां चुनाव आचार संहिता लग जाने से स्थगित हो गई हैं। यह हमेशा होता है। सरकारों को आखिरी साल में बेरोजगार बहुत ही शिद्दत से याद आता है।

वसुंधरा राजे सरकार ने पांचवें वर्ष में 1.20 लाख बेरोजगारों को रोजगार देने की घोषणा की थी। रिक्तियां निकालीं, आवेदन भी ले लिए। फिर चुनाव आ गए। सपने अटक गए। ये नौकरियां बाद में अगली कांग्रेस सरकार ने दी। चुनाव और नौकरी का यह रिश्ता क्या कहलाता है?

बकौल 'संकल्प' पत्र ढाई लाख नौकरियां भाजपा देगी और हो सकता है कांग्रेस भी ऐसी कोई घोषणा कर दे लेकिन क्या राजस्थान में बेरोजगारी के मुद्दे को आशिक रूप से ही संबोधित करना है? सिर्फ कुछ लाख नौकरियां ? क्या आप जानते हैं कि 10वीं पास की अहर्ता वाली वनरक्षक- वनपाल भर्ती के लिए कुल कितने आवेदन आए थे? 22 लाख। सोचिए राजस्थान में बेरोजगार युवाओं की कुल संख्या कितनी होगी?

सरकारी नौकरियां हैं कितनी? सीमा होगी ही, कोई क्या कर सकता है, लेकिन वाकई समस्या को खत्म करना है तो पूरा ईको सिस्टम तैयार करना होगा, विकास के रोडमैप में रोजगार की संभावनाएं ढूंढ़ निकालनी होंगी इन्वेस्ट राजस्थान के नाम पर कॉन्क्लेव बुलाने की रस्म अदायगी से आगे बढ़ कर उद्योग लगवाने होंगे। मंत्री, एक पूरा महकमा, विशेषज्ञ इस विषय पर लगाने होंगे।

जैसे दुष्कर्म का मुद्दा महज महिला डेस्क और एंटी रोमियो स्क्वॉड बना देने से नहीं हल होना, उसी तरह बेरोजगारी भी जटिल मामला है। क्या कोई पार्टी ईमानदारी से प्रदेश में मुद्दा-ए-रोजगार को सुलझाना चाहती है? राजस्थान जानना चाहता है।
Dainik Bhaskar

बीजेपी का संकल्प पत्र: आज तक घोटालों की जांच घोषणा पत्र के पन्नों में ही हुई है • मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट हम स...
17/11/2023

बीजेपी का संकल्प पत्र: आज तक घोटालों की जांच घोषणा पत्र के पन्नों में ही हुई है

• मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

हम सरकार के घोटालों की जांच करवाएंगे। क्या वाकई? इन घोटालों में जिसके गाढ़े पसीने की कमाई और मूल जरूरतों का पैसा नेता, अफसर, ठेकेदार हजम करते हैं वह आम आदमी पूछना चाहता है। क्या वाकई आप अपनी बात पर गंभीर हैं?

सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन का मौन सत्याग्रह इस बात पर किया था कि वसुंधरा राजे सरकार के समय के 45 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले की जांच नहीं की गई। अशोक गहलोत बोले कि कमेटी ने जांच की थी। जनता का अगला सवाल- जांच की थी तो क्या निकला, क्या घोटाला हुआ था, अगर हां तो किसी को जेल भेजा ?

गुरुवार को भाजपा ने गहलोत सरकार के घोटालों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की बात घोषणा पत्र में की है। सच यह है कि सत्ता में आने के बाद गठन तो होता है लेकिन कमेटी और आयोग का को 'जांच कर रहे हैं' के प्रजेंट कन्टीन्युअस टेन्स में टंगे रह जाते हैं।

वसुंधरा राजे के 2003 से 2008 के कार्यकाल की जांच के लिए गहलोत सरकार ने माथुर आयोग का गठन किया था। 2013 से 2018 की वसुंधरा सरकार के अंतिम छह माह में लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए बीडी कल्ला की अध्यक्षता में एक सब कमेटी बनी।

गहलोत सरकार के समय हुए एकल पट्टा प्रकरण में शांति धारीवाल का नाम आया, एक आईएएस को जेल भी जाना पड़ा लेकिन चुनाव में जिस तरह से चीख-चीख कर जनता को बताया जाता है कि वर्तमान सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है वह स्वर गद्दी पर बैठते ही मद्धम पड़ जाते हैं।

जनता अपना निष्कर्ष केजरीवाल वाले डायलॉग में निकाल लेती है- सब मिले हुए हैं साब खुद केजरीवाल शीला दीक्षित के कॉमनवेल्थ गेम्स का हिसाब-किताब करने की बातें ही करके रह गए थे जानते ही हैं आप।

भाजपा के घोषणापत्र में ढाई लाख नौकरियां, आईआईटी, एम्स स्तर के संस्थान, शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण सहित कई आकर्षण हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सबसे ज्यादा आपत्ति ले रही पार्टी का थिंक टैंक इस मुद्दे पर कोई प्रभावी आइडिया नहीं लेकर आ सका। हर जिले में महिला थाना और थाने में महिला डेस्क तो हैं ही। कानून का इकबाल बुलंद करने के लिए पुलिस को कैसे खुला हाथ देंगे और एम्पावर करेंगे इस पर बात होनी चाहिए थी।

संकल्प पत्र में रेवड़ियां बांटने का संकल्प नहीं है, इंसान को सबल बनाने का विजन है। जो अच्छी बात है।
Dainik Bhaskar

16/11/2023

आंखें बंद कर सुनिए-सिगिंग के सारे रियलिटी शो फेल हैं इस आवाज के सामने। आपको यह गायकी कैसी लगी कमेंट बॉकस में बताइए।

राठौड़, पूनियां, किरोड़ी की चुनावी यात्रा में दचके हैं, पर जा सही रास्ते रहे हैं ॰ मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेटमतदा...
16/11/2023

राठौड़, पूनियां, किरोड़ी की चुनावी यात्रा में दचके हैं, पर जा सही रास्ते रहे हैं

॰ मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

मतदान अब 199 सीटों पर है। श्रीकरणपुर से 75 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत गुरमीत सिंह कुन्नर ने आलाकमान से बोला था- ‘टिकट बेटे को दे दो, मेरा पिंड छूटे।’ राजनीति को जीवन के सारे बसंत अर्पण देने वाले बुजुर्ग सियासतदानों का पिंड न राजनीति छोड़ती है और न ही पार्टियां। सियासत को 24 घंटे जीना पड़ता है। नतीजा, उम्र मुट्‌ठी में से मिट्‌टी की तरह फिसल कर कब गुजर जाती है पता भी नहीं चलता।

80 साल या उससे ज्यादा के 9 हजार 687 मतदाताओं ने ‘होम वोटिंग’ के पहले दिन घर से वोट देकर संदेश दिया है कि एक-एक वोट कीमती है।

भाजपा के सितारों की अपनी सीट पर क्या स्थिति है? राजेन्द्र राठौड़ को नरेन्द्र बुढानिया के साथ टक्कर में बताया जा रहा है लेकिन अंतत: चुनाव जाट बनाम बाकी सब की दिशा में जा रहा है। मुस्लिम वोट कांग्रेस को एकतरफा भी मिल जाएं तो गैर जाट ओबीसी जातियां भी अपनी भूमिका निभाएंगी।

आमेर में सतीश पूनियां ने पिछली बार प्रशांत शर्मा को 13 हजार वोटों से हराया था। इस बार आरएलपी के विनोद जाट बीच में आ खड़े हुए हैं। इस चुनौती पर काफी कुछ निर्भर करेगा।

किरोड़ी लाल मीणा को आशा मीणा चुनौती दे रही हैं लेकिन समाज बड़े-बुजुर्ग का सम्मान बचाने में जुटेगा। दानिश अबरार बनाम गुर्जर वोटर डिसाइडिंग फेक्टर होगा।

दीया कुमारी को रास्ता पहले से ही सुगम बना कर दिया गया है। राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ टिकट की घोषणा के दिन से खूब निरंतरता के साथ क्षेत्र में काम करते रहे, बजाय इधर-उधर के घटनाक्रम से प्रभावित होने के। राजपाल के बैठने के साथ ही एक हफ्ते में स्थितियां कितनी बदलीं इस पर नजर रहेगी।

भाजपा का कुल सीटों का गणित जरूर हर दिन बन-बिगड़ रहा है लेकिन इन जाने-माने चेहरों की चुनाव यात्रा चुनौतियों के बीच संभल कर चल रही है।
Dainik Bhaskar

एक अपील उदयपुर के कन्हैयालाल के परिवार की तरफ से...
15/11/2023

एक अपील उदयपुर के कन्हैयालाल के परिवार की तरफ से...

सत्ता के सेमीफाइनल में बात मरने-मारने की होने लगी है • मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट  'चुनाव में किसी को मारना भी पड...
15/11/2023

सत्ता के सेमीफाइनल में बात मरने-मारने की होने लगी है

• मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

'चुनाव में किसी को मारना भी पड़े तो मार डालो। जीतना है।' हत्या के लिए उकसाने वाले ऐसे भाषण दे रहे प्रत्याशियों को जनता को सख्त जवाब देना पड़े तो दे देना चाहिए।

दुर्भाग्य यह है कि ऐसे बयान आवेश में नहीं होशो हवास में सोच कर बोले जा रहे हैं। तारानगर की सीट फंसी हुई है। बाद में बोले गए को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का दावा किया गया।

नेता इतने उतावले क्यों हो रहे हैं? सच यह है कि पार्टियां ही आश्वस्त भाव और ठोस रणनीति के साथ मैदान में नहीं हैं तो नेता का तो सब दांव पर लगा है। वक्त बीता जा रहा है। प्रत्याशी को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। कोई कथित स्टार प्रचारक आए, माहौल बदल जाए इसके आसार भी नहीं दिख रहे। क्षेत्र में ही स्टार के अपने सितारे गर्दिश में हैं।

कांग्रेस में राहुल सोनिया आए भी तो कहा गया कि निजी यात्रा पर आए हैं। दो दिन बाद राहुल की सभाएं जरूर हैं और गारंटी यात्रा में गहलोत- सचिन को साथ लाने की बातें भी हैं। अभी तो सचिन को पोस्टर में साथ लाया गया है। नौ दिन पहले यह रस्म अदायगी करके गुर्जर मतदाता को मोड़ लेने का यह मुगालता तो नहीं है?

भाजपा में बालकनाथ ने अब कह दिया है। कि वसुंधरा राजे को भावी मुख्यमंत्री गलती से कह दिया था। तिजारा में कांग्रेस के इमरान खान बालकनाथ की 'राजे सरकार में मंत्री बनने' की ख्वाहिश आसानी से पूरी नहीं होने दे रहे हैं। संघर्ष करना पड़ रहा है। इसीलिए 'यह भारत पाकिस्तान का मैच' है जैसे बयान आ रहे हैं। चुनाव का मैच टाइट है। भाजपा में प्लान बी पर भी काम शुरू हो गया है। सहज जीत हो जाए तो इस प्लान की जरूरत नहीं है लेकिन अगर 90-95 सीट वाला सीन बने तो निर्दलीयों को अभी से डगआउट में लाने की तैयारी रखो। सत्ता का सेमीफाइनल है और तनाव दोनों खेमों में बराबर का है। Dainik Bhaskar

खुशी से चिल्लाइए। जोर से। बच्चों की तरह।
14/11/2023

खुशी से चिल्लाइए।
जोर से।
बच्चों की तरह।

गुमनाम गायक।अद्भुत आवाज।
14/11/2023

गुमनाम गायक।अद्भुत आवाज।

राजस्थान इलेक्शन अपडेट सुनें...
13/11/2023

राजस्थान इलेक्शन अपडेट सुनें...

बिहार की राजनीति। सौम्य-सुशील व्यक्तित्व। कैसे चलता होगा? मोदी जी राजस्थान का पूछ रहे थे तो मैं उनसे यह पूछ रहा था।Sushi...
13/11/2023

बिहार की राजनीति। सौम्य-सुशील व्यक्तित्व। कैसे चलता होगा? मोदी जी राजस्थान का पूछ रहे थे तो मैं उनसे यह पूछ रहा था।
Sushil Kumar Modi Dainik Bhaskar

दीपावली। दीपक। शुभ। शुभकामना।
12/11/2023

दीपावली। दीपक। शुभ। शुभकामना।

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के दावे 22 जगह से फ्रैक्चर हो चुके हैं • मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेटहड्डियां छह ...
12/11/2023

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के दावे 22 जगह से फ्रैक्चर हो चुके हैं

• मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

हड्डियां छह टूटीं या बाईस? इंजीनियर पर जानलेवा हमले के जिस आरोपी एमएलए का बचाव एक असंवेदनशील बयान के साथ सरकार ने किया था, उस गिर्राज मलिंगा का डेढ़ साल से रुका हुआ चालान उसके भाजपा जॉइन करने के कुछ दिन बाद ही पेश हो गया।

भाजपा ने भी मलिंगा प्रकरण को कांग्रेस शासन में कानून-व्यवस्था और सरकार के नुमाइंदों की स्वेच्छाचारिता का सबसे बड़ा सबूत बताया था। सारे बड़े नेता इस मुद्दे पर खूब मुखर हुए थे। उन्हीं नेताओं ने पिछले दिनों मुस्कुराते चेहरों के साथ मलिंगा का पार्टी के मंच पर माला पहना कर स्वागत किया।

राजनीतिक अवसरवाद का इससे घृणित चेहरा नहीं हो सकता। सीमित विकल्पों के बीच जनता को सब ढोते रहना पड़ेगा। आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की सारी बातें फ्रैक्चर हो चुकी हैं।

कई प्रमुख नेताओं के अचानक बागी हो जाने के पीछे का विज्ञान समझने की पार्टियां अभी भी कोशिश कर रही हैं। एक कारण निकला संवादहीनता। समय रहते बात कर लेते, तो बहुत सारे नेता तो मनुहार के ही कच्चे थे।

कांग्रेस के कई बागियों ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री तक पहुंचने ही नहीं दिया जाता था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब रोज वॉर रूम से एक- एक प्रत्याशी को फोन लगा रहे हैं। संवाद बना रहना चाहिए। मुख्य बात यही कर रहे हैं कि पिछली 10 गारंटी और अभी की 7 गारंटी मतदाता के गले उतारने की क्या स्ट्रेटिजी अपनाई है। जयराम रमेश ने जोर देकर कहा था कि ये पूरी कांग्रेस पार्टी की गारंटियां हैं, किसी एक व्यक्ति की नहीं।

खींवसर में सार्वजनिक मंच पर गालियां देने वाले वरिष्ठ नेता के नाम के आगे का वरिष्ठ हटा कर गरिष्ठ लगाना चाहिए। आप हजम नहीं हो रहे हैं। किसी पर जानलेवा हमला, कहीं अपशब्दों का वार हिंसक नेता। जनता की नियति । कब तक ? मत सहन कीजिए।

Dainik Bhaskar

विजयी बागियों के लिए इश्तिहार आएगा- जहां कहीं भी हो लौट आओ, कोई कुछ नहीं कहेगा॰ मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेटआम आदमी...
11/11/2023

विजयी बागियों के लिए इश्तिहार आएगा- जहां कहीं भी हो लौट आओ, कोई कुछ नहीं कहेगा

॰ मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

आम आदमी का धनतेरस। न्यूनतम में सुकूनतम। एक सिक्का। एक बर्तन। शगुन हो गया। घर में खुशियां आ गईं। ऊंचे और रसूखदारों का देखिए… जयपुर में गणपति प्लाजा के लॉकरों में इनकम टैक्स की टीम को लगभग दस करोड़ नकदी और साढ़े सात करोड़ के गहने मिल चुके हैं। 300 से ज्यादा लॉकर और संदिग्ध हैं।

आम आदमी को 50 हजार रुपए से ज्यादा लाने-ले जाने पर रोका जा रहा है, हिसाब पूछा जा रहा है। सीएम ने शादी-ब्याह का हवाला देते हुए इसे लोगों की परेशानी का कारण बताया। किसी प्रत्याशी के लिए चुनाव भी बेटी के ब्याह से कम नहीं। आम लोगों की तरह कांग्रेस नेतृत्व में भी पैसे की आवाजाही को ब्लॉक कर दिया गया है। सौजन्य: ईडी, आईटी। हिसाब पूछा जा रहा है। चुनाव आयोग और ये एजेंसियां यही कह रही हैं कि वे अपना काम नियमानुसार कर रही हैं।

बागियों की तादाद क्या 20-22 ही है? भाजपा के रणनीतिकार मान रहे हैं कि संख्या 30 तक जा रही है। कल तक चल रहे चर्चित नामों के अलावा थानागाजी से रोहिताश घांघल, बानूसर से रोहिताश शर्मा, अलवर ग्रामीण से जयराम जाटव की बेटी, रामगढ़ से सुखवंत और राजगढ़ से सुनीता मीणा फेहरिस्त में नए जुड़े हैं।

कई ऐसे नाम हैं जो जीतेंगे नहीं पर जीतने भी नहीं देंगे। इन्हीं से सबसे ज्यादा खतरा है। जीतने वाले के लिए तो पार्टी चुनाव बाद खोया-पाया जैसा इश्तिहार जारी कर देगी- जहां कहीं भी हो, घर लौट आओ, कोई कुछ नहीं कहेगा।

चुनाव अभी भी फंसा हुआ है। बागियों की ईवीएम में वोटों की बस्ती सज गई और हनुमान बेनीवाल की पार्टी नागौर-बाड़मेर और अन्य दल बाकी जिलों में अगर दो अंकों तक अपना स्कोर ले जाए तो कांग्रेस में प्रसन्नता की लहर दौड़ सकती है। हालांकि पोस्ट इलेक्शन संख्या-जुगाड़ में भाजपा प्रो है। कांग्रेस नौसिखिया।

भाजपा में राजे रिटर्न्स की अब तक की चुनावी बॉक्स ऑफिस सफलता देख सीएम के बाकी दावेदार नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटे हैं। दिल्ली का दिल कैसे जीतें, यह रणनीति। सामने वाला खेमा भी इन दावेदारों को इनके क्षेत्र में ही रोकने के लिए कूच कर गया है।
Dainik Bhaskar

पार्टी से नेता धाप गए हैं• मुकेश माथुर, ...  #भास्कर_इलेक्शन_अपडेट 'पार्टी के प्यार-सम्मान से मेरा पेट भर गया है और सम्म...
10/11/2023

पार्टी से नेता धाप गए हैं

• मुकेश माथुर, ... #भास्कर_इलेक्शन_अपडेट

'पार्टी के प्यार-सम्मान से मेरा पेट भर गया है और सम्मान सहने की क्षमता खत्म हो गई है। मैं धापा हुआ व्यक्ति हूं।' डूंगरपुर की चौरासी विधानसभा से पर्चा दाखिल करने वाले कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेन्द्र बरजोड़ ने बैठ जाने का अनुरोध ठुकराते हुए पार्टी को भेजे इस्तीफे में लिखा।

दोनों पार्टियों ने पूरा जोर लगा लिया, नीचे से ऊपर तक नेताओं से फोन करवा दिए फिर भी कांग्रेस में 22 और भाजपा में 22 लोगों ने नाम वापसी के आखिरी दिन भी बैठने से इनकार कर दिया। ये सब पार्टी की रीति-नीति से धाप गए हैं।

वयोवृद्ध हो चुकी परंपराओं को ढोती आ रही महान आदशों की बातें करने वाली ये पार्टियां । शिव से अमीन खान कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। 84 साल के पार्टी उन्हें और बीकानेर में बीड़ी कल्ला को 10वीं बार चुनाव लड़वा रही है। जयपुर में कालीचरण सराफ नौवां चुनाव कैलाश मेघवाल पार्टी ने आठ बार लड़वाया।

इस बार कामना पूरी नहीं हुई। अब स्वतंत्र रूप से लड़ रहे हैं। जयपुर में मालवीय नगर से दो बार हारी अर्चना शर्मा को फिर टिकट दिए जाने पर एक नेता ने पीड़ा व्यक्त की 22 साल के आए थे, 52 के हो गए, फोटो पर माला लगने वाली है। टिकट का इंतजार कब तक करें ? यह है पार्टियों का सच बगावत न होगी तो क्या होगा ? न सैकंड लाइन तैयार करते हैं न तैयार व्यक्ति को चुनाव लड़ने की लाइन में लाते हैं।

अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव भी कोई दो बार से ज्यादा नहीं लड़ सकता। सबसे पुराने लोकतंत्र की तरह सबसे बड़े लोकतंत्र में नएपन का अभिनंदन क्यों नहीं किया जाता ? नए चेहरे नई सोच लाएंगे, सरकार में आए तो गवर्नेस के नए आइडिया लाएंगे, विपक्ष में बैठे तो रचनात्मक बात करेंगे।

भाजपा न चित्तौड़ में चंद्रभान सिंह आक्या, शिव में रविंद्र भाटी को बैठा सकी और न ही सांचोर में सांसद देवजी पटेल के खिलाफ हो गए दानाराम, जीवाराम को मना सकी हो। जोधपुर में सीएम अशोक गहलोत के 'महाराज' व उनके जैसे दिखने वाले पूर्व मेयर रामेश्वर दाधीच जरूर भाजपा के हो गए। आक्या ने यह जरूर संकेत दिए हैं कि जीत गया तो पार्टी के दरवाजे पर मिलूंगा। सिविल लाइंस से रणजीत सिंह सोडाला की नाम वापसी राहत देगी।

इसी तरह कांग्रेस में सरदारशहर से नगर परिषद सभापति राजकरण चौधरी, मसूदा में पूर्व विधायक नरदेव कुमावत, पुष्कर में श्रीगोपाल बाहेती पार्टी के प्रत्याशी का दिन का चैन, रात की नींद उड़ा कर रखेंगे। बड़ी सादड़ी से पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी, पीपल्दा में सरोज मीणा को बैठाना कांग्रेस अपनी उपलब्धि बता सकती है।

पीएम मोदी के उदयपुर संबोधन में कन्हैयालाल, रामनवमी, कांवड़ यात्रा, पीएफआई की रैली, पलायन जैसे शब्द थे भाजपा ने प्रचार अभियान की एक लाइन बनाई है- भव्य राम मंदिर बनकर हो रहा तैयार, आ रही है भाजपा सरकार शब्दों पंक्तियों कDainik Bhaskarा की रणनीति का आकलन कर लीजिए।
Dainik Bhaskar

09/11/2023

चुनाव का 'अर्थ समझ नहीं आ रहा : #भास्कर_इलेक्शन_अपडेट

• मुकेश माथुर

चुनाव का अर्थ ही समझ नहीं आ रहा। कहने का मतलब यह है कि किसकी सरकार बनेगी, सीएम किसे बनाया जाएगा इसका सीधा जवाब अब भी कोई पंडित नहीं दे पा रहा है। खामियाजा कौन भुगत रहा है? सामान्य प्रत्याशियों से लेकर खुद को भावी सीएम आंक रहे आठ-दस लोग। कैसे ? चुनाव लड़ने के लिए 'अर्थ' की व्यवस्था ही नहीं हो पा रही।

चंदा देने वाले फोन नहीं उठा रहे। पांच साल जनता का फोन नहीं उठाने वाले कई मंत्री नंबर बदल- बदल कर उद्योगपतियों को कॉल कर रहे हैं। सामने से नो रिप्लाई । बुरी गत |

अधमने ढंग से चुनाव लड़ रही आप पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह का नाम भी दिया है। अरविंद केजरीवाल के लिए तो पार्टी की तरफ से कहा ही जा रहा है कि जेल भी भेजा गया तो वहां से सरकार चलाने की अनुमति मांगेंगे।

केजरीवाल ही आप पार्टी हैं और वे गंगानगर में पांच माह पहले सभा और फिर जयपुर में टाउनहॉल करने के बाद से इधर पधारे नहीं हैं इसलिए अधमने लड़ना ही बोला जाएगा। हालांकि आने वाले वक्त में केजरीवाल और मायावती की राजस्थान में सभाएं हो सकती हैं।

भाजपा ने एक भी मुस्लिम व्यक्ति को टिकट नहीं दिया। एक को दिया। पता चला एफिडेविट में हिंदू गलत लिख दिया है। मुस्लिम है। टिकट काट दिया। सवाल पूछा जा रहा है कि फिर अल्पसंख्यक मोर्चा जैसी इकाइयां चलाने का क्या मतलब है? क्या मोर्चा के सभी पदाधिकारी अल्प को अधिक मानें?

सबका विकास कांग्रेस में इन दिनों ब्रांडिंग वाली एजेंसियां ही कर रही हैं गारंटी यात्रा को डिजाइन करने वाली एजेंसी के सर्वेसर्वा जयपुर के परकोटे में यात्रा को किसी फिल्म डायरेक्टर की तरह लाइट, कैमरा, एक्शन कह रहे थे।

कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा ने इंटरव्यू में कहा था कि एजेंसियां ही चुनाव जिता सकतीं तो उसे चलाने वाला ही मुख्यमंत्री बन जाता। चुनाव जिता सकेगा कि नहीं भविष्य जाने लेकिन मुख्यमंत्री की चुनाव यात्रा को तो एजेंसी वाला ही चला रहा है। शायद यह भविष्य में चुनाव लड़ने के तौर-तरीकों की झांकी भर है।

Dainik Bhaskar

State Editor Dainik Bhasker, Rajasthan J*O*U*R*N*A*L*I*S*M और Z*I*N*D*G*I⛱

पप्पू, राक्षस, जहर... चुनावी भाषा का स्तर अभी और गिरना बाकी है :  #भास्कर_इलेक्शन_अपडेट, 8 नवंबर • मुकेश माथुर 'तीन दिन ...
08/11/2023

पप्पू, राक्षस, जहर... चुनावी भाषा का स्तर अभी और गिरना बाकी है : #भास्कर_इलेक्शन_अपडेट, 8 नवंबर

• मुकेश माथुर

'तीन दिन दिवाली मनाएगा राजस्थान 12 नवंबर, 3 दिसंबर और 22 जनवरी। अमित शाह ने एक पंक्ति में भाजपा की चुनाव रणनीति की लाइन बता दी।

छिंदवाड़ा में मध्यप्रदेश की तीन दिवाली वे घोषित करके आ चुके हैं। तीनों राज्य तीन दिवाली मनांएंगे और राम मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के साथ यह महाउत्सव संपन्न होगा। इसके बाद लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव का कलश स्थापित हो जाएगा।

भाजपा का कैलेंडर बहुत पहले तैयार हो जाता है। आने वाली चुनौतियों से निपटने की योजना वाली पीपीटी भी बहुत पहले बन जाती है। विधानसभा में जो चित्र उभरेगा उससे लोकसभा की 25 सीटें कैसे सचेंगी यह 'दो सदस्यीय थिंक टैंक पहले ही सोच चुका होगा। वसुंधरा राजे के अब करीब 60 लोग 200 की सूची में सीधे दिख रहे हैं। तिजारा प्रत्याशी महंत बालकनाथ और बहरोड़ प्रत्याशी डॉ. जसवंत यादव ने सार्वजनिक सभा में राजे को भावी मुख्यमंत्री कहा। यह भी भविष्य की चुनौती। राजे को एम्पावर करने के बाद इस पावर सेंटर को सीमित करना आसान न होगा।

राजे और गहलोत को आरएलपी के हनुमान राजस्थान की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा बताते आए हैं। अब हनुमान ने इन दोनों के अलावा ज्योति मिर्धा, दिव्या मदेरणा और किरोड़ीलाल मीणा तक के सामने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। जिस अक्खड़पन से हनुमान इन सबको कोसते आए हैं उसी भाषा में अब वे इस पहेली का जवाब भी दे सकते हैं।

भाषा के मामले में चुनाव करीब आते- आते सब एक जैसे हो जाएंगे। 24 घंटे में बोले गए शब्दों की बानगी देखिए हिंजड़ा, पप्पू, जहर, राक्षस... स्तर गिरना अभी बाकी है।
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अपनी सीट निकाल सकते हो तो आ जाओ कांग्रेस-भाजपा में।     Dainik Bhaskar
07/11/2023

अपनी सीट निकाल सकते हो तो आ जाओ कांग्रेस-भाजपा में। Dainik Bhaskar

राजस्थान की महाभारत।Dainik Bhaskar
07/11/2023

राजस्थान की महाभारत।
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धन-बल और टीम हो, खुद जीतने की स्कीम हो, आ जाओ, जहां कहीं भी हो • मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट 72 घंटे 72 घंटे हैं प...
07/11/2023

धन-बल और टीम हो, खुद जीतने की स्कीम हो, आ जाओ, जहां कहीं भी हो

• मुकेश माथुर, भास्कर इलेक्शन अपडेट

72 घंटे 72 घंटे हैं पार्टियों के पास शायद चुनाव के सबसे खास 72 घंटे।... फिल्म का वह 70 मिनट वाला डायलॉग हॉकी का मैदान चक देने के लिए था। यहां 72 घंटे तीन दर्जन बागियों को साम-दाम- दंड-भेद लगा कर बैठ जाने को राजी करने के हैं। पार्टियों ने बाकायदा डैमेज कंट्रोल कमेटियां बनाई थीं। कुछ कंट्रोल नहीं कर पाई। अब तो दिल्ली से फोन ही करवाने पड़ेंगे।

हिमाचल के चुनाव में कांगड़ा के बागी कृपाल परमार को फोन गया तो खबर बनी थी। राजस्थान में भाजपा में 19 और कांग्रेस में 16 सीटों पर गंभीर किस्म की बगावत है। कांग्रेस की इस 'बी' लिस्ट में पूर्व गृह राज्य मंत्री, विधायक, पूर्व मेयर पीसीसी महासचिव, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर वरिष्ठ पार्टी नेता तक हैं। भाजपा में भी पूर्व मंत्री, विधायक, नगर परिषद सभापति, छात्रसंघ अध्यक्ष इत्यादि बगावत की बारहखड़ी लेकर बाहर खड़े हैं।

परिवार के जमे जमाए और संभावनाशील लोगों के टिकट काटने के पीछे पार्टी विनिबिलिटी यानी जीत की गुंजाइश को कारण बता रही है। यह आज की चुनावी राजनीति का सच भी है।

पार्टी को निष्ठावान व्यक्ति नहीं धन-बल-जन और ग्राउंड सोशल पर प्रोफेशनल टीम लेकर चल रहे अच्छे मैनेजर चाहिए। पार्टियां कहां एक- एक प्रत्याशी को जिताती फिरेंगी, खुद व्यूह रचना बनाएं, साधन झोके और जीत आएं। स्वागत है।

भाजपा में ज्योति मिर्धा, गिर्राज सिंह मलिंगा, सुभाष महरिया, उपेन यादव, रामनिवास मीणा ऐसे ही समर्थ लोग मान कर लाए गए हैं। कांग्रेस ने ओमप्रकाश हुइला, कर्नल सोनाराम चौधरी, विकास चौधरी, इमरान खान में अपने बूते लड़ लेने की क्षमता देखी होगी।

इस चुनाव में पक्का हुआ यह रुझान आगे तक चलेगा। व्यक्ति लड़ेंगे, पार्टी और उसकी विचारधारा सहूलियत का विषय होगी।

इधर टेलीविजन चैनलों के एकतरफा सर्वे परिणामों के बीच कांग्रेस मंगलवार से गारंटी यात्रा शुरू कर रही है। इस नाम की यात्रा दुनिया में कभी नहीं निकली होगी। पार्टी टीवी सर्वे को पूरी तरह पक्षपातपूर्ण और एजेंडा आधारित बता कर तैयारी में जुट गई है।

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राजस्थान में परिवारवाद।
06/11/2023

राजस्थान में परिवारवाद।

परिवारवाद को बुराई बताने वाली भाजपा का लहलहाता फैमिली ट्री : भास्कर इलेक्शन अपडेट •मुकेश माथुर 'भ्रष्टाचार, परिवारवाद और...
06/11/2023

परिवारवाद को बुराई बताने वाली भाजपा का लहलहाता फैमिली ट्री : भास्कर इलेक्शन अपडेट

•मुकेश माथुर

'भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण... देश के सामने यही तीन सबसे बड़ी बुराइयां हैं। जनता को यह महत्वपूर्ण जानकारी देने वाली भाजपा राजस्थान के चुनाव में परिवारों को क्यों चुन रही है? प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता, पांचवीं सूची देख लीजिए।

कोलायत में भाटी परिवार की बहू का टिकट बदला लेकिन देवी सिंह भाटी के पौत्र को ही दे दिया। हनुमानगढ़ से पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के बेटे अमित चौधरी को टिकट थमा दिया गया है। पिछली सूचियां भी खंगाल लीजिए।

देवली-उनियारा से किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला, पूर्व सांसद गायत्री देवी के परिवार से दीया कुमारी, बीकानेर पूर्व से सिद्धि कुमारी जिनके दादा सांसद रहे, श्रीमाधोपुर से हरलाल सिंह खर्रा के पुत्र झाबर सिंह... भाजपा का यह फैमिली ट्री यहीं नहीं रुकता। मंजीत चौधरी, शैलेश सिंह, रामस्वरूप लांबा, डॉ. ज्योति मिर्धा, कन्हैयालाल मीणा, दीप्ति माहेश्वरी, सुमिता भींचर कांग्रेस में तो खैर परिवार का वाद-विवाद ही नहीं है। वहां परिवार पार्टी की नियति है लेकिन सवाल उसी से ज्यादा पूछे जाएंगे जो इसे सबसे बड़ी बुराई घोषित कर चुका है।

भाजपा के पोस्टर बॉय हवामहल प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य ने कांग्रेस के तुष्टिकरण के मायने समझाए हैं। आचार्य कहते हैं- कांग्रेस ने मुसलमानों से केवल पंक्चर निकलवाए।

भाजपा की सूची में वसुंधरा को फिर बैलेंस किया गया है। एक सूची में कुछ लोग लाइए, दूसरी में टिकट काट लीजिए। टॉप लीडरशिप का बैलेंसिंग एक्ट। दो पूर्व अध्यक्षों के टिकट काटना और बेरोजगारों के संघर्ष का चेहरा बने उपेन यादव को जोड़ना नई लिस्ट में नोटिस करने की दूसरी बात रही।

इस सूची के रुझान आने बाकी हैं लेकिन कांग्रेस की सूची के बाद मुख्यमंत्री गहलोत के गृह नगर में नाखुशी है। शहर की सीटों में से एक पर मुस्लिम चेहरा उतारना गहलोत की वर्षों की रणनीति रही है लेकिन पहले 2018- में सूरसागर से हारे अयूब खान को आचार संहिता से ठीक पहले आरपीएससी की सदस्यता नवाजी गई और अब उन्हीं के बेटे को सूरसागर का टिकट दे दिया। आखिर क्यों परिवार राजनीतिक पार्टियों की मजबूरी बन जाते हैं?

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राजे का रिटायरमेंट शिगूफा, शिव में अशांति • भास्कर इलेक्शन अपडेट वसुंधरा राजे और रिटायरमेंट असंभव। वे तो बस बेटे दुष्यंत...
05/11/2023

राजे का रिटायरमेंट शिगूफा, शिव में अशांति

• भास्कर इलेक्शन अपडेट

वसुंधरा राजे और रिटायरमेंट असंभव। वे तो बस बेटे दुष्यंत के सयाने हो जाने की तरफ इशारा कर रही थीं। विरोधी उनके बयान को चाहे जैसे प्रस्तुत करें।

कोर ग्रुप में एक-एक नाम के लिए लड़ना हो या नामांकन से लेकर सभाओं तक में उम्मीदवारों के लिए पसीना बहाना हो, वे दम-खम से जुटी हैं।

इसके बावजूद भी क्या पार्टी ने राजे टीम को जगह देकर उन्हें विधानसभा में सबसे मजबूत सेनापति का स्थान दे दिया है? जवाब है- एमपी, सीजी में कड़ी चुनौती का सामना कर रही पार्टी राजस्थान में कर्नाटक जैसी गलती नहीं करना चाहती। क्षत्रपों की उपेक्षा कर नया मोर्चा क्यों खोलना। प्ले सेफ ।

बाकी यूनुस, राजपाल, परनामी सहित कोर वसुंधरा टीम को तो रोक ही दिया है। जिन्हें लाया गया है वे विनिबिलिटी चार्ट में ऊपर थे राजस्थान की कमान किसके हाथ में रहेगी, इसे लेकर चुनाव पूर्व के आकलन और परिणाम के बाद सदन की तस्वीर एक ही हो यह कतई जरूरी नहीं है।

प्रहलाद जोशी के घर राठौड़ वसुंधरा तकरार में रूठी राजे को वापस कमरे में सतीश पूनियां लाए थे। उन्हें अब पार्टी के नए 'पीसमेकर' का संबोधन मिला है।

पार्टी की शांति जहां भंग हुई है, उस सीट का नाम है शिव युवा राजपूत चेहरे रविन्द्र भाटी को पार्टी जॉइन करवाने पर गजेन्द्र सिंह शेखावत अध्यक्ष सीपी जोशी से नाराज हुए थे। अब रविन्द्र को पार्टी में लाकर टिकट भी नहीं दिया। परिणाम, रविन्द्र शिव से निर्दलीय चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे हैं। चित्तौड़, शिव... अदूरदर्शी कदम उठा कर न जाने पार्टी कितने मोर्चे और खोलेगी।

उधर सीएम गहलोत के सबसे नजदीकी मंत्री महेश जोशी, संगठन में नजदीकी डोटासरा, पुत्र वैभव, भरोसेमंद आईएएस और सरकार से बाहर के करीबियों को घेरे में लेकर ईडी राजस्थान के चुनाव में अलग संकेत दे रही है।
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पानी नहीं तो पानी वाले बाबा ही सही▪️भास्कर इलेक्शन अपडेट 4 नवंबरवोट के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही पार्टियों को बस चुल्लू...
04/11/2023

पानी नहीं तो पानी वाले बाबा ही सही

▪️भास्कर इलेक्शन अपडेट 4 नवंबर

वोट के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही पार्टियों को बस चुल्लू भर पानी की ही दरकार है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को 3510 एमक्यूएम पानी का हक पांच साल में नहीं दिला सकीं। ईस्टर्न कैनाल पर केन्द्र और राज्य सरकार ने जनता को खूब गुमराह किया है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह गुरुवार को 'पानी वाले बाबा' रामनिवास मीणा को जरूर पार्टी में ले आए।

मीणा पूर्वी राजस्थान के हक की इस लड़ाई का चेहरा रहे हैं। पार्टी को पता है कि जीत की कुंजी पूर्वी राजस्थान की 39 सीटों में छिपी है जहां वह चार सीटों में सिमट गई थी। इधर, सीएम गहलोत ने एक पोस्ट में राजस्थान का 'मुख्य मुद्दा कांग्रेस की सात गारंटियों को बताया है और इस पर वसुंधरा राजे को बहस की चुनौती दी है। कितनी राजनीति हो रही है और कितनी मुद्दों की बात इसे जनता बखूबी समझ रही होगी।

जल जीवन मिशन घोटाले की जांच कर रही ईडी मंत्री महेश जोशी और सीनियर आईएएस सुबोध अग्रवाल के यहां पहुंची है। जांच रुके और रुका हुआ टिकट मिले इसके लिए जोशी भाजपा का दरवाजा खटखटा रहे थे, ऐसी भी खबर थी। यह दरवाजा तो नहीं ही खुला। दिल्ली में एमएलए गिर्राज सिंह मलिंगा भी प्रहलाद जोशी के दरवाजे पर खड़े ही रहे। अंदर से बुलावा नहीं आया।

राजेन्द राठौड़, गोविंद सिंह डोटासरा ने भारी भीड़ के साथ पर्चा दाखिल किया तो कोलायत में देवी सिंह भाटी ने बहू के नामांकन के बाद खुद भी पर्चा भर चौंका दिया।

Dainik Bhaskar Sachin Pilot Hanuman Beniwal

03/11/2023

भास्कर इलेक्शन अपडेट में आज सुनिए: गहलोत, पायलट को इन नामों से उनकी सीटों पर रोक पाएगी भाजपा?
इस रोज के पोडकास्ट में आप जान पाएंगे राजस्थान की चुनावी राजनीति में क्या घट रहा है और परदे के पीछे क्या चल रहा है।

भास्कर इलेक्शन अपडेट  #सीएम_से_सामना : गजेन्द्र से रविंद्र तक के नाम, टिकट ले आए महेन्द्र  मुकेश माथुर, स्टेट एडिटर परदा...
03/11/2023

भास्कर इलेक्शन अपडेट
#सीएम_से_सामना : गजेन्द्र से रविंद्र तक के नाम, टिकट ले आए महेन्द्र

मुकेश माथुर, स्टेट एडिटर

परदा उठने लगा है। भाजपा के 182 नाम सामने हैं। कांग्रेस के भी डेढ़ सौ से ज्यादा ग्रेट राजस्थानी पॉलिटिकल थिएटर आपको रोमांचित करने को तैयार है। पार्टियों की स्क्रिप्ट तैयार है। मंचन बाकी है।

भाजपा की 58 उम्मीदवारों की गुरुवार को आई लिस्ट में महिलाएं नए चेहरों की ताजगी, सोशल इंजीनियरिंग, ध्रुवीकरण की कोर वैल्यू और विपरीत ध्रुवों में संतुलन की दृष्टि दिखाई दी है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्हें उनके क्षेत्र में बांधने की रणनीति पाइपलाइन में थी गजेन्द्र सिंह से रविंद्र सिंह तक के नाम चले। आखिरकार महेन्द्र सिंह टिकट लाए।

पार्टी ने पिछले वर्षों में जिस सैकंड लाइन को तैयार किया उसी में से एक हैं महेन्द्र सिंह राठौड़ जोधपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। गहलोत इस बार भी हमेशा की तरह आखिरी दिन एक रोड शो करके अपनी सीट निकाल सकते हैं।

दूसरी तरफ टॉक में सचिन पायलट के सामने 2013 के विधायक और स्थानीय चेहरे अजीत मेहता को उतारकर पार्टी ने जरूर कुछ चुनौती खड़ी की है।

कांग्रेस को ईडी की चुनौती तो शायद मतदान के दिन तक मिलती रहेगी। गुरुवार को अध्यक्ष डोटासरा के दोनों बेटों को समन जारी कर दिल्ली तलब किया गया है।

भौतिकता के बीच रहने वाले नए जमाने के साधु-संत भी लगता है इस चुनाव में खूब धूनी रमाएंगे। सुबह गहलोत ने साध्वी अनादि सरस्वती को पार्टी में जोड़ा और शाम को भाजपा की लिस्ट में हवामहल से बालमुकुंद आचार्य का नाम सामने आया। चुनाव के रंगमंच पर अब सभी रंग आपकी नजर हैं।
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