AIWJ Association of Indian working journalist

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07/02/2024
02/12/2023

नमस्कार पंडित कामेन्दु जोशी की भविष्यवाणी सरकार कांग्रेस की बनेगी राजस्थान में और 11 दिसंबर के बाद बहुमत सिद्ध कर पाएंगे अशोक गहलोत । जय श्री राम

कोटा
26/10/2023

कोटा

https://news21tv.in/33865/
17/10/2023

https://news21tv.in/33865/

इस खबर को सुनें   कोटा जिले के देवली मांझी थाने में काले हिरण का शिकार करते हुए दो व्यक्ति थार जीप के साथ गिरफ्तार घट...

12/10/2023

हृदय को छूने वाली कविता

10/10/2023

भारत में रहने वाले अवश्य इसे पूरा सुने हिंदू , मुसलमान नहीं इंसान बनकर सुने।।

https://x.com/Live_Hindustan/status/1707262842431520801?s=20
28/09/2023

https://x.com/Live_Hindustan/status/1707262842431520801?s=20

: मथुरा ट्रेन हादसे के समय मोबाइल देख रहा था ड्राइवर। CCTV से ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर चढ़ने का राज खुला। इसका वीडियो ....

100 साल पुरानी तस्वीर
27/09/2023

100 साल पुरानी तस्वीर

आज का सवाल? हिंदुस्तान कौन सा स्वतंत्रता दिवस मना रहा है 76 वा 77 वा ।  कौन सही कौन गलत।
15/08/2023

आज का सवाल?
हिंदुस्तान कौन सा स्वतंत्रता दिवस मना रहा है 76 वा 77 वा । कौन सही कौन गलत।

कामेन्दु जोशीप्रदेश अध्यक्ष (राज़) ऑल इंडिया पत्रकार संगठन  एसोसिएशन ऑफ इंडियन वर्किंग जर्नलिस्ट ।
15/08/2023

कामेन्दु जोशी
प्रदेश अध्यक्ष (राज़)
ऑल इंडिया पत्रकार संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडियन वर्किंग जर्नलिस्ट ।

12/08/2023

इज्जत करें मां-बाप की तो स्वर्ग मिल जाएगा

31/07/2023

*जयपुर से चलकर मुंबई जा रही ट्रेन में गोलीबारी, RPF के ASI समेत 4 की मौत*

राजस्थान के जयपुर से चलकर मुंबई जा रही ट्रेन में अचानक हुई गोलीबारी से 4 यात्रियों की मौत हो गई है. मरने वालों में एक RPF का ASI और 3 अन्य यात्री हैं. यह फायरिंग उस समय हुई जब ट्रेन गुजरात के वापी से बोरीवली मीरा रोड स्टेशन के बीच चल रही थी. बताया जा रहा है कि RPF के कॉन्स्टेबल चेतन ने ही सबको गोली मारी है. घटना के बाद GRP मुम्बई के जवानों ने आरोपी को हिरासत में ले लिया.

पश्चिमी रेलवे ने बताया है कि एक RPF जवान ने चलती जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर फायरिंग की है. जैसे ही ट्रेन पालघर स्टेशन से निकली RPF जवान ने गोली चलाना शुरू कर दिया. जवान ने RPF के एक ASI और तीन यात्रियों पर गोली चलाई. इसके बाद वह दहिसर स्टेशन पर ट्रेन से कूद कर भाग गया.

पुलिस के बयान के मुताबिक, 31 जुलाई को सुबह 5.23 बजे सूचना मिली कि ट्रेन संख्या 12956 जयपुर एक्सप्रेस में बी 5 में गोली चली है. पता चला कि एस्कॉर्ट ड्यूटी में सीटी चेतन ने एस्कॉर्ट प्रभारी एएसआई टीका राम पर गोली चलाई है. ट्रेन बोरिवली रेलवे स्टेशन पहुंच गई है. एएसआई के अलावा 3 नागरिकों की भी मौत होने की सूचना है. आरोपी को पकड़कर डीसीपी नॉर्थ जीआरपी को सूचना दे दी गई है.

*पुलिस यात्रियों से कर रही है पूछताछ*
पुलिस घटना के संबंध में यात्रियों से पूछताछ कर रही है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आरोपी ने गोली क्यों चलाई और उसकी मंशा क्या थी. फिलहाल पुलिस यात्रियों के बयान दर्ज कर मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है.

28/07/2023

जयपुर में बुजुर्ग का गला काटकर मर्डर, पति ने...

28/07/2023

दिल्ली की महिला से जयपुर में हुआ रेप, शादी...

28/07/2023

नीदरलैंड की खास किस्म, पौधे नहीं बेल पर लगता...

क्या देश में लागू होना चाहिए यूनिफॉर्म सिविल कोड? क्या है आपकी राय...A. हाँ B. नहीं
15/07/2023

क्या देश में लागू होना चाहिए यूनिफॉर्म सिविल कोड? क्या है आपकी राय...
A. हाँ
B. नहीं

बेटियों के लिए भी सोचना चाहिए कहीं ऐसा ना हो बेटियां ना हो तो यह दुनिया नाथन जाए
01/06/2023

बेटियों के लिए भी सोचना चाहिए कहीं ऐसा ना हो बेटियां ना हो तो यह दुनिया नाथन जाए

आप सभी पत्रकार भाइयों को होली की राम-राम । आप सभी के परिवार में होली के रंगों की तरह हमेशा खुशियों के रंग भी करते रहे।
06/03/2023

आप सभी पत्रकार भाइयों को होली की राम-राम । आप सभी के परिवार में होली के रंगों की तरह हमेशा खुशियों के रंग भी करते रहे।

20/01/2023

गोविंद देव जी मंदिर जयपुर । छोटी सी झलक मैं संपूर्ण जानकारी ।

'मारवाड़ के राणा प्रताप' स्वाभिमानी योद्धा राव चंद्रसेन जी राठौड़ जी की 441वी पुण्यतिथि पर उन्हें शत् शत् नमन 👏👏राजपूताने ...
11/01/2023

'मारवाड़ के राणा प्रताप' स्वाभिमानी योद्धा राव चंद्रसेन जी राठौड़ जी की 441वी पुण्यतिथि पर उन्हें शत् शत् नमन 👏👏

राजपूताने का दुर्भाग्य रहा है कि महाराणा सांगा, महाराणा राजसिंह जी, राव चंद्रसेन जी जैसे महावीरों को विश्वासघातियों ने उस समय ज़हर दिया, जब वे मुग़लिय सत्ता से संघर्ष की चरम सीमा पर थे

राव चन्द्रसेन का जन्म 30 जुलाई, 1541 ई. को हुआ था। राव चन्द्रसेन के पिता का नाम राव मालदेव था। राव चन्द्रसेन जोधपुर, राजस्थान के राव मालदेव के छठे पुत्र थे। लेकिन फिर भी उन्हें मारवाड़ राज्य की सिवाना जागीर दे दी गयी थी, पर राव मालदेव ने उन्हें ही अपना उत्तराधिकारी चुना था। राव मालदेव की मृत्यु के बाद राव चन्द्रसेन सिवाना से जोधपुर आये 1619 को जोधपुर की राजगद्दी पर बैठे।

चन्द्रसेन के जोधपुर की गद्दी पर बैठते ही उनके बड़े भाइयों राम और उदयसिंह ने राजगद्दी के लिए विद्रोह कर दिया। राम को चन्द्रसेन ने सैनिक कार्यवाही कर मेवाड़ के पहाड़ों में भगा दिया और उदयसिंह, जो उसके सहोदर थे, को फलौदी की जागीर देकर संतुष्ट कर दिया। राम ने अकबर से सहायता ली। अकबर की सेना मुग़ल सेनापति हुसैन कुली ख़ाँ के नेतृत्व में राम की सहायता के लिए जोधपुर पहुंची और जोधपुर के क़िले मेहरानगढ़ को घेर लिया। आठ महीनों के संघर्ष के बाद राव चन्द्रसेन ने जोधपुर का क़िला ख़ाली कर दिया और अपने सहयोगियों के साथ भाद्राजूण चले गए और यहीं से अपने राज्य मारवाड़ पर नौ वर्ष तक शासन किया। भाद्राजूण के बाद वह सिवाना आ गए।

1627 को बादशाह अकबर जियारत करने अजमेर गए वहां से वह नागौर चले गए , जहाँ सभी राजपूत राजा उससे मिलने पहुंचे। राव चन्द्रसेन भी नागौर पहुंचा, पर वह अकबर की फूट डालो नीति देखकर वापस लौट आया। उस वक्त उसका सहोदर उदयसिंह भी वहां उपस्थित था, जिसे अकबर ने जोधपुर के शासक के तौर पर मान्यता दे दी। कुछ समय बाद मुग़ल सेना ने भाद्राजूण पर आक्रमण कर दिया, पर राव चन्द्रसेन वहां से सिवाना के लिए निकल गए। सिवाना से ही राव चन्द्रसेन ने मुग़ल क्षेत्रों, अजमेर, जैतारण, जोधपुर आदि पर छापामार हमले शुरू कर दिए। राव चन्द्रसेन ने दुर्ग में रहकर रक्षात्मक युद्ध करने के बजाय पहाड़ों में जाकर छापामार युद्ध प्रणाली अपनाई। अपने कुछ विश्वास पात्र साथियों को क़िले में छोड़कर खुद पिपलोद के पहाड़ों में चले गए और वहीं से मुग़ल सेना पर आक्रमण करके उनकी रसद सामग्री आदि को लूट लेते। बादशाह अकबर ने उनके विरुद्ध कई बार बड़ी सेनाएं भेजीं, पर अपनी छापामार युद्ध नीति के बल पर राव चन्द्रसेन अपने थोड़े से सैनिको के दम पर ही मुग़ल सेना पर भारी रहे।

संवत 1632 में सिवाना पर मुग़ल सेना के आधिपत्य के बाद राव चन्द्रसेन मेवाड़, सिरोही, डूंगरपुर और बांसवाड़ा आदि स्थानों पर रहने लगे। कुछ समय के बाद वे फिर शक्ति संचय कर मारवाड़ आए और संवत 1636 श्रावण में सोजत पर अधिकार कर लिया। उसके बाद अपने जीवन के अंतिम वर्षों में राव चन्द्रसेन ने सिवाना पर भी फिर से अधिकार कर लिया था। अकबर उदयसिंह के पक्ष में था, फिर भी उदयसिंह राव चन्द्रसेन के रहते जोधपुर का राजा बनने के बावजूद भी मारवाड़ का एकछत्र शासक नहीं बन सका। अकबर ने बहुत कोशिश की कि राव चन्द्रसेन उसकी अधीनता स्वीकार कर ले, पर स्वतंत्र प्रवृत्ति वाला राव चन्द्रसेन अकबर के मुकाबले कम साधन होने के बावजूद अपने जीवन में अकबर के आगे झुके नहीं और विद्रोह जारी रखा।

11 जनवरी, 1581 (विक्रम संवत 1637 माघ सुदी सप्तमी) को मारवाड़ के महान् स्वतंत्रता सेनानी का सारण सिचियाई के पहाड़ों में 39 वर्ष की अल्पायु में उनका स्वर्गवास हो गया।

Jai ho
12/12/2022

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