14/07/2022
गृहस्थी,खेती,पशु व निजू शब्दावली(त वर्ग)
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1.तंग = ऊंट, घोड़े आदि का चारजामा बांधने का पट्टा।
2.तंगड़/तांगड़ = ऊंट के ऊपर बांधने वाले रस्से जिनकी सहायता से हल जोता जाता है।
3.तंगळी= नो सींगों वाली जेई/ एक कृषि उपकरण।
4.तंबोटी = तना हुआ छोटा तंबू।
5.तकाबी = पुराने जमाने में किसान से लिया जाने वाला टैक्स।
6.तगरो= खंडित घड़े का नीचे का आधा भाग।
7.तगारी= गारा -मिट्टी डालने का लोहे का बट्ठल।
8.तड़ी = वृक्ष की पतली लकड़ी।
9.तड़ीत/इडर = ऊंट के वक्ष स्थल पर पांवनुमा कठोर स्थान।
10.तणी = मंडप में बांधी जाने वाली मूंज की रस्सी/ एक दीवार से दूसरी दीवार के बीच में तानी जाने वाली रस्सी।
11.तबरक = बारूद आदि रखने की पेटी।
12.तरड़ो = पशुओं का दस्त रूप गोबर।
13.तळसीर = भूमि के अंदर स्फुटित होने वाली जलधारा।
14.तलींगण = चूल्हे आदि पर चढ़ने वाले बर्तन के बाहरी पैंदे पर किया जाने वाला मिट्टी का लेप।
15.ताकू/लाकळो = लोहे का लंबा सुईया जो चरखे के आगे लगा रहता है जिस पर सूतक काता जाता है।
16.तागड़ी= कमर में बांधने की सूत की मेखला।
17.ताट = आक की छाल की रस्सी जो लकड़ी के बांध कर घुमाने पर आवाज करती है।
18.तारी = चावलों में आलू आदि डालकर बनाई जाने वाली खिचड़ी।
19.तिबारी = तीन द्वार या खिड़कियों का खुला बरामदा अथवा कक्ष।
20.तिरणी =पेट मैं अधिक वायु या पानी पीने से होने वाला फुलाव।
21.तींवण/तीमण = बनी हुई साग- सब्जी।
22.तीण/ढाणो = कुए का पानी खाली करने का स्थान।
23.तुंजाळ = मच्छर, मक्खी आदि के बचाव के लिए घोड़े की पीठ पर डाला जाने वाला जाल।
24.तुताड़ियो = भेड़ बकरी के छोटे बच्चे को रखने का स्थान।
25.तुस = अन्न के दानों के ऊपर का छिलका/भूसी। 26.तूंतड़/तूंतड़ा = बाजरी के दानों का भूसा।
27.तेखळो/पैंखड़ो = घोड़े या गधे के दोनों पैर आगे के व एक पिछला पर बांधने की क्रिया/ ऊंट के पांव को बांधने की लोहे की सांकळ।
28.तेड़ो = खरीफ की फसल में मूंग, मोठ, बाजरी मिलाकर बोई हुयी फसल/खाद्यान्न।
29.तेहथी = बकरी के बालों का बना आंगन में बिछाने का मोटा वस्त्र।
30.तैहरू = हाथी के पीठ पर चारजामें के नीचे रखा जाने वाला वस्त्र।
31.तोबर = घोड़े को दाना खिलाने का थैला।
32.तोळो = बारहमासे का एक तौल।
33.थळियो = मरू प्रदेश या रेगिस्तान का निवासी।
34.थीमड़ो = बछड़े के मुंह पर बांधने की सूलें लगी चमड़े की पट्टी।
35.थोबो = गाय के स्तनों में बछड़े द्वारा मुंह से लिया जाने वाला झटका।
36.थोह्र = जड़ से उत्पन्न एक वनस्पति जिसके तना न होकर डंठल होते हैं और डंठलों के कांटे न होकर छोटी- छोटी पत्तियां लगती है/ नागफनी।
37.दंताळी = दांतेदार, कंगूरेदार काठ या लोहे का फावड़ा।
38.दंतुसळ = हाथी या सूअर का बाहर निकला लंबा दांत।
39.दंतेरू = बच्चों के मुंह, ललाट आदि पर होने वाला एक फोड़ा।
40.दबणो = टूटे हुए घड़े के ऊपरी भाग पर मिट्टी आदि से की लुगदी से बनाया हुआ हारे आदि को ढकने का बड़ा सा गोल पात्र।
41.दबाबो = शत्रुओं के किले में तोड़फोड़ या गुप्त चरी करने के लिए आदमी डालकर उतारने का संदूक।
42.दमड़ी = पैसे के आठवां भाग का सिक्का।
43.दरबो/दड़बो = कबूतर या मुर्गी पालने का संदूक।
44.दांती/दरांती = दांतेदार कृषि उपकरण जो, गेहूं, जौ,ज्वार,बाजरा आदि पौधों को काटने के काम आता है।
45.दांण/दांवणो = ऊंट के अगले पैरों का बंधन।
46.दांमणो/न्याणो = दुहते समय गाय के पीछे के पैर बांधने की छोटी रस्सी।
47.दाई = प्रसव कराने वाली स्त्री।
48.दिसावर = दूर का देश। 49.दुंबो = सामंतो द्वारा सरकार को दिया जाने वाला कर अथवा लूट के माल का बादशाह को दिया जाने वाला भाग।
50.दुबकी = घोड़े या गधे के अगले पांव का बंधन।
51.देसूंटो = देश निकाला।
52.धड़ी = पांच सेर का एक तौल।
53.धड़ो = किसी बर्तन में कोई वस्तु लेने के लिए उस चीज से पहले उस वस्तु को तौलना।
54.धबसो/ = दोनों हाथों की हथेलियों में समाने लायक पदार्थ।
55.धमोळी = राखी के दिन का भोजन अथवा इस दिन संबंधियों को भेजी जाने वाली मिठाई।
धरण = नाभि के नीचे की नस जो स्वांस के साथ उछलती रहती है।
56.धरोड़ = धरोहर/ अमानत/ थाति/गिरवी रखी वस्तु।
57.धाड़ो = धन-माल को ब्लात लूटना/ डाका।
58.धांसारो = झड़बेरी के सूखे कांटे जो एक बार मेंबैलगाड़ी में भरे जाएं।
59.धारो = स्त्रियों के वस्त्रों पर शोभा के लिए लगने वाली कोर, गोट/ क्यारियों में पानी देने वाला नाला।
60.धोबो = दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर बनाया जाने वाली पात्रनुमा आकृति।
61.नारू/न्हारवा = दूषित पेयजल से जांघ व पांवों में होने वाला एक रोग, जिसमें एक लंबा सफेद कीड़ा निकलता है।
62.निचारो/राखूंडो = भोजन आदि के बर्तन साफ करने मांजने का वह स्थान जिसमें राख पड़ी रहती है।
63.निकाळो = एक प्रकार का मियादी बुखार/ आंतरिक ज्वर।
64.निहाई/न्याह्ई = कुंभार के बर्तन पकाने की भट्टी।
65.नेअटो = जलाशय से अनावश्यक पानी निकालने की मोरी
66.नेफो/गुंजण = लहंगे में नाड़ा डालने का स्थान।
67.नेचो = हुक्के की निगाली।
68.नेस = ऊंट के आगे के तीखे दांत, जिससे उसकी उम्र का पता चलता है।
69.नेहड़ी = मथनी के साथ जुड़ने वाली खड़ी लकड़ी।
70.नौळी = रुपए डालकर कमर में बांधने की चमड़े आदि की थैली। अपने सुझाव/प्रतिक्रिया कॉमेंट बॉक्स में लिखें।
डॉ. भरत ओळा
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