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snehi.ranjana तू मेरे साथ है तो, फिर फिक्र किस बात की ?

"उधो मन नाही दस बीस""एक हतो जो गयो श्याम संग, को आराध्य ईश"
23/08/2023

"उधो मन नाही दस बीस"
"एक हतो जो गयो श्याम संग, को आराध्य ईश"

*तुलसी जयंती**सुप्रभातम परिवार द्वारा भारतीय चंद्रयान - ३ की सफलता की कामना**भारत माता ने हमारे चंदा मामा को राखी भेजी ह...
23/08/2023

*तुलसी जयंती*
*सुप्रभातम परिवार द्वारा भारतीय चंद्रयान - ३ की सफलता की कामना*
*भारत माता ने हमारे चंदा मामा को राखी भेजी है तो रक्षाबंधन के पर्व से पहले राखी सुरक्षित पहुंचने की पूरी संभावना है*

*आज का सुविचार*

*दिखावा और झूठ बोलकर व्यवहार बनाने से अच्छा है,*
*सच बोलकर दुश्मन बना लो !*
*आपके साथ कभी विश्वासघात नहीं होगा।।*

*आपका दिन मंगलमय हो।।।*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

*अपनी खुशियां संभाल के रखिये**ये उस कांच के समान होती है जो लोगों को बहुत चुभती हैं*🙏राम राम 🙏
28/07/2023

*अपनी खुशियां संभाल के रखिये*
*ये उस कांच के समान होती है जो लोगों को बहुत चुभती हैं*
🙏राम राम 🙏

ओम शांति 🙏 ये एक कहानी के माध्यम से मैं आप तक ईश्वरीय प्रेम पहुंचाने कि कोशिश कर रहा हूं, ये मेरे अन्तर आत्मा से महसूस क...
08/05/2023

ओम शांति 🙏 ये एक कहानी के माध्यम से मैं आप तक ईश्वरीय प्रेम पहुंचाने कि कोशिश कर रहा हूं, ये मेरे अन्तर आत्मा से महसूस कर ये एक कहानी लिखने जा रहा हूं, उम्मीद है आपको अच्छा लगेगा:-

हम मनुष्य आत्माओं को अपने जीवन में कितनी जरूरत है परमात्मा कि, आईये एक कहानी के माध्यम जानते हैं :-

एक शहर में २ व्यक्ति पड़ोसी आमने-सामने रहा करते हैं।
पहला व्यक्ति ठीक ठाक कमा लेता है, और अपना जीवन यापन किसी तरह चलाएं रहता है। अपना सुखी ज़िन्दगी में व्यस्त रहता है, और दूसरा व्यक्ति उनका बहुत बड़ा कारोबार बहुत धन कमाया रहता फिर भी और कमाने कि चाहत,
उन्हें धन के सिवाय कुछ नज़र ही नहीं आता, मानों सोते वक्त भी धन ही दिखाई देता है उसको।

एक दिन की बात है, पहले व्यक्ति को ईश्वरीय संदेश मिलता है, और वो अपने जीवन में परिवर्तन लाकर सदा के लिए खुश महसूस करने लगता है, और एक दिन वो पहला व्यक्ति पड़ोसी होने के नाते उनका भी भला हो, यही समझकर उनके पास ईश्वरीय संदेश ले के जाते हैं,

तो दूसरा व्यक्ति कहते हैं कि - अभी तो मुझे फुर्सत नहीं है, भाई साहब!,

मेरा तो व्यापार बढ़कर मैं खुद के लिए भी समय दे नहीं पाता हूं, वैसे मैं सब कुछ जानता हूं, मुझमें बहुत ज्ञान है, मैं भी पूजा पाठ करता हूं। बिना पूजा किये, बिना भगवान को याद किये, मैं अपने व्यापार में नहीं बैठता, समय मिलने पर जरुर ज्ञान सुनने आऊँगा, फिर यही कहते दूसरा व्यक्ति पहला व्यक्ति की बात को टाल देते हैं।

उसके बाद समय का ऐसे मोड़ आया कि..., वो दूसरा व्यक्ति जो धन से बहुत धनवान थे, जो! संसार में हर किसी को खरीदने की समक्षता रखता था, वे बहुत गम्भीर बीमार हो गये और विस्तर पर लेटने लायक बन गये। कुछ दिन बीत गये, फिर उनके रिश्ते नाते, यहां तक की डाक्टर भी हाथ उठा दिए, और बोले, अब कुछ भी नहीं हो पायेगा, अब सब कुछ ऊपर वाले के हाथ में है।
डॉक्टर यही कहकर चल पड़े, सभी ने जवाब दे दिया, और जिसके पीछे रात दिन भागा,फिर रहा था, उस 'धन' ने भी जवाब दे दिया कि - मैं भी कुछ कर नहीं सकता, जब तक तुम्हारा शरीर स्वस्थ रहेगा तब तक मैं धन साथ हूँ, उसके बाद मैं भी काल को हरा नहीं सकता, तब वो दूसरा बीमारी से पीड़ित व्यक्ति थके हारे सोच में पड जाते हैं, मैं किस भगवान को याद करूं, हमारे तो इतने सारे भगवान हैं, किसी एक को कैसे पुकारूँ?

कौन है? जो मेरी मदद करने वाले भगवान? अन्त में पहला पड़ोसी याद आते हैं और उनको बुलाते हैं, और वे पहला व्यक्ति परमात्मा का परिचय देते हैं, उस दूसरे व्यक्ति को पश्चाताप होने लगता है, काश मैं सही समय पर भगवान कि पहचान कर लेता तो, आज मैं सकून से शरीर छोड़ पाता भगवान कि याद में।

ऐसे भगवान को पुकार कर, रो रो कर आँख आँसुओं से भर आई, और शरीर छोड़ दिया।

दोस्तों ये कहानी का भावार्थ यही है कि हम जब तक शरीर से ठीक रहते हैं, हमें देह अभिमान में आने के कारण हम यथार्थ भगवान के परिचय से दूर हो जाते हैं, हमें लगता है कि... हम सब कुछ जानते हैं।

यदि! सब कुछ जानते हैं, तो! हम एक दूसरे के खून के प्यासे क्यूँ बनते, किसी भी धर्म शास्त्रों में ये नहीं सिखाया है, क्योंकि हम इस संसार की मृग तृष्णा में जी रहे हैं। ये दुनियाँ माया कि दुनियाँ है।

हम भगवान से वंचित हैं, अपने पिता भगवान इस सृष्टि पर आ गये हैं, पहचानों, अपने पिता को समय बहुत ही कम है, माया के मृग तृष्णा में नहीं फँसो, संसार की पुकार की आवाज को समझने कि कोशिश करो।

हम सब बारूद के ढ़ेर पर खड़े हैं, कभी भी 3 विश्व युद्ध कि चिंगारी लग सकती है, प्रकृति चारों ओर तांडव खेल मचा रही है, बस! हम सबको जगाने भगवान आये हैं, जागो! जागो! मेरे भारत वासियों गीता के भगवान आ चुके हैं इस धरा पर, धन्यवाद ओम शांति 🙏

123456u
06/12/2022

123456u

10/11/2022

💖आज का विजय मंत्र 💖
मंजिल खूबसूरत हो तो,
सिर्फ पहला कदम उठाइये, देखने की जरूरत नहीं कि रास्ता कितना लम्बा है! 💖

सर्दियों में रखें अपने तन का ध्यान click here👆👆मैं रंजना स्नेही, जयपुर, राजस्थान से, निकल चुकी हूँ एक मिशन पर, चाहिए आप ...
08/11/2022

सर्दियों में रखें अपने तन का ध्यान

click here👆👆

मैं रंजना स्नेही, जयपुर, राजस्थान से,

निकल चुकी हूँ एक मिशन पर,
चाहिए आप सब का साथ,
सारे विश्व के सभी मनुष्यों की मदद करने के लिए,
उनको सत्य ज्ञान से, परिचित करवाने के लिए!

"प्रेम" निशुल्क होते हुए भी इस सृष्टि का सब से महंगा" सुख" हैं!

*आज का सुविचार**जिंदगी अपने हिसाब से ही जीनी चाहिए,**लोगों को खुश रखने के चक्कर में**तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता ह...
05/11/2022

*आज का सुविचार*

*जिंदगी अपने हिसाब से ही जीनी चाहिए,*
*लोगों को खुश रखने के चक्कर में*
*तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है।।*
*तो इसलिए*
*आप नेक कार्य निरंतर करते रहें,कोई आपका सम्मान करे या न करे....*
*आपकी अंतरात्मा सदा आपको सम्मानित करेगी इससे बड़ा सुख जीवन में और कुछ नहीं है।*

*आपका दिन मंगलमय हो।।।*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

22/10/2022

May *Lord Kuber Bless You* With Prosperity.

Wishing You a Very *"Happy Dhanteras."*

*Ranjana Snehi*
from
*Jaipur,*
*Rajasthan.*

World's Best Namkeen. RS Namkeen.
20/10/2022

World's Best Namkeen.
RS Namkeen.

Rajasthan ke Nami Graami Namkeen Vikretao, Mein se Number One Namkeens, Rsnamkeen.
11/10/2022

Rajasthan ke Nami Graami Namkeen Vikretao, Mein se Number One Namkeens, Rsnamkeen.

Laksh na Ojhal Hone Paye.
10/10/2022

Laksh na Ojhal Hone Paye.

08/10/2022

जैसे हर कुल के मर्यादा की लकीर होती है ऐसे ब्राह्मण कुल के मर्यादाओं की लकीर है, *ब्राह्मण अर्थात् दिव्य और अलौकिक जन्म वाले मर्यादा पुरूषोत्तम।* वे संकल्प में भी किसी आकर्षण वश मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं कर सकते। *जो मर्यादा की लकीर का संकल्प में भी उल्लंघन करते हैं वो बाप के सहारे का अनुभव नहीं कर पाते।* बच्चे के बजाए मांगने वाले भक्त बन जाते हैं। ब्राह्मण अर्थात् पुकारना, मांगना बंद, कभी भी प्रकृति वा माया के मोहताज नहीं, वे सदा बाप के सिरताज रहते हैं।

*सर्वशक्तिमान् बाप को अपना साथी बना लो तो शक्तियां सदा साथ रहेंगी।* और जहाँ सर्व शक्तियां हैं वहाँ सफलता न हो - यह असम्भ...
04/10/2022

*सर्वशक्तिमान् बाप को अपना साथी बना लो तो शक्तियां सदा साथ रहेंगी।* और जहाँ सर्व शक्तियां हैं वहाँ सफलता न हो - यह असम्भव है। लेकिन यदि बाप से कम्बाइन्ड रहने में कमी है, माया कम्बाइन्ड रूप को अलग कर देती है तो सफलता भी कम हो जाती है, मेहनत करने के बाद सफलता होती है। *मास्टर सर्वशक्तिमान् के आगे सफलता तो आगे पीछे घूमती है।*

01/10/2022

🙏 *ॐ शांति* 🙏

हमें ईश्वर ने *आध्यात्मिकता* रूपी अनमोल *खजाना* दिया है और हम उसे भूल कर संसार रूपी नाली में तांबे के सिक्के निकालने के लिये जीवन *गंवाते* जा रहे हैं ...

🌸 सुप्रभात ...

💐💐 आपका दिन शुभ हो ... 💐💐

I've just reached 100 followers! Thank you for continuing support. I could never have made it without each one of you. 🙏...
25/09/2022

I've just reached 100 followers! Thank you for continuing support. I could never have made it without each one of you. 🙏🤗🎉

Address

Madhyam Marg, Agarwal Farm, 1/95 SFS, Colony, Mansarovar, Rajsthan. . 302020
Jaipur
302020

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