कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के बयान’ भारत बदनाम’ पर भडक़े सीएम शिवराज सिंह चौहान
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शिवराज ने कहा-सोनिया गांधी जवाब दें। क्या श्रीमती सोनिया गांधी, आप कमलनाथ के बयान से सहमत हो ? आपके मध्यप्रदेश का अध्यक्ष कह रहा है कि ये भारत बदनाम है कांग्रेस को लज्जा और शर्म नहीं आती। सत्ता जाने के बाद लगता है कमलनाथ ने मानसिक संतुलन खो दिया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जी, मौन तोडऩा पड़ेगा, आप साफ करो, या तो कमलनाथ गलत है, पार्टी से बाहर करो या फिर ये कह दो कि मैं कमलनाथ के बयान से सहमत हूं।
लॉकडाउन-वैक्सीन बेअसर, तो ऐसे काबू आएगा कोरोना...!
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अरे वाह! सरकार के नियम मानता है कोरोना, भीड़ से डरता है.. वायरल वीडियो में आइडिया सुनकर चकरा जाएगा दिमाग..!
क्या कोरोना शनिवार-रविवार को छुट्टी पर रहता है..! क्या आपकी कोरोना से मीटिंग हुई?
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अधिकारियों से तीखे सवाल पूछते ये हैं औरंगाबाद के संसद इम्तियाज़ जलील। हालाँकि सोशल मीडिया में यह वीडियो औरंगाबाद के सेशन जज का बताया जा रहा है, लेकिन ये सच नहीं है.. देखें क्या पूछा सांसद ने...।
जबलपुर क्यों नहीं बन पाया राजधानी?
आजाद भारत में 'जबलपुर' के साथ सबसे बड़े छल की कहानी..!
1 नवंबर 1956 को कैसे जबलपुर के अरमानों पर फिर गया पानी
दिवाली के पहले बड़ी टेंशन, पूरी फीस दें या त्यौहार मनाएं
ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर ब्लैकमेलिंग
उड़ा लाए दुनियाभर से साहबज़ादों को, देश में पैदल ही मर गए मजदूर..!
चैन से सोती रहीं सरकारें ………उसनींदे ही मर गए मजदूर
कोरोना को तो झेल जाते……पर भूख कैसे झेले
अस्थियों का अब लग रहा दाम........चलो सरकार को कुछ तो मिला काम..
राजनीति में मुर्दों की ही मिलती है कीमत……मजदूर गर जिंदा है.. तो है नाकाम
Lockdown की अजब-शादियां : कहीं तकनीक तो कहीं लीक से हटकर विवाह..
कोरोना के दस्तक देते ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह वीडियो शुरू में लोगों को मजाक लगा। लेकिन जैसे-जैसे लॉकडाउन आगे बढ़ा यह सब हकीकत में नजर आने लगा है। लॉकडाउन और कोरोना वायरस के खतरे ने शादियों के रंगत फीकी कर दी है। कभी किसी ने सपने में नहीं सोचा होगा कि ये दिन भी आएगा, जब बिना बैंड-बाजा, बाराती के बीच शादियां होंगी। लेकिन अब तो वीडियो कान्फ्रेंस, वीडियो कॉल से शादियां हो रही हैं। कहीं पर तो पंडित नहीं मिलने पर गूगल के सहारे मंत्र पढऩे पड़ रहे हैं।
हिंदुस्तान में पहली बार... घर जाकर पुलिस दर्ज कराएगी एफआईआर..!
पहले लोग थाना जाते थे, अब पुलिस उनके घर जाएगी
न थाना जाने की जरूरत, न पुलिस के चक्कर काटने की, पुलिस खुद आपके घर आएगी, एफआईआर दर्ज करेगी
भगवान परशुराम से की कोरोना से मुक्ति की कामना, 500 केसरिया मास्क एवं सेनेटाइजर का वितरण
भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव पर कोरोना महामारी खत्म करने की कामना की गई। सम्पूर्ण ब्राम्हण मंच के राष्ट्रीय संयोजक पंडित अमित खंपरिया ने ग्वारीघाट में कन्या पूजन के बाद 151 दीप जलाकर नर्मदा व गंगा जी का पूजन-आरती कर दीपदा अमित खंपरिया ने कोरोना वायरस महामारी में सभी देशवासियों के स्वास्थ्य लाभ की कामना की। इस दौरान सोशल डिस्टेन्स का पालन कर जरूरतमंद साधु सन्यासियों को भोजन व अनाज राशि का वितरण किया गया।
पीडि़त मानवता की सेवा में सदैव तत्पर समाजसेवी पंडित अमित खम्परिया ने 251 ब्राम्हणों को उनके एकाऊंट में 500-500 रुपयों की राशि भी प्रदान की। इस दौरान 500 केसरिया मास्क एवं सेनेटाईजर का वितरण भी किया गया। आरती प्रभारी पंडित बबलू पंडा, महाआरती प्रभारी चंद्रशेखर शर्मा, अनिल गोल्हानी, रागिनी गोल्हानी, मनोज सरैया भी उपस्थित थे। परशुराम धाम ग
क्या चीन की तरह कोरोना पर काबू पा सकेगा भारत..? क्या होगा लॉकडाउन के बाद...
चीन मोबाइल, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से रख रहा संक्रमितों पर नजर
हमारे देश में अस्पताल से भाग रहे हैं कोरोना के मरीज..!
हम सबके मन में भी एक कोरोना है, हर कार्नर में कराह रहा एक कोरोना...!
उलझा हर कोना-कोना, आखिर हम सबमें भी है एक कोरोना..
नेता का जो ओढ़े है लबादा, असल में यही को-रोना है
वो बचपन का मोबाइल, दबा रखा है जैसे सरकारी फाइल...
वो दवाई की शीशियां, एक्सपायर होने के बाद भी जी रही हैं
दांतों से रोटी चबती है न राइस, अब तो कर दो पुरानी मोहब्बत को सैनिटाइज
बेंत पड़ेंगे पूरे आठ, दर्शनों के लिए मत आना ग्वारीघाट...
रईसों के लिए प्लेन और मजदूरों के लिए छड़ी है..
मैं जबलपुर हूं.. मैंने क्या खोया क्या पाया..विकास से क्यों अछूता रहा..जानें मेरी व्यथा..?
परतंत्रता की बेडिय़ों से लेकर आजादी के जश्न तक मैंने बहुत कुछ देखा। बस एक कसक रह गई कि मुझे जो स्थान मिलना था, वह नहीं मिला। क्या कमी रह गई, कौन जिम्मेदार है इसके लिए..क्या कोई मुझे मेरा मुकाम दिलाएगा। देखें मेरा दर्द..मेरी जुबानी..! मैं जबलपुर हूं.. परतंत्रता की बेडिय़ों से लेकर आजादी के जश्न तक मैंने बहुत कुछ देखा। बस एक कसक रह गई कि मुझे जो स्थान मिलना था, वह नहीं मिला। क्या कमी रह गई, कौन जिम्मेदार है इसके लिए..क्या कोई मुझे मेरा मुकाम दिलाएगा। देखें मेरा दर्द..मेरी जुबानी..!