MANISH KHATRI

MANISH KHATRI मुझे हर उस इंसान से नफ़रत हे जो मेरी मातृभूमि के ख़िलाफ़ हे....चाहें वह हिन्दू ही क्यों न हो.🙏
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बलात्कार की मानसिकता: मुगलों की देन:क्या कारण है कि जिस स्त्री को भारत मे देवी कह कर पूजा जाता था, "या देवी सर्वभूतेषु" ...
10/11/2023

बलात्कार की मानसिकता: मुगलों की देन:

क्या कारण है कि जिस स्त्री को भारत मे देवी कह कर पूजा जाता था, "या देवी सर्वभूतेषु" कह कर वेदों में भी उसे इतना सम्मान दिया की "यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता" तक कह दिया गया। उस समाज में किसी भी स्त्री का बलात्कार...?

त्रेता मे प्रभु श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त की पर न ही उन्होंने और न किसी सेना ने पराजित लंका की स्त्रियों को हाथ लगाया। द्वापर मे महाभारत में पांड्वों की जीत हुयी लाखो कौरव मारे गए उनकी स्त्रियाँ विधवा हुईं पर किसी भी पांडव सैनिक ने किसी भी कौरव सेना की विधवा स्त्रियों को हाथ तक लगाया...

फिर अचानक क्या हुआ कि इसी भारत में स्त्रियों की इतनी दयनीय स्थिति हो गयी, उनके बलात्कार होने लगे? इसके लिए हमें इतिहास में झांकना होगा...

भारत पर समय समय पर विदेशी आक्रमण होते रहे हैं कुछ प्रमुख आक्रमणकारियों के इतिहास को देखते हैं...

कुषाण:- (1शताब्दी से 2 शताब्दी) ये आक्रमणकारी मूल रूप से चीन से आये हुए माने जाते थे, शक्यो को परास्त करते हुए ये अफगानिस्तान के दर्रो को पार करते हुए ये भारत में पहुचे और भारत पर कब्ज़ा किया, इतिहास में कही भी शायद ऐसे नहीं लिखा कि इन्होने पराजित सैनिको अथवा स्त्रियों का बलात्कार किया हो।

हूण:- (520 AD) परसिया को जितने के बाद ये अफगानिस्तान से होते हुए भारत में आये और यहाँ पर राज किया, बलात्कार शायद इन्होने भी नहीं किया किसी भी स्त्री का क्योंकि इतिहासकारों ने इसका कही जिक्र नहीं किया।
और भी आक्रमणकारी थे जिन्होंने भारत में बहुत मार काट मचाई जैसे शक्य आदि पर बलात्कार शब्द तब तक शायद किसी को नहीं पता था।

अब आते हैं मध्यकालीन भारत में... जहाँ से शुरू होता है इस्लामिक आक्रमण, और शुरू हुआ भारत में बलात्कार का प्रचलन।

मुहम्मद बिन कासिम:- सबसे पहले मुस्लिम आक्रमण हुआ 711 ई. में मुहम्मद बिन कासिम द्वारा सिंध पर, राजा दाहिर को हराने के बाद उसकी दोनों बेटियों का बलात्कार करके उन्हें दसियों के रूप में खलीफा को बतौर तोहफा भेज दिया। तब शायद ये भारत की स्त्रियों का पहली बार बलात्कार जैसे कुकर्म से सामना हुआ जिसमें हारे हुए राजा की बेटियों और साधारण स्त्रियों का जीती हुयी सेना द्वारा बुरी तरह से बलात्कार हुआ।

(इतिहासकार प्रो एसजी शेवड़े की पुस्तक 'भारतीय संस्कृति" पेज 35-36 देखे)

मुहम्मद गजनी:- गजनी ने पहला भारत पर आक्रमण 1001 ई में किया, इसके बारे में ये कहा जाता है कि इसने इस्लाम को फ़ैलाने के लिए ही आक्रमण किया था, सोमनाथ के मंदिर को तोड़ने के बाद उसके साथ हजारो हिन्दू स्त्रियों को अफगानिस्तान ले गया और उनके साथ बलात्कार करके दासो के बाजारों में उन्हें बेच दिया।

मुहम्मद गौरी:- गौरी ने 1175 में सबसे पहले मुल्तान पर आक्रमण किया, मुल्तान में इस्लाम फ़ैलाने के बाद उसने भारत की तरफ रुख किया। पृथ्वी राज को दुसरे युद्ध (1192) में हराने के बाद उसने पृथ्वी राज को इस्लाम कबूल करने के लिए कहा, पर जब पृथ्वी राज ने इंकार तो उसने न की पृथ्वी राज को अमानवीय यातनाये दी, बल्कि उन लाखो हिन्दू पुरुषो को मौत के घाट उतर दिया और अनगिनत हिन्दू स्त्रियों के साथ उसकी सेना ने बलात्कार की जिन्होंने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया था।

इतिहासकार श्री आशीर्वादी लाल श्रीवास्तव की पुस्तक "दिल्ली सल्तनत-711 से 1526 तक के पेज न. 85 पर आप देख सकते हैं की किस प्रकार गौरी ने इस्लाम न कबूल करने वाले हिन्दुओं और स्त्रियों पर क्या क्या अत्याचार।

ये सूची बहुत लम्बी है... मध्यकालीन में मुगलों द्वारा पराजित हिन्दू राजाओं की स्त्रियों का और साधारण हिन्दु स्त्रियों का बलात्कार करना एक आम बात थी, क्योंकि वो इसे अपनी जीत या जिहाद का इनाम मानते थे...

धीरे धीरे ये बलात्कार करने की रुग्ण मानसिकता भारत के पुरुषो में भी फैलने लगी और आज इसका ये भयानक रूप देखने को मिल रहा है... तो इस प्रकार भारत में 'बलात्कार' करने का मानसिक रोग उत्त्पन्न हुआ।

Manish Khatri

एक पांव से लड़खड़ाने वाले क्रिकेट योद्धा मैक्सवेल का पराक्रम देखकर हमारे रोंकटे खड़े हो गए। ज़रा सोचिए, क्षत्रिय योद्धा ...
10/11/2023

एक पांव से लड़खड़ाने वाले क्रिकेट योद्धा मैक्सवेल का पराक्रम देखकर हमारे रोंकटे खड़े हो गए।

ज़रा सोचिए, क्षत्रिय योद्धा राणा सांगा के तन पर अस्सी घाव थे। हाथ में बल्ला नहीं, तलवार थी। वार चूकता, तो आगे हार नहीं, मौत खड़ी थी।

इतिहास बनाने वाले लोग प्रतिकूल परिस्थितियों में डटकर लड़ते हैं। 🙏
Manish Khatri

10/11/2023

गलती से भी कांग्रेस को वोट मत दीजिए।

कांग्रेस को वोट देने का मतलब देश के बाबर
को ऑक्सीजन देना है।

: हिमंता बिस्वा सरमा, मुख्यमंत्री, असम

10/11/2023

सांस्कृतिक क्रान्ति 🚩
ख़ासकर बिहार की माताएं बहनें छठ महापर्व को बड़े ही
धूमधाम से मनाती हैं। यह पर्व पारिवारिक सुख-समृद्धि
और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए मनाया जाता है
इसका एक अलग ऐतिहासिक महत्व भी है।

मेरी दादी बताती थी की हमारे गांव में कोई छठ पूजा नही
करता था लेकिन हमारे गांव के जो जमींदार थे उनकी
धर्मपत्नी जी जो मूलरूप से बिहार की थीं ने शुरुआत
किया था,चुंकि उस ज़माने में बरही स्टेट के टक्कर में
1000 गांवों में कोई दिया लेकर ढूंढें नही मिलता न
शिक्षा में न हैसियत में ,तो आमजन में भी इस महापर्व
के प्रति रुचि हुई देखी देखा धीरे धीरे हमारे गांव की अन्य
माताएं बहनें बेटियां भी ये पर्व मनाने लगीं और अब तो
गांव छोड़ दीजिए जिला छोड़ दीजिए राज्य छोड़ दीजिए
देश भी छोड़ दीजिए,उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड के लोग
जहां भी बसे हुए हैं आप देखेंगे कि वो इस पर्व को बड़े ही
श्रद्धा आस्था विश्वास के साथ धूमधाम से मनाते मिलेंगे🚩

ये तो हुई हमारे गांव में छठ महापर्व की सच्ची कहानी

अब आते हैं इस वीडियो पर यह वीडियो बिहार के DAV
यानि दयानंद एंग्लो वैदिक स्कूल का है जहां छठ महापर्व
से पूर्व स्कूल के ही बच्चे बच्चियों को छठ महापर्व में
गाए जाने वाले लोकगीत और उसमें होने वाले अनुष्ठान
का रिहर्सल करवाया जा रहा है वो भी उसी वेष भूषा में

यही तो है सांस्कृतिक क्रान्ति, हमारे बच्चों को स्कूल में
सनातन संस्कृति के प्रोग्रामों मे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना
चाहिए,और हमको उन्हें रोकना बिल्कुल भी नही मित्रों

याद है बचपन में हमको आपको स्कूल में 26जनवरी या 15अगस्त से पूर्व पूछा जाता था,बल्कि कहा भी जाता था
देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए
कोई गांधी कोई भगत सिंह कोई आजाद कोई बोस जी
कोई कुछ बनता था , मैं तो गीत लिखता और गाता था
मुझे देशभक्ति गीत लिखना और सुर में गाना अच्छा
लगता था शुरू में शर्म आती थी लेकिन एक बार शुरू
हो जाता था उसके बाद तो शमा बांध देता था मित्रों।
वो सबकुछ करते देखते ही जीवन का अंग बन गया

खैर जब हमारे स्कूलों में कृष्ण जन्माष्टमी छठ पर्व
रामनवमी दशहरा होली दिवाली इत्यादि मनाई जाती है
उसे पर कार्यक्रम होते हैं तो इससे बच्चों को सीखने को
मिलता है उनके अंदर जागरूकता पैदा होती है? इसके
प्रति और, बचपन में जो संस्कृत बी हमारे द्वारा और
शिक्षण संस्थाओं द्वारा डाले जाते हैं वही एक दिन बरगद
भी बनते हैं। खासकर ऐसे कार्यक्रम डीएवी, सरस्वती
शिशु मंदिर विद्या भारती जैसे स्कूलों में ही होते रहते हैं
लेकिन गुजरात के लगभग सभी प्राइवेट स्कूलों में होते हैं
छठ पूजा को छोड़कर क्युकी गुजराती छठ पूजा नही
मनाते हैं,हां यहां रहने वाले प्रवासी लोग खूब मनाते हैं🚩

यही तो है सांस्कृतिक क्रान्ति

पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन का काम तमाम, लश्कर कमांडर अकरम गाजी की गोली मारकर हत्यायह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस...
10/11/2023

पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन का काम तमाम, लश्कर कमांडर अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या

यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान में इस तरह से आतंकियों को निशाना बनाया गया हो. इससे पहले मुफ्ती कैसर फारूक, खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़, एजाज अहमद अहंगर, बशीर अहमद पीर जैसे तमाम आतंकियों को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया.

Narendra Modi

पहली बार तुर्की कुछ अच्छा काम कर रहा है, बधाई दे दो।दुनिया मे इस समय 50 मुस्लिम बहुल देश है, जिनमे से 22 सेक्युलर है और ...
31/10/2023

पहली बार तुर्की कुछ अच्छा काम कर रहा है, बधाई दे दो।

दुनिया मे इस समय 50 मुस्लिम बहुल देश है, जिनमे से 22 सेक्युलर है और 28 इस्लामिक है। इन 22 में सिर्फ तुर्की है जो इजरायल के मामले में उलझा हुआ है। यहाँ तक की 28 इस्लामिक देशों में से भी 26 ने खुद को अलग किया हुआ है और शेष 2 मजबूरी में फंसे है।

तुर्की को इस्लामिक बनाने की कोशिश उसके राष्ट्रपति एरडोगन ने की, आज हालत ये है तुर्की की अर्थव्यवस्था ही तबाह हो रखी है। 1 डॉलर में कभी 5 तुर्की लीरा मिलती थी आज 27 मिल जाती है, 5 साल में 5 गुना से ज्यादा महंगाई।

लोगो की क्रय शक्ति घट रही है, तुर्की FATF की ग्रे लिस्ट में बैठा हुआ है इसलिए IMF भी बचाने नही आ रहा है। ऐसे में एरडोगन के पास एक ही विकल्प है जो हर तानाशाह करता है, एरडोगन तुर्की को युद्ध मे झोंक सकता है ताकि लोगो का ध्यान बंट जाए।

लेकिन ये हलवा खाने जितना आसान नही है, क्योकि समुद्र में अमेरिका ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली जंगी बेड़ा लगाया हुआ है। यह जंगी बेड़ा अकेले ही पूरी तुर्की के लिये काफी है और ये तो खड़ा ही इसलिए है ताकि इजरायल को कुछ ना हो।

कुल मिलाकर एरडोगन का काम अब बस चीखना चिल्लाना बचा है कर कुछ नही सकते। दूसरी ओर इजरायल ने गाजा के उत्तरी हिस्से में अपने झंडे लगाने शुरू कर दिये है। यदि इजरायल इस हिस्से पर कब्जा कर ले तो कई सुरंगे नाकाम कर सकता है।

हमास की एक बड़ी तैयारी नष्ट होगी तो उसे वापस खड़े करने में बहुत साल लगेंगे। फिलिस्तीन के लोगो से सहानुभूति रखी जा सकती है लेकिन सहानुभूति रखनी ही है तो हम यहूदियों से क्यो ना रखे जो 1300 सालों से सिर्फ विस्थापित हो रहे है।

भारत और अमेरिका के अलावा कोई देश नही है जिसने यहूदियों को शरण दी हो, तुर्की बस भौंकेगा और जब युद्ध का परिणाम सामने आएगा तो आप देखेंगे कि एरडोगन की रेटिंग गिरेगी। क्योकि तुर्की की जनता प्रश्न तो पूछेगी।

एरडोगन का सबसे बड़ा पाप ही यही है कि उसने अपनी सेक्युलर जनता में फिर धर्म का बीज बोया, एरडोगन को कुछ करके दिखाना होगा नही दिखाया तो जनता मार देगी और यदि कुछ करने की कोशिश की तो ऐसी कोशिश सद्दाम हुसैन और गद्दाफी ने भी की थी बाकी इतिहास गवाह है।

इसलिए एरडोगन अंकल आप लगे रहो तुर्की लीरा को और गिराओ तथा तुर्की को डूबा दो ताकि एशिया के गेटवे के लिये सब इजरायल का मुंह ताकने लगे और इजरायल ज्यादा शक्तिशाली हो। बाकी जो भारतीय महाभारत काल मे पौंड्रक नही देख सके वो एरडोगन का मुँह देख ले, देखने का तो पता नही मगर हरकते ऐसी ही थी।
Credit --- : परख सक्सेना
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🙏🙏उत्तर भारत में गणेश विसर्जन नही करना चाहिए क्योंकि गणेश जी केवल एक सप्ताह के लिए उत्तर से दक्षिण भारत, अपने भाई कार्ति...
23/09/2023

🙏🙏उत्तर भारत में गणेश विसर्जन नही करना चाहिए क्योंकि गणेश जी केवल एक सप्ताह के लिए उत्तर से दक्षिण भारत, अपने भाई कार्तिकेय जी से मिलने गए थे।
इसीलिए दक्षिण भारत में ये पर्व मनाया जाता है तथा उन्हें फिर अगले साल आने का निमंत्रण दिया जाता है।
उत्तर भारत में गणेश जी सदा विराजमान रहते है।
जरा सोचिए, अगर आप गणेश जी विसर्जित करके कहेंगे की अगले बरस तू जल्दी आ, तो फिर दीपावली पर किसका पूजन करेंगे।
*कुछ त्योहारों का भौगोलिक महत्व होता है अतः बेवजह की भेड़ चाल न अपनाएं*
🙏

कुछ लोग कहते है कि जब बीजेपी सत्ता में नहीं थी, मतलब जब चुनाव प्रचार चल रहे थे तब यही मोदी जी, स्मृति ईरानी समेत तमाम ने...
08/09/2023

कुछ लोग कहते है कि जब बीजेपी सत्ता में नहीं थी, मतलब जब चुनाव प्रचार चल रहे थे तब यही मोदी जी, स्मृति ईरानी समेत तमाम नेताओ ने जो बड़े बड़े वादे किए, हम आयेगे तो रुपया इतना कर देंगे, पेट्रोल इतना कर देंगे, गैस सिलेंडर इतना कर देंगे, काला धन ले आएंगे इत्यादि...

ऐसे लोगो जरा यह बताएं कि एक सीएम (मोदी जी) को या एक विपक्ष के नेता (स्मृति ईरानी व अन्य) को क्या भारत सरकार (तत्कालीन यूपीए सरकार) अपने खुफिया राज बताती थी...?

जैसे कि एनपीए 9 लाख करोड़ से अधिक है, हमने 34 अरब डॉलर FCNR (बी) के जरिए ऋण ले रखा है, 1.44 लाख करोड़ रुपया ऑयल बॉन्ड का ऋण ले रखा है, 6.5 अरब डॉलर ईरान का बकाया छोड़ रखा है, हमने कई घोटाले लिए है, 6 वर्षों में 34 लाख करोड़ रुपया ऋण के रूप में बांटा है... इत्यादि इत्यादि...

क्या देश की जनता को इसके बारे में मालूम था?

बोलिए...

क्या 2014 या 2014 से पहले आपको मालूम था कि एनपीए कितना है? विदेशी ऋण कितना है? कलाधन कितना है? तेल कंपनियों की उधारी कितनी है? कांग्रेस सरकार ने जनता को बताया था इन सब विषयों के बारे में...? नहीं ना...

ठीक उसी तरह 2013 में मोदी जी को इस लैंडमाइन पर बैठी अर्थव्यवस्था की सटीक जानकारी नहीं थी, तो अब आप कहेंगे कि उन्होंने अपने भाषणों में किस आधार पर बड़े बड़े वादे किए जो पूरी ना कर पाए अभी तक, जैसे गैस के दाम क्यों ना कम कर पाए? रुपया क्यों ना मजबूत कर पाए? पेट्रोल के दाम क्यों ना कम कर पाए? विदेशो से काला धन वापस क्यों नहीं आ सका?

तो भईया "आंकलन" नाम की एक चीज होती है, 2013 में मोदी जी ने सोचा था, सब बढ़िया होगा, अर्थव्यवस्था बिल्कुल चकाचक होगी जैसा की दिखावटी जीडीपी 2014 में 7.5% थी, लेकिन अब अंदर की बात थोड़े पता थी कि यूपीए सरकार ने इतना बड़ा बैंकिंग घोटाला किया है, विदेशो से ऋण लिया है...

साधारण शब्दों में, कांग्रेस इतनी विकट परिस्थिति छोड़ेगी इसका अंदाजा नहीं था किसी को... पीएम को भी नहीं क्युकी वो तो तब सीएम थे और सीएम को पीएम के कार्यों की जानकारी नहीं होती है... सिर्फ आंकलन होता है... वहीं था... आंकलन...

आज जब सच्चाई पीएम मोदी को पता चली है, तो उन्होंने उस सच्चाई को देश के सामने जनता के समक्ष रखा है, तब जाकर हमें अंदाज़ा हुआ है की, 9 लाख करोड़ से अधिक एनपीए था, 2008-14 बैंको द्वारा 6 वर्षों में 34 लाख करोड़ का ऋण लुटाया गया, 34 अरब डॉलर का FCNR (बी) ऋण था, 6.5 अरब डॉलर ईरान का बकाया था, 1.44 लाख करोड़ ऑयल बॉन्ड के रूप में ऋण था, विदेश से काला धन वापस लाना और स्विस बैंक से भारतीय अकाउंट्स की जानकारी निकालना टेढ़ी खीर था...

तो अब आप आंकलन कीजिए किन परिस्थितियों में पीएम मोदी ने देश को संभाला है, लैंडमाइन पर बैठी भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंकिंग व्यवस्था, काले धन की समांतर अर्थव्यवस्था जैसी विकट परिस्थितियों के बावजूद देश की जीडीपी को 8.2% पर पहुंचाया, देश का गौरव बढ़ाया, देश को मजबूत और सेना को शक्तिशाली किया, कई गरीब कल्याणकारी बड़ी योजनाएं चलाई, उज्ज्वला के माध्यम से 5 करोड़ से अधिक गरीब माताओं बहनों को गैस कनेक्शन दिए, 1.07 करोड़ से अधिक लोगों को घर दिए जा रहे है, देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसको मजबूत ना किया गया हो, 900 हवाई जहाज खरीदे जा रहे है, पूरे देश के दूर दराज के इलाकों को हवाई यातायात से जोड़ा जा रहा है, रेल यातायात से जोड़ा जा रहा है, ऐम्स और मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे है, रेल यूनिवर्सिटी खोली जा रही है, आज भारत कई क्षेत्रों में विश्व में टॉप 5 में पहुंचा है, भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस को पछाड़ कर विश्व में छठवें स्थान पर पहुंच चुकी है...

मोदी जी गैस सिलेंडर तो सस्ता नहीं किए पर उसकी पहुंच और प्राप्ति को सरल बना दिया, अब घंटो लाइन नहीं लगानी पड़ती, एक फोन करते ही गैस अगले दिन घर पहुंच जाती है, पेट्रोल का क्या है कि उन बढ़े पैसे से देश का कर्ज उतारने का कार्य किया है, आगे चल के कम भी हो ही जायेगा, जीएसटी के दायरे में लाने को बात चल ही रही है, रुपया भी मजबूत हो जाएगा आने वाले दिनों में, स्विस बैंक भी जल्द भारतीय खातों की जानकारी देने को तैयार हो गया है...

अब और क्या चाहिए...? सिर्फ अपना स्वार्थ ही देखोगे क्या...? पेट्रोल पियोगे या डॉलर खाओगे...? यह सब उतार चढ़ाव चलता रहता है, बहुत जल्द पेट्रोल की कीमतें भी कम हो ही जाएगी... पर आप सोचो आप 400/500 महीने बचाने के चक्कर में देश को फिर उन्ही के हाथो में सौंप देंगे जिन्होंने देश की ऐसी तैसी कर दी थी...?

सोचना आपको है...


07/09/2023

कमाल खान भगवती जागरण में 'अल्लाह' का गुणगान कर रहे हैं.
- भगवती जागरण में हिंदू भजन गाने के बजाय अपने धर्म का प्रचार करना कैसे उचित है, वह भी तब जब आप दूसरे धर्म के लोगों को "काफ़िर" मानते हैं?
- उन आयोजकों को शर्म आनी चाहिए जो जागरण में गैर-हिंदू गायकों को आमंत्रित करते हैं और कव्वालियां सुनते हैं।

विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है..!🤩✌️Congratulations cha...
28/08/2023

विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है..!🤩✌️
Congratulations champion

कांग्रेस जिसने सत्ता के लिए भारत के 3 टुकड़े कर लाखों लोगों का कत्ल करवायाकांग्रेस जिसने सत्ता के लिए भारत के 3 टुकड़े कर ...
25/08/2023

कांग्रेस जिसने सत्ता के लिए भारत के 3 टुकड़े कर लाखों लोगों का कत्ल करवाया

कांग्रेस जिसने सत्ता के लिए भारत के 3 टुकड़े कर लाखो लोगो का क़त्ल करवाया, लाखो का बलात्कार करवाया, लूट मचाई, जिस कांग्रेस ने भगत सिंह को आतंकवादी बताया,नेताजी बोस को युद्ध अपराधी बताया उस कांग्रेस का वैचारिक पिता है जवाहर लाल नेहरू, जी हां विदेशी महिलाओ से नाजायज सम्बन्ध रखने वाला PM कौन था? विदेशी महिलाओ के चरणों में बैठने वाला PM कौन था? विदेशियों को आज़ाद भारत में बुलाकर बाघ के शिकार करवाने वाला PM कौन था? अपने लिए प्रधानमंत्री का पद पाने के लालच में देश को बांटने की रजामंदी करने वाला नेता कौन था? कश्मीर के हिस्से को बंजर भूमि कहने वाला PM कौन था? कश्मीर के बड़े हिस्से पर दावेदारी छोड़ने वाला कौन था? संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् में भारत को छोड़ चीन को आगे करने वाला कौन था? चीन से कूटनीतिक असफलता के बाद हज़ारो सैनिको की हत्या करवाने वाला PM कौन था? अरे लिखते लिखते हाथ थक जायेंगे पर कुकर्मो की लिस्ट ख़त्म नहीं होगी, ये सब कुकर्म गद्दार जवाहर लाल नेहरू के है जी हां वही नेहरू जो कांग्रेस का वैचारिक पिता भी है। आज भारत में कश्मीर को लेकर समस्या है उसका जिम्मेदार नेहरू है। अरुणांचल की समस्या इसी नेहरू की देंन है सही मायनो में हर तरफ से देश का सबसे बड़ा गद्दार जयचंद नहीं बल्कि जवाहर लाल नेहरू है।

कांग्रेस जिसने सत्ता के लिए भारत के 3 टुकड़े कर लाखो लोगो का क़त्ल करवाया, लाखो का बलात्कार करवाया, लूट मचाई, जिस कांग्रेस ने भगत सिंह को आतंकवादी बताया।

नेताजी बोस को युद्ध अपराधी बताया उस कांग्रेस का वैचारिक पिता है जवाहर लाल नेहरू, जी हां।

* विदेशी महिलाओ से नाजायज सम्बन्ध रखने वाला PM कौन था?

* विदेशी महिलाओ के चरणों में बैठने वाला PM कौन था?

* विदेशियों को आज़ाद भारत में बुलाकर बाघ के शिकार करवाने वाला PM कौन था?

* अपने लिए प्रधानमंत्री का पद पाने के लालच में देश को बांटने की रजामंदी करने वाला नेता कौन था?

* कश्मीर के हिस्से को बंजर भूमि कहने वाला PM कौन था?

* कश्मीर के बड़े हिस्से पर दावेदारी छोड़ने वाला कौन था?

* संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् में भारत को छोड़ चीन को आगे करने वाला कौन था?

* चीन से कूटनीतिक असफलता के बाद हज़ारो सैनिको की हत्या करवाने वाला PM कौन था?

अरे लिखते लिखते हाथ थक जायेंगे पर कुकर्मो की लिस्ट ख़त्म नहीं होगी, ये सब कुकर्म गद्दार जवाहर लाल नेहरू के है।

जी हां वही नेहरू जो कांग्रेस का वैचारिक पिता भी है

* आज भारत में कश्मीर को लेकर समस्या है उसका जिम्मेदार नेहरू है।

* अरुणांचल की समस्या इसी नेहरू की देंन है।

सच मायनो में हर तरफ से देश का सबसे बड़ा गद्दार जयचंद नहीं बल्कि जवाहर लाल नेहरू है।

MANISH KHATRI

अकेले प्रकाश राज ने चंद्रयान-3 और ISRO का मजाक नहीं उड़ाया है, बल्कि सारा बॉलीवुड इस कुकर्म में शामिल है। इसलिए बॉलीवुड न...
25/08/2023

अकेले प्रकाश राज ने चंद्रयान-3 और ISRO का मजाक नहीं उड़ाया है, बल्कि सारा बॉलीवुड इस कुकर्म में शामिल है। इसलिए बॉलीवुड नफरत का पात्र है। KBC का बहिष्कार कीजिए।

बॉलीवुड अभिनेता प्रकाश राज ने बनियान और लुंगी में चाय परोसते हुए एक व्यक्ति को कार्टून में दिखा कर चंद्रयान-3 और हमारे ISRO के वैज्ञानिकों का अकेले ही मजाक नहीं उड़ाया है बल्कि सारा बॉलीवुड इस निंदनीय कृत्य में शामिल है क्योंकि छोटी छोटी बात पर ट्विटर पर उधम मचाने वाले बॉलीवुड के किसी व्यक्ति ने प्रकाश राज की निंदा करने की जरूरत नहीं समझी है। बॉलीवुड के किसी कलाकार ने कोई बयान नहीं दिया है।

सब जानते हैं यह प्रकाश राज घोर हिंदू विरोधी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर चुनाव में हारने की कामना करता है। इस व्यक्ति ने यह कार्टून जारी करके घटिया मानसिकता का परिचय दिया है।

पूरा बॉलीवुड हिन्दू विरोधी फ़िल्में बना कर हिन्दू मानस की भावनाओं से खिलवाड़ करता है और फिर रोता है कि हमारी फिल्मों का बहिष्कार क्यों किया जाता है।

पिछले दिनों सुनील शेट्टी ने योगी जी से विनती की थी कि फिल्मों के बहिष्कार को रोकने की अपील कीजिए। आज वह सुनील शेट्टी प्रकाश राज पर खामोश है। अमिताभ बच्चन अपना KBC फिर लेकर आया है नोट बटोरने के लिए लेकिन प्रकाश राज के लिए कुछ नहीं बोलेगा और न उसकी बीवी बोलेगी मगर वह रवि किशन को कहती है जिस थाली में खाते हो उसमें छेद करते हो और पूर्व CJI रंजन गोगोई के राज्यसभा में भाषण का बहिष्कार करती है क्योंकि उन पर यौन शोषण के आरोप लगा था।

हर बात में टांग फ़साने वाली स्वरा भास्कर हो, या जावेद अख्तर हो, शबाना आज़मी हो या कोई खान हो, अक्षय कुमार हो, राम गोपाल वर्मा हो, अनुराग कश्यप और या एकता कपूर हो, सभी के मुंह में जैसे सीमेंट भर गया है प्रकाश राज के लिए कुछ भी बोलने के लिए। और यह साबित करता है ये सभी लोग प्रकाश राज का समर्थन करते हैं।

कर्नाटक के बागलकोट जिले के बनहट्टी पुलिस स्टेशन में हिन्दू संगठनों द्वारा प्रकाश राज के खिलाफ एक केस दर्ज करने की खबर है जबकि इसके खिलाफ तो देश भर में हर जगह FIR दर्ज की जानी चाहिए।

बॉलीवुड तो छोड़िये, किसी विपक्षी दल ने भी प्रकाश राज के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है जैसे सभी उसके साथ खड़े हैं।

ऐसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोगों को देना खतरे से खाली नहीं है जो देश के वैज्ञानिकों की तपस्या का मजाक उड़ाए। बॉलीवुड सही मायने में एक गटर वुड बन चुका है जिसका हर हाल में बहिष्कार जारी रहने चाहिए। अमिताभ बच्चन के KBC का भी बहिष्कार करना जरूरी है।
Credit --: सुभाष चन्द्र
MANISH KHATRI

यहाँ बस आतंकी का ही कोई मजहब नहीं होता उसके अलावा सबका होता हैदलाल मीडिया की नई पेशकश - "मुस्लिम साइंटिस्ट"वैज्ञानिक भी ...
24/08/2023

यहाँ बस आतंकी का ही कोई मजहब नहीं होता उसके अलावा सबका होता है

दलाल मीडिया की नई पेशकश - "मुस्लिम साइंटिस्ट"

वैज्ञानिक भी हिन्दू और मुस्लिम

गजबे हाल है
MANISH KHATRI

23/08/2023

ये है करन सांगवान, अन अकेडमी में पढ़ाता था

सरकार ने कानून में रिफॉर्म्स किये

अब सब जानते है कि कानूनों में रिफॉर्म्स बेहतरी के लिए ही होते हैं जनता के हितों को ध्यान में रख कर ताकि समाज बेहतर बने

अब ये महामूर्ख सिर्फ इसलिए खिसिया गया क्योंकि इसे अब उन नए कानूनों के लिए फिर से मेहनत करनी पड़ेगी, फिर से पढ़ाना पड़ेगा और नए नोट्स बनाने पड़ेंगे

बोल रहा है कि ऐसे नेता मत चुनो जो अनपढ़ हो, जिन्हें केवल बदलना आता हो वरना ये दिन देखना पड़ेगा

जिसके बाद बवाल हुआ, बवाल बढ़ता देख कर अनअकेडमी में इसे अपने यहाँ से निकाल दिया

यह मूर्ख अपना कंफर्ट देख रहा है कि नए नोट्स न बनाने पड़े, पर कानूनों में सुधार से समाज का क्या भला हो रहा है, या पीड़ितों की किस तरह मदद होगी एक बेहतर समाज के लिए उससे इसे कोई मतलब नही है

सिर्फ इसे मेहनत न करनी पड़े इसलिए सरकार कुछ न करे

कह रहा है सिर्फ नाम बदलना आता है सरकार को

कोई इस मूर्ख को ये बताए कि नाम तो मुगल आक्रांताओं ने बदले थे, सरकार ने तो उन्हें रिस्टोर किया है

मैं अगर सिस्टम में होता तो इसे जेल में डालता इस संकीर्ण मानसिकता के लिए

जिसे अपनी पहचान और जड़ पर शर्म हो, जिसे मुगलों की दी गयी पहचान के साथ मजा आता हो ऐसे लोग क्या पढ़ाते होंगे बच्चों को

मेरा बस चले तो पढ़ाने के नाम पर बकैती करने वाले इन सब जोकरों को जेल में ठूस दु

चिचा पढ़ाने पर ध्यान दो, नेतानगरी मत छापो

19/08/2023

इस वीडियो को देखकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे. पूर्वोत्तर भारत का अभिन्न अंग है; हम सभी को मणिपुर में तीन महीनों से चल रहे संघर्ष से चल रही पीड़ा को स्वीकार करना चाहिए और उसका समाधान करना चाहिए।

19/08/2023

पंजाब में कुछ कट्टरपंथी यह दावा करके गदर-2 का विरोध कर रहे हैं कि यह एक पाकिस्तान विरोधी फिल्म है और ऐसी फिल्मों से "सिख-मुस्लिम भाईचारा" खराब हो रहा है।

"गदर 2 के कारण भारतीय और पाकिस्तानी पंजाब के बीच की खाई चौड़ी हो रही है" - लाखा सिंह सिधाना।

अत्यंत दुखद, लेह लद्दाख में सेना की गाड़ी खाई में गिरने से 9 जवान शहीद हो गए ईश्वर उन सभी की आत्मा को अपने श्री चरणों मे...
19/08/2023

अत्यंत दुखद, लेह लद्दाख में सेना की गाड़ी खाई में गिरने से 9 जवान शहीद हो गए ईश्वर उन सभी की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे। देश आपका हमेशा ऋणी रहेगा
We proud our indian army ❤️🇮🇳🇮🇳🇮🇳
#जवान_शहीद
#लद्दाख

इतिहास में छुपाया गया एक सच ....वीर सावरकर जी ।45 साल के महात्मा गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण ...
19/08/2023

इतिहास में छुपाया गया एक सच ....वीर सावरकर जी ।

45 साल के महात्मा गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में बिता कर। इससे 4 साल पहले 28 वर्ष का एक युवक अंडमान में एक कालकोठरी में बन्द होता है। अंग्रेज उससे दिन भर कोल्हू में बैल की जगह हाँकते हुए तेल पेरवाते हैं, रस्सी बटवाते हैं और छिलके कूटवाते हैं। वो तमाम कैदियों को शिक्षित कर रहा होता है, उनमें राष्ट्रभक्ति की भावनाएँ प्रगाढ़ कर रहा होता है और साथ ही दीवालों कर कील, काँटों और नाखून से साहित्य की रचना कर रहा होता है। उसका नाम था- विनायक दामोदर सावरकर।

उन्हें कई बार आत्महत्या के ख्याल आते। उस खिड़की की ओर एकटक देखते रहते थे, जहाँ से अन्य कैदियों ने पहले आत्महत्या की थी। पीड़ा असह्य हो रही थी। यातनाओं की सीमा पार हो रही थी। अंधेरा उन कोठरियों में ही नहीं, दिलोदिमाग पर भी छाया हुआ था। दिन भर बैल की जगह कोल्हू घुमाते रहो, रात को करवट बदलते रहो। 11 साल ऐसे ही बीते। कैदी उनकी इतनी इज्जत करते थे कि मना करने पर भी उनके बर्तन, कपड़े वगैरह धो देते थे, उनके काम में मदद करते थे। सावरकर से अँग्रेज बाकी कैदियों को दूर रखने की कोशिश करते थे। अंत में बुद्धि को विजय हुई तो उन्होंने अन्य कैदियों को भी आत्महत्या से विमुख किया।
लेकिन नहीं, महा गँवारों का कहना है कि सावरकर ने मर्सी पेटिशन लिखा, सॉरी कहा, माफ़ी माँगी।
अरे मूर्खों, काकोरी कांड में फँसे क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल ने भी माफ़ी माँगी थी, तो? उन्हें भी 'डरपोक' करार दोगे? बताओ। उन्होंने भी माफ़ी माँगी थी अंग्रेजों से। क्या अब इस कसौटी पर क्रांतिकारियों को तौला जाएगा? शेर जब बड़ी छलाँग लगाता है तो कुछ कदम पीछे लेता ही है। उस समय उनके मन में क्या था, आगे की क्या रणनीति थी- ये आज कुछ लोग अपने घरों में बैठे-बैठे जान जाते हैं।
कौन ऐसा स्वतंत्रता सेनानी है जिसे 11 साल कालापानी की सज़ा मिली हो। नेहरू? गाँधी? .....कौन?
नानासाहब पेशवा, महारानी लक्ष्मीबाई और वीर कुँवर सिंह जैसे कितने ही वीर इतिहास में दबे हुए थे। 1857 को सिपाही विद्रोह बताया गया था। तब इसके पर्दाफाश के लिए 20-22 साल का एक युवक लंदन की एक लाइब्रेरी का किसी तरह एक्सेस लेकर और दिन-रात लग कर अँग्रेजों के एक के बाद एक दस्तावेज पढ़ कर सच्चाई की तह तक जा रहा था, जो भारतवासियों से छिपाया गया था। उसने साबित कर दिया कि वो सैनिक विद्रोह नहीं, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था। उसके सभी अमर बलिदानियों की गाथा उसने जन-जन तक पहुँचाई। भगत सिंह सरीखे क्रांतिकारियों ने मिल कर उसे पढ़ा, अनुवाद किया।
दुनिया में कौन सी ऐसी किताब है जिसे प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था? अँग्रेज कितने डरे हुए थे उससे कि हर वो इंतजाम किया गया, जिससे वो पुस्तक भारत न पहुँचे। जब किसी तरह पहुँची तो क्रांति की ज्वाला में घी की आहुति पड़ गई। कलम और दिमाग, दोनों से अँग्रेजों से लड़ने वाले सावरकर थे। दलितों के उत्थान के लिए काम करने वाले सावरकर थे। 11 साल कालकोठरी में बंद रहने वाले सावरकर थे। हिंदुत्व को पुनर्जीवित कर के राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाले सावरकर थे। साहित्य की विधा में पारंगत योद्धा सावरकर थे।
आज़ादी के बाद क्या मिला उन्हें? अपमान नेहरू व मौलाना अबुल कलाम जैसों ने तो मलाई चाटी सत्ता की, सावरकर को गाँधी हत्या केस में फँसा दिया। गिरफ़्तार किया। पेंशन तक नहीं दिया। प्रताड़ित किया। 60 के दशक में उन्हें फिर गिरफ्तार किया, प्रतिबंध लगा दिया। उन्हें सार्वजनिक सभाओं में जाने से मना कर दिया गया। ये सब उसी भारत में हुआ, जिसकी स्वतंत्रता के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया। आज़ादी के मतवाले से उसकी आज़ादी उसी देश में छीन ली गई, जिसे उसने आज़ाद करवाने में योगदान दिया था। शास्त्री जी PM बने तो उन्होंने पेंशन का जुगाड़ किया।
वो कालापानी में कैदियों को समझाते थे कि धीरज रखो, एक दिन आएगा जब ये जगह तीर्थस्थल बन जाएगी। आज भले ही हमारा पूरे विश्व में मजाक बन रहा हो, एक समय ऐसा होगा जब लोग कहेंगे कि देखो, इन्हीं कालकोठरियों में हिंदुस्तानी कैदी बन्द थे। सावरकर कहते थे कि तब उन्हीं कैदियों की यहाँ प्रतिमाएँ होंगी। आज आप अंडमान जाते हैं तो सीधा 'वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट' पर उतरते हैं। सेल्युलर जेल में उनकी प्रतिमा लगी है। उस कमरे में प्रधानमंत्री भी जाकर ध्यान धरते हैं, जिसमें वीर सावरकर को रखा गया था।

नमन वीर सावरकर जी 🙏

ऐसा कौन सा परिवर्तन है जिसका प्रभाव भारत पर आने वाले 1000 वर्ष तक रहने वाला है?प्रधानमंत्री मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर...
14/08/2023

ऐसा कौन सा परिवर्तन है जिसका प्रभाव भारत पर आने वाले 1000 वर्ष तक रहने वाला है?

प्रधानमंत्री मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर लोक सभा को सम्बोधित करते हुए "बड़ी गंभीरता" एवं "विश्वास" से कहा कि आने वाले समय में भारत में जो कुछ भी होगा उसका प्रभाव इस देश पर आने वाले 1000 वर्ष तक रहने वाला है, वो आने वाले 1000 साल की मजबूत नींव रखने वाला है। इसलिए इस कालखंड में सबका एक ही फोकस होना चाहिए, देश का विकास।

प्रधानमंत्री महोदय ने इस सन्दर्भ में बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने लिखा कि भारत से भीषण निर्धनता लगभग समाप्त हो गयी है; राष्ट्र की direct benefit transfer (लाभार्थियों को सीधे धन ट्रांसफर कर देना) और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओ को logistics marvel या चमत्कार कहा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि कि जल जीवन मिशन (हर घर में नल से जल) के कारण भारत में प्रति वर्ष चार लाख लोगों की जान बच रही है जो निर्धन परिवार से हैं। स्वच्छ भारत अभियान से प्रति वर्ष तीन लाख लोगों को मरने से बचाया जा रहा है जो झुग्‍गी झोंपड़ी में रहते है। यूनिसेफ कहता है कि स्वच्छ भारत अभियान के कारण हर वर्ष गरीबों के 50 हजार रुपये बच रहे हैं (बीमारी एवं कुपोषण से बचाकर; बीमार व्यक्ति ना तो नौकरी, ना ही मजूरी या खेती या व्यवसाय कर सकता है, ऊपर से इलाज का खर्च अलग)।

साथ ही, प्रधानमंत्री जी ने बताया कि कैसे बैंकिंग व्यवस्था, HAL एवं LIC जैसी संस्थाओ का कायापलट हो गया है।

लेकिन इस सब से परे, एक राष्ट्र के रूप में भारत की परिकल्पना (आईडिया ऑफ़ इंडिया) में अमूल-चूल परिवर्तन किया जा रहा है। और इस परिवर्तन को भारत-विरोधी शक्तियां समझ रही है क्योकि यहीं शक्तियां देश विदेश में मोदी सरकार की आलोचना इसी आधार पर करती है कि प्रधानमंत्री मोदी आईडिया ऑफ़ इंडिया को बदल रहे है।

आखिरकार, यह कौन सा परिवर्तन है जिसका प्रभाव इस देश पर आने वाले 1000 वर्ष तक रहने वाला है?

यह परिवर्तन है गुलामी एवं मानसिक दुर्बलता से छुटकारा।

अगर आप मल मूत्र से भरे हुए, गंधाती हुई सड़क, ट्रेन एवं स्टेशन से यात्रा करते है, तो आप स्वयं कैसे आत्मसम्मान के साथ रह सकते है? जब महिलाये एवं किशोरियां सड़क एवं रेल पटरी के बगल में, खुले में शौच करती थी, तो उनके पास कितना आत्मसम्मान बचता होगा? जब समाज के निर्धन लोग बैंक में घुस नहीं पाते थे, तो वे किसी अन्य के समक्ष गिड़गिड़ाने को मजबूर हो जाते थे।

इन सब से बढ़कर, अब राष्ट्र का नेतृत्व सनातनी प्रक्रिया से राज काज करता है। नए संसद भवन का उद्घाटन, G-20 के कांफ्रेंस परिसर का उद्घाटन इत्यादि मंत्रोचारण के मध्य किया जाता है। अनुच्छेद 370 एवं 35A को आहुति में भस्म कर दिया गया है। अगले वर्ष राम मंदिर का उद्घाटन है। काशी विश्वनाथ परिसर से अतिक्रमण शीघ्र ही हटा दिया जाएगा। सभी प्रमुख मंदिरो का जीर्णोद्धार किया जा रहा है; वहां पर नेतृत्व स्वयं पूजा पाठ करता है।

भारतीय दंड संहिता को बदला जा रहा है। यूनिफार्म सिविल कोड को लाने के लिए कार्य शुरू हो गया है। पाठ्यक्रम बदला जा रहा है। ऐसे बहुत से बदलाव हो रहे है जो अगले 5 वर्ष में भारत की विधिक फाउंडेशन को बदल देंगे, आईडिया ऑफ़ इंडिया में मूलभूत परिवर्तन कर देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व में स्पष्ट कहा था कि आततायियों ने हमारी सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की थी; हमारी संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की थी। उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के औरंगजेब को अत्याचारी और आतंकी बताया।

हमारी सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की थी, उसी को रिवर्स किया जा रहा है।

और यही बदलाव आने वाले 1000 वर्ष तक रहने वाला है।

MANISH KHATRI

वर्तमान के समर्थ भारत ने पाकिस्तान को गिलगित, बाल्टिस्तान खाली करने का नोटिस दे ही दिया, परन्तु क्या आप जानते हैं इस क्ष...
14/08/2023

वर्तमान के समर्थ भारत ने पाकिस्तान को गिलगित, बाल्टिस्तान खाली करने का नोटिस दे ही दिया, परन्तु क्या आप जानते हैं इस क्षेत्र की विशेषता क्या है?

तो आंखे खुली रखकर, एकाग्रचित्त होकर पढिए। लेख थोड़ा लंबा है, पर आंखों को खोल कर रख देगा।

अब हम सभी देशवासियों को संपूर्ण जम्मू कश्मीर के इतिहास और भूगोल की सत्यता के बारे में बातचीत करने की जरूरत है विशेषकर पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन (सी ओ के) के बारे में। गिलगित जो अभी POK के रुप में है वह विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जो कि 5 देशों की सीमा से जुड़ा हुआ है, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान (जो कभी Russia का हिस्सा था), पाकिस्तान, भारत और तिब्बत चाइना।

वास्तव में जम्मू कश्मीर का महत्व जम्मू के कारण नहीं, कश्मीर के कारण नहीं, लद्दाख के कारण नहीं वास्तव में अगर इसका महत्व है तो वह है गिलगित बाल्टिस्तान के कारण (POK)।

अब तक ज्ञात इतिहास में भारत पर जितने भी आक्रमण हुए यूनानियों से लेकर आजतक (शक, हूण, कुषाण, मुग़ल) वह सारे गिलगित मार्ग से ही हुए।

हमारे पूर्वज जम्मू कश्मीर के महत्व को समझते थे उनको पता था कि अगर भारत को सुरक्षित रखना है तो दुश्मन को हिंदूकुश अर्थात गिलगित बाल्टिस्तान उस पार ही रखना होगा। किसी समय इस गिलगित में अमेरिका बैठना चाहता था, ब्रिटेन अपना सैन्य संचालन केंद्र गिलगित में बनाना चाहता था, रशिया भी गिलगित में बैठना चाहता था। यहां तक कि पाकिस्तान ने सन 1965 में गिलगित क्षेत्र को रशिया को देने का वादा तक कर लिया था आज चाइना भी इसी गिलगित में बैठना चाहता है और वह अपने पैर पसार भी चुका है और पाकिस्तान तो बैठना चाहता ही था।

दुर्भाग्य से जिस गिलगित के महत्व को सारी दुनिया जानती समझती है, जबकि एक ही देश के नेता उसको अपना नहीं मानते थे, जिसका वास्तव में गिलगित बाल्टिस्तान है और वह है भारत देश। क्योंकि हमको इस बात की कल्पना तक नहीं है भारत को अगर सुरक्षित रहना है तो हमें गिलगित बाल्टिस्तान किसी भी हालत में चाहिए।

आज जब हम आर्थिक शक्ति बनने की सोच रहे हैं क्या आपको पता है गिलगित से सड़क द्वारा आप विश्व के अधिकांश कोनों में जा सकते हैं गिलगित से सड़क द्वारा 5000 किमी दुबई है, 1400 किमी दिल्ली है, 2800 किमी मुंबई है, 3500 किमी रशिया है, चेन्नई 3800 किमी है लंदन 8000 किमी है। जब हम सोने की चिड़िया थे तब हमारा सारे देशों से व्यापार इसी सिल्क मार्ग से चलता था 85% जनसंख्या इन मार्गों से जुड़ी हुई थी।

मध्य एशिया, यूरेशिया, यूरोप, अफ्रीका सब जगह हम सड़क द्वारा जा सकते है अगर गिलगित बाल्टिस्तान हमारे पास हो।

आज हम पाकिस्तान के सामने IPI (ईरान- पाकिस्तान- इंडिया) गैस लाइन बिछाने के लिए गिड़गिड़ाते हैं ये तापी की परियोजना है जो कभी पूरी नहीं होगी अगर हमारे पास गिलगित होता तो गिलगित के आगे तज़ाकिस्तान था हमें किसी के सामने हाथ नहीं फ़ैलाने पड़ते।

हिमालय की 10 बड़ी चोटियों है जो कि विश्व की 10 बड़ी चोटियों में से है और ये सारी हमारी सम्पदा है और इन 10 में से 8 गिलगित बाल्टिस्तान में है। तिब्बत पर चीन का कब्जा होने के बाद जितने भी पानी के वैकल्पिक स्त्रोत (Alternate Water Resources) हैं वह सारे गिलगित बाल्टिस्तान में है।

आप हैरान हो जाएंगे वहां बड़ी बड़ी 50-100 यूरेनियम और सोने की खदाने हैं। आप POK के मिनरल डिपार्टमेंट की रिपोर्ट को पढ़िए आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे। वास्तव में गिलगित बाल्टिस्तान का महत्व हमको मालूम नहीं है और सबसे बड़ी बात गिलगित बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान के कट्टर विरोधी है।

दुर्भाग्य क्या है हम हमेशा कश्मीर ही बोलते हैं, जम्मू कश्मीर नहीं बोलते हैं, कश्मीर कहते ही जम्मू, लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान हमारे मस्तिष्क से निकल जाता है। ये पाकिस्तान के कब्जे में जो POK है उसका क्षेत्रफल 79000 वर्ग किलोमीटर है उसमें कश्मीर का हिस्सा तो सिर्फ 6000 वर्ग किलोमीटर है और 9000 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा जम्मू का है और 64000 वर्ग किलोमीटर हिस्सा लद्दाख का है जो कि गिलगित बाल्टिस्तान है। यह कभी कश्मीर का हिस्सा नहीं था यह लद्दाख का हिस्सा था वास्तव में सच्चाई यही है। तभी भारत सरकार दो संघशासित राज्य जम्मू कश्मीर और लद्दाख का उचित निर्माण किया इसलिए पाकिस्तान जो बार-बार कश्मीर का राग अलापता रहता है तो उससे कोई यह पूछे तो सही क्या गिलगित बाल्टिस्तान और जम्मू का हिस्सा जिस पर तुमने कब्ज़ा कर रखा है क्या ये भी कश्मीर का ही भाग है? कोई उत्तर नहीं मिलेगा।

क्या आपको पता है कि गिलगित बाल्टिस्तान, लद्दाख के रहने वाले लोगो की औसत आयु विश्व में सर्वाधिक है यहाँ के लोग विश्व अन्य लोगो की तुलना में ज्यादा जीते है।भारत में आयोजित एक सेमिनार में गिलगित बाल्टिस्तान के एक बड़े नेता को बुलाया गया था उसने कहा कि "We are the forgotten people of forgotten lands of BHARAT" उसने कहा कि देश हमारी बात ही नहीं जानता। जब किसी ने उससे सवाल किया कि क्या आप भारत में रहना चाहते हैं? तो उसने कहा कि 60 साल बाद तो आपने मुझे भारत बुलाया और वह भी अमेरिकन टूरिस्ट वीजा पर और आप मुझसे सवाल पूछते हैं कि क्या आप भारत में रहना चाहते हैं!! उसने कहा कि आप गिलगित बाल्टिस्तान के बच्चों को IIT, IIM में दाखिला दीजिए AIIMS में हमारे लोगों का इलाज कीजिए, हमें यह लगे तो सही कि भारत हमारी चिंता करता है हमारी बात करता है। गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान की सेना कितने अत्याचार करती है लेकिन आपके किसी भी राष्ट्रीय अखबार में उसका जिक्र तक नहीं आता है। आप हमें ये अहसास तो दिलाइये कि आप हमारे साथ है।

और मैं खुद आपसे यह पूछता हूं कि आप सभी ने पाकिस्तान को हमारे कश्मीर में हर सहायता उपलब्ध कराते हुए देखा होगा। वह बार बार कहता है कि हम कश्मीर की जनता के साथ हैं, कश्मीर की आवाम हमारी है। लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है कि किसी भी भारत के नेता, मंत्री या सरकार ने यह कहा हो कि हम POK गिलगित बाल्टिस्तान की जनता के साथ हैं, वह हमारी आवाम है, उनको जो भी सहायता उपलब्ध होगी हम उपलब्ध करवाएंगे, आपने यह कभी नहीं सुना होगा।

कांग्रेस सरकार ने कभी POK गिलगित बाल्टिस्तान को पुनः भारत में लाने के लिए कोई बयान तक नहीं दिया प्रयास करना तो बहुत दूर की बात है। हालाँकि पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के समय POK का मुद्दा उठाया गया फिर 10 साल पुनः मौन धारण हो गया और अब फिर से नरेंद्र मोदी जी की सरकार आने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में ये मुद्दा उठाया।

आज अगर आप किसी को गिलगित के बारे में पूछ भी लोगे तो उसे यह पता नहीं है कि यह जम्मू कश्मीर का ही भाग है! वह सीधे ही यह पूछेगा क्या यह कोई चिड़िया का नाम है? वास्तव में हमारा जम्मू कश्मीर के बारे में जो गलत नजरिया है उसको बदलने की जरूरत है।

अब करना क्या चाहिए?

तो पहली बात है सुरक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। जम्मू कश्मीर की सुरक्षा का मुद्दा बहुत संवेदनशील है इस पर अनावश्यक वादनविवाद नहीं होना चाहिए, वहीं एक अनावश्यक वाद विवाद चलता है कि जम्मू कश्मीर में इतनी सेना क्यों है?

तो उन तथाकथित बुद्धिजीवियों को बता दिया जाए कि जम्मू कश्मीर का 2800 किलोमीटर का बॉर्डर है जिसमें 2400 किलोमीटर पर LOC है, आजादी के बाद भारत ने पांच युद्ध लड़े वह सभी जम्मू कश्मीर से लड़े। भारतीय सेना के 18 लोगों को परमवीर चक्र मिला और वह सभी 18 के 18 जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं।

इनमें 14000 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं जिनमें से 12000 जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं, अब सेना बॉर्डर पर नहीं तो क्या मध्यप्रदेश में रहेगी क्या यह सब जो सेना की इन बातों को नहीं समझते वही यह सब अनर्गल चर्चा करते हैं।

वास्तव में जम्मू कश्मीर पर बातचीत करने के बिंदु होने चाहिए; POK, वेस्ट पाकिस्तान से आए रिफ्यूजी, कश्मीरी हिंदू समाज, आतंक से पीड़ित लोग, धारा 370 और 35A का हुआ दुरूपयोग, गिलगित बाल्टिस्तान का वह क्षेत्र जो आज पाकिस्तान व चाइना के कब्जे में है। जम्मू कश्मीर के गिलगित बाल्टिस्तान में अधिकांश जनसंख्या शिया मुसलमानों की है और वह सभी पाकिस्तान विरोधी है। वह आज भी अपनी लड़ाई खुद लड़ रहे हैं, पर भारत उनके साथ है, ऐसा हमें उनको महसूस कराना चाहिए, देश कभी उनके साथ खड़ा नहीं हुआ वास्तव में पूरे देश में इसकी चर्चा खुलकर होनी चाहिए।

वास्तव में जम्मू कश्मीर के विमर्श का मुद्दा बदलना चाहिए, जम्मू कश्मीर को लेकर सारे देश में सही जानकारी देने की जरूरत है। इसके लिए एक इंफॉर्मेशन कैंपेन चलना चाहिए, पूरे देश में वर्ष में, सबसे बड़ी बात है जम्मू कश्मीर को हमें राष्ट्रवादियों की नजर से देखना होगा। जम्मू कश्मीर की चर्चा हो तो वहां के राष्ट्रभक्तों की चर्चा होनी चाहिए।

इस जम्मू कश्मीर लेख के माध्यम से मैंने आपको पूरे जम्मू कश्मीर की पृष्ठभूमि और परिस्थितियों से अवगत करवाया और मेरा मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही है कि जम्मू कश्मीर के बारे में देश के प्रत्येक नागरिक को यह सब जानकारियां होनी चाहिए।

तो अब आप इतने समर्थ हैं कि जम्मू कश्मीर को लेकर आप किसी से भी वाद विवाद या तर्क वितर्क कर सकते हैं, किसी को आप समझा सकते हैं कि वास्तव में जम्मू कश्मीर की परिस्थितियां क्या है, वैसे तो जम्मू कश्मीर पर एक ग्रन्थ लिखा जा सकता है लेकिन मैंने जितना हो सका उतने संछिप्त रूप में इसे आपके सामने रखा है।इस लेख को केवल लाइक करने से कुछ भी नहीं होगा। चाहे आप पढ़कर लाइक कर रहे हो या बिना पढ़े लाइक कर रहे हो उसका कोई भी मतलब नहीं है। अगर आप इस श्रृंखला को अधिक से अधिक जनता के अंदर प्रसारित करेंगे तभी हम जम्मू कश्मीर के विमर्श का यह मुद्दा बदल सकते हैं अन्यथा नहीं। इसलिए मेरा आप सभी से यही अनुरोध है श्रृंखला को अधिक से अधिक लोगों की जानकारी में लाया जाए ताकि देश की जनता को जम्मू कश्मीर के संदर्भ में सही तथ्यों का पता लग सके।

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