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Marigold 💛🧡❤️
08/12/2024

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मिलीबग, एफिड्स और अन्य कीटों के लिए लहसुन अल्कोहल वाला ऑर्गेनिक कीटनाशक तैयार करने की विधि।■ आवश्यक सामग्री:● 2-3 लहसुन ...
07/12/2024

मिलीबग, एफिड्स और अन्य कीटों के लिए लहसुन अल्कोहल वाला ऑर्गेनिक कीटनाशक तैयार करने की विधि।

■ आवश्यक सामग्री:

● 2-3 लहसुन की कलियाँ
● 500 मिली रबिंग अल्कोहल (70%)
● 1 लीटर पानी
● एक स्प्रे बोतल

■ चरण दर चरण तैयारी:

● लहसुन की कलियों को छीलें और पीसकर पेस्ट बना लें।

● कुचले हुए लहसुन को रबिंग अल्कोहल में डालें और मिश्रण को 24 घंटे तक भीगने दें।

● भिगोने के बाद, लहसुन-अल्कोहल मिश्रण को 1 लीटर पानी में मिला कर पतला करें।

● घोल को छानले।

● स्प्रे बोतल में ट्रांसफर करें।

■ उपयोग कैसे करें:

● सुबह या शाम को स्प्रे करें।

● कीटों और पत्तियों के नीचे सीधे छिड़काव करें, जहाँ वे अक्सर छिपते हैं।

● संक्रमण कम होने तक हर 3-5 दिनों में छिड़काव दोहराएं।

● घोल को ठंडी, अंधेरी जगह पर रखें और अधिकतम प्रभाव के लिए एक सप्ताह के भीतर इसका उपयोग करें।

■ लाभ:

● लहसुन में मौजूद सल्फर यौगिक कीटों के लिए एक प्राकृतिक विकर्षक के रूप में कार्य करते हैं।

● पौधों के लिए सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल।

कठोर रसायन जो लाभकारी कीटों को नुकसान पहुँचा सकते हैं उनके उपयोग से बचें और प्राकृतिक तरीके के समाधान का जादा प्रयोग करें। इससे पौधा और वातावरण दोनो स्वस्थ और सुरक्षित रहेंगे।

06/12/2024

हरसिंगार पौधें की सर्दियों में देखभाल कैसे करें | harsingar plant ki sardiyo me dekhbhal kaise kare
Your Queries:
How to take care of Harsingar plants in winter
Harsingar plant winter care tips
How to take care of Harsingar plant in winter
How to take care of Parijat plants in winter
How to revive a harsingar plant
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Rose's from बगिया की ABC
06/12/2024

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सेहत का खजाना सौंफFennel Harvesting Today🌾
05/12/2024

सेहत का खजाना सौंफ
Fennel Harvesting Today🌾

पत्थरचट्टा, ब्रायोफिलम पिनैटम अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यह पौधा विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता...
04/12/2024

पत्थरचट्टा, ब्रायोफिलम पिनैटम अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यह पौधा विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचाता है। अगर आम लोगों के बीच इसके फायदों की बात करें तो हर कोई इसे सिर्फ किडनी स्टोन को दूर करने में ही मददगार मानता है। लेकिन पत्थरचट्टा किडनी स्टोन को दूर करने के अलावा और भी कई फायदे देता है।

■ पथरचट्टा के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ

● पाचन तंत्र को मजबूत करता है:
पथरचट्टा के पौधे में विटामिन और खनिज होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं। पथरचट्टा एसिडिटी और सीने में जलन जैसी पाचन समस्याओं में भी मदद कर सकता है। इसमें पाचन एंजाइम भी होते हैं जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देते हैं।

● प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है:
पथरचट्टा के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह पौधा शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाता है।

● त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद:
पथरचट्टा के पौधे में विटामिन और खनिज होते हैं जो त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह पौधा त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है और बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है।

● मधुमेह को नियंत्रित करता है:
पथरचट्टा के पौधे में मधुमेह रोधी गुण होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह पौधा रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

● तनाव और चिंता को कम करता है:
पत्थरचट्टा पौधे में एंटी-चिंता और एंटी-डिप्रेसेंट गुण होते हैं जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। यह पौधा मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और तनाव और चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

● वजन प्रबंधन में सहायता करता है:
पत्थरचट्टा के रस में कैलोरी कम होती है और यह वजन घटाने या उसे बनाए रखने में मदद कर सकता है।

● लीवर को स्वस्थ बनाता है:
पत्थरचट्टा लीवर को साफ और उसके कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

● बुखार से राहत देता है:
पत्थरचट्टा बुखार को कम करने में मदद कर सकता है।

● घाव भरने में मदद करता है:
पत्थरचट्टा कट, घाव और चोटों को तेजी से ठीक करने में मदद कर सकता है।

● श्वसन स्वास्थ्य के लिए:
पत्थरचट्टा खांसी और अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं में मदद कर सकता है।

● मौखिक स्वास्थ्य में सुधार करता है:
पत्थरचट्टा मौखिक स्वच्छता, मसूड़ों की सूजन और उपचार में मदद कर सकता है।

● गुर्दे की पथरी को खत्म करता है:
पत्थरचट्टा गुर्दे की पथरी को घोलने में मदद कर सकता है, खासकर कैल्शियम ऑक्सालेट से बनी पथरी को। इसमें सैपोनिन होते हैं, जो शरीर से पथरी को बाहर निकालने में मदद करते हैं।

◆ प्रयोग कैसे करें:
आप जूस या काढ़ा बनाकर पथरचट्टा का सेवन कर सकते हैं। या पत्तियों को उबालकर दूसरी सब्जियों के साथ खा सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पथरचट्टा के पौधे का उपयोग करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए या अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

patharchatta plant ke health benefits

Thanks for being a top engager and making it on to my weekly engagement list! 🎉 Sunita Sharma, Reeta Soni, Priyanka Khar...
03/12/2024

Thanks for being a top engager and making it on to my weekly engagement list! 🎉 Sunita Sharma, Reeta Soni, Priyanka Khare, Pushplata Chauhan, Rita Tiwari, Narayan Agarwal, Anil Sharma, Rajesh Kumar Kr, Manju Goel, Hht Lucknow

सर्दियों में जब कोहरा और पाला बहुत ज़्यादा होता है, तो आपको शाम को गमले को बाहर निकालकर किसी जाली या छत के नीचे रख देना ...
02/12/2024

सर्दियों में जब कोहरा और पाला बहुत ज़्यादा होता है, तो आपको शाम को गमले को बाहर निकालकर किसी जाली या छत के नीचे रख देना चाहिए और पूरे दिन धूप में रखना चाहिए। इससे पाला नहीं पड़ेगा और दिसंबर-जनवरी में भी आपको अच्छे फूल मिल सकते हैं।

सर्दियों में हिबिस्कस को कम पानी देना चाहिए। हफ़्ते में सिर्फ़ दो से तीन बार ही पानी दें। ज़्यादा पानी देने से मिट्टी हमेशा गीली रहेगी और इससे फंगल की समस्या हो सकती है।

समय-समय पर तरल खाद जैसे एप्सम सॉल्ट, बायो एंजाइम, समुद्री शैवाल का तरल आदि तैयार करके पौधों को दें।

गुड़हल के पौधे को दिन में 8-10 घंटे धूप में रखें। रात की ठंड से बचाएं। सूखी पत्तियों और टहनियों को काटकर हटा दें।

■ सर्दियों के लिए गुड़हल को घर के अंदर रखना:

अगर प्राकृतिक रोशनी की कमी है, तो प्लांट लैंप का इस्तेमाल किया जा सकता है। गुड़हल को ठंडी हवा या हीटर के पास न रखें, क्योंकि तापमान में अचानक बदलाव से पत्तियाँ गिर सकती हैं।

सर्दियों में पौधों को पानी देने का समय, तरीका और मात्रा अलग-अलग होता है। सर्दियों में पौधों को कम पानी की जरूरत होती है ...
01/12/2024

सर्दियों में पौधों को पानी देने का समय, तरीका और मात्रा अलग-अलग होता है। सर्दियों में पौधों को कम पानी की जरूरत होती है क्योंकि वे धीरे-धीरे बढ़ते हैं। अगर आप सर्दियों में अपने बगीचे में लगे पौधों को जिंदा रखना चाहते हैं और उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं तो आपको सर्दियों में उनके पानी पर बहुत ध्यान देना होगा। इंसानों की तरह ही पौधे भी बदलते मौसम से प्रभावित होते हैं। उन्हें भी ठंड लगती है। सर्दियों में पौधों को ओस, बर्फबारी, ठंडी हवा के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

● कब पानी दें:
पौधों को पानी देने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम है। लेकिन जब सर्दियों की बात आती है, तो दोपहर में पानी देने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस मौसम में रात में ठंड और ओस के कारण पेड़ों को जो भी नुकसान होता है, वह तब नहीं होता जब उन्हें उचित मात्रा में पानी मिलता है। आप यह भी कह सकते हैं कि दोपहर में पानी देने से पौधे रात में बिगड़ते मौसम का शिकार नहीं होते बल्कि जीवित रहते हैं।

● कैसे पानी दें:
पेड़ों को पानी देने के कई तरीके हैं। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि सर्दियों के मौसम में पानी पत्तियों या शाखाओं में न रुके। अगर ऐसा होता है, तो पौधे को नुकसान हो सकता है। पौधों को धीरे-धीरे और गहराई से पानी दें, ताकि पानी मिट्टी की पूरी गहराई तक पहुँच सके। पौधे के आस-पास की मिट्टी को भी पानी दें। पौधे की पत्तियों पर पानी न डालें, इससे पत्तियां सड़ सकती हैं। पानी का तापमान 10-15 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। ठंडा पानी पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।

● कितना पानी दें:
सर्दियों के मौसम में पौधों को हर दिन पानी देने की ज़रूरत नहीं होती है। मिर्च, नींबू, धनिया, पुदीना आदि कुछ ऐसे पौधे हैं, जिन्हें आपको 5 से 6 दिन में थोड़ा-थोड़ा पानी देना चाहिए। वहीं अगर आपने गुलाब का पौधा लगाया है, तो आपको उसे 2 से 3 दिन में थोड़ा-थोड़ा पानी देना चाहिए। गुलाब की जड़ें मोटी होती हैं, इसलिए अगर आप उन्हें कम समय में पानी देते हैं, तो इससे ज़्यादा नुकसान नहीं होता है। वहीं मनी प्लांट या दूसरे बेल वाले पौधों को 10 से 15 दिन में पानी देना चाहिए।

अगर आपके घर में इनडोर पौधे हैं, तो आपको उन्हें 10 से 15 दिन में पानी देना चाहिए, जबकि आउटडोर पौधों को तब पानी देना चाहिए जब उनकी मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए। अगर आपके इलाके में अच्छी धूप आती ​​है, तो संभव है कि आपको सर्दियों में समय से पहले आउटडोर पौधों को पानी देना पड़े, इसलिए आपको हमेशा यह सुनिश्चित करना होगा कि गमले का ड्रेनेज होल ठीक से काम कर रहा हो और आप पौधों को तभी पानी दे रहे हों जब मिट्टी पूरी तरह से सूख गई हो।

● अन्य देखभाल:
सर्दियों में पौधों को कोहरे और ओलों से बचाने के लिए उनकी छंटाई करें। पौधों को हवा के झरोखों और हवा वाली जगहों से दूर रखें। अगर संभव हो तो पौधों को किसी ऐसी गर्म जगह पर रखें जहाँ तापमान ज़्यादा हो।

इन सुझावों का पालन करके आप सर्दियों में अपने पौधों को स्वस्थ और मज़बूत रख सकते हैं।

अपराजिता का पौधा सर्दियों के प्रति संवेदनशील होता है, इसलिए अपराजिता को कड़ाके की सर्दी में सूखने की समस्या का सामना करन...
30/11/2024

अपराजिता का पौधा सर्दियों के प्रति संवेदनशील होता है, इसलिए अपराजिता को कड़ाके की सर्दी में सूखने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आज के लेख में, मैं अपराजिता को सर्दियों में सूखने से बचाने के लिए कुछ टिप्स शेयर कर रहा हूँ।

● पानी की मात्रा: सर्दियों में पौधों को कम पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए अपराजिता को सप्ताह में एक से दो बार पानी देना पर्याप्त हो सकता है।

● धूप की मात्रा: सर्दियों में धूप की मात्रा कम होती है, लेकिन अपराजिता को अधिक धूप की आवश्यकता होती है। आपको इसे ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहाँ इसे पूरे दिन धूप मिल सके।

● तापमान का नियंत्रण: यदि तापमान बहुत कम है, तो इसे गर्म स्थान पर रखें।

● खाद का उपयोग: सर्दियों में अपराजिता को खाद की आवश्यकता नहीं होती है। खाद का प्रयोग करने से पौधे की वृद्धि धीमी हो सकती है। कभी कभी पौधा मर भी जाता हैं।

● तरल खाद: आप सूखी खाद की जगह पौधे को हर 7 से 10 दिन में तरल खाद दे सकते हैं। तरल खाद के रूप में, आप सरसों की खली का खाद या गाय के गोबर से तैयार खाद का उपयोग कर सकते हैं। (पेज पर आपको सभी प्रकार के खाद तैयार करने का विधिवत वीडियो मिलजाएगा)

● नमी बनाए रखें: सर्दियों में हवा में नमी कम होती है, जिससे अपराजिता की पत्तियां सूख सकती हैं। धूप होने पर आप ह्यूमिडिफायर या पाइप का इस्तेमाल करके नमी बनाए रख सकते हैं।

● फलियाँ बन रही हैं तो: अगर पौधें में फलियाँ बन रही हैं, तो उन्हें तोड़कर अपने पास रख लें ताकि आप उन्हें अगले मौसम में लगा सकें। फलियाँ तोड़ने का एक और फ़ायदा यह है कि इससे पौधे की ऊर्जा बचेगी और पौधा तनाव में नहीं जाएगा।

● ओस से बचाएं: सर्दियों में पौधे को रात की ओस से बचाएं। ओस की वजह से इसकी पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं और पौधा सूखने लगता है।

● छंटाई करने से बचें: कड़ाके की सर्दी में पौधे की छंटाई करने से बचें। अगर पत्तियाँ पीली पड़ रही हैं और सूख रही हैं, तो उन्हें समय-समय पर हटाते रहें।

● पौधे की देखभाल करें: सर्दियों में अपराजिता की देखभाल करना ज़रूरी है। आप पौधे की पत्तियों को साफ कर सकते हैं और इसकी जड़ों की जांच करके सुनिश्चित कर सकते हैं कि यह स्वस्थ है।

इन उपायों को अपनाकर आप सर्दियों में अपराजिता को सूखने से बचा सकते हैं और इसकी सेहत और सुंदरता को बनाए रख सकते हैं। फरवरी का महीना शुरू होते ही ये फिर से हरा भरा होने लगेगा। इस तरह आप अपराजिता के पौधे को सर्दियों में सूखने से बचा सकते हैं

29/11/2024

अपराजिता को सर्दियों में सूखने से कैसे बचाये | How to protect Aparajita plant from drying in winter

Flowers in my garden
26/11/2024

Flowers in my garden

26/11/2024

अगर आप बागवानी के शौकीन हैं, तो इस फ़ोटो में दिख रहे पौधे आपके बगीचे की खूबसूरती जरूर बढ़ा रहे होंगे। लेकिन कई बार उपलब्ध...
25/11/2024

अगर आप बागवानी के शौकीन हैं, तो इस फ़ोटो में दिख रहे पौधे आपके बगीचे की खूबसूरती जरूर बढ़ा रहे होंगे। लेकिन कई बार उपलब्धता की कमी के कारण आपके पास पौधे नहीं होते। लेकिन अगर आपके पास जानकारी नहीं है, तो इस लेख के जरिए आप अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और इन दुर्लभ और बहुमूल्य औषधीय पौधों को अपने बगीचे में जगह दे सकते हैं।

1) लेमन ग्रास

लेमन ग्रास एक प्रकार की घास है जो अपने तीखे और खट्टे स्वाद के लिए जानी जाती है। यह घास विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर को कई लाभ प्रदान करती है।

◆ लेमन ग्रास के लाभ:

1. पाचन तंत्र को मजबूत करता है: लेमन ग्रास में विटामिन और खनिज होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं।

2. प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है: लेमन ग्रास में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं।

3. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: लेमन ग्रास में विटामिन और खनिज होते हैं जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाते हैं।

4. मधुमेह को नियंत्रित करता है: लेमन ग्रास में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

5. तनाव और चिंता को कम करता है: लेमन ग्रास में चिंता-रोधी और अवसाद-रोधी गुण होते हैं जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं।

लेमन ग्रास के उपयोग:

1. चाय: लेमन ग्रास की पत्तियों को मिलाकर चाय पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

2. सलाद: सलाद में लेमन ग्रास की पत्तियां मिलाकर खाने से विटामिन और मिनरल मिलते हैं।

3. सॉस और मैरिनेड: सॉस और मैरिनेड में लेमन ग्रास की पत्तियां मिलाकर इस्तेमाल करने से स्वाद और स्वास्थ्य दोनों लाभ मिलते हैं।

4. आयुर्वेदिक दवा: लेमन ग्रास का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है।

2) तुलसी

तुलसी के कई प्रकार हैं, जिनमें से राम तुलसी, श्याम तुलसी और कृष्ण तुलसी सबसे आम हैं।

तुलसी के लाभ:

1. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।

2. खांसी और जुकाम से राहत देता है: तुलसी में यूजेनॉल नामक एक यौगिक होता है जो खांसी और जुकाम से राहत दिलाने में मदद करता है।

3. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाते हैं।

4. मधुमेह को नियंत्रित करता है: तुलसी में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

5. तनाव और चिंता को कम करता है: तुलसी में चिंता विरोधी और अवसाद विरोधी गुण होते हैं जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं।

तुलसी का उपयोग:

1. चाय: तुलसी के पत्तों को चाय में मिलाकर पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

2. कपूर: तुलसी के पत्तों को कपूर में मिलाकर जलाने से वातावरण शुद्ध होता है।

3. पूजा: पूजा में तुलसी के पत्तों का उपयोग करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

4. औषधि: तुलसी के पत्तों को औषधि के रूप में उपयोग करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

3) एलोवेरा

एलोवेरा एक प्रकार का पौधा है जो अपने औषधीय और सौंदर्य बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यह पौधा विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर को कई लाभ प्रदान करता है।

एलोवेरा के लाभ:

1. त्वचा को स्वस्थ बनाता है: एलोवेरा में विटामिन और खनिज होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ बनाते हैं।

2. बालों को स्वस्थ बनाता है: एलोवेरा में विटामिन और खनिज होते हैं जो बालों को स्वस्थ बनाते हैं।

3. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है: एलोवेरा में विटामिन और खनिज होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।

4. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है: एलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।

5. मधुमेह को नियंत्रित करता है: एलोवेरा में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

एलोवेरा के उपयोग:

1. जेल: एलोवेरा जेल का उपयोग त्वचा और बालों के लिए किया जा सकता है।

2. जूस: एलोवेरा जूस पीने से पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

3. कैप्सूल: एलोवेरा कैप्सूल पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।

4. साबुन और शैम्पू: एलोवेरा का इस्तेमाल साबुन और शैम्पू में किया जा सकता है जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाते हैं।

4) पुदीना

पुदीना एक प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटी है जो अपने तीखे और खट्टे स्वाद के लिए जानी जाती है। यह जड़ी-बूटी विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर को कई लाभ प्रदान करती है।

पुदीने के लाभ:

1. पाचन तंत्र को मजबूत करता है: पुदीने में विटामिन और खनिज होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं।

2. खांसी और जुकाम से राहत दिलाता है: पुदीने में यूजेनॉल नामक यौगिक होता है जो खांसी और जुकाम से राहत दिलाने में मदद करता है।

3. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: पुदीने में विटामिन और खनिज होते हैं जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाते हैं।

4. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: पुदीने में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।

5. मधुमेह को नियंत्रित करता है: पुदीने में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

पुदीने के उपयोग:

1. चाय: पुदीने की पत्तियों को चाय में मिलाकर पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

2. सलाद: सलाद में पुदीने की पत्तियां मिलाकर खाने से विटामिन और मिनरल मिलते हैं।

3. सॉस और मैरिनेड: सॉस और मैरिनेड में पुदीने की पत्तियां मिलाकर इस्तेमाल करने से स्वाद और स्वास्थ्य दोनों लाभ मिलते हैं।

4. आयुर्वेदिक दवा: पुदीने का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है।

5) गिलोय

गिलोय एक प्रकार की औषधीय बेल है जो अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती है। यह बेल विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर को कई लाभ प्रदान करती है।

गिलोय के लाभ:

1. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।

2. पाचन तंत्र को मजबूत करता है: गिलोय में विटामिन और खनिज होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं।

3. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: गिलोय में विटामिन और खनिज होते हैं जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाते हैं।

4. मधुमेह को नियंत्रित करता है: गिलोय में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

5. तनाव और चिंता को कम करता है: गिलोय में चिंता-रोधी और अवसाद-रोधी गुण होते हैं जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं।

गिलोय के उपयोग:

1. चाय: गिलोय के पत्तों को मिलाकर चाय पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

2. जूस: गिलोय के पत्तों का जूस पीने से विटामिन और मिनरल मिलते हैं।

3. कैप्सूल: गिलोय के कैप्सूल पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

4. आयुर्वेदिक दवा: गिलोय का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करती हैं।

6) करी पत्ता

करी पत्ता एक प्रकार का औषधीय पत्ता है जो अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। यह पत्ता विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर को कई लाभ प्रदान करता है।

करी पत्ते के लाभ:

1. पाचन तंत्र को मजबूत करता है: करी पत्ते में विटामिन और खनिज होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं।

2. प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है: करी पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं।

3. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: करी पत्ते में विटामिन और खनिज होते हैं जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाते हैं।

4. मधुमेह को नियंत्रित करता है: करी पत्ते में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

5. तनाव और चिंता को कम करता है: करी पत्ते में चिंता-रोधी और अवसाद-रोधी गुण होते हैं जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं।

करी पत्ते के उपयोग:

1. चाय: करी पत्ते के साथ चाय पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

2. सलाद: सलाद में करी पत्ता मिलाकर खाने से विटामिन और मिनरल मिलते हैं।

3. कैप्सूल: करी पत्ता कैप्सूल पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

4. आयुर्वेदिक दवा: करी पत्ता का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं।

24/11/2024

सर्दियो में गुड़हल के पौधे पर फूल न आने के कारण | Reasons for hibiscus plant not flowering in winter
Your Queries:
Hibiscus plant
No flowers on Hibiscus plant
hibiscus plant not flowering
Why is the hibiscus plant not flowering
Reasons behind hibiscus plant not flowering

आज के पारिजात हारसिंगार के फूल
22/11/2024

आज के पारिजात हारसिंगार के फूल

कोल्डड्रिंक की बॉटल का जबरदस्त आकर्षक उपयोग।
21/11/2024

कोल्डड्रिंक की बॉटल का जबरदस्त आकर्षक उपयोग।

सर्दियों के मौसम में जैसे ही ठंडी हवा चलने लगती है, इंसान ही नहीं बल्कि पौधे भी बीमार पड़ने लगते हैं। खासकर तुलसी जैसे न...
19/11/2024

सर्दियों के मौसम में जैसे ही ठंडी हवा चलने लगती है, इंसान ही नहीं बल्कि पौधे भी बीमार पड़ने लगते हैं। खासकर तुलसी जैसे नाजुक पौधे, जो गर्मी और हल्की धूप में अच्छे से बढ़ते हैं, इन्हें सर्दियों के मौसम में ज्यादा देखभाल की जरूरत पड़ती है। ठंड के मौसम में तुलसी का पौधा अक्सर सूखकर मुरझा जाता है और कमजोर हो जाता है। कई बार इसकी ग्रोथ रुक जाती है, देखभाल के अभाव में यह मर भी जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप तुलसी के पौधे की सही से देखभाल करें, ताकि यह सर्दियों में भी हरा-भरा और स्वस्थ बनारहे।

सही जगह पर रखें- सर्दियों में तुलसी के पौधे की जगह बदलें और इसे ऐसी जगह पर रखें, जहां हल्की धूप आती ​​हो। अगर आपके पास ऐसी जगह नहीं है, तो आप इसे खिड़की के पास रख सकते हैं, जहां कुछ देर के लिए रोशनी आती हो। इसे ऐसी जगह पर न रखें, जहां सीधी ठंडी हवा आती हो।

सही से पानी दें- सर्दियों में तुलसी के पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। ज्यादा पानी से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप इसकी मिट्टी को थोड़ा सूखा रखें और अगर मिट्टी बहुत ज्यादा सूखी है, तो हल्का पानी दें।

सर्दी से बचाएं- सर्दियों में तुलसी के पौधे को घर के अंदर रखना सबसे अच्छा होता है। अगर आप इसे बाहर रखते हैं, तो रात में इसे किसी चीज से ढक दें। ज्यादा ठंड की वजह से इसकी ग्रोथ रुक सकती है और यह मर भी सकता है।

खाद न दें- सर्दियों में तुलसी के पौधे सुप्तावस्था में चले जाते हैं। ऐसे में अगर आप इनमें खाद भर देंगे, तो न सिर्फ यह खाद बर्बाद होगी, बल्कि पौधा जल भी सकता हैं। इसलिए अगर आप दिसंबर-जनवरी में खाद न भी दें, तो भी कोई दिक्कत नहीं है।

छटाई: सर्दियो में तुलसी के पौधें की छटाई न करें पर मंजरी को हर 15 दिन में जरूर निकाल दें।

सर्दियों में तुलसी की देखभाल थोड़ी अलग होती है। लेकिन सही देखभाल से यह पौधा सर्दियों में भी हरा-भरा रह सकता है।

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