15/09/2024
पिछले सप्ताह पुनः भारतीय शेयर मार्केट ने नई सार्वकालिक ऊंचाई बनाई तथा एक धमक के साथ, गुरुवार के व्यापारिक सत्र के दौरान 515 अंको की उछाल के साथ निफ्टी ने 25433 का नया स्तर छुआ एवं दिन के अंत में 25388 पर बंद हुआ।यह पिछले सप्ताह के रहस्यमय बिकवालों,मंददियों को करारा प्रत्युत्तर था।संदेश था,वो दिन गए जब उनका प्रभुत्व चलता था,उनके कार्टल बिना किसी कारण विशेष के मार्केट गिरा देते थे।
ऐसा नहीं कि मार्केट में गिरावट आयेगी ही नहीं पर वो किसी कारण विशेष से आयेगी,कोई रहस्यमय बिकवाल कार्टल कई दिनों तक मार्केट गिरा नहीं सकते जैसा पहले होता था।
यह भारतीय शेयर मार्केट के लिए एक और शुभ संकेत है।
चूंकि पिछले सप्ताह भारतीय शेयर मार्केट ने पिछला सर्वोच्च स्तर तोड़ा है ,अतः निफ्टी 25750- 25850 का स्तर आने वाले दिनों में छू सकता है।भारत में बड़े त्योहारों की तिमाही, सितंबर से नवंबर की, आरंभ हो गई है।इनमे व्यापार अपेक्षाकृत अच्छा रहता है।अच्छी व्यापारिक गतिविधियां शेयर मार्केट को भी अच्छा करती हैं ।
साथ ही म्यूचुअल फंड में निवेश के भी पुनः अच्छे आंकड़े आएं हैं,लगातार ही आ रहें हैं।
अगस्त में इक्विटी फंड में निवेश जुलाई से 3.03 प्रतिशत बढ़ 37113 करोड़ हो गया ।कोष प्रबंधन 66.70 लाख करोड़ के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।एसआईपी मासिक निवेश 23547 करोड़ हो गया तथा इसके अंतर्गत प्रबंधन परिसंपत्तियां 13.39 लाख करोड़ के कीर्तिमान स्तर पर पहुंच गईं।भारतीय म्यूचुअल फंड का शक्तिशाली होना भारतीय शेयर मार्केट के लिए एक बड़ी शक्ति है,एफआईआई की किसी बिकवाली का एक प्रभावी प्रतिकार करने की क्षमता भी है।
आने वाले दिनों में म्यूचुअल फंड में और भी अधिक राशि आने की संभावना है।
चीन तथा बांग्लादेश में आर्थिक अस्थिरता से भारत के लिए औषौधि निर्माण तथा वस्त्र उद्योग के लिए नए व्यापारिक अवसर उभरें हैं।
भारत अपने सुदृढ़ लोकतंत्र,न्यायपालिका तथा निगरानी तंत्र के कारण भी विदेशी राष्ट्रों,कंपनियों के लिए एक प्रिय व्यापारिक राष्ट्र बनता जा रहा है।अनेक प्रमुख वैश्विक कंपनिया भारत में अपना उत्पादन केंद्र स्थांतरित कर रहीं हैं,व्यापार का विस्तार कर रहीं हैं।यह भारतीय व्यवस्था को
सुदृढता ,गति तो प्रदान करेगा ही,भारत की रेटिंग भी अच्छी करेगा।इन सभी का एक अच्छा प्रभाव भारतीय शेयर मार्केट पर भी पड़ेगा।
भारत में मानसून बहुत अच्छा हो चुका है,बंपर खाद्यान के उत्पादन की संभावना है।इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अच्छा धन प्रवाह होगा,कंपनियों की आय में भी वृद्धि होगी।अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी भारतीय अर्थव्यवस्था का बड़ा घटक बन चुकी है।
निफ्टी में पिछले सप्ताह 504 अंकों की बड़ी बढ़त रही।बैंक निफ्टी भी तेजी के मनोभाव में आता दिख रहा है।विदेशी संस्थागत निवेशक नकद संभाग में पिछले सप्ताह के पांचों व्यापारिक सत्रों में क्रेता रहें तथा 15219 करोड़ रूपए के शेयर क्रय किए।।
घरेलू संस्थागत निवेशक क्रेता तो रहे परंतु उतने आक्रामक नहीं।उन्होंने 2462 करोड़ रूपए के ही शेयर खरीदे। जब एफआईआई आक्रामक विक्रेता होते हैं तब डीआईआई आक्रामक क्रेता बनते हैं।
इन ऊंचे स्तरों पर भी एफआईआई इंडेक्स फ्यूचर में क्रेता ही हैं।स्टॉक फ्यूचर में एफआईआई थोड़े बिकवाल दिख रहें है ।यह आंकड़े दर्शाते हैं कि एफआईआई सट्टा संभाग में बिकवाल हैं।ऐसे में यदि मार्केट के तेजी आई तो उन्हें अपने मंदी के सौदे काटने को विवश होना पड़ सकता है एवं
तब शेयर विशेष में भी बड़ा उछाल आ सकता है।बैंकिंग क्षेत्र पुनः तेजी के संकेत दे रहें हैं।
वाहन क्षेत्र की मंदी त्योहारी ऋतु में समाप्त हो सकती है।
औषधि क्षेत्र नया आकर्षण है।
यूएस शेयर मार्केट भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं।अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती का समय आरंभ होना अब अवश्यंभावी हो गया है।यह वैश्विक स्तर पर शेयर मार्केट में निवेश को बढ़ाएगा।
एक बहुत अच्छी बात और हुई है।हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट से निशुल्कता की राजनीति के दुष्परिणाम सामने आए हैं तथा जन सामान्य का इससे मोह भंग हो सकता है।यह भारतीय राजनीति तथा अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छा होगा,एक आसन्न संकट से मुक्ति होगी।
इसे दूरगामी सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
ध्यान रखें,शेयर मार्केट बहुत दूर की बात सूंघ लेता है तथा किसी भी महत्वपूर्ण परिवर्तन का अनुमान अन्य वर्गों की अपेक्षा पहले लगा लेता है ।
क्रूड में पिछले सप्ताह मैक्सिको में तूफान के कारण उछाल आया था परन्तु तूफान अस्थाई होता है,अतः ये तेजी भी अस्थाई ही होनी चाहिए।यूएस में डाउ में बुधवार को एक समय 1000 अंको की मंदी थी,मार्केट ने वो पूरी मंदी को पछाड़ दिया तथा 125 अंक चढ़ कर बंद हुआ।भारत में बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ में 3 लाख करोड़ रूपये से अधिक के आवेदन आए।ये दोनो बातें तेजड़ियों की शक्ति तथा निवेशकों की क्षमता दर्शाती हैं।
निफ्टी की पीई अभी 23.6 है।आने वाला समय कंपनियों के लिए अच्छा है।अतः भारतीय शेयर मार्केट कोई अत्यधिक मूल्यांकन पर नहीं हैं जब तक पीई 28- 30 न हो जाए।
भारत एक शक्तिशाली सुरक्षित निवेश द्वीप के रूप के उभर रहा है।