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गुजरात के भावनगर से आए थेबाबा का जन्म 1933 में गुजरात के भावनगर में हुआ था। 17 साल की उम्र में उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग...
11/12/2024

गुजरात के भावनगर से आए थे
बाबा का जन्म 1933 में गुजरात के भावनगर में हुआ था। 17 साल की उम्र में उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का फैसला किया था। उन्होंने कई सालों तक गुरु के साथ पढ़ाई की और तीर्थ भ्रमण किया। वे 1962 में भट्याण आए थे।
यहां उन्होंने एक पेड़ के नीचे मौन रहकर कठोर तपस्या की। जब उनकी साधना पूरी हुई तो उन्होंने 'सियाराम' का उच्चारण किया, जिसके बाद से ही वे सियाराम बाबा के नाम से जाने जाते हैं। वे भगवान हनुमान के परम भक्त हैं।
सियाराम बाबा अपनी दिनचर्या में लगातार रामायण पाठ करते रहते थे। भक्तों के अनुसार वे 21 घंटों तक रामायण का पाठ करते थे। 95 साल की आयु में उन्हें चश्मा भी नहीं लगा था। भक्तों के अनुसार उन्होंने सियाराम बाबा को हमेशा लंगोट में ही देखा है। सर्दी, गर्मी या बरसात वे लंगोट के अलावा कोई कपड़े नहीं पहनते थे।
खरगोन में संत सियाराम बाबा (Siyaram Baba) ने बुधवार सुबह अपनी देह त्याग दी। मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के योग में प्रभु मिलन हुआ । पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे। इलाज के दौरान भी वे लगातार रामायण का पाठ कर रहे थे। निधन की सूचना के बाद भक्त उनके अंतिम दर्शन करने भट्टयान बुजुर्ग आश्रम (Sant Siyaram Baba Aashram Bhattyan) पहुंच रहे हैं।

Govinda mother Nirmala Devi: गोविंदा ने कई इंटरव्यू में अपनी मां का जिक्र किया. उनकी मां निर्मला देवी एक्ट्रेस होने के स...
11/12/2024

Govinda mother Nirmala Devi: गोविंदा ने कई इंटरव्यू में अपनी मां का जिक्र किया. उनकी मां निर्मला देवी एक्ट्रेस होने के साथ शास्त्रीय संगीत की जानकार भी थीं. शादी के कुछ साल बाद वो साध्वी बन गई थीं.
बॉलीवुड एक्टर गोविंदा ने 90's के दौर में बैक टू बैक कई फिल्में दी हैं. गोविंदा इंडस्ट्री के पॉपुलर एक्टर्स में से एक हैं. उनके बारे में सभी जानते हैं कि वो प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ पर्सनल लाइफ पर भी खुलकर बात करना पसंद करते हैं. गोविंदा हमेशा से सबसे ज्यादा अपनी मां से प्यार करते हैं और ऐसा वो अपने कई इंटरव्यू में बता चुके हैं.

संत सियाराम बाबा का निधन... मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के योग में हुआ प्रभु मिलनखरगोन में संत सियाराम बाबा (Siyaram Ba...
11/12/2024

संत सियाराम बाबा का निधन... मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के योग में हुआ प्रभु मिलन
खरगोन में संत सियाराम बाबा (Siyaram Baba) ने बुधवार सुबह अपनी देह त्याग दी। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे। इलाज के दौरान भी वे लगातार रामायण का पाठ कर रहे थे। निधन की सूचना के बाद बड़ी संख्या में भक्त उनके अंतिम दर्शन करने भट्टयान बुजुर्ग आश्रम (Sant Siyaram Baba Aashram Bhattyan) पहुंच रहे हैं।

a)। नर्मदा तट स्थित भट्टयान बुजुर्ग में संत सियाराम बाबा 95 वर्ष का बुधवार मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6.10 मिनट पर प्रभुमिलन हो गया है। आज गीता जयंती भी है। उनका अंतिम संस्कार शाम 4 बजे आश्रम के पास किया जाएगा। बाबा पिछले 10 दिन से बीमार थे। इंदौर के डॉक्टरों ने इलाज किया था। मूलतः गुजरात के बाबा यहां कई सालों से नर्मदा भक्ति कर रहे थे।

11/10/2024
मध्य प्रदेश इंदौर के भंवरकुआं इलाके में होने वाले गरबा कार्यक्रम की परमिशन पुलिस ने कैंसिल कर दी हैइस कार्यक्रम का आयोजन...
07/10/2024

मध्य प्रदेश इंदौर के भंवरकुआं इलाके में होने वाले गरबा कार्यक्रम की परमिशन पुलिस ने कैंसिल कर दी है

इस कार्यक्रम का आयोजन फिरोज खान 15 साल कर रहा था

बजरंगदल की शिकायत थी कि गरबा की आड़ में लव जिहाद होता है

पुलिस ने परमिशन रद कर टैंट–पोस्टर हटवाए

गरबा कोई इवेंट नहीं बल्कि माँ देवी दुर्गा की पूजा आराधना है ऐसे में इस्लाम मे जब अल्लाह के अलावा किसी की इबादत की इजाजत नही है तब फिरोज खान का क्या तुक बनता है ऐसे कार्यक्रम आयोजित करवाने का ये भी विचारणीय प्रश्न है

बजरंग दल, बहुत सही कार्यवाही इंदौर पुलिस ❤️

किसी को मीठा जहर कहते हैं
30/09/2024

किसी को मीठा जहर कहते हैं

सही बात है
30/09/2024

सही बात है

28/09/2024

मात्र 1 वर्ष प्रण कर लीजिए प्रसाद में गुड़ चना फल ही चढ़ाएंगे।
सभी मिलावट खोरों की दुकान बंद हो जाएगी।
🙂

अनुराधा पौडवाल एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायिका हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में गायन किया है। उनका जन्म 27...
27/09/2024

अनुराधा पौडवाल एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायिका हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में गायन किया है। उनका जन्म 27 अक्टूबर 1952 को हुआ था। उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में अपने संगीत करियर की शुरुआत की और बॉलीवुड के कई हिट गाने गाए। उनकी आवाज़ भावपूर्ण और मधुर मानी जाती है, और उन्हें विशेष रूप से भक्ति संगीत के लिए भी जाना जाता है।

अनुराधा पौडवाल ने हिंदी के अलावा मराठी और अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कई प्रसिद्ध भक्ति गीत भी गाए, जो आज भी बहुत लोकप्रिय हैं।

इस फल या सब्जी को क्या कहते है
22/09/2024

इस फल या सब्जी को क्या कहते है

पुलिस की वर्दी में दिख रहे इस शख्स का नाम है मिथलेश कुमार है। मिथलेश आईपीएस की वर्दी पहनकर, कमर में पिस्टल लटकाकर बिहार ...
22/09/2024

पुलिस की वर्दी में दिख रहे इस शख्स का नाम है मिथलेश कुमार है। मिथलेश आईपीएस की वर्दी पहनकर, कमर में पिस्टल लटकाकर बिहार के जमुई के सिकंदरा चौक पर पहुंचा तो लोगों ने इसका हुलिया देखकर थानाध्यक्ष को सूचित किया।

पुलिस ने मिथलेश कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो चौंकाने वाली बातें सामने आई।

मिथिलेश ने बताया कि एक व्यक्ति ने उसे पुलिस में नौकरी लगाने का ऑफर दिया था और इस एवज में उससे दो लाख तीस हजार रुपये की मांग की थी। मिथलेश ने अपने मामा से दो लाख रुपये लेकर शख्स को दिए ताकि उसकी नौकरी लग जाए। जिसके बाद मनोज सिंह नाम के इस शख्स ने मिथिलेश को आईपीएस की वर्दी, बैच और पिस्टल दी।

मोदी है तो मुमकिन है जिसकी तरफ झुक जाए उसकी जीत आपकी
22/09/2024

मोदी है तो मुमकिन है जिसकी तरफ झुक जाए उसकी जीत आपकी

लेह में एक दर्दनाक घटना ने देश को अपने एक वीर योद्धा से वंचित कर दिया। लद्दाख यूनियन टेरिटरी डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (...
22/09/2024

लेह में एक दर्दनाक घटना ने देश को अपने एक वीर योद्धा से वंचित कर दिया। लद्दाख यूनियन टेरिटरी डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (UTDRF) के बहादुर और अनुभवी इंस्पेक्टर त्सेवांग नामग्याल ने खालत्सी के पास सिंधु नदी में एक चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।

इस अभियान का उद्देश्य नदी में डूबी 16 वर्षीय लड़की का शव ढूंढ़कर उसके परिवार को सौंपना था। नदी के तेज़ बहाव के बावजूद, इंस्पेक्टर नामग्याल अपने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ टीम की अगुवाई कर रहे थे। दुर्भाग्यवश, तेज़ धाराओं के कारण उनकी नाव पलट गई, और इस असाधारण सिपाही को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना में टीम के 3 अन्य सदस्य भी घायल हो गए।

इंस्पेक्टर त्सेवांग नामग्याल पहले भी इस तरह के खतरनाक मिशनों में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद करते रहे हैं। पिछले तीन महीनों में उन्होंने 5 सफल रेस्क्यू ऑपरेशन्स का नेतृत्व किया था, जिसमें कई जानें बचाईं। उनकी वीरता और मानवता की कहानियाँ उन परिवारों से सुनने को मिलती हैं, जिनकी उन्होंने मदद की। SR

लेह के लोग और उनके साथी उन्हें एक सच्चे नायक के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने हमेशा दूसरों की सुरक्षा और सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य माना। उनकी अंतिम यात्रा में लेह के लोगों की भारी भीड़, टीम के जवानों और अधिकारियों ने एक सच्चे नायक को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। Sr

"वह अपने काम के प्रति जुनूनी और दूसरों की मदद करने के लिए समर्पित एक सच्चा हीरो था," कहते हैं उनके मित्र, जो उनकी बहादुरी और समर्पण से हमेशा प्रेरित रहेंगे। Sr

इंस्पेक्टर त्सेवांग नामग्याल की शहादत देश के हर युवा के लिए एक प्रेरणा है, और उनकी वीरता हमेशा याद की जाएगी।sr

आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू के घी में मिलावट का मामला गरमाता जा रहा है. जांच में यह बा...
21/09/2024

आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू के घी में मिलावट का मामला गरमाता जा रहा है. जांच में यह बात सामने आई है कि एआर डेयरी को महज 320 रुपए किलो के भाव से घी सप्लाई का ठेका दिया गया था और नंदिनी घी का टेंडर रद्द किया गया था. बाद में जुलाई में घी मे मिलावट पाई गई तो फिर से नंदिनी घी को 470 रुपए किलो के भाव से ठेका दिया गया है

एक रिपोर्ट के हवाले से आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि, पिछली जगनमोहन रेड्डी सरकार में बालाजी मंदिर में प्रसाद में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी. जगन मोहन ने कहा कि दावे गलत हैं और नायडू भगवान के नाम से सियासत कर रहे है.

आजतक के हाथ घी के टेंडर की कॉपी लगी है जिसने खरीद प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक टेंडर की शर्तों का उल्लंघन किया गया और घी को जांच के लिए नहीं भेजा गया. टेंडर के क्लॉज 80 के अनुसार आपूर्ति की गई घी की प्रत्येक खेप के लिए एनएबीएल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना जरूरी है.

इसके अलवा टेंडर क्लॉज 81 के अनुसार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी के नमूनों को लैब परीक्षण के लिए भेजना अनिवार्य है. सवाल उठ रहे हैं कि अगस्त 2023 और जुलाई 2024 के बीच ब्लैक लिस्टेड कंपनी के पहले के नमूनों में ये मिलावट कैसे नहीं पकड़ी गई? क्या टीटीडी ने एनएबीएल/लैब परीक्षण के लिए नमूने नहीं भेजे? क्या ब्लैक लिस्टेड कंपनी ने उस बैच का एनएबीएल प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया जिसमें मिलावट पाई गई थी?

टीटीडी के ईओ राव ने कहा, "चारों सैंपल की रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे आए हैं. इसलिए हमने तुरंत सप्लाई रोक दी. ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई और जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी. अब कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी. गुणवत्ता में कमी का कारण इन-हाउस लैब का न होना, सैंपल को जांच के लिए बाहरी लैब में भेजना और उचित दरें न होना है."

उन्होंने बताया कि आपूर्तिकर्ताओं ने इन कमियों का फायदा उठाया और 320 से 411 रुपये के बीच घी की आपूर्ति की. उन्होंने कहा कि शुद्ध गाय के घी की आपूर्ति के लिए यह प्राइस बैंड उचित नहीं है.

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