24/07/2024
रिया और राहुल, बचपन से ही जुड़वां होने के बावजूद, आग और पानी की तरह स्वभाव के ध्रुव थे। रिया शांत और पढ़ाई में अव्वल थी, वहीं राहुल जिंदगी को लापरवाही से जीता था। उनके झगड़े घर में आम बात थीं, मगर एक अनोखी सी लड़ाई-झगड़े वाली यही जोड़ी एक-दूसरे के लिए जान हथेली रखती थी।
एक बार रिया को स्कूल में तंग किया जा रहा था, राहुल ने बिना किसी सोच के सामने आ गया। दोनों के बीच जमकर झगड़ा हुआ, राहुल चोटिल हुआ, मगर रिया को कोई हाथ नहीं लगा सका। ऐसे ही, रिया हमेशा राहुल की गलतियों का बचाव करती थी, चाहे वो कितनी ही गंभीर क्यों न हों.
कुछ साल बाद रिया की शादी हो गई। राहुल शादी में खुश तो था, पर रिया के जाने का गम भी साफ झलकता था। रिया की विदाई के वक्त, आखिर में यही लड़ाई-झगड़ने वाला राहुल फफक कर रो पड़ा था। रिया भी सिसक रही थी। दूरी ने उनके रिश्ते में और भी मिठास घोल दी। फोन पर घंटों बातें होतीं, रिया राहुल को अपने ससुराल के बारे में हर छोटी-बड़ी बात बताती थी।
धीरे-धीरे रिया को एहसास हुआ कि शादीशुदा ज़िंदगी इतनी आसान नहीं है, जैसी दिखती है। राहुल हमेशा रिया को सलाह देता, उसका हौसला बढ़ाता। एक बार जब रिया को लगा कि उसका पति उस पर शक करता है, तो राहुल ने बिना देर किए रिया के ससुराल जाकर उसके पति को समझाया। राहुल की बातों का असर हुआ और रिया की शादीशुदा ज़िंदगी फिर से पटरी पर आ गई।
कुछ समय बाद राहुल की भी लव मैरिज हुई। रिया, जो हमेशा राहुल को रास्ता दिखाती थी, इस बार खुद उलझी हुई थी। राहुल की पत्नी, प्रिया, रिया को बिलकुल पसंद नहीं थी। प्रिया को लगता था कि राहुल रिया से ज्यादा प्यार करता है। रिया राहुल से अपनी परेशानी शेयर करने में झिझकती थी।
एक दिन रिया राहुल के घर पहुंची और फफक कर रो पड़ी। राहुल ने उसे प्यार से समझाया, "रिया, तू मेरी बहन है ये बात प्रिया कभी नहीं बदल सकती। प्रिया को वक्त दे, वो तुझे ज़रूर समझेगी।" राहुल की बातों में वही प्यार और अपनापन था, जो बचपन से चला आ रहा था। रिया को यकीन हो गया कि रिश्ते वक्त के साथ बदल सकते हैं, मगर प्यार का सार कभी नहीं बदलता.