Naresh Nayak

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सुपरस्टार राजेश खन्ना की पहली मुहब्बत कौन थी? अधिकतर के मुंह से अंजू महेंद्रू जी का नाम निकलेगा। मुझे भी यही पता था। मगर...
05/01/2025

सुपरस्टार राजेश खन्ना की पहली मुहब्बत कौन थी? अधिकतर के मुंह से अंजू महेंद्रू जी का नाम निकलेगा। मुझे भी यही पता था। मगर लेखक यासिर उस्मान द्वारा लिखित राजेश खन्ना जी की बायोग्राफी में इनके बचपन का एक बड़ा ही दिलचस्प किस्सा बयां गया है। ये उन दिनों की बात है जब राजेश खन्ना अपनी किशोरावस्था में आए थे। सुरेखा नाम की एक लड़की उसी बिल्डिंग में रहती थी जिसमें काका जी का घर था। तब काका की उम्र 11 या 12 साल रही होगी। और सुरेखा नाम की वो लड़की 15-16 की होगी। यानि वो काका से उम्र में बड़ी थी।

एक दिन काका अपनी बिल्डिंग के कंपाउंड में अपनी नई साइकिल चला रहे थे। माता-पिता से काफी ज़िद करके उन्होंने वो साइकिल खरीदी थी जो उस वक्त बाज़ार में नई-नई लॉन्च हुई थी। चूंकि साइकिल एकदम नई थी तो बढ़िया चल रही थी। काका भी साइकिल को तेज़ गति से दौड़ा रहे थे। अचानक काका का बैलेंस बिगड़ा और वो ज़ोर से गिर पड़े। उनका घुटने पर खरोंच आ गई। कुछ पल के लिए तो काका को समझ में ही नहीं आया कि उनके साथ अचानक ये क्या हुआ। लेकिन जब उन्होंने अपना घुटना देखा तो वो रोने लगे। वहां से ख़ून बह रहा था।

काका के रोने की आवाज़ सुनकर एक लड़की दौड़ते हुए आई। उसके हाथों में एक एंटीसैप्टिक की बोतल और कुछ कॉटन थी। काका ने जब उसे देखा तो वो पहचान गए कि ये वही लड़की है जो अक्सर बिल्डिंग कपाउंड में उन्हें खेलते हुए देखा करती थी। काका को उसका नाम पता था। सुरेखा। उसे देखकर काका ने रोना बंद कर दिया। सालों बाद फिल्म पत्रकार व लेखक बन्नी रुबेन से उस घटना के बारे में बात करते हुए काका ने कहा था कि उस दिन पहली दफा उन्हें किसी से प्यार हुआ था।

उस दिन काका के घाव को साफ करने के बाद सुरेखा ने एक पुरानी साड़ी से थोड़ा कपड़ा फाड़कर उनके घुटने पर पट्टी बांध दी। और पट्टी बांधते वक्त सुरेखा का चेहरा काका के चेहरे के काफी नज़दीक आ गया था। इससे पहले की काका कुछ समझ पाते, सुरेखा ने उनके होठों को किस कर लिया। एक लंबा सा किस। और फिर जैसे सबकुछ ब्लैकआउट हो गया। उस तरह का वो काका के जीवन का सबसे पहला तजुर्बा था। जो हमेशा के लिए उनके ज़ेहन पर छप गया।

काका जब घर लौटे तो उनका मिज़ाज बदला-बदला सा था। वो अपनी चाईजी से नज़रें नहीं मिला पा रहे थे। फिर जैसे ही काका को मौका मिला, वो अपनी छत पर चले गए। एक ऐसी जगह जहां वो अक्सर अकेले बैठा करते थे। और जहां कोई और नहीं आता था। उस दिन छत पर जाकर काका ने काका ने अपनी आंखें बंद की और उस पूरे घटनाक्रम को फिर ये याद किया। कैसे सुरेखा ने उन्हें किस किया था। और उन्हें उस वक्त कैसा महसूस हो रहा था।

उस दिन के बाद सुरेखा और काका के बीच नज़दीकियां बढ़ गई थी। वो अक्सर मिलने लगे। दोस्तों संग खेल में वक्त गुज़ारने लगे। कभी-कभार सिनेमा भी चले जाते थे। ऐसे ही एक दिन वो अपने दोस्तों संग मैटिनी शो देखने गए। उस दिन को याद करते हुए राजेश खन्ना ने कहा था कि उन्हें बस इतना ही याद है कि एक अंधेरे से हॉल में वो सुरेखा के पास बैठे थे। एक-दूजे का हाथ थामे हुए। उस दिन और कुछ भी हुआ था जो फिलहाल मैं नहीं लिख रहा हूं। आप समझ सकते हैं।

काका उस वक्त इतने छोटे थे कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या है। लेकिन सुरेखा से मिलना और उसके साथ वक्त बिताना उन्हें बहुत अच्छा लगता था। काका सुरेखा से अपने घर, माता-पिता और अपने स्कूल तक की बातें करते थे। और एक फेज़ तो ऐसा था कि जब सुरेखा से उनकी बात नहीं हो पाती थी तो वो बेचैन हो जाते थे। स्कूल से लौटते ही वो अपना बैग घर में पटककर सुरेखा से मिलने पहुंच जाते थे। एक ऐसी ही दोपहर जब काका स्कूल से लौटकर सुरेखा से मिलने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि सुरेखा के घर पर ताला लटका है।

काका को बहुत अजीब लगा। उन्होंने पास बैठी एक महिला से पूछा कि सुरेखा के घर पर ताला क्यों लगा है? ये लोग कहां गए हैं? उस महिला ने जो जवाब काका को दिया, वो उसके लिए कतई तैयार नहीं थे। उस महिला ने काका से कहा कि सुरेखा की शादी कराने के लिए उसके माता-पिता उसे अपने गांव ले गए हैं। उसके बाद काका ने फिर कभी सुरेखा को दोबारा नहीं देखा। सुरेखा से जुदा होने का ग़म काका को कई दिनों तक सताता रहा।

सुरेखा के जाने के सालों बाद काका के जीवन में और भी लड़कियां आई। लेकिन सुरेखा की जगह कोई ना ले सकी। बन्नी रुबेन से काका ने कहा था,"मैं कभी नहीं भूल सकता कि सुरेखा ने मुझ पर क्या असर किया था।" तो ये था काका राजेश खन्ना की पहली मुहब्बत सुरेखा की कहानी। इसके लिए हमें लेखक व बायोग्राफर यासिर उस्मान जी को धन्यवाद कहना चाहिए कि उन्होंने अपनी किताब के ज़रिए काका जी के जीवन के इस अनसुने पहलू से उनके चाहने वालों को रूबरू कराया।

"आप सूरज बड़जात्या नहीं हैं।" जूही ने धर्मेश दर्शन से कहा। धर्मेश बोले,"तुम भी तो माधुरी दीक्षित नहीं हो।" धर्मेश की वो ...
05/01/2025

"आप सूरज बड़जात्या नहीं हैं।" जूही ने धर्मेश दर्शन से कहा। धर्मेश बोले,"तुम भी तो माधुरी दीक्षित नहीं हो।" धर्मेश की वो बात जूही को बुरी लगी। और उन्होंने धर्मेश की फिल्म में काम करने से फौरन इन्कार कर दिया। हालांकि अगले दिन जूही को रियलाइज़ हुआ कि उन्होंने गलत बात कह दी है। सो उन्होंने धर्मेश को फोन करके कहा कि वो फिल्म में काम करने के लिए तैयार हैं। मगर तब तक देर हो चुकी थी। धर्मेश एक और एक्ट्रेस से बात कर चुके थे। ये पूरी कहानी क्या है? चलिए जानते हैं।

नब्बे के दशक की टॉप एक्ट्रेसेज़ हुआ करती थी माधुरी दीक्षित और जूही चावला। लेकिन इन दोनों एक्ट्रेसेज़ के बीच प्रतिद्वंदिता की खबरें भी खूब आती थी। आज भी इन दोनों की प्रतिद्वंदिता का ज़िक्र होता है। कुछ साल पहले डायरेक्टर धर्मेश दर्शन ने एक इंटरव्यू में माधुरी और जूही की प्रतिद्वंदिता की एक मिसाल देते हुए ये बात बताई थी।

धर्मेश दर्शन की डेब्यू फिल्म थी लुटेरे। ये फिल्म 1993 में रिलीज़ हुई थी और इसमें धर्मेश ने जूही चावला व सनी देओल को हीरो-हीरोइन लिया था। फिल्म का प्रदर्शन बहुत बढ़िया रहा था। लुटेरे के बाद धर्मेश ने राजा हिंदुस्तानी फिल्म बनाने पर काम शुरू करने प्लानिंग की। जब कास्टिंग की बारी आई तो धर्मेश दर्शन एक दफ़ा फिर से जूही के पास पहुंचे। लुटेरे फिल्म में जूही के काम से वो वैसे भी बहुत खुश थे। उन्होंने जूही को राजा हिंदुस्तानी की कहानी सुनाई। मगर जूही इस को कहानी बहुत खास नहीं लगी। जूही को लग रहा था कि राजा हिंदुस्तानी की कहानी लुटेरे जैसी मसालेदार कहानी नहीं है।

धर्मेश दर्शन ने जूही को मनाने के लिए उनसे कहा कि इस फिल्म की कहानी सूरज बड़जात्या की हम आपके हैं कौन फिल्म की तरह ही सिंपल है। लोगों को ये कहानी पसंद आएगी। जूही को शायद धर्मेश की ये बात पसंद नहीं आई। और शायद इसलिए पसंद नहीं क्योंकि हम आपके हैं कौन फिल्म में माधुरी दीक्षित थी। और जूही(जैसा कि अधिकतर लोग कहते हैं) माधुरी को कतई पसंद नहीं करती थी। सो उन्होंने धर्मेश से कहा कि आप सूरज बड़जात्या नहीं हैं। धर्मेश दर्शन कहते हैं कि उस वक्त उनके भीतर की ईगो भी जाग गई। जूही ने जिस अंदाज़ में उनसे वो बात कही थी वो उन्हें बुरा लगा था। उन्होंने भी पलटकर जूही से कहा,"तुम भी तो माधुरी दीक्षित नहीं हो।"

ज़ाहिर है, जूही को धर्मेश दर्शन का ये जवाब बहुत बुरा लगा। उन्होंने फौरन राजा हिंदुस्तानी फिल्म में काम करने से इन्कार कर दिया। धर्मेश ने उस इंटरव्यू में ये भी कहा कि चूंकि जूही पढ़ी-लिखी और समझदार हैं तो अगले दिन उन्होंने धर्मेश को फोन किया। जूही ने धर्मेश से माफ़ी मांगी। और उनसे एक दफ़ा फिर से मिलने आने को कहा। धर्मेश भी जूही के घर दोबारा आने को तैयार हो गए। मगर अगले दिन वो जूही के घर ना जाकर करिश्मा कपूर के पास पहुंच गए। उन्होंने राजा हिंदुस्तानी की कहानी करिश्मा कपूर को सुनाई। करिश्मा ने फौरन राजा हिंदुस्तानी फिल्म में काम करने का ऑफर स्वीकार कर लिया। आमिर खान ने भी करिश्मा के नाम पर सहमति दे दी। और इस तरह राजा हिंदुस्तानी जूही चावला के हाथ से निकलकर करिश्मा कपूर की झोली में जा गिरी।

धर्मेश दर्शन ने उसी इंटरव्यू में ये भी बताया था किया कि जिस वक्त जूही से वो राजा हिंदुस्तानी फिल्म के बारे में बात कर रहे थे उस वक्त उनके दिमाग में पूजा भट्ट और ऐश्वर्या राय के नाम भी चल रहे थे। मगर इन दोनों एक्ट्रेसेज़ से उनकी इस फिल्म के बारे में कभी कोई बात नहीं हो सकी। वैसे, जूही और माधुरी के बीच की प्रतिस्पर्धा भी उस वक्त खत्म होती नज़र आई जब साल 2014 में ये दोनों अदाकाराएं गुलाब गैंग नाम की फिल्म में दिखी।

ये भारत की वो सड़कें हैं जो भारत जैसी नहीं लगतीं।❤️😍
05/01/2025

ये भारत की वो सड़कें हैं जो भारत जैसी नहीं लगतीं।❤️😍

अगर आपने टैंगो चार्ली फिल्म देखी होगी तो उसकी पहली कहानी का ये खतरनाक विलेन भी आपको याद होगा। बड़ी अच्छी फिल्म है टैंगो ...
05/01/2025

अगर आपने टैंगो चार्ली फिल्म देखी होगी तो उसकी पहली कहानी का ये खतरनाक विलेन भी आपको याद होगा। बड़ी अच्छी फिल्म है टैंगो चार्ली। और बहुत अनोखी सी कहानी भी है। ये भाई साहब टैंगो चार्ली की पहली कहानी में विलेन थे। पूर्वोत्तर भारत के बोडो उग्रवादियों पर केंद्रित उस कहानी में ये बंदा बहुत खतरनाक दिखा था। इन भाई साहब का रियल नेम है कैली दोर्जी। टैंगो चार्ली इनके करियर की दूसरी फिल्म थी। उसके बाद और भी कई हिंदी फिल्मों में इन्होंने काम किया था। इन्हें मशहूरियत मिली थी नागार्जुन की फिल्म डॉन से। उस फिल्म में ये मुख्य विलेन स्टीफन उर्फ फिरोज़ बने थे। वो फिल्म तो लोगों ने कई-कई बार देखी है। टीवी पर खूब आती थी वो फिल्म।

आज कैली दोर्जी का जन्मदिन है। 4 जनवरी 1971 को इनका जन्म हुआ था। ये भूटानी हैं। भारतीय फिल्मों में काम करते हैं। भूटान के एक नामी और रईस खानदान के हैं कैली दोर्जी। ग्रेजुएशन इन्होंने मुंबई के सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज से किया था। मुंबई में रहते हुए ही पहले इन्होंने मॉडलिंग की। और फिर एक्टर बन गए। कई हिंदी व तेलुगू फिल्मों में कैली दोर्जी ने काम किया है। अब ज़रा कम फिल्में करते हैं ये। इस साल आई ब्लैकआउट नामक फिल्म में ये कई सालों बाद नज़र आए थे। क्योंकि अब ये अधिकतकर अपने देश भूटान में ही रहते हैं। भूटान की राजधानी थिम्फू में इनकी एक लग्ज़री ट्रैवल कंपनी है।

कैली दोर्जी लारा दत्ता के बॉयफ्रेंड भी रहे हैं। कई सालों तक लारा दत्ता और कैली दोर्जी का रिलेशन रहा। कहा तो ये भी जाता है कि लारा दत्ता और कैली किसी वक्त पर लिव-इन रिलेशन में भी थे। मगर साल 2007 में लारा और कैली दोर्जी का ब्रेकअप हो गया। फिर लारा दत्ता ने तो टेनिस स्टार महेश भूपति से शादी कर ली। लेकिन कैली दोर्जी ने शादी नहीं की। वो आज भी सिंगल ही हैं। कैली दोर्जी को जन्मदिन की बधाईयां।

बेरोजगार भारत मनाली की तरफ दिहाड़ी की खोज में जाता हुआ...!!!
05/01/2025

बेरोजगार भारत मनाली की तरफ दिहाड़ी की खोज में जाता हुआ...!!!

महाभारत के वे 10 प्रसिद्ध स्थल, जिन्हें आज इन नामों से जाना जाता है    महाभारत की कई जगहें धार्मिक स्थलों के नाम से प्रच...
05/01/2025

महाभारत के वे 10 प्रसिद्ध स्थल, जिन्हें आज इन नामों से जाना जाता है
महाभारत की कई जगहें धार्मिक स्थलों के नाम से प्रचलित हो गई हैं जिसे बड़ी संख्या में लोग देखने आते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में बताएंगे जो महाभारत की कई बड़ी घटनाओं व कहानियों का गवाह रहा है
महाभारत ग्रंथ में कौरवों और पांडवों के बीच के धर्मयुद्ध के बारे में बताया गया है। महाभारत में कई सारे स्थानों के बारे में बताया गया है जो आज भी अस्तित्व में हैं।महाभारत की कई जगहें धार्मिक स्थलों के नाम से प्रचलित हो गई हैं जिसे बड़ी संख्या में लोग देखने आते हैं
महाभारत हिंदू धर्म का एक महान ग्रंथ है। इसमें कौरवों और पांडवों के बीच के धर्मयुद्ध के बारे में बताया गया है साथ ही उसमें भगवान श्रीकृष्ण की क्या भूमिका रही थी उसका भी वर्णन किया गया है। महाभारत में कई सारे स्थानों के बारे में बताया गया है जो आज भी अस्तित्व में हैं। इन जगहें धार्मिक स्थलों के नाम से प्रचलित हो गई हैं जिसे बड़ी संख्या में लोग देखने आते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में बताएंगे जो महाभारत की कई बड़ी घटनाओं व कहानियों का गवाह रहा है।

हस्तिनापुर- महाभारत का राज्य हस्तिनापुर जिसे लेकर कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध छिड़ गया था वो स्थान आज भी स्थित है। आज ये उत्तर प्रदेश का मेरठ कहलाता है। कौरवों और पांडवों की राजधानी हस्तिनापुर वही जगह है जहां युधिष्ठिर ने अपने भाईयों को जुए में हारा था।

उज्जनक- ये वह जगह है जहां पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को धनुर्विद्या सिखाई थी। आज ये जगह उत्तराखंड के नैनीताल के पास आज काशीपुर कहलाता है। इस जगह को भीमशंकर भी कहा जाता है।

द्वारका- यह गुजरात के तट पर स्थित है। यादवों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण अपनी राजधानी मथुरा से द्वारका ले गए थे।

तक्षशिला- गांधार देश की राजधानी तक्षशिला उस दौर में पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास स्थित थी।

वृंदावन- भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन यहीं गुजारा था। उत्तर प्रदेश के मथुरा से 10 किमी की दूरी पर ये स्थित है। यहां पर जन्माष्टमी और होली जैसे त्यौहार खूब धूमधाम से मनाए जाते हैं।

कुरुक्षेत्र- महाभारत का रण क्षेत्र जहां पर कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध हुआ था वह कुरुक्षेत्र कहलाता है। यह हरियाणा में स्थित है जो पंजाब के अंबाला शहर से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्रीकृष्ण यहां ब्रम्हकुंड में स्नान करने आए थे इस झील को ब्रम्ह सरोवर कहा जाता है।

गांधार- पाकिस्तान के रावलपिंडी जो सिंध प्रांत में है इसके किनारे स्थित सिंधु नदी के उत्तर में गांधार स्थित है। यहां के राजा की बेटी गांधारी थी जो हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र की पत्नी थीं। उसके भाई शकुनी का महाभारत के युद्ध के पीछे बड़ा हाथ था।

कौशांबी- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के पास दक्षिणी गंगा नदी के किनारे स्थित कौशांबी वत्स देश की राजधानी हुआ करती थी जिसने महाभारत में कौरवों का साथ दिया था।

मगध- वर्तमान के दक्षिणी बिहार को उस समय मगध कहा जाता था जहां पर जरासंध राज किया करता था। इसकी बेटी की शादी कंस के साथ हुई थी। जरासंध की वध भगवान श्रीकृष्ण ने किया था।

इंद्रप्रस्थ- वर्तमान नई दिल्ली के दक्षिण में उस दौर में पांडवों ने इंद्रप्रस्थ नगरी बसाई थी। इसे भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था।

स्कूल लवर्स हैं इमरान और परवीन, 10 साल डेट करने बाद किया निकाह....इमरान हाशमी की फिल्में तो आपने बहुत देखी होंगी लेकिन क...
05/01/2025

स्कूल लवर्स हैं इमरान और परवीन, 10 साल डेट करने बाद किया निकाह....
इमरान हाशमी की फिल्में तो आपने बहुत देखी होंगी लेकिन क्या आपने उनकी लवस्टोरी के बारे में पढ़ा है....
इमरान हाशमी अपनी पर्सनल लाइफ को लाइमलाइट से बचाकर रखते हैं. उनकी लव लाइफ के बारे में भी कम लोग जानते हैं. बता दें कि इमरान ने परवीन से शादी की है. शादी से पहले दोनों कई साल तक रिलेशनशिप में थे. इतना ही नहीं, दोनों चाइल्डहुड स्वीटहार्ट्स थे. शादी में आने से पहले इमरान, परवीन के प्यार में थे. हालांकि इमरान ने हमेशा परवीन और अपने रिलेशन को लोगों की नजरों से बचाकर रखा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सीरियल किसर से पॉपुलर इमरान रियल लाइफ में बिल्कुल अपोजिट हैं. वह रियल लाइफ में रोमांटिक नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने रिश्ते को बखूबी निभाया है और वह परफेक्ट फैमिली मैन है।
इमरान हाशमी और परवीन साहनी स्कूल-कॉलेज के दिनों से एक दूसरे के साथ हैं. इमरान और परवीन का प्यार और लगाव उसी समय परवान चढ़ा था और दोनों काफी समय से एक-दूसरे को डेट भी कर रहे थे। उस समय, जहां एक ओर इमरान प्रोफेशनल लाइफ में स्थिर होना चाहते थे, वहीं वह परवीन के लिए कमिटेड भी थे और शादी करना चाहते थे. हालांकि उस वक्त इमरान हाशमी फिल्मों में आने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे। ऐसे में उन्होंने तय किया कि वह थोड़ा और इंतजार कर लेते हैं।
इमरान हाशमी को यूं दोस्तों के साथ मटरगश्ती करते देख मुकेश भट्ट ने देख लिया था, फिर इमरान हाशमी की दादी से उनकी शिकायत की और कहा कि उन्हें उनके पास काम सीखने के लिए भेजो. तब भट्ट कैंप की राज फिल्म से वह जुड़े. इस फिल्म के दौरान वह असिस्टेंट डायरेक्टर बने. फिर उन्हें करियर की पहली फिल्म ऑफर हुई. इसके बाद उन्होंने इमरान को फिल्म ‘फुटपाथ’ में कास्ट कर लिया। हालांकि, यह फिल्म हिट तो नहीं रही, लेकिन अभिनेता के रूप में उन्हें हर किसी ने नोटिस किया।
इमरान और परवीन ने जब शादी की तब वह बॉलीवुड में स्ट्रगल कर रहे थे. 10 साल की डेटिंग के बाद दोनों ने साल 2006 में शादी की थी. दोनों के रिश्ते की खास बात ये है कि न कभी इमरान ने अपने प्रोफेशन को अपनी पर्सनल लाइफ में आने दिया और न ही परवीन ने कभी पर्सनल लाइफ की वजह से इमरान की प्रोफेशनल लाइफ में कोई अड़चन डाली. दोनों ने अपने-अपने करियर पर फोकस करने के साथ अपनी पर्सनल लाइफ को हमेशा अच्छे से हैंडल किया।
2004 में आई इमरान की मर्डर ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया कथित तौर पर, फिल्म अधिकांश सिनेमाघरों में 100 दिनों से अधिक समय तक चली और उन्हें एक रोमांटिक ‘सीरियल किसर’ का टैग मिला. हालांकि इस सीन के बाद उनके घर में जमकर हंगामा हुआ था. दरअसल साल 2014 में करण जौहर के शो में इमरान ने बताया था कि जब फिल्म मर्डर में परवीन ने उनके और मल्लिका के इंटीमेट सीन्स देखे थे तब वह काफी गुस्सा हो गई थीं. इमरान ने कहा था कि परवीन उनके साथ पहली सीट में बैठी थीं और इंटीमेट सीन्स देखकर उन्होंने इमरान के हाथों पर नाखुन चुभा दिए थे. उन्होंने कहा था कि ये क्या किया है तुमने और तुमने मुझे इसके लिए तैयार भी नहीं किया था. मेरे हाथ में 4 नाखुन के निशान थे. मुझे चोट लग गई थीं और खून निकल रहा था.
इमरान और परवीन के बेटे का जन्म 3 फरवरी 2010 को हुआ था. दोनों ने बेटे का नाम अयान रखा है और उसे बहुत प्यार करते हैं. दोनों की लाइफ में सब सही चल रहा था कि तभी भगवान ने इस छोटे परिवार का टेस्ट लिया. अयान जब 4 साल का था तब उसे कैंसर हो गया था. इमरान और परवीन दोनों इस खबर को सुनने के बाद से टूट गए थे, लेकिन बेटे के लिए दोनों काफी स्ट्रॉन्ग बने रहे. दोनों ने एक-दूसरे को पूरा सपोर्ट किया।



जय खाटू श्याम बाबा की 🙏🙏
05/01/2025

जय खाटू श्याम बाबा की 🙏🙏

केदारनाथ मंदिर एक अनसुलझी पहेली है।केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था इसके बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। पांडवों...
05/01/2025

केदारनाथ मंदिर एक अनसुलझी पहेली है।
केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था इसके बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। पांडवों से लेकर आदि शंकराचार्य तक।
आज का विज्ञान बताता है कि केदारनाथ मंदिर शायद 8वीं शताब्दी में बना था। यदि आप ना भी कहते हैं, तो भी यह मंदिर कम से कम 1200 वर्षों से अस्तित्व में है।
केदारनाथ की भूमि 21वीं सदी में भी बहुत प्रतिकूल है। एक तरफ 22,000 फीट ऊंची केदारनाथ पहाड़ी, दूसरी तरफ 21,600 फीट ऊंची कराचकुंड और तीसरी तरफ 22,700 फीट ऊंचा भरतकुंड है।
इन तीन पर्वतों से होकर बहने वाली पांच नदियां हैं मंदाकिनी, मधुगंगा, चिरगंगा, सरस्वती और स्वरंदरी। इनमें से कुछ इस पुराण में लिखे गए हैं।
यह क्षेत्र "मंदाकिनी नदी" का एकमात्र जलसंग्रहण क्षेत्र है। यह मंदिर एक कलाकृति है। कितना बड़ा असम्भव कार्य रहा होगा ऐसी जगह पर कलाकृति जैसा मन्दिर बनाना जहां ठंड के दिन भारी मात्रा में बर्फ हो और बरसात के मौसम में बहुत तेज गति से पानी बहता हो। आज भी आप गाड़ी से उस स्थान तक नही जा सकते।
फिर इस मन्दिर को ऐसी जगह क्यों बनाया गया?
ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में 1200 साल से भी पहले ऐसा अप्रतिम मंदिर कैसे बन सकता है?
1200 साल बाद, भी जहां उस क्षेत्र में सब कुछ हेलिकॉप्टर से ले जाया जाता है। JCB के बिना आज भी वहां एक भी ढांचा खड़ा नहीं होता है। यह मंदिर वहीं खड़ा है और न सिर्फ खड़ा है, बल्कि बहुत मजबूत है।

हम सभी को कम से कम एक बार यह सोचना चाहिए।

वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि यदि मंदिर 10वीं शताब्दी में पृथ्वी पर होता, तो यह "हिम युग" की एक छोटी अवधि में होता।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी, देहरादून ने केदारनाथ मंदिर की चट्टानों पर लिग्नोमैटिक डेटिंग का परीक्षण किया। यह "पत्थरों के जीवन" की पहचान करने के लिए किया जाता है। परीक्षण से पता चला कि मंदिर 14वीं सदी से लेकर 17वीं सदी के मध्य तक पूरी तरह से बर्फ में दब गया था। हालांकि, मंदिर के निर्माण में कोई नुकसान नहीं हुआ।
2013 में केदारनाथ में आई विनाशकारी बाढ़ को सभी ने देखा होगा। इस दौरान औसत से 375% अधिक बारिश हुई थी। आगामी बाढ़ में "5748 लोग" (सरकारी आंकड़े) मारे गए और 4200 गांवों को नुकसान पहुंचा। भारतीय वायुसेना ने 1 लाख 10 हजार से ज्यादा लोगों को एयरलिफ्ट किया। सब कुछ ले जाया गया। लेकिन इतनी भीषण बाढ़ में भी केदारनाथ मंदिर का पूरा ढांचा जरा भी प्रभावित नहीं हुआ।

भारतीय पुरातत्व सोसायटी के मुताबिक, बाढ़ के बाद भी मंदिर के पूरे ढांचे के ऑडिट में 99 फीसदी मंदिर पूरी तरह सुरक्षित है I 2013 की बाढ़ और इसकी वर्तमान स्थिति के दौरान निर्माण को कितना नुकसान हुआ था, इसका अध्ययन करने के लिए "आईआईटी मद्रास" ने मंदिर पर "एनडीटी परीक्षण" किया। साथ ही कहा कि मंदिर पूरी तरह से सुरक्षित और मजबूत है।

यदि मंदिर दो अलग-अलग संस्थानों द्वारा आयोजित एक बहुत ही "वैज्ञानिक और वैज्ञानिक परीक्षण" में उत्तीर्ण नहीं होता है, तो आज के समीक्षक आपको सबसे अच्छा क्या कहता?
मंदिर के अक्षुण खड़े रहने के पीछे:

जिस दिशा में इस मंदिर का निर्माण किया गया है व जिस स्थान का चयन किया गया है। ये ही प्रमुख कारण हैं।

दूसरी बात यह है कि इसमें इस्तेमाल किया गया पत्थर बहुत सख्त और टिकाऊ होता है। खास बात यह है कि इस मंदिर के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया गया पत्थर वहां उपलब्ध नहीं है, तो जरा सोचिए कि उस पत्थर को वहां कैसे ले जाया जा सकता था। उस समय इतने बड़े पत्थर को ढोने के लिए इतने उपकरण भी उपलब्ध नहीं थे। इस पत्थर की विशेषता यह है कि 400 साल तक बर्फ के नीचे रहने के बाद भी इसके "गुणों" में कोई अंतर नहीं है।

आज विज्ञान कहता है कि मंदिर के निर्माण में जिस पत्थर और संरचना का इस्तेमाल किया गया है, तथा जिस दिशा में बना है उसी की वजह से यह मंदिर इस बाढ़ में बच पाया।
केदारनाथ मंदिर "उत्तर दक्षिण" के रूप में बनाया गया है। जबकि भारत में लगभग सभी मंदिर "पूर्व पश्चिम" हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि मंदिर "पूर्व पश्चिम" होता तो पहले ही नष्ट हो चुका होता। या कम से कम 2013 की बाढ़ में तबाह हो जाता। लेकिन इस दिशा की वजह से केदारनाथ मंदिर बच गया है।

इसलिए, मंदिर ने प्रकृति के चक्र में ही अपनी ताकत बनाए रखी है। मंदिर के इन मजबूत पत्थरों को बिना किसी सीमेंट के "एशलर" तरीके से एक साथ चिपका दिया गया है। इसलिए पत्थर के जोड़ पर तापमान परिवर्तन के किसी भी प्रभाव के बिना मंदिर की ताकत अभेद्य है।

टाइटैनिक के डूबने के बाद, पश्चिमी लोगों ने महसूस किया कि कैसे "एनडीटी परीक्षण" और "तापमान" ज्वार को मोड़ सकते हैं।

लेकिन भारतीय लोगों ने यह सोचा और यह 1200 साल पहले परीक्षण किया। क्या केदारनाथ उन्नत भारतीय वास्तु कला का ज्वलंत उदाहरण नहीं है ? 2013 में, मंदिर के पिछले हिस्से में एक बड़ी चट्टान फंस गई और पानी की धार विभाजित हो गई। मंदिर के दोनों किनारों का तेज पानी अपने साथ सब कुछ ले गया लेकिन मंदिर और मंदिर में शरण लेने वाले लोग सुरक्षित रहे। जिन्हें अगले दिन भारतीय वायुसेना ने एयरलिफ्ट किया था।
सवाल यह नहीं है कि आस्था पर विश्वास किया जाए या नहीं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि मंदिर के निर्माण के लिए स्थल, उसकी दिशा, वही निर्माण सामग्री और यहां तक कि प्रकृति को भी ध्यान से विचार किया गया था जो 1200 वर्षों तक अपनी संस्कृति और ताकत को बनाए रखेगा।

हम पुरातन भारतीय विज्ञान की भारी यत्न के बारे में सोचकर दंग रह गए हैं। शिला जिसका उपयोग 6 फुट ऊंचे मंच के निर्माण के लिए किया गया है कैसे मन्दिर स्थल तक लायी गयी।

आज तमाम बाढ़ों के बाद हम एक बार फिर केदारनाथ के उन वैज्ञानिकों के निर्माण के आगे नतमस्तक हैं, जिन्हें उसी भव्यता के साथ 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा होने का सम्मान मिलेगा।
यह एक उदाहरण है कि वैदिक हिंदू धर्म और संस्कृति कितनी उन्नत थी। उस समय हमारे ऋषि-मुनियों यानी वैज्ञानिकों ने वास्तुकला, मौसम विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, आयुर्वेद में काफी तरक्की की थी।

इसलिए मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूँ

"राष्ट्रहित सर्वोपरि" 💪💪

जय श्री राम 🙏

हर हर महादेव 🔱🙏🚩

05/01/2025
बदन की नजदीकी और नसों का तनाव बता रिया है कि इस भरी सर्दी में इन दोनों का ब्ल्यूटूथ डिवाइस कनेक्ट हो चुका हैधनश्री को कि...
05/01/2025

बदन की नजदीकी और नसों का तनाव बता रिया है कि इस भरी सर्दी में इन दोनों का ब्ल्यूटूथ डिवाइस कनेक्ट हो चुका है

धनश्री को किसी गैर की बाहों में देख कर यूजी चहल ब्रो के लिए चंद लाइंस याद आ रही है के

दुश्मन मिले हजार, मतलबी यार न मिले
बैठा रहूँ कुंवारा पर मेहरारू....

यूजी भाई के लिए दुःख रहेगा

जानें कौन हैं जीन गुडइनफ, जो हैं IPL टीम पंजाब किंग्स की को ओनर प्रीति जिंटा के पति....     कल हो ना हो, दिल है तुम्हारा...
05/01/2025

जानें कौन हैं जीन गुडइनफ, जो हैं IPL टीम पंजाब किंग्स की को ओनर प्रीति जिंटा के पति....
कल हो ना हो, दिल है तुम्हारा और वीर जारा जैसी फिल्मों के साथ फैंस के दिलों पर राज करने वाली डिंपल गर्ल प्रीति जिंटा ने इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल 2024 में पंजाब किंग्स के को ओनर की जिम्मेदारी संभालती हुई नजर आई थीं. उन्हें इन दिनों क्रिकेट मैच के दौरान देखा जाता है. हालांकि एक पार्टी में वह पति गुडइनफ के साथ नजर आईं, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी छा गई. हालांकि कई लोग नहीं जानते कि उनके पति कौन हैं और क्या करते हैं.
प्रीति जिंटा ने साल 2016 में जीन गुडइनफ से शादी की है, जो कि लॉस एंजिल्स बेस्ड फाइनेंस एनालिस्ट हैं. कपल साल 2021 में सरोगेसी के जरिए ट्विन्स बच्चों जय और जिया के पेरेंट्स बने हैं. पढ़ाई की बात करें तो लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में यूएससी मार्शल स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस और मार्केटिंग में विशेषज्ञता हासिल करने से पहले जीन गुडइनफ ने एसाडे से एमबीए किया. इसके विपरीत, जिंटा के पास क्रिमिनिल साइकलॉजी की डिग्री है।
इन दिनों नवीकरणीय ऊर्जा विकास फर्म एनलाइन एनर्जी इंक में प्रॉडक्ट और फाइनेंस डिपार्टमेंट में सीनियर वाइस प्रेसिजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. जबकि इससे पहले उन्होंने इंटरथिंक्स में प्रोडक्ट मैनेजमेंट के उपाध्यक्ष/निदेशक और बैंक ऑफ अमेरिका में वाइस प्रेसिडेंट जैसे पदों पर काम किया है.
प्रीति जिंटा की बात करें तो साल 2000 से अपने करियर में कल हो ना हो, वीर जारा, कोई मिल गया, कभी अलविदा ना कहना, चोरी चोरी चुपके चुपके जैसी फिल्मों के साथ अपनी पहचान बनाई. वहीं आज उनका नेटवर्थ 110 करोड़ के लगभग है. हालांकि इन दिनों वह फिल्मी दुनिया से दूर नजर आ रही हैं

माधुरी दीक्षित ही नहीं उनकी दोनों बहनें भी हैं बेहद खूबसूरत, जानिए कहां हैं और क्या करती हैं...    माधुरी दीक्षित के घर ...
05/01/2025

माधुरी दीक्षित ही नहीं उनकी दोनों बहनें भी हैं बेहद खूबसूरत, जानिए कहां हैं और क्या करती हैं...
माधुरी दीक्षित के घर में उनकी दो बहनें भी हैं, जिनका नाम रूपा दीक्षित और भारती दीक्षित हैं, वहीं उनके भाई का नाम अजीत दीक्षित है. माधुरी दीक्षित की ये दोनों ही बहनें स्टारडम से हमेशा ही दूर रही हैं, लेकिन माधुरी को एक सफर अभिनेत्री बनाने में उनकी बहनों का भरपूर सहयोग रहा है.
ये बात सभी जानते हैं कि माधुरी दीक्षित एक बेहद अच्छी कथक डांसर हैं. लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि माधुरी के अलावा उनकी बहन भी ट्रेंड कथक डांसर हैं. माधुरी ने एक बार बहनों के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर भी शेयर की थी. इस तस्वीर में माधुरी अपनी बहन के साथ डांस करती नजर आ रही थीं.
इस तस्वीर को शेयर करते हुए माधुरी ने लिखा भी था-यह मेरी पसंदीदा यादों में से एक है जो मेरी बहन के साथ की है. हम हमेशा स्कूल की प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे.
इस फोटो में दोनों को देखकर ये पहचानना मुश्किल है कि असल में माधुरी कौन हैं. माधुरी की बहन भी उन्हीं की तरह बेहद खूबसूरत हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, माधुरी की दोनों बहनें अब अपनी-अपनी लाइफ में सेटल हो चुकी हैं और अक्सर किसी फैमिली फंक्शन में ही साथ नजर आती हैं. बता दें कि फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वो क्या करती।

मां स्नेहलतामाधुरी दीक्षित की मां स्नेहलता हर कदम पर अभिनेत्री के साथ खड़ी रही है  अक्सर वह अपनी मां के साथ खास बॉन्ड सा...
05/01/2025

मां स्नेहलता
माधुरी दीक्षित की मां स्नेहलता हर कदम पर अभिनेत्री के साथ खड़ी रही है अक्सर वह अपनी मां के साथ खास बॉन्ड साझा करती थीं। उन्होंने हर कदम पर अभिनेत्री का साथ दिया था। अपनी मां के बारे में बात करते हुए अभिनेत्री ने एक बार खुलासा किया था कि मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त थी , जो उन्होंने मुझे सबक सिखाया, वह मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार था। बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित की मां का नाम स्नेहलता दीक्षित है और वो अब इस दुनिया मे नही है। उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। माधुरी ने फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया और इसका श्रेय हमेशा उन्होंने अपने परिवार को दिया। हालांकि, उनका परिवार लाइमलाइट से दूर रहता है, लेकिन अभिनेत्री का परिवार के प्रति झुकाव हमेशा से रहा था। अभिनेत्री इस मुकाम पर पहुंचने और प्रसिद्धि हासिल करने की वजह हमेशा से ही अपने परिवार को मानती हैं। चलिए जानते हैं माधुरी दीक्षित के परिवार के सदस्यों के बारे में...
पिता शंकर दीक्षित
माधुरी दीक्षित के पिता का नाम शंकर दीक्षित था। वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। साल 2013 में माधुरी के पिता शंकर का निधन हो गया था। माधुरी के पिता ने 91 साल की उम्र में मुंबई के जुहू आवास पर अंतिम सांस ली थी। उन्हें माधुरी से बहुत लगाव था। वह बचपन से माधुरी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन माधुरी बन गईं अभिनेत्री। इस कारण अभिनेत्री ने अपने पिता की मर्जी से डॉक्टर श्रीराम नेने के साथ शादी की थी।
भाई अजीत दीक्षित
अभिनेत्री के भाई का नाम अजीत दीक्षित है। अभिनेत्री अपने भाई अजीत को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती हैं और कई बार इंटरव्यू में उनके बारे में बात भी करती हैं। उन्होंने भाई दूज के मौके पर एक बार अजीत के साथ अपनी तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह बहुत प्यारे लग रहे थे। इंटरव्यू के दौरान माधुरी ने खुलासा किया था कि उनके पति श्रीराम नेने से पहली मुलाकात उनके भाई अजीत ने ही करवाई थी। उनके भाई ने पूरे परिवार को चुपके से बुला लिया था और इसके बाद माधुरी से उनकी पसंद के बारे में पूछा था।
बहन रूपा और भारती
माधुरी दीक्षित अभिनेत्री के साथ साथ बेहतरीन डांसर भी हैं। माधुरी की दोनों बहन भारती और रूपा भी उनकी तरह ही एक ट्रेंड कथक डांसर हैं। माधुरी की बहन लाइमलाइट से दूर रहती हैं, लेकिन उन्होंने अपनी बहन माधुरी को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है। माधुरी की दोनों बहनें सेटल हो चुकी हैं। उनके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। माधुरी ने एक बार अपनी दोनों बहनों के साथ पुरानी तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह अपनी बहनों के साथ स्कूल में स्टेज परफॉर्म करती हुई नजर आ रही थीं।
पति श्रीराम नेने
माधुरी ने साल 1999 में लॉस एंजिल्स कैलीफोर्निया के हार्ट सर्जन श्रीराम माधव नेने के साथ शादी रचाई थी। उन्होंने श्रीराम के साथ अरेंज मैरिज की थी। आज वह दोनों खुशी-खुशी अपनी जिंदगी बिता रहे हैं और श्रीराम, माधुरी को हमेशा प्रोत्साहित करते नजर आते हैं। माधुरी, श्रीराम के साथ अपनी खूबसूरत तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करती हैं।
बेटे एरिन और रियान
माधुरी दीक्षित के दो बेटे एरिन और रियान हैं। बड़े बेटे एरिन और छोटे बेटे रियान दोनों ही लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करते हैं। माधुरी अपने बच्चों की परवरिश पर खास ध्यान देती हैं। अपनी जिंदगी में व्यस्त होने के बावजूद वह बच्चों के लिए समय निकाल लेती हैं और उनके साथ समय बिताती नजर आती हैं। माधुरी ने खुलासा किया था कि उनके दोनों बेटे पैपराजी को देखकर कार में छुप जाते हैं। उन्हें कैमरे का सामना करना पसंद नहीं है। दोनों बेटों का जन्म विदेश में हुआ है, लेकिन वह भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए हैं। माधुरी के दोनों बच्चे अपनी मां की तरह ही भारतीय संगीत के करीब हैं।

01 जनवरी 1979 को जन्मीं विद्या बालन बचपन के दिनों से ही अभिनेत्री बनने का ख्वाब देखा करती थीं। वर्ष 1995 में विद्या बालन...
04/01/2025

01 जनवरी 1979 को जन्मीं विद्या बालन बचपन के दिनों से ही अभिनेत्री बनने का ख्वाब देखा करती थीं। वर्ष 1995 में विद्या बालन को जीटीवी पर प्रसारित धारावाहिक हम पांच में काम करने का अवसर मिला। विद्या बालन ने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2003 में प्रदर्शित बांग्ला फिल्म भालो थेको से की। विद्या ने बालीवुड में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2005 में प्रदर्शित विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म परिणीता से की। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ डेब्यू अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया। फिल्म में विद्या बालन के अपोजिट संजय दत्त थे। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।
वर्ष 2006 में विद्या बालन को एक बार फिर से विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में संजय दत्त के साथ काम करने का अवसर मिला। वर्ष 2007 में विद्या बालन को मणिरत्नम की फिल्म गुरू में काम करने का अवसर मिला।फिल्म में विद्या की भूमिका छोटी थी बावजूद इसके उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद विद्या बालन की हे बेबी और भुल भुलैया जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुयी।भुल भुलैया के लिये विद्या सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित भी हुयी।वर्ष 2009 में प्रदर्शित फिल्म पा में विद्या बालन ने अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया।इस फिल्म के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।
वर्ष 2010 में प्रदर्शित फिल्म इश्किया विद्या बालन के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है।इस फिल्म में विद्या बालन के अभिनय का नया रूप दर्शकों को देखने को मिला1फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह फिल्मफेयर द्वारा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के क्रिटिक्स पुरस्कार से सम्मानित की गयी। वर्ष 2011 में प्रदर्शित फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ विद्या बालन के करियर की सबसे कामयाब फिल्म साबित हुई। एकता कपूर के बैनर तले बनी इस फिल्म में विद्या बालन में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री सिल्क स्मिता के किरदार को रूपहर्ले पर्दे पर जीवंत कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया।
वर्ष 2012 में प्रदर्शित फिल्म कहानी भी विद्या बालन के करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी।इस फिल्म के जरिये विद्या बालन ने अपने सधे हुये अभिनय से दिखा दिया कि ग्लैमर का सहारा लिये बगैर फिल्म को सुपरहिट बनाया जा सकता है।इस फिल्म के लिये भी विद्या को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।इसी वर्ष विद्या ने यूटीवी के सीइओ सिद्धार्थ रॉय कपूर से शादी कर ली।
वर्ष 2014 में विद्या बालन पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित की गयी। इसके बाद विद्या ने शादी के साइड इफेक्टस, बॉबी जासूस, तीन कहानी 2, बेगम जान, तुम्हारी सुलु, मिशन मंगल, शकुंतला देवी, शेरनी ,जलसा और नीयत जैसी फिल्मों में काम किया है। वर्ष 2024 में विद्या बालन ने फिल्म दो और दो प्यार और भुलभूलैया 3 में काम किया। फिल्म भूल भुलैया 3 बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुयी है।
विद्या बालन ने कहा है कि उनके पास बच्चे के लिए समय नहीं है, उन्होंने कहा, "मैं जो भी फिल्म करती हूं, वह एक नया बच्चा है; (इसलिए) मेरे पास 20 से अधिक बच्चे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "फिलहाल, मैं अधिक और अच्छा काम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं ।" अभिनेत्री ने 2012 में सिद्धार्थ रॉय कपूर से शादी की, जो 'जग्गा जासूस' और 'दंगल' जैसी फिल्मों के सह-निर्माता के रूप में जाने जाते हैं।
फिल्मी बीट की रिपोर्ट के मुताबिक विद्या बालन करोड़ों की मालकिन हैं। उनके पति सिद्धार्थ रॉय कपूर फिल्म निर्माता और रॉय कपूर फिल्म्स के फाउंडर हैं। वह वॉल्ट डिज़नी कंपनी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर भी रह चुके हैं। कोईमोई की रिपोर्ट्स के मुताबिक जोड़े की कुल संपत्त 173 करोड़ है।

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