
05/01/2025
सुपरस्टार राजेश खन्ना की पहली मुहब्बत कौन थी? अधिकतर के मुंह से अंजू महेंद्रू जी का नाम निकलेगा। मुझे भी यही पता था। मगर लेखक यासिर उस्मान द्वारा लिखित राजेश खन्ना जी की बायोग्राफी में इनके बचपन का एक बड़ा ही दिलचस्प किस्सा बयां गया है। ये उन दिनों की बात है जब राजेश खन्ना अपनी किशोरावस्था में आए थे। सुरेखा नाम की एक लड़की उसी बिल्डिंग में रहती थी जिसमें काका जी का घर था। तब काका की उम्र 11 या 12 साल रही होगी। और सुरेखा नाम की वो लड़की 15-16 की होगी। यानि वो काका से उम्र में बड़ी थी।
एक दिन काका अपनी बिल्डिंग के कंपाउंड में अपनी नई साइकिल चला रहे थे। माता-पिता से काफी ज़िद करके उन्होंने वो साइकिल खरीदी थी जो उस वक्त बाज़ार में नई-नई लॉन्च हुई थी। चूंकि साइकिल एकदम नई थी तो बढ़िया चल रही थी। काका भी साइकिल को तेज़ गति से दौड़ा रहे थे। अचानक काका का बैलेंस बिगड़ा और वो ज़ोर से गिर पड़े। उनका घुटने पर खरोंच आ गई। कुछ पल के लिए तो काका को समझ में ही नहीं आया कि उनके साथ अचानक ये क्या हुआ। लेकिन जब उन्होंने अपना घुटना देखा तो वो रोने लगे। वहां से ख़ून बह रहा था।
काका के रोने की आवाज़ सुनकर एक लड़की दौड़ते हुए आई। उसके हाथों में एक एंटीसैप्टिक की बोतल और कुछ कॉटन थी। काका ने जब उसे देखा तो वो पहचान गए कि ये वही लड़की है जो अक्सर बिल्डिंग कपाउंड में उन्हें खेलते हुए देखा करती थी। काका को उसका नाम पता था। सुरेखा। उसे देखकर काका ने रोना बंद कर दिया। सालों बाद फिल्म पत्रकार व लेखक बन्नी रुबेन से उस घटना के बारे में बात करते हुए काका ने कहा था कि उस दिन पहली दफा उन्हें किसी से प्यार हुआ था।
उस दिन काका के घाव को साफ करने के बाद सुरेखा ने एक पुरानी साड़ी से थोड़ा कपड़ा फाड़कर उनके घुटने पर पट्टी बांध दी। और पट्टी बांधते वक्त सुरेखा का चेहरा काका के चेहरे के काफी नज़दीक आ गया था। इससे पहले की काका कुछ समझ पाते, सुरेखा ने उनके होठों को किस कर लिया। एक लंबा सा किस। और फिर जैसे सबकुछ ब्लैकआउट हो गया। उस तरह का वो काका के जीवन का सबसे पहला तजुर्बा था। जो हमेशा के लिए उनके ज़ेहन पर छप गया।
काका जब घर लौटे तो उनका मिज़ाज बदला-बदला सा था। वो अपनी चाईजी से नज़रें नहीं मिला पा रहे थे। फिर जैसे ही काका को मौका मिला, वो अपनी छत पर चले गए। एक ऐसी जगह जहां वो अक्सर अकेले बैठा करते थे। और जहां कोई और नहीं आता था। उस दिन छत पर जाकर काका ने काका ने अपनी आंखें बंद की और उस पूरे घटनाक्रम को फिर ये याद किया। कैसे सुरेखा ने उन्हें किस किया था। और उन्हें उस वक्त कैसा महसूस हो रहा था।
उस दिन के बाद सुरेखा और काका के बीच नज़दीकियां बढ़ गई थी। वो अक्सर मिलने लगे। दोस्तों संग खेल में वक्त गुज़ारने लगे। कभी-कभार सिनेमा भी चले जाते थे। ऐसे ही एक दिन वो अपने दोस्तों संग मैटिनी शो देखने गए। उस दिन को याद करते हुए राजेश खन्ना ने कहा था कि उन्हें बस इतना ही याद है कि एक अंधेरे से हॉल में वो सुरेखा के पास बैठे थे। एक-दूजे का हाथ थामे हुए। उस दिन और कुछ भी हुआ था जो फिलहाल मैं नहीं लिख रहा हूं। आप समझ सकते हैं।
काका उस वक्त इतने छोटे थे कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या है। लेकिन सुरेखा से मिलना और उसके साथ वक्त बिताना उन्हें बहुत अच्छा लगता था। काका सुरेखा से अपने घर, माता-पिता और अपने स्कूल तक की बातें करते थे। और एक फेज़ तो ऐसा था कि जब सुरेखा से उनकी बात नहीं हो पाती थी तो वो बेचैन हो जाते थे। स्कूल से लौटते ही वो अपना बैग घर में पटककर सुरेखा से मिलने पहुंच जाते थे। एक ऐसी ही दोपहर जब काका स्कूल से लौटकर सुरेखा से मिलने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि सुरेखा के घर पर ताला लटका है।
काका को बहुत अजीब लगा। उन्होंने पास बैठी एक महिला से पूछा कि सुरेखा के घर पर ताला क्यों लगा है? ये लोग कहां गए हैं? उस महिला ने जो जवाब काका को दिया, वो उसके लिए कतई तैयार नहीं थे। उस महिला ने काका से कहा कि सुरेखा की शादी कराने के लिए उसके माता-पिता उसे अपने गांव ले गए हैं। उसके बाद काका ने फिर कभी सुरेखा को दोबारा नहीं देखा। सुरेखा से जुदा होने का ग़म काका को कई दिनों तक सताता रहा।
सुरेखा के जाने के सालों बाद काका के जीवन में और भी लड़कियां आई। लेकिन सुरेखा की जगह कोई ना ले सकी। बन्नी रुबेन से काका ने कहा था,"मैं कभी नहीं भूल सकता कि सुरेखा ने मुझ पर क्या असर किया था।" तो ये था काका राजेश खन्ना की पहली मुहब्बत सुरेखा की कहानी। इसके लिए हमें लेखक व बायोग्राफर यासिर उस्मान जी को धन्यवाद कहना चाहिए कि उन्होंने अपनी किताब के ज़रिए काका जी के जीवन के इस अनसुने पहलू से उनके चाहने वालों को रूबरू कराया।