Kesariya Baba

Kesariya Baba देखते रहो, सीखते रहो

यह है हरिद्वार के प्रसिद्ध सन्त सिद्ध बाबा हठयोगी की महाराज
05/09/2024

यह है हरिद्वार के प्रसिद्ध सन्त सिद्ध बाबा हठयोगी की महाराज

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01/08/2024

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नववर्ष की आप व आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
09/04/2024

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🙏🙏राम राम🙏🙏
15/11/2023

🙏🙏राम राम🙏🙏

मित्रो छोटी सी पोस्ट है, बहुत ही अद्भुत ज्ञान है, पोस्ट को सेव करके रख सकते हैं सनातन धर्म वेद-ज्ञान:-प्र.1-  वेद किसे क...
02/11/2023

मित्रो छोटी सी पोस्ट है, बहुत ही अद्भुत ज्ञान है, पोस्ट को सेव करके रख सकते हैं

सनातन धर्म वेद-ज्ञान:-

प्र.1- वेद किसे कहते है ?
उत्तर- ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।

प्र.2- वेद-ज्ञान किसने दिया ?
उत्तर- ईश्वर ने दिया।

प्र.3- ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?
उत्तर- ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।

प्र.4- ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?
उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए

प्र.5- वेद कितने है ?
उत्तर- चार 1-ऋग्वेद
2-यजुर्वेद
3-सामवेद
4-अथर्ववेद

प्र.6- वेदों के ब्राह्मण
वेद ब्राह्मण
1 - ऋग्वेद - ऐतरेय
2 - यजुर्वेद - शतपथ
3 - सामवेद - तांड्य
4 - अथर्ववेद - गोपथ

प्र.7- वेदों के उपवेद कितने है
उत्तर - चार
वेद उपवेद
1- ऋग्वेद - आयुर्वेद
2- यजुर्वेद - धनुर्वेद
3 -सामवेद - गंधर्ववेद
4- अथर्ववेद - अर्थवेद

प्र 8- वेदों के अंग हैं
उत्तर - छः
1 - शिक्षा
2 - कल्प
3 - निरूक्त
4 - व्याकरण
5 - छंद
6 - ज्योतिष

प्र.9- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियो को दिया ?
उत्तर- चार ऋषियों को
वेद ऋषि
1- ऋग्वेद - अग्नि
2 - यजुर्वेद - वायु
3 - सामवेद - आदित्य
4 - अथर्ववेद - अंगिरा

प्र.10- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?
उत्तर- समाधि की अवस्था में

प्र.11- वेदों में कैसे ज्ञान है ?
उत्तर- सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान

प्र.12- वेदो के विषय कौन-कौन से हैं ?
उत्तर- चार
ऋषि विषय
1- ऋग्वेद - ज्ञान
2- यजुर्वेद - कर्म
3- सामवे - उपासना
4- अथर्ववेद - विज्ञान

प्र.13- वेदों में

ऋग्वेद में
1- मंडल - 10
2 - अष्टक - 08
3 - सूक्त - 1028
4 - अनुवाक - 85
5 - ऋचाएं - 10589

यजुर्वेद में
1- अध्याय - 40
2- मंत्र - 1975

सामवेद में
1- आरचिक - 06
2 - अध्याय - 06
3- ऋचाएं - 1875

अथर्ववेद में
1- कांड - 20
2- सूक्त - 731
3 - मंत्र - 5977

प्र.14- वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ? उत्तर- मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है

प्र.15- क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ?
उत्तर- बिलकुल भी नहीं

प्र.16- क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है ?
उत्तर- नहीं

प्र.17- सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?
उत्तर- ऋग्वेद

प्र.18- वेदों की उत्पत्ति कब हुई ?
उत्तर- वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई अर्थात 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व

प्र.19- वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र ( उपअंग ) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है ?
उत्तर-
1- न्याय दर्शन - गौतम मुनि।
2- वैशेषिक दर्शन - कणाद मुनि।
3- योगदर्शन - पतंजलि मुनि।
4- मीमांसा दर्शन - जैमिनी मुनि।
5- सांख्य दर्शन - कपिल मुनि।
6- वेदांत दर्शन - व्यास मुनि।

प्र.20- शास्त्रों के विषय क्या है ?
उत्तर- आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, जगत की उत्पत्ति, मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान आदि।

प्र.21- प्रामाणिक उपनिषदे कितनी है ?
उत्तर- केवल ग्यारह।

प्र.22- उपनिषदों के नाम बतावे ?
उत्तर-
01-ईश ( ईशावास्य )
02-केन
03-कठ
04-प्रश्न
05-मुंडक
06-मांडू
07-ऐतरेय
08-तैत्तिरीय
09-छांदोग्य
10-वृहदारण्यक
11-श्वेताश्वतर ।

प्र.23- उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है ?
उत्तर- वेदों से।
प्र.24- चार वर्ण।
उत्तर-
1- ब्राह्मण
2- क्षत्रिय
3- वैश्य
4- शूद्र

प्र.25- चार युग।
1- सतयुग - 17,28000 वर्षों का नाम ( सतयुग ) रखा है।
2- त्रेतायुग- 12,96000 वर्षों का नाम ( त्रेतायुग ) रखा है।
3- द्वापरयुग- 8,64000 वर्षों का नाम है।
4- कलयुग- 4,32000 वर्षों का नाम है।
कलयुग के 4,976 वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक।
4,27024 वर्षों का भोग होना है।

पंच महायज्ञ
1- ब्रह्मयज्ञ
2- देवयज्ञ
3- पितृयज्ञ
4- बलिवैश्वदेवयज्ञ
5- अतिथियज्ञ

स्वर्ग - जहाँ सुख है
नरक - जहाँ दुःख है
ओ३म्🙏
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो🙏

जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी। वो एकांत जगह की तलाश में घुम रही थी, कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घ...
21/10/2023

जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी। वो एकांत जगह की तलाश में घुम रही थी, कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी। उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये।

वहां पहुँचते ही उसे प्रसव पीडा शुरू हो गयी।
उसी समय आसमान में घनघोर बादल वर्षा को आतुर हो उठे और बिजली कडकने लगी।

उसने दाये देखा, तो एक शिकारी तीर का निशाना, उस की तरफ साध रहा था। घबराकर वह दाहिने मुडी, तो वहां एक भूखा शेर, झपटने को तैयार बैठा था। सामने सूखी घास आग पकड चुकी थी और पीछे मुडी, तो नदी में जल बहुत था।

मादा हिरनी क्या करती ? वह प्रसव पीडा से व्याकुल थी। अब क्या होगा ? क्या हिरनी जीवित बचेगी ? क्या वो अपने शावक को जन्म दे पायेगी ? क्या शावक जीवित रहेगा ?

क्या जंगल की आग सब कुछ जला देगी ? क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी ?क्या मादा हिरनी भूखे शेर का भोजन बनेगी ?
वो एक तरफ आग से घिरी है और पीछे नदी है। क्या करेगी वो ?

हिरनी अपने आप को शून्य में छोड, अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी। कुदरत का कारिष्मा देखिये। बिजली चमकी और तीर छोडते हुए, शिकारी की आँखे चौंधिया गयी। उसका तीर हिरनी के पास से गुजरते, शेर की आँख में जा लगा,शेर दहाडता हुआ इधर उधर भागने लगा।और शिकारी, शेर को घायल ज़ानकर भाग गया। घनघोर बारिश शुरू हो गयी और जंगल की आग बुझ गयी। हिरनी ने शावक को जन्म दिया।

हमारे जीवन में भी कभी कभी कुछ क्षण ऐसे आते है, जब हम पूर्ण पुरुषार्थ के बावजूद चारो तरफ से समस्याओं से घिरे होते हैं और कोई निर्णय नहीं ले पाते। तब सब कुछ नियति के हाथों सौंपकर अपने उत्तरदायित्व व प्राथमिकता पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।अन्तत: यश, अपयश ,हार ,जीत, जीवन,मृत्यु का अन्तिम निर्णय ईश्वर करता है।हमें उस पर विश्वास कर उसके निर्णय का सम्मान करना चाहिए।✍️✅

17/10/2023

ईश्वर एक है, उसका मुख्य निज नाम *ओम् - एक ओंकार* है। हम सब आत्मायें अपने गुरुओं, आचार्यों, साधुओं, सन्यासियों, ऋषियों-मुनियों की भांति नित्य *ओम् - एक ओंकार* परमात्मा का जप किया करें। यही वैश्विक एकता, सबकी उन्नति और सर्वानन्द का आधार है।

हमारी सरकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सबकी सरकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सच्ची सरकार : *ओम् - एक ओंकार।*
आर्य सरकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सच्चा दरबार : *ओम् - एक ओंकार।*
अभय निराकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सर्वशक्तिमान सर्वाधार : *ओम् - एक ओंकार।*
दयालु सृष्टिकर्त्तार : *ओम् - एक ओंकार।*
पवित्र निर्विकार : *ओम् - एक ओंकार।*
अजन्मा न्यायकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सबका पालनहार : *ओम् - एक ओंकार।*
सर्वरक्षक प्राणाधार : *ओम् - एक ओंकार।*
दु:खविनाशक सुखकार : *ओम् - एक ओंकार।*
बढ़ाओ सत्य विचार : *ओम् - एक ओंकार।*
सुखी करो हर घर-परिवार : *ओम् - एक ओंकार।*
समाज-राष्ट्र का आधार : *ओम् - एक ओंकार।*
हमारी सरकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सबकी सरकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सच्ची सरकार : *ओम् - एक ओंकार।*
सच्चा दरबार : *ओम् - एक ओंकार।*

ओम् परमात्मा के साथ जीवात्मा के योग की विधि सीखने के लिये सम्पर्क करें।

जय श्री राम
15/10/2023

जय श्री राम

08/10/2023
✍️✍️बॉयकाट    धारावाहिको का करे।  जिसमे हर दूसरे नाटक मे हमारे देश के परिवारों  को बर्बादी की  ओर धकेला जा रहा है।  इन ध...
01/10/2023

✍️✍️बॉयकाट धारावाहिको का करे। जिसमे हर दूसरे नाटक मे हमारे देश के परिवारों को बर्बादी की ओर धकेला जा रहा है। इन धारावाहिको मे #अवैध संबंधो की ट्रेनिंग दी जाती है।
20-25 साल के बच्चे मिलकर अपनी माँ की #दूसरी शादी की तैयारी कर रहे है, हद है। पिता जीवित है, उनकी कहीं और सेटिंग चल रही है... अब उनकी माँ कम से कम 45-50 वर्ष की आयु में किसी और से शादी कर रही है।
भाई बहन आपस मे कह रहे है कि हम बड़े भाग्यशाली है कि हमे अपनी मम्मी की डोली सजाने के अवसर मिल रहा है, सबको यह अवसर नही मिलता।
अब उन्हें कौन समझाए कि , हद दर्जे के बेफकूफ हो तुम।
◾ #आधुनिकता की आड़ में नँगा नाच हो रहा हैं। ये सब नए सीरियल की देन हैं जो कि के लालच में पता नही क्या क्या परोस रहे है। ऐसा ही चलता रहा तो हमारे रीति रिवाज व सामाजिक परम्पर्रो को धूमिल होने में वक़्त नहीं लगेगा।
◾इन धारावाहिकों का बहिष्कार किया जाना चाहिए जिन धारावाहिकों में भारतीय #पारिवारिक मूल्यों को विध्वंस किया जाता है।
◾इन धारावाहिकों ने ही तो सारी #हदें पार की है क्योंकि फिल्म में तो तीन घंटे में ही सब कुछ दिखाना होता है। परंतु धारावाहिकों में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। इसलिए ये बड़े इत्मीनान से समाज को बर्बाद कर रहे हैं और टीवी की पहुंच हर घर तक है जबकि फिल्म थियेटर हर आदमी नहीं जा पाता है।
जितना दिखावा फैलाया है। जितने big #सामाजिक और पारिवारिक #संस्कारों का कबाड़ा इन नाटकों ने किया है वैसा सिनेमा सैंकड़ों सालों में भी नहीं कर सकता था।
आईए आज ये #संकल्प ले की ऐसे बेब सीरीज या टीवी सीरियलों का हम #बहिष्कार करेंगे।🤔🤔

 #आजादी के  #पिचहतर साल बाद भी  #ठाकुर बदनाम है चूल्हा मिट्टी का मिट्टी तालाब कीतालाब ठाकुर का (जी हां तालाब ठाकुर का ,क...
30/09/2023

#आजादी के #पिचहतर साल बाद भी #ठाकुर बदनाम है

चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का

(जी हां तालाब ठाकुर का ,क्योकि वह तालाब ठाकुर ने खुदवाया, अपने लिए नही , गांव के लोगो के लिऐ, ताकि गांव के लोग पुरे साल (अगली बारिश आने तक) स्वस्थ मिठा पानी अपने पीने के लिऐ और अपने मवेशियों को‌‌ पानी पिलाने लिऐ काम मे ले सके ।

जी हां, सख्ती थी, निगरानी थी, ताकि कोई उसको गंदा ना कर दे, पानी मे अंदर कोई जानवर ना चले जाऐ, कोई मरा जानवर ना डाल जाऐ , कोई शौच के लिऐ तालाब मे ना चला जाऐ, यहां वहां से मिट्टी खोद कर तालाब का पाल खराब ना हो, पानी बहे नही ।

ठाकुर की सोच तो भलाई की थी पर क्या करे ठाकुर अब गाली खा रहा है, राजस्थान के किसी गांव, कस्बे, ढाणी, नगर, शहर मे कोई तालाब दिखे तो जरा पुछ कर देखे ''किसने बनवाया'' ???
"कब बनवाया''??

जी हां, किसी ठाकुर ने बनवाया, रियासत काल मे, देश कि आजादी से पहले, अपने पैसै से, लोगो के लिऐ,
आज उन सब तालाबों की हालत भी देख कर आना, और फिर इस कविता पर एक बार फिर गौर करना, अच्छे कामो का पुरुस्कार क्या यही होना चाहिए था?

भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का।

(जी हां खेत ठाकुर का, क्योकी आप यहां के नही थे, आपको तो ठाकुर ने विनती मनवार करके कही और जगह से यहां ला कर बसाया और अपनी जमीने दी खेती के लीऐ

बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फ़सल ठाकुर की।
कुआँ ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
गली-मुहल्ले ठाकुर के

( जी हां बैल, हल और बीज भी ठाकुर के ही है, क्योंकि
बैल दिया ठाकुर ने, हल दिया ठाकुर ने, बीज दिया ठाकुर ने, खेत दिया ठाकुर ने, जी हां, पर हल की मुठ पर हथेली जरुर आपकी है क्योंकि ठाकुर की हथेली मे वह तलवार की मुठ है, जो आपकी, आपकी स्त्रियों की आपकी गायों की रक्षा के हाथ मे लिऐ खडा है ।।

फिर अपना क्या? गाँव? शहर? देश?

(गांव शहर देश यह सब आपका है, ठाकुर का तो सिर्फ साफा है, तलवार है और घोडा है, खेती रण भूमि मे करनी है और उगाना अपने वंश के शौर्य को है, कटना अपनी मात्रभूमि के लिऐ है और ठिकाना इनका शमशान मे है !!

क्षत्रिय होना गर्व है

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भाई बहन के पवित्र बंधन रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

26/08/2023

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22/08/2023

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20/08/2023

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19/08/2023

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18/08/2023

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