Vedic Pathik वैदिक पथिक

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पितृ देवो: भव:👇
16/09/2024

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Pitra Paksh 2024 | Kese Kare Apne Pitro Ka Pujan Chandra Grahan | Surya Grahan | नमस्कार प्रिय दशकों 17 सितंबर से श्राद शुरू हो रहे है 👌यह पक्ष बड़ा ही ...

श्री राधा जन्माष्टमी की सभी भक्त  जनो  कोराधे राधे 🌻🙏
11/09/2024

श्री राधा जन्माष्टमी की सभी भक्त जनो को
राधे राधे 🌻🙏

Shri Radha Janmashtmi 2024 | Ghar Me Kese Kare poja | Radhe krishna | Shri Radha Janmashtmi 2024 Braham Vaivart PuranVridavan ka Raas Mandal Divya Golok Dh...

Ganesh Chaturthi👇https://youtu.be/NdaedOHoThc?si=yINxKUkMo5aCeqGl
05/09/2024

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https://youtu.be/NdaedOHoThc?si=yINxKUkMo5aCeqGl

गणेश चतुर्थी स्थापना पूजा विधि, गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की स्थापना कैसे करें, गणेश चतुर्थी पूजा विधि, गणपति स्थाप.....

सोमवती अमावस्या 2024 👇
02/09/2024

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सोमवती अमावस्या सरल पूजा विधि / somvati amavasya Saral Puja Vidhi ​ ​ ​ ​ ​ ​ ​ ​ ...

ओम् नमः शिवाय 🌻❤
10/08/2024

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स्वर परम शैव मृत्युंजय हिरेमठ जी श्रधांजलि

Human have many option.Animals have no option.
17/05/2024

Human have many option.
Animals have no option.

Badrinath ❤🙏
13/05/2024

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04/05/2024

गिनती १०० शून्य तक
Uttrakhand

 #चौसठयोगिनी_नामस्तोत्रम् गजास्या सिंह-वक्त्रा च, गृध्रास्या काक-तुण्डिका ।उष्ट्रा-स्याऽश्व-खर-ग्रीवा, वाराहास्या शिवानन...
07/02/2024

#चौसठयोगिनी_नामस्तोत्रम्

गजास्या सिंह-वक्त्रा च, गृध्रास्या काक-तुण्डिका ।
उष्ट्रा-स्याऽश्व-खर-ग्रीवा, वाराहास्या शिवानना ॥

उलूकाक्षी घोर-रवा, मायूरी शरभानना ।
कोटराक्षी चाष्ट-वक्त्रा, कुब्जा चविकटानना॥

शुष्कोदरी ललज्जिह्वा, श्व-दंष्ट्रा वानरानना ।
ऋक्षाक्षी केकराक्षी च, बृहत्-तुण्डा सुराप्रिया ॥

कपालहस्ता रक्ताक्षी, शुकी श्येनी कपोतिका ।
पाशहस्ता दंडहस्ता, प्रचण्डा चण्डविक्रमा ॥

शिशुघ्नी पाशहन्त्री च, काली रुधिर-पायिनी।
वसापाना गर्भरक्षा, शवहस्ताऽऽन्त्रमालिका ॥

ऋक्ष-केशी महा-कुक्षिर्नागास्या प्रेतपृष्ठका।
दन्द-शूक-धरा क्रौञ्ची, मृग-श्रृंगा वृषानना ॥

फाटितास्या धूम्रश्वासा, व्योमपादोर्ध्वदृष्टिका ।
तापिनी शोषिणी स्थूलघोणोष्ठा कोटरी तथा ॥

विद्युल्लोला वलाकास्या, मार्जारी कटपूतना।
अट्टहास्या चकामाक्षी, मृगाक्षी चेति चा मताः ॥

~फल-श्रुति :-

चतुष्षष्टिस्तुयोगिन्यः पूजिता नवरात्रके।
दुष्ट-बाधां नाशयन्ति, गर्भ-बालादि-रक्षिकाः॥

नडाकिन्यो नशाकिन्यो, न कूष्माण्डा नराक्षसाः ।
तस्य पीड़ांप्रकुर्वन्ति, नामान्येतानि यः पठेत् ॥

बलि-पूजोपहारैश्च, धूप-दीप-समर्पणैः।
क्षिप्रं प्रसन्ना योगिन्यो, प्रयच्छेयुर्मनोरथान् ॥

कृष्णा-चतुर्दशी-रात्रावुपवासी नरोत्तमः।
प्रणवादि-चतुर्थ्यन्त-नामभिर्हवनं चरेत् ॥

प्रत्येकं हवनं चासां, शतमष्टोत्तरंमतम् ।
स-सर्पिषा गुग्गुलुना, लघु-बदर-मानतः॥

विधि :-
साधक कृष्ण-पक्षकी चतुर्दशी को उपवास करे।
रात्रि में गुग्गुलऔर घृत से विभक्ति युक्त प्रत्येक नाम के आगे प्रणव ॐ लगाकर, प्रत्येक नाम से १०८ आहुतियाँ अर्पित करे ।
पूरी तरह शुद्ध होकर, एकाग्र-मनसे जो इन नामों का पाठ करता है । उसे डाकिनी, शाकिनी, कूष्माण्ड और राक्षस आदि किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती ।
धूप-दीपादि उपचारों सहित पूजन और बलि प्रदान करने से योगनियाँ शीघ्र प्रसन्न होकर सभी कामनाओं को पूरा करती है ।

हवनके लिये चौंसठ योगिनी नाम इस प्रकारहै। प्रत्येक नाम के आदि में ‘ॐ’तथा अन्त में स्वाहा लगाकर हवन करें ॥

ॐगजास्यै स्वाहा ॥
ॐ सिंह-वक्त्रायैस्वाहा ॥
ॐ गृध्रास्यायैस्वाहा ॥
ॐकाक-तुण्डिकायै स्वाहा ॥
ॐ उष्ट्रास्यायैस्वाहा ॥
ॐअश्व-खर-ग्रीवायैस्वाहा ॥
ॐवाराहस्यायै स्वाहा ॥
ॐशिवाननायै स्वाहा ॥
ॐ उलूकाक्ष्यै स्वाहा ॥
ॐ घोर-रवायैस्वाहा ॥
ॐमायूर्यै स्वाहा ॥
ॐशरभाननायै स्वाहा ॥
ॐकोटराक्ष्यै स्वाहा ॥
ॐअष्ट-वक्त्रायै स्वाहा॥
ॐकुब्जायै स्वाहा ॥
ॐविकटाननायै स्वाहा ॥
ॐ शुष्कोदर्यैस्वाहा ॥
ॐललज्जिह्वायैस्वाहा ॥
ॐश्व-दंष्ट्रायैस्वाहा ॥
ॐवानराननायै स्वाहा ॥
ॐ ऋक्षाक्ष्यै स्वाहा ॥
ॐ केकराक्ष्यै स्वाहा ॥
ॐबृहत्-तुण्डायैस्वाहा ॥
ॐसुरा-प्रियायै स्वाहा ॥
ॐकपाल-हस्तायै स्वाहा ॥
ॐरक्ताक्ष्यै स्वाहा ॥
ॐ शुक्यै स्वाहा ॥
ॐश्येन्यैस्वाहा ॥
ॐकपोतिकायै स्वाहा ॥
ॐ पाश-हस्तायै स्वाहा ॥
ॐदण्ड-हस्तायैस्वाहा ॥
ॐप्रचण्डायै स्वाहा ॥
ॐचण्ड-विक्रमायै स्वाहा ॥
ॐशिशुघ्न्यैस्वाहा ॥
ॐपाश-हन्त्र्यै स्वाहा ॥
ॐ काल्यै स्वाहा ॥
ॐरुधिर-पायिन्यै स्वाहा ॥
ॐ वसा-पानायै स्वाहा ॥
ॐगर्भ-भक्षायैस्वाहा ॥
ॐशव-हस्तायै स्वाहा ॥
ॐआन्त्र-मालिकायै स्वाहा ॥
ॐ ऋक्ष-केश्यैस्वाहा ॥
ॐमहा-कुक्ष्यै स्वाहा ॥
ॐ नागास्यायै स्वाहा ॥
ॐप्रेत-पृष्ठकायै स्वाहा ॥
ॐदंष्ट्र-शूकर-धरायै स्वाहा ॥
ॐक्रौञ्च्यैस्वाहा ॥
ॐमृग-श्रृंगायै स्वाहा ॥
ॐवृषाननायै स्वाहा ॥
ॐफाटितास्यायै स्वाहा ॥
ॐ धूम्र-श्वासायै स्वाहा ॥
ॐव्योम-पादायै स्वाहा॥
ॐऊर्ध्व-दृष्टिकायैस्वाहा ॥
ॐतापिन्यै स्वाहा ॥
ॐशोषिण्यै स्वाहा ॥
ॐस्थूल-घोणोष्ठायैस्वाहा ॥
ॐकोटर्यैस्वाहा ॥
ॐविद्युल्लोलायै स्वाहा॥
ॐबलाकास्यायै स्वाहा ॥
ॐमार्जार्यैस्वाहा ॥
ॐकट-पूतनायै स्वाहा ॥
ॐअट्टहास्यायै स्वाहा॥
ॐकामाक्ष्यैस्वाहा ॥
ॐ मृगाक्ष्यै स्वाहा!!

12/12/2023
10/12/2023

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