05/11/2022
MP News: बीएलओ ड्यूटी को लेकर शिक्षकों ने जताया विरोध, स्कूल शिक्षा मंत्री ने कही यह बात
भोपाल के जिला शिक्षाधिकारी (डीईओ) डीईओ ने संकुल प्राचार्यों को आदेश जारी किया था कि बीएलओ ड्यूटी के साथ स्कूलों में भी पढ़ाएं शिक्षक। शिक्षकों का तर्क, इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। मंत्री बोलें- शिक्षकों को धीरे-धीरे गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को बीएलओ कार्य के साथ शैक्षणिक कार्य करने के आदेश दिए गए हैं। बीएलओ कार्य के साथ स्कूलों में उपस्थित होना भी जरूरी है। इस संबंध में भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) नितिन सक्सेना ने संकुल प्राचार्यों को आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद शिक्षक विरोध में उतर आए थे। उनक कहना था कि पढ़ाई के साथ-साथ बीएलओ ड्यूटी संभव नहीं है। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का उपलब्ध होना जरूरी है। इसके लिए उन्हें गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखा जाएगा। जैसे-जैसे शिक्षकों की व्यवस्था होती जाएगी, शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कर दिया जाएगा। बहुत जरूरी होगा तो ही ड्यूटी लगाई जाएगी।
बता दें, कि डीईओ ने आदेश में लिखा था कि जिले में संचालित स्कूलों के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया है कि विद्यार्थियों के मान से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, जो मात्र एक-एक कालखंडों का अध्यापन करा रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों में शिक्षकों को बीएलओ कार्य के लिए ड्यूटी लगाई गई है। इस कारण स्कूल से शिक्षक अनुपस्थित हैं। ऐसे में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। डीईओ ने निर्देश दिया कि बीएलओ नियुक्त शिक्षकों को निर्वाचन आयोग द्वारा अलग से मानदेय दिया जाता है। इस कारण वे शिक्षण कार्य करने से इंकार नहीं कर सकते हैं। बीएलओ कार्य के साथ शिक्षण कार्य भी किया जाना एवं स्कूल में समय पर उपस्थित होना अनिवार्य है। साथ ही जिन स्कूलों में शिक्षक बीएलओ नियुक्त हैं या छात्र संख्या के मान से शिक्षकों की कमी है, ऐसे स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जाए। इस आदेश का शिक्षक संगठनों ने विरोध करते हुए काहा कि स्कूल में पढ़ाने के साथ बीएलओ कार्य करना संभव नहीं है, जबकि अन्य विभाग के कर्मचारियों को बीएलओ होने पर उन्हें अन्य कार्यों से मुक्त रखा गया है। शिक्षकों को भी बीएलओ कार्य से मुक्त रखा जाए।