22/09/2022
मैंने गाड़ी खरीदी, RTO आफिस में रजिस्ट्रेशन कराया, यह सरकार के रिकॉर्ड में है।
मैंने ड्राइविंग लाइसेंस लिया, यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है।
मैंने कब कब POLLUTION UNDER CONTROL CERTIFICATE लिया, यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है।
मैंने अपनी गाड़ी का इन्श्योरेन्स रिन्यू कब कब कराया, यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है क्योंकि इन्श्योरेन्स का एक हिस्सा सरकार के खाते में जमा होता है।
मेरे द्वारा दिए गए टैक्स के पैसे से सरकार के हर कार्यालय में ढेरों कम्प्यूटरों का अम्बार लगा हुआ है, खूब ढोल भी पीटा जा रहा है कि पूरा इंडिया डिजिटल हो गया है.!
तो सरकार जब सारी जानकारी आपके रिकॉर्ड में दर्ज है तो फिर आप मेरी गाड़ी का नम्बर कम्प्यूटर में ENTER करके अपने आफिस में बैठे बैठे ही पता कर सकते हैं कि मेरा लाइसेंस EXPIRE तो नहीं हो गया है, इन्श्योरेन्स ड्यू तो नहीं हो गया है, POLLUTION LEVEL कब चेक कराया आदि आदि....
सड़क पर केवल इतना देखा जाना चाहिए कि मैं यातायात के नियमों का पालन कर रहा हूँ या नहीं, कागजी कार्रवाई के लिए हर चौक चौराहे पर नागरिकों को परेशान करने की कोई जरूरत नहीं होगी अगर सरकारी अमला अपने कार्य में दक्ष हो...
सारी समस्या की जड़ ही यही है कि इस दौर में दक्षता की बात करना ही बेमानी है। सरकार के बाएं हाथ को पता नहीं होता कि दायाँ हाथ क्या कर रहा है... डिजिटल इंडिया चुनाव जीतने का हथकंडा भर है, सरकारी विभागों के कम्प्यूटर हाथी के दांत की तरह बस दिखावे भर के लिए हैं।
अब तो बस कूटो और लूटो copy