Vishwa Samvad Kendra, Gorakhpur

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फिल्मो में अब भारतीय इतिहास मे घटित सत्य घटनाएं हो रही प्रदर्शित:- मनोजकांतगोरक्ष चित्र साधना न्यास द्वारा आयोजित फिल्म ...
20/01/2025

फिल्मो में अब भारतीय इतिहास मे घटित सत्य घटनाएं हो रही प्रदर्शित:- मनोजकांत

गोरक्ष चित्र साधना न्यास द्वारा आयोजित फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का हुआ विमोचन

गोरक्ष चित्र साधना, गोरक्ष प्रान्त द्वारा आगामी 08-09 मार्च 2025 को आयोजित प्रथम फिल्म फेस्टिवल का पोस्टर विमोचन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र सह प्रचार प्रमुख मनोजकांत, गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल, सहायक सूचना निदेशक प्रशांत कुमार, गोरक्ष चित्र साधना के अध्यक्ष डॉ. हरिशचंद्र जोशी व सचिव रूपेश श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

फिल्मो में अब भारतीय इतिहास मे घटित सत्य घटनाएं हो रही प्रदर्शित:- मनोजकांतगोरक्ष चित्र साधना न्यास द्वारा आयोजित फिल्म ...
20/01/2025

फिल्मो में अब भारतीय इतिहास मे घटित सत्य घटनाएं हो रही प्रदर्शित:- मनोजकांत

गोरक्ष चित्र साधना न्यास द्वारा आयोजित फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का हुआ विमोचन

गोरक्ष चित्र साधना, गोरक्ष प्रान्त द्वारा आगामी 08-09 मार्च 2025 को आयोजित प्रथम फिल्म फेस्टिवल का पोस्टर विमोचन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र सह प्रचार प्रमुख मनोजकांत, गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल, सहायक सूचना निदेशक प्रशांत कुमार, गोरक्ष चित्र साधना के अध्यक्ष डॉ. हरिशचंद्र जोशी व सचिव रूपेश श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र सह प्रचार प्रमुख मनोजकांत ने कहा कि फिल्मे निरंतर व्यवसाय का अड्डा बनते जा रही हैं परंतु पिछले कुछ वर्षो से फिल्मो में गुणवत्तापूर्ण सुधार देखने को मिल रहा है। फिल्मो में अब भारतीय इतिहास मे घटित सत्य घटनाओं को भी प्रदर्शित करने का प्रयास अत्यंत ही सुखद है।राष्ट्रवादी विचार फिल्मों में स्थापित हो इसके लिए भारतीय चित्र साधना 2016 से प्रयास कर रहा,जिसका।परिणाम हमारे सामने है।।गोरक्ष चित्र साधना राष्ट्रवादी विचारों को गढ़ने और अधिक प्रभावी बनाने में अत्यंत है कारगर सिद्ध होगी।।08-09 मार्च को गोरखपुर में होने वाले प्रथम फिल्म फेस्टिवल के लिए मेरी शुभकामनाएं है।।

महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखपुर क्षेत्र के युवाओं के पास अत्यंत ही रचनात्मक कलाएँ विद्यमान है, गोरक्ष चित्र साधना द्वारा आयोजित फिल्म फेस्टिवल युवाओ को अपनी प्रतिभा को साबित करने के लिए एक स्वतंत्र मंच प्रदान करेगा,जिससे यहां की प्रतिभाएं प्रदेश ही नहीं देश स्तर पर गोरक्ष प्रांत का नाम प्रदर्शित करेगा।।

पोस्टर विमोचन कार्यक्रम में फिल्म फेस्टिवल के विषयों पर गोरक्ष चित्र साधना के अध्यक्ष डॉ. हरिशचंद्र जोशी ने विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि गोरक्ष चित्र साधना पूरे गोरक्ष प्रान्त जिसमें 10 शासकीय जिले सम्मिलित है उनके प्रतिभाओ को अवसर देगा।हम 25 फरवरी तक फिल्में आमंत्रित कर रहे,जिन्हें 08- 09 मार्च को गोरखपुर में होने वाले फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया जाएगा साथ ही विभिन्न वर्गों में 5 लाख तक का पुरस्कार भी दिया जाएगा।।कार्यक्रम का आभार ज्ञापन सचिव रूपेश श्रीवास्तव व संचालन कौशल किशोर ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित करके हुआ।।समापन राष्ट्र वन्देमातरम के साथ हुआ।।

इस अवसर पर मुख्य रुप से प्रांत प्रचार प्रमुख सुशील, डॉ उमेश, समिति की उपाध्यक्ष डॉ. रुचिका अग्रवाल, डॉ अमित सिंह श्रीनेत, डॉ प्रमोद नायक, मानवेंद्र त्रिपाठी, श्रीनारायण पांडेय, भारत भूषण, डॉ प्रमोद नायक, पुनीत पांडेय, रामनाथ गुप्त उपस्थित रहे।

11/12/2024
08/11/2024
23/10/2024
15 नवम्बर से भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती का 150वां वर्ष प्रारंभ होगा। यह सार्धशती हमें, जनजातीय बंधुओं की गुलामी तथा ...
12/10/2024

15 नवम्बर से भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती का 150वां वर्ष प्रारंभ होगा। यह सार्धशती हमें, जनजातीय बंधुओं की गुलामी तथा शोषण से, स्वदेश पर विदेशी वर्चस्व से मुक्ति, अस्तित्व व अस्मिता की रक्षा एवं स्वधर्म रक्षा के लिए भगवान बिरसा मुंडा के द्वारा ....

श्री विजयादशमी उत्सव''डीप स्टेट', 'वोकिज़म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट', आजकल चर्चा में हैं। वास्तव में ये सभी सांस्कृतिक परम्...
12/10/2024

श्री विजयादशमी उत्सव

''डीप स्टेट', 'वोकिज़म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट', आजकल चर्चा में हैं। वास्तव में ये सभी सांस्कृतिक परम्पराओं के घोषित शत्रु हैं। सांस्कृतिक मूल्यों, परम्पराओं तथा जहां जहां जो भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। समाज मन बनाने वाले तंत्र व संस्थानों को अपने प्रभाव में लाना, उनके द्वारा समाज का विचार, संस्कार, तथा आस्था को नष्ट करना, यह इस कार्यप्रणाली का प्रथम चरण होता है। असंतोष को हवा देकर उस घटक को शेष समाज से अलग, व्यवस्था के विरुद्ध, उग्र बनाया जाता है। समाज में टकराव की सम्भावनाओं को (fault lines) ढूंढ कर प्रत्यक्ष टकराव खड़े किए जाते हैं। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अश्रद्धा व द्वेष को उग्र बना कर अराजकता व भय का वातावरण खड़ा किया जाता है। इससे उस देश पर अपना वर्चस्व स्थापित करना सरल हो जाता है।

- डॉ. मोहन भागवत जी, सरसंघचालक

12/10/2024
श्री विजयादशमी उत्सव के प्रमुख अतिथि डॉ. के राधाकृष्णन व पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने स्मृति मंदिर में पुष्पांज...
12/10/2024

श्री विजयादशमी उत्सव के प्रमुख अतिथि डॉ. के राधाकृष्णन व पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने स्मृति मंदिर में पुष्पांजलि अर्पित की.

नागपुर में विजयादशमी उत्सव के अवसर पर शस्त्र पूजाShastra Puja on occasion of the Shri VIjayadashami Utsav at Nagpur.  .
12/10/2024

नागपुर में विजयादशमी उत्सव के अवसर पर शस्त्र पूजा
Shastra Puja on occasion of the Shri VIjayadashami Utsav at Nagpur.
.

संघ की ओर श्रद्धांजलि...🙏💐देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा का निधन समस्त भारतवासियों के लिए अत्यंत दुःखद है। उन...
10/10/2024

संघ की ओर श्रद्धांजलि...🙏💐

देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा का निधन समस्त भारतवासियों के लिए अत्यंत दुःखद है। उनके निधन से भारत ने एक अमूल्य रत्न को खोया है। भारत की विकास यात्रा में रतन टाटा का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा। उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई व प्रभावी पहल के साथ ही कई श्रेष्ठ मानकों को उन्होंने स्थापित किया। समाज के हितों के अनुकूल सभी प्रकार के कार्यों में उनका सतत सहयोग तथा सहभागिता बनी रही। राष्ट्र की एकात्मता व सुरक्षा की बात हो या विकास के कोई पहलू हो अथवा कार्यरत कर्मचारियों के हित का मामला हो रतन जी अपने विशिष्ट सोच व कार्य से प्रेरणादायी रहे। अनेक ऊचॉंईयो को छू लेने के पश्चात् भी उनकी सहजता एवं विनम्रता की शैली अनुकरणीय रहेगी। हम उनकी पावन स्मृतियों को विनम्र अभिवादन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें यही प्रार्थना।

- डॉ. मोहन भागवत
सरसंघचालक

दत्तात्रेय होसबाले
सरकार्यवाह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

ध्येय मार्ग के विशेषांक "पुण्यश्लोका अहिल्यादेवी होलकर" का सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया लोकार्पणराष्ट्रीय स्वयं...
08/10/2024

ध्येय मार्ग के विशेषांक "पुण्यश्लोका अहिल्यादेवी होलकर" का सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया लोकार्पण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सोमवार को रामगढ़ताल स्थित योगिराज गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह में साप्ताहिक पत्रिका ध्येय मार्ग के विशेषांक "पुण्यश्लोका अहिल्या देवी होलकर" का लोकार्पण किया।।उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व संवाद केंद्र का अभिनन्दन,मंगलकामनाएँ की उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर को अपना विशेषांक समर्पित किया।।हम लोकमाता के ऋणी हैं। वह उनके महान प्रेरक जीवन के कारण है।उनके जीवन पर अंक निकालकर आपने अभिनन्दनीय कार्य किया है।संघ ने पहली बार लोकमाता के जीवन को हमारे सम्मुख लाने का यत्न किया है।।पृष्ठभूमि में देखें तो वह एक गाँव की लड़की,विपरीत परिस्थितियों में भी जो सुशासन दिया वह अनुकरणीय है।।उनका जीवन और कार्य आज भी प्रासंगिक हैं।आज के शासन के लिए रामराज्य को आदर्श मानते हैं।।युधिष्ठिर, चाणक्य इत्यादि के शासन भी चर्चित हैं। छत्रपति शिवाजी के योग्य शासन की चर्चा भी इतिहासकारों ने की है।लोकमाता ने भी छत्रपति शिवाजी के शासन से प्रेरणा लेकर एक महान शासन दिया था।। वे एक गड़रिया परिवार में उत्पन्न हुई थीं।उनके अपने जीवन में अपने परिवार के ५ पुरुष और १८ महिलाओं की अकाल मृत्यु हुई थी। फिर भी उन्होंने महान शासन दिया था। उनके ससुर मल्हारराव का व्यक्तित्व भी स्मरणीय है, जैसे चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को पहचाना वैसे ही मल्हारराव ने अहिल्याबाई को पहचाना और बहू बनाना निश्चित किया यह प्रेरणादायी बात थी।।
आगे उन्होंने कहा कि देश में कर्तव्य परायणता और सुशासन के विषय में कई बार चर्चा होती है।इन विषयों पर जब हम विचार करते है तो अहिल्यादेवी होलकर की एक विशेष भूमिका रही है। एक सफल सार्थक प्रेरणादायी सुशासक के रूप में उनके नाम स्वर्णिम अक्षर में भारतीय इतिहास के पन्नो में अमर हो गया।।विलासिता से दूर रहकर उन्होंने एक तपस्वी संत की भाँति कार्य किया।।सूचना लेने की व्यवस्था बनाई। दूसरे राज्यों से भी लिया दिया भी। अधिवक्ताओं की नियुक्ति की। दूसरे राज्यों को सहायता दी।धर्म विरोधी कार्य करने वालों पर कार्यवाही भी की।स्वतंत्र न्याय व्यवस्था सरल-सुलभ कर व्यवस्था दी।।उन्होंने पारदर्शिता के माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया।कर अधिक लेने पर वापस करने और दण्ड करने की भी व्यवस्था की थी।कार्य करके पैसे प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया।रिजर्व फण्ड का निर्माण किया।सूचना डाक व्यवस्था का निर्माण किया।।वस्त्र उद्योग, हथकरघा बढ़ावा दिया।

ध्येय मार्ग के विशेषांक "पुण्यश्लोका अहिल्यादेवी होलकर" का सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया लोकार्पणराष्ट्रीय स्वयं...
08/10/2024

ध्येय मार्ग के विशेषांक "पुण्यश्लोका अहिल्यादेवी होलकर" का सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया लोकार्पण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सोमवार को रामगढ़ताल स्थित योगिराज गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह में साप्ताहिक पत्रिका ध्येय मार्ग के विशेषांक "पुण्यश्लोका अहिल्या देवी होलकर" का लोकार्पण किया।।उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व संवाद केंद्र का अभिनन्दन,मंगलकामनाएँ की उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर को अपना विशेषांक समर्पित किया।।हम लोकमाता के ऋणी हैं। वह उनके महान प्रेरक जीवन के कारण है।उनके जीवन पर अंक निकालकर आपने अभिनन्दनीय कार्य किया है।संघ ने पहली बार लोकमाता के जीवन को हमारे सम्मुख लाने का यत्न किया है।।पृष्ठभूमि में देखें तो वह एक गाँव की लड़की,विपरीत परिस्थितियों में भी जो सुशासन दिया वह अनुकरणीय है।।उनका जीवन और कार्य आज भी प्रासंगिक हैं।आज के शासन के लिए रामराज्य को आदर्श मानते हैं।।युधिष्ठिर, चाणक्य इत्यादि के शासन भी चर्चित हैं। छत्रपति शिवाजी के योग्य शासन की चर्चा भी इतिहासकारों ने की है।लोकमाता ने भी छत्रपति शिवाजी के शासन से प्रेरणा लेकर एक महान शासन दिया था।। वे एक गड़रिया परिवार में उत्पन्न हुई थीं।उनके अपने जीवन में अपने परिवार के ५ पुरुष और १८ महिलाओं की अकाल मृत्यु हुई थी। फिर भी उन्होंने महान शासन दिया था। उनके ससुर मल्हारराव का व्यक्तित्व भी स्मरणीय है, जैसे चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को पहचाना वैसे ही मल्हारराव ने अहिल्याबाई को पहचाना और बहू बनाना निश्चित किया यह प्रेरणादायी बात थी।।
आगे उन्होंने कहा कि देश में कर्तव्य परायणता और सुशासन के विषय में कई बार चर्चा होती है।इन विषयों पर जब हम विचार करते है तो अहिल्यादेवी होलकर की एक विशेष भूमिका रही है। एक सफल सार्थक प्रेरणादायी सुशासक के रूप में उनके नाम स्वर्णिम अक्षर में भारतीय इतिहास के पन्नो में अमर हो गया।।विलासिता से दूर रहकर उन्होंने एक तपस्वी संत की भाँति कार्य किया।।सूचना लेने की व्यवस्था बनाई। दूसरे राज्यों से भी लिया दिया भी। अधिवक्ताओं की नियुक्ति की। दूसरे राज्यों को सहायता दी।धर्म विरोधी कार्य करने वालों पर कार्यवाही भी की।स्वतंत्र न्याय व्यवस्था सरल-सुलभ कर व्यवस्था दी।।उन्होंने पारदर्शिता के माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया।कर अधिक लेने पर वापस करने और दण्ड करने की भी व्यवस्था की थी।कार्य करके पैसे प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया।रिजर्व फण्ड का निर्माण किया।सूचना डाक व्यवस्था का निर्माण किया।।वस्त्र उद्योग, हथकरघा बढ़ावा दिया।अहिल्याबाई ने धर्म की क्षेत्र में बहुत कार्य किए।ज्योतिर्लिंगों,धर्मस्थलो,सप्तपुरीका जीर्णोद्वारा करवाए और समुचित व्यवस्था की।।उन्होंने ये सब कार्य जनता के धन से नहीं अपने निजी धन से किया था।।राष्ट्र भक्ति के राष्ट्रीयता के समग्र भारत हमारा राष्ट्र है,आपस में भेद के कारण हम एक दूसरे से लड़ते रहेंगे तो भारत कमजोर हो जायेगा ये कहने वाली लोकमाता थी।।इसलिए भारत की एकात्मता की,सुशासन की,लोक कल्याण की,इन सारे विषयों के बारे में सोचने और कार्य करने वाली लोकमाता अहिल्यादेवी प्रातः स्मरणीय है।।सदा प्रीणादायी प्रजावत्सलामाता है उनके स्मृति पर आप सबकी ओर से शत शत अभिवादन और उनकी प्रेरणा से आने वाली पीढ़ियों में सुशासन,धर्म परायण के समाज के उन्नति के लिए कार्य करने की प्रेरणा सदैव जागृत रहे यही कामना करता हु।।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कुलपति गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि मध्य प्रदेश के इंदौर के होलकर राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर भारतीय
इतिहास में एक ऐसी प्रसिद्ध महिला शासिका रही जिनके लोककल्याणकारी शासन और
उनके कार्यों ने उन्हें देवी और लोकमाता के रूप में याद किया जाता है। वे एक कर्तव्यनिष्ठ,कर्मनिष्ठ, कुशल प्रशासिका, तथा भारतवर्ष को एक एवं अखंड मानकर
राजनीतिक,आर्थिक, सामाजिक तथा धार्मिक प्रबंधन करती थी।देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण के लिए सदैव सजग थी।मुझेयह जानकर खुशी है कि गोरखपुर का विश्व संवाद केंद्र उनके 300 वीं जयंती वर्ष
पर आज यह सुंदर कार्यक्रम तथा विशेषांक का प्रकाशन कर समाज में उन्हें पुण्यश्लोका देवी को नमनकरती हु।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले,प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल,कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने दीप प्रज्वलन और भारत माता एवम् अहिल्या देवी होलकर जी के चित्र पर पुष्पार्चन करके किया।।तत्तपश्चात मंचासीन अथितियो ने "पुण्यश्लोका अहिल्यादेवी होलकर" विशेषांक का लोकार्पण किया।।कार्यक्रम में स्वागत व अतिथि परिचय विश्व संवाद केंद्र गोरखपुर के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने और आभार ज्ञापन ध्येय मार्ग विशेषांक के संपादक प्रो. सदानंद गुप्त ने किया।।कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ. उमेश कुमार सिंह ने किया।।कार्यक्रम का समापन वंदेमातरम के साथ हुआ।।

विशेषांक के विमोचन के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक अनिल,सह क्षेत्र कार्यवाह अनिल,प्रांत प्रचारक रमेश,सह प्रांत प्रचारक सुरजीत,क्षेत्र के सह प्रचार प्रमुख मनोजकांत,प्रान्त कार्यवाह विनय,प्रान्त प्रचार प्रमुख सुशील,सह व्यवस्था प्रमुख हरे कृष्ण,विश्व संवाद केंद्र गोरखपुर के प्रभारी प्रमोद,पुनीत पांडेय आदि उपस्थित रहे।।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवकों ने गोरखपुर महानगर में  "गुणात्मक संचलन" निकाला. स्वयंसेवकों ने घोष ...
16/09/2024

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवकों ने गोरखपुर महानगर में "गुणात्मक संचलन" निकाला. स्वयंसेवकों ने घोष ताल पर कदम से कदम मिलाकर सामूहिक एकता एवं अनुशासन का परिचय दिया.

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