03/12/2023
*साइड हीरो!
हम सब साइड हीरो हैं साइड हीरो। वो साइड हीरो जिसको विलेन भी इमपोर्टेंस नहीं देता हीरोइन तो दूर की बात है। जो लड़की हमको पसंद आती है उस लड़की को हमेशा हमारे बग़ल वाले लड़के से प्यार हो जाता है। हम वो हैं जिनकी बस अक्सर छूट जाती है, ट्रेन अक्सर लेट हो जाती है और तो और स्लीपर डिब्बे में हमारी बर्थ के आस पास लोवर बर्थ के लिए चिचियाते बड्डे बुढ़िया के अलावा कोई नहीं मिलता।
हम बिना टिकट के यात्रा करें तो पकड़ लिए जाते हैं। हमारी शकल देख के ही पुलिस वाला गाड़ी का काग़ज़ और ड्राइविंग लाइसेंस माँगने लगता है। दफ़्तर रोज़ देर से पहुँचते हैं और निकलते भी सबसे बाद में हैं। किताबों और फ़िल्मों के किरदार में पढ़ते और देखते उसको हम जीने लगते हैं। ज़िंदगी में भले ही हमारे लड़की ना हो पर बस में कोई लड़की खड़ी दिखे तो हम झट से खड़े होके उसे सीट दे देते हैं।
भगवान से लड़ते हैं और ख़ुद से हार जाते हैं। ना हमको ढंग से तैरना आता है ना ही डूबना। एस॰एस॰सी॰ और बैंकिंग के exam में हमारा सिलेक्शन हमेशा एक नम्बर से रुकता है।
हम तीन मंज़िला ऊपर छत पे कपड़े फैलने और गेहूँ सुखाने जाते हैं। साइकिल से चक्की पे आटा पिसाते हैं। मम्मी हमसे घर के पंखे और जाले साफ़ करवाती हैं। परीक्षा में एक दो कोशचन तो हमसे छूट ही जाता है। रज़ाई, गद्दे और कम्बल को हम ही धूप दिखाते हैं।
हम सही टाइम पे निकलते तो हैं पर पहुँचते नहीं। हमारा बाल हमेशा नाई की मर्ज़ी से कटता है। दाढ़ी बनवाने के बाद हम गेदाहरा हो जाते हैं। दोस्तों की ग्रिटिंग को हम फ़ाइलों में सहेज के रखते हैं। फ़ोटो फ़्रेम में सबसे गोरी वाली फ़ोटो लगाते हैं। हम जिसे पसंद करते हैं उसे कभी कह नही पाते और जिसने पसंद नही करते उससे कुछ कहते ही नहीं।
बारात में हम नागराज हो जाते हैं। “ज़िम्मी ज़िम्मी ज़िम्मी आजा आजा आजा” पे और नागिन पे रुमाल मुँह में फँसा के नाचते हैं। पहले डी॰जे॰ पे जाने से कतराते हैं और चले गए तो वापस तोड़ के ही आते हैं। हम टूटे हुए दिल के टुकड़ों में भी ख़ुशी ख़ुशी जीते हैं।
हम एक ज़िंदगी को हज़ारों बार जीते हैं। अपनों की ख़ुशी में ख़ुश हो लेते हैं। हम कइयों के बेस्ट फ़्रेंड तो बन जाते हैं पर हमारा बेस्ट फ़्रेंड कोई नहीं होता। सिंगल होते हुए भी अपने जूनियर को आशिक़ी का सारा पाठ रटा देते हैं। गिफ़्ट से लेकर कब प्रपोज़ करना है इसका तो अलग ग्रंथ लिख के बैठें हैं हम।
हम वो हैं जो जब अपनी जेब देख भिखारी को भीख देने से इंकार करता है तो भिखारी उसे गरियाते हुए जाता है। आटो वाला हमेशा हमारी गली से हमको दो सौ क़दम आगे उतारता है। हम जब किसी मौल में जाते हैं तो दुकान का पल्ला(दरवाज़ा) खोलने वाला भी हमको हमारी चाल और ना के बराबर अंग्रेज़ी से जज कर लेता है।
पाँच सौ की नोट हम पर्स में हनुमान चालीसा के बीच में छुपा के रखते हैं। हम हीरो के लिए तो तैयार रहते हैं पर हीरो अपनी हीरोइन पाकर हमको किनारे कर देता है। घर वालों से किए वादे हम अक्सर तोड़ दिया करते हैं। झूठी क़समें खाते हैं हम और उनके सारे झूठ को भी सच समझ लिया करते हैं।
हम पहले अलार्म के बाद पाँच-पाँच मिनट के गैप पे दो चार और अलार्म लगा के सोते हैं। और आख़िरी वाला अलार्म बंद करके ज़रा सा और सो जाते हैं। हमको घर पे भी कोई सीरियस नहीं लेता। स्कूल टिचरों को हमारा नाम याद रहता है। हम गुड सेकेंड डिविज़न पास होते हैं।
लड़ाई करने से अच्छा हमको चुप रहना लगता है। हम दूसरों को ख़ुश रखने के लिए दुखी होकर भी मुस्कुरा देते हैं। हमारा ख़र्च हमारे बजट से हमेशा ज़्यादा ही होता है। हमारी ज़िंदगी में जब कोई लड़की आती है तो वो साक्षात भगवान हो जाती है।
सड़क पे चलते हुए कहीं आइना दिख भर जाए हम तुरंत बाल सँवारने लग जाते हैं। ये फ़ीचर हमारे अंदर ऐसे इनबिल्ड है जैसे “ज़ोर से बोलो!” के बाद अपने आप ही “जय माता दी” मन में आही जाता है! भले ही हम उसे चिल्ला ना पाएँ।
किसी से मिलना हो तो घड़ी पचास बार देखते हैं हम। हम उस क़ौम से हैं जिसने ज़िंदगी में हमेशा इंतज़ार किया है। हम सब असल ज़िंदगी में साइड हीरों हैं पर हमारी एक अलग दुनिया है जिसमें हम सब अपनी अपनी फ़िल्म के हीरों हैं। जिसमें हम बोलते नहीं बस सोचते हैं।
रात के पहर खाना वाना खाने के बाद जब चारपाई पे हम पसरते हैं तो अलग ही दुनिया में पहुँच जाते हैं। उसमें हम विलेन को रोज़ पेलते हैं। हीरोईन के साथ रोज़ नाचते हैं। बस हमारे समने आकर रुकती है। पुलिस वाला हमको सलाम ठोकता हैं। काला चश्मा लगाए ठगी भिखारी सड़क पार करा देने भर से ही हमको दिल से दुवाएँ देता हैं।
हर पल हीरोईन हमको मनाती रहती है। घर वालों की आँखो का तारा होते हैं हम। बहन भाई के लिए दुनिया के सबसे अच्छे भाई और मम्मी पापा के सबसे लायक बेटे। रिश्तेदार हमको देख के जलते हैं और अपने अपने बच्चों को हमारे जैसा बनने का ताना मारते हैं। हम दारू नीट पीते हैं और सिगरेट पी के ख़ास भर दें तो दिल शेप में छल्ले निकल जाते हैं। रौंग नम्बर हमेशा लड़कियों के ही आते हैं।
ये सब चल रहा ही होता है कि हमारा अलार्म बज जाता है और दफ़्तर के लिए हम एक रोज़ और लेट हो जाते हैं।