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गुलमोहर वार्षिकी 2024सभी का स्वागत और आभार। शामिल रचनाकारों को बधाई!
25/04/2024

गुलमोहर वार्षिकी 2024
सभी का स्वागत और आभार। शामिल रचनाकारों को बधाई!

एक संभावनाशील प्रतिभा, स्त्री सशक्तिकरण की समर्थक कवयित्री, कहानीकार एवं कालेज शिक्षक के रूप में उनकी पहचान है। लेखिका क...
15/04/2024

एक संभावनाशील प्रतिभा, स्त्री सशक्तिकरण की समर्थक कवयित्री, कहानीकार एवं कालेज शिक्षक के रूप में उनकी पहचान है।
लेखिका की चार पुस्तकें आ चुकी हैं, जिनमे से दो का प्रकाशन *शुभदा बुक्स* से हुआ है।

उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

आने वाला कविता संग्रह 'मौन के शब्द'  युवा रचनाकार डॉ. विकास तोमर 'परितोष' का है। सौंधी मिट्टी की महक से सरोबार इनकी सरल ...
07/04/2024

आने वाला कविता संग्रह 'मौन के शब्द' युवा रचनाकार डॉ. विकास तोमर 'परितोष' का है। सौंधी मिट्टी की महक से सरोबार इनकी सरल कविताएं मुग्ध कर देती हैं।

आनेवाला कविता संग्रह
05/04/2024

आनेवाला कविता संग्रह

विगत दो दशक से एक साइकाइट्रिस्ट के रूप काम करते हुए ज़िंदगी को बहुत क़रीब से उन्होंने देखा होगा।डॉ. अंतरा माथुर की कविता...
02/04/2024

विगत दो दशक से एक साइकाइट्रिस्ट के रूप काम करते हुए ज़िंदगी को बहुत क़रीब से उन्होंने देखा होगा।

डॉ. अंतरा माथुर की कविताएँ बौद्धिक विलास नही है। ख़ुद के इर्द -गिर्द बिखरी महीन किरचें कवयित्री को विचलित करती हैं। आपकी कविताओं में पीड़ा आत्मकेन्द्रित न होकर आम जन से जुड़ती हैं। उनकी एक कविता 'लाठी' देखिए-

बूढ़ा आदमी
बैठा रहता है दिनभर
घर के बाहर
टूटी चारपाई पर
मिंची-मिंची मोतियाबिंद वाली आँखों से देखने की कोशिश में
कि शाम
कितनी बाकी है

काँपती आवाज में
तोलता अपनी बुलाहट और इज्जत
कि सुनकर आता है या नहीं
अधेड़ हो चला बेटा

पोपले जबड़ों को चलाता
ढूँढता पुराने दिनों की चूरन-चटनी के स्वाद
कि झिड़की से चटपटा
कुछ मिलता नहीं आजकल

कमर के कोण की परिधि में समेटता
अपना छोटा-सा संसार
जहाँ कई बरस पहले
छोड़ गई उसे
उसकी बुढ़िया
और समा गई
उसकी लाठी में ।

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वरिष्ठ अधिवक्ता और कवि श्री दिनेश कुमार शर्मी 'कौत्स' के सद्य प्रकाशित कविता संग्रह *रेत पर बैठा सूरज* की लघु समीक्षा आज...
01/04/2024

वरिष्ठ अधिवक्ता और कवि श्री दिनेश कुमार शर्मी 'कौत्स' के सद्य प्रकाशित कविता संग्रह *रेत पर बैठा सूरज* की लघु समीक्षा आज के दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण में *सप्तरंग* पृष्ठ पर प्रकाशित हुई है।

लेखक कवि का दूसरा कविता संग्रह *अनुभूति के द्वीप* भी प्रकाशन की राह पर है।

दोनों पुस्तकैं शुभदा बुक्स से।

आगामी माह आनेवाली पुस्तकों के आवरण अब अनावरण!Shubhda Books 😊
31/03/2024

आगामी माह आनेवाली पुस्तकों के आवरण अब अनावरण!

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😊

पाकिस्तानी राइटर्स भी अच्छी कहानियां लिख रहे हैं जो बमुश्किल हम तक पहुंच पाती हैं। ऐसी ही एक बेहतरीन कहानी को आवाज़ दी ह...
31/03/2024

पाकिस्तानी राइटर्स भी अच्छी कहानियां लिख रहे हैं जो बमुश्किल हम तक पहुंच पाती हैं।

ऐसी ही एक बेहतरीन कहानी को आवाज़ दी है युवा लेखक, कवयित्री और नरैटर मौसमी चंद्रा ने।

शुभदा बुक्स के यूट्यूब चैनल पर यह कहानी मिल जाएगी। कहानी का लिंक कमेंट बाक्स में दिया गया है।

बाहर से शांत दिखने वाला समंदर शांत कब होता है! सन्नाटे की भी अपनी एक आवाज़ तो होती है!मौन क्या नि:शब्द होता है? मौन की प...
31/03/2024

बाहर से शांत दिखने वाला समंदर शांत कब होता है! सन्नाटे की भी अपनी एक आवाज़ तो होती है!

मौन क्या नि:शब्द होता है?

मौन की परतों में गूंजते रहते हैं हज़ारों शब्द.….सैकड़ों बातेंं...अनकहे जज़्बात ... जो बाहर आने का रास्ता खोजते हैं।

मौन के शब्दों को कविताओं के ज़रिये रास्ता दिया है इस पुस्तक ने ।

'परितोष' युवा लेखक हैं, सामाजिक कार्यकर्ता हैं, मेडिकल प्रोफेशनल हैं। उनका पहला कविता-संग्रह 'कसक' लगभग दो साल पहले आया था, जिसे बहुत सराहना और प्रेम मिला। यही उत्साह उनके लिखने की ऊर्जा बना और अब दूसरी पुस्तक के रूप में सामने है।

लेखक को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं!

होली प्रेम, मस्ती और माधुर्य का रंगोत्सव है। इसकी गरिमा और अपनी शालीनता किसी भी रंग-तरंग में न भूलें।आप सबको होली की शुभ...
24/03/2024

होली प्रेम, मस्ती और माधुर्य का रंगोत्सव है। इसकी गरिमा और अपनी शालीनता किसी भी रंग-तरंग में न भूलें।

आप सबको होली की शुभकामनाएं।

बच्चों के लिए कहानियां...अनन्त ज्ञान की कलम से। शुभदा बुक्स से शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक Shubhda Books
11/03/2024

बच्चों के लिए कहानियां...अनन्त ज्ञान की कलम से।

शुभदा बुक्स से शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक

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रेत पर बैठा सूरज: कविता-संग्रह___________________________________कवि में दर्शन और वर्णन की अनुपम क्षमता होती है। अपने सू...
05/03/2024

रेत पर बैठा सूरज: कविता-संग्रह
___________________________________

कवि में दर्शन और वर्णन की अनुपम क्षमता होती है। अपने सूक्ष्मातिसूक्षम पर्यवेक्षण समर्थता के कारण उक्ति चरितार्थ है-
यत्र न रवि: तत्र कवि:।

कवि संसार का द्रष्टा है और शब्दों का स्रष्टा है। शब्द, जो भावों की लहरों के उतार-चढ़ाव और समय के झंझावातों को अनुभूति के टापूओं पर बैठकर रचे जाते हैं। कवि, जिसकी कोशिश कभी कल्पना और कभी यथार्थ के धरातल पर जिंदगी की बिखरी कतरनों को बटोर-समेटकर समय के सरोकारों के साथ गूंथकर आकार देने की रहती है।

'रेत पर बैठा सूरज' कविता-संग्रह के लेखक दिनेश कुमार शर्मा 'कौत्सय' के शब्दों में-

कविता-संग्रह की कविताएं मैंने नहीं लिखीं, बल्कि उन कविताओं ने मुझे लिखा है।

अर्थों के भंवरों का बनना-टूटना और सृजन के तटों को बनाने-मिटाने की प्रक्रिया चलती रहती है।

हर समाज, हर पीढ़ी अपने दौर को जीती है, साथ लेकर चलती है वैचारिक द्वंद्वता, विभाजित बौद्धिकता। टुकड़ों-खंडों में बंटे जीवन की स्थितियां नई व्यवथाओं, नई चुनौतियों, पीड़ाओं, संघर्षों, सम्वेदनाओं को। इन्हीं सब के बीच रचनाकार के भीतर फूटता लावा अपनी दशा व दिशा निश्चित करता है।

तलाश जारी है
उस आदमी की
जो भड़भूजे के भाड़ की
गरम रेत में
जिंदगी को तपाकर
भून रहा है अपने भीतर का आक्रोश!

कवि का आक्रोश यह है कि-

व्यवस्था की लाठी पर
सामाजिक मूल्यों को
उलटी जूती की तरह
कंधों पर टांगकर
समाज को दशा देने वाले ढोंगी
नहीं बदलेंगे।

पुस्तक की सभी 49 कविताओं में एक आंच, एक तपिश है जो निरंतर धीमी सुलगती लकड़ी की तरह बीमार घुटने टूटे सूरज की आंखें धुआंती है, व्यवस्था को कोंचती है।

दिनेश कुमार शर्मा 'कोत्सय' वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। जीवन के सत्तरवें दशक में उनके अनुभव बहुत सघन और समृद्ध हैं। उनकी लिए कविता कला नहीं, परिवर्तन की आवाज़ का एक टूल है।

हमें युद्ध लड़ना है रोज
अपने-अपने चक्रव्यूहों के बीच
स्वयं से, अपनों से
समाज से...
बचते हुए
षड्यंत्रों के लाक्षागृह से!

यूं तो कविता की किताबें हर वर्ष बहुत आती हैं। लेकिन यह ऐसी पुस्तक है, जिसकी कविताएं स्वयं मुझे बहुत पसंद आईं। इन्हें पढ़कर पता चलता है कि क्यों कहा जाता है-

कवय: क्रांतिदर्शिन:।

168 पृष्ठ में यह पुस्तक केवल 240/- ₹ में उपलब्ध है। आवरण आकर्षक और विषयानुसार है। प्रिंटिंग, कागज़ आदि सब शानदार! अमेजन से भी खरीद सकते हैं। लिंक कमेंट बाक्स में दिया गया है।

पुस्तक: रेत पर बैठा सूरज
लेखक: दिनेश कुमार शर्मा 'कौत्सय'
प्रकाशक: शुभदा बुक्स
8851578398 Whatsapp Sales

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शुभदा...परम्परा साहित्य की।संतुष्ट लेखक.. प्रफुल्लित पाठक!
20/02/2024

शुभदा...परम्परा साहित्य की।
संतुष्ट लेखक.. प्रफुल्लित पाठक!

फरवरी माह...वासंती स्वागत छह और नई पुस्तकों के साथ...मार्च के लिए भी कम-से-कम छह की तैयारी। सभी लेखकों को बधाई एवं शुभका...
15/02/2024

फरवरी माह...वासंती स्वागत छह और नई पुस्तकों के साथ...

मार्च के लिए भी कम-से-कम छह की तैयारी।
सभी लेखकों को बधाई एवं शुभकामनाएं!

बच्चों के लिए कहानियांशीघ्र प्रकाश्य
15/02/2024

बच्चों के लिए कहानियां

शीघ्र प्रकाश्य

हजारीबाग (झारखंड) में लेखक अनंत ज्ञान की बाल कविताओं के संग्रह 'फूल से सुंदर बच्चे' का विमोचन कल संपन्न हुआ। पुस्तक में ...
12/02/2024

हजारीबाग (झारखंड) में लेखक अनंत ज्ञान की बाल कविताओं के संग्रह 'फूल से सुंदर बच्चे' का विमोचन कल संपन्न हुआ।

पुस्तक में १०१ बाल कविताएं है, जिन पर चित्रांकन भी स्वयं लेखक का है।

पुस्तक का प्रकाशन 'शुभदा बुक्स' ने किया है।

अर्चना कोहली 'अर्चि' की लघुकथाओं की पुस्तक अमेजन पर उपलब्ध है।पुस्तक Shubhda Books से प्रकाशित हुई है।लिंक कमेंटबाक्स मे...
09/02/2024

अर्चना कोहली 'अर्चि' की लघुकथाओं की पुस्तक अमेजन पर उपलब्ध है।

पुस्तक Shubhda Books से प्रकाशित हुई है।

लिंक कमेंटबाक्स में है।

ईर्ष्या! कितनों को जलाती है! जिसके हृदय में हो उसे भी और जिसके लिए हो उसे भी! इस ईर्ष्या ने कितने ही रिश्तों की खोखली बु...
06/02/2024

ईर्ष्या!

कितनों को जलाती है! जिसके हृदय में हो उसे भी और जिसके लिए हो उसे भी!

इस ईर्ष्या ने कितने ही रिश्तों की खोखली बुनियाद को उजागर कर दिया।

कितना प्रेम था शंकर और अपर्णा में! फिर ये डाह की अग्नि किसके हृदय में धधक उठी और राख कर दिया सब कुछ!

मौसमी चन्द्रा से सुनिए प्रिया राणा की लिखी कहानी- ईर्ष्याग्नि!

यह कहानी शुभदा प्रकाशन के पहलै सझा कहानी संग्रह 'किस्सागो जिंदगी' से ली गई है।

लिंक कमेंटबाक्स में है।

वरिष्ठ कथाकार गोपाल माथुर की कहानी 'टूटे चाँद का दुख' शामिल हो रही है शुभदा बुक्स की साहित्य वार्षिकी 'गुलमोहर' के अंक 2...
06/02/2024

वरिष्ठ कथाकार गोपाल माथुर की कहानी 'टूटे चाँद का दुख' शामिल हो रही है शुभदा बुक्स की साहित्य वार्षिकी 'गुलमोहर' के अंक 2024 में।

'गुलमोहर' साहित्य वार्षिकी के विश्व-साहित्य खंड  में शामिल हो रही है कोरियाई लेखक जिम सांग की कहानी- चाँद जब निकला। कहान...
05/02/2024

'गुलमोहर' साहित्य वार्षिकी के विश्व-साहित्य खंड में शामिल हो रही है कोरियाई लेखक जिम सांग की कहानी- चाँद जब निकला।

कहानी का अंग्रेजी से भावप्रवण अनुवाद किया है- विजय कुमार यादव ने।

विजय कुमार यादव उत्कृष्ट अनुवादक हैं। कोलकाता में रहते हैं।

स्थानीय मित्रों के लिए निमंत्रण 👇
02/02/2024

स्थानीय मित्रों के लिए निमंत्रण 👇

गुलमोहर में उपन्यासकार लक्ष्मी शर्मा के आगामी उपन्यास 'लीला' का अंश
02/02/2024

गुलमोहर में उपन्यासकार लक्ष्मी शर्मा के आगामी उपन्यास 'लीला' का अंश

प्रेम का एकमात्र उसूल ये है कि उसे हो जाना चाहिए, करना ना पड़े कभी किसी को। अंग्रेजी में जिसे ‘माय हार्ट स्किप्ड अ बीट' क...
31/01/2024

प्रेम का एकमात्र उसूल ये है कि उसे हो जाना चाहिए, करना ना पड़े कभी किसी को।

अंग्रेजी में जिसे ‘माय हार्ट स्किप्ड अ बीट' कहते हैं, इसे बयान नहीं किया जा सकता, इसे बस महसूस किया जा सकता है। ्

जब भी वो चेहरा आपके सामने आ जाए, जो सिर्फ आपके लिए बना हो तो ऐसा होता है। दिल एक पल को धड़कना छोड़कर दम साधे उसी चेहरे को देखता रह जाता है।

ये जिंदगी में कभी-कभार ही होता है लेकिन जब होता है तो यूँ समझिये खुदा से मुलाकात होती है।

इश्क शब्द के मायने समझ आते हैं, प्रेम की गहराई समझ आती है, शरीर के केमिकल्स पूरी शिद्दत से अपना चमत्कार दिखा रहे होते हैं।

कवियों को बुखार चढ़ जाता है और शायर शायरी उगलने लगते हैं। खुसरो पैदा होता है, मीरा गाने लगती है, जायसी रचता है, मजनूँ पागल हो जाता है, हीर मदमस्त होकर नाचने लगती है।

प्रेम में डूबी डाकन
कहानी-अनुरोध शर्मा
(लेखक की पहली कहानी)

समकालीन रचना संसार की धड़कनों को नापने का प्रयास करती 'शुभदा बुक्स' की साहित्य वार्षिकी 'गुलमोहर' में शामिल हो रही हैं द...
24/01/2024

समकालीन रचना संसार की धड़कनों को नापने का प्रयास करती 'शुभदा बुक्स' की साहित्य वार्षिकी 'गुलमोहर' में शामिल हो रही हैं देशभर के कहानीकारों की एक से बढ़कर एक कहानियां।

पुस्तक वसंत की गुनगुनी ऋतु में पाठकों के हाथों में होगी।

आने वाली पुस्तक 'भीगी आंखें' छोटी कहानियों का संग्रह है।इसकी लेखिका सुश्री अर्चना कोहली 'अर्चि' हैं। वे कविताएं भी लिखती...
07/01/2024

आने वाली पुस्तक 'भीगी आंखें' छोटी कहानियों का संग्रह है।

इसकी लेखिका सुश्री अर्चना कोहली 'अर्चि' हैं। वे कविताएं भी लिखती हैं।

सोशल मीडिया के मंचों व कई साझा संग्रहों में उनकी रचनाएँ प्रकाशित हैं।

लेखिका को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई!

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इस कठिन समय में भी जिन्होंने अपनी सृजनात्मक अभिव्यक्ति की लौ जगाए रखी है तो  उन सबका धन्यवाद तो बनता है! शुभदा बुक्स की ...
30/12/2023

इस कठिन समय में भी जिन्होंने अपनी सृजनात्मक अभिव्यक्ति की लौ जगाए रखी है तो उन सबका धन्यवाद तो बनता है!

शुभदा बुक्स की साहित्य वार्षिकी 'गुलमोहर' के लिए जितनी रचनाएं मिलीं, उन्हें देखकर आश्वस्ति हुई कि तकनीक के लाख खतरों के बावजूद लिखनेवाले की संख्या कम नहीं हुई है। हां, इस लिखे को तराशे जाने की जरूरत बनी रहेगी। इसके लिए ईमानदार प्रयास जरूरी है।

बहरहाल...पोस्टर बस एक रिमाइंडर है। दो दिन बाकी हैं बस... न भेजा हो कुछ तो भेज दीजिए।

[email protected]

इस वर्ष शुभदा बुक्स से विभिन्न विषयों और विधाओं में आई पुस्तकों की झलक...आने वाले वर्ष में रेगुलर प्रकाशन के साथ कुछ ऐसी...
27/12/2023

इस वर्ष शुभदा बुक्स से विभिन्न विषयों और विधाओं में आई पुस्तकों की झलक...

आने वाले वर्ष में रेगुलर प्रकाशन के साथ कुछ ऐसी पुस्तकें भी आएंगी, जिनकी पाठकों को आए दिन तलाश रहती है।

नए साल का स्वागत नई पुस्तकों से हो...इससे बेहतर कुछ भी नहीं!फरवरी की तैयारी भी चल रही है...गुलमोहर को छोड़कर यह खेप जनवर...
26/12/2023

नए साल का स्वागत नई पुस्तकों से हो...इससे बेहतर कुछ भी नहीं!

फरवरी की तैयारी भी चल रही है...गुलमोहर को छोड़कर यह खेप जनवरी की प्रिंटिंग में है!

लेखकों व पाठकों का हृदयतल से आभार!

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