Mithun Chakraborty

Mithun Chakraborty दर्द होता है यह देखकर की तेरे पास,
सबके लिए वक्त है सिर्फ मुझे छोड़कर…!
(5)

MITHUN CHAKRABORTY.......✍️

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⚠️note - Fake Door Rahe ✍️

31/10/2024

Happy Diwali Dear Friends
❤️❤️❤️❤️❤️
आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

11/10/2024

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28/04/2024

16 November 2023 | Last Part | khatarnak English

28/04/2024

main Kisiko Jaan Se Nahi Marta Mithun Chakraborty disco Dancer Mithun Da

26/04/2024

Pehchano kon hain

26/04/2024

15 November 2023 | part 3

24/04/2024

Mithun Chakraborty Video Superhit Auction Muvie




23/04/2024

जबरदस्त मिथुन चीता स्टाइल फाइटिंग सीन - मिथुन चक्रवर्ती, अश्विनी भावे, प्रेम चोपड़ा - चीता

चीता एक 1994 की हिंदी भाषा की भारतीय कार्रवाई है जो हरमेश मल्होत्रा ​​द्वारा निर्देशित है, जिसमें मिथुन चक्रवर्ती, अश्विनी भावे, शिखा स्वरूप, प्रेम चोपड़ा और रजा मुराद अभिनीत हैं।

Synopsis :
इंस्पेक्टर अमर एक ईमानदार और मेहनती पुलिस अधिकारी है जो चीता के नाम से जाना जाता है। उनके पिता पुलिस आयुक्त हैं, उनके वरिष्ठ अधिकारी ने अपना रवैया नापसंद कर दिया और अच्छा काम करने के बावजूद, अमर हमेशा अपने वरिष्ठ अधिकारी से डांट रहे हैं। अमर अपने शत्रुओं और उनकी भयावह योजनाओं को जानने के लिए आता है, इसलिए वह सबूत पहले ढूँढ़ने का फैसला करता है। वह अपने दुश्मनों को वीडियोटेप करता है लेकिन खलनायक का सिर उसे देखता है खलनायक एक हत्यारे को भेजता है जो अपनी पत्नी और पुत्र को मारता है और अमर को घायल करता है। अमर कोमा में है, लेकिन दुनिया सोचती है कि वह मर चुका है। अमर का इलाज एक चिकित्सक द्वारा किया जाता है जो उसका पहला प्यार था। अमर ठीक हो गया है और यहां से, इस चीता ने अपने दुश्मनों की हत्या करके उनके बदला ले लिया है, जिन्होंने अपने पिता और उनकी पत्नी को उनसे चुरा लिया था। अमर हत्याकांड को मारता है, अपने वरिष्ठ को मारता है जो भ्रष्ट था, अन्य दुश्मनों को मारता है और सिर को मारता है। अंत में, सब कुछ सुलझाया जाता है और अमर को गिरफ्तार नहीं किया जाता क्योंकि उन्होंने उन लोगों की हत्या की थी जो देश के लिए खतरा थे।

23/04/2024

🎉 Facebook ने मुझे इस हफ़्ते का कंसिस्टेंट रील्स क्रिएटर माना है!

21/04/2024

mithun dialogue
14 November 2023 | part 2

19/04/2024

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19/04/2024

जब मिथुन को देखकर फिरोज खान ने कहा था 'तुम हीरो नहीं विलेन बनने के लायक भी नहीं हो'-
ये किस्सा उस समय का है जब मिथुन काम ढूंढने के लिए भटक रहे थे। फिरोज खान उस समय बड़े मशहूर एक्टर होने के साथ ही एक प्रड्यूसर भी थे। उनकी फ़िल्में बहुत पसंद की जाती थीं और वह अपनी फिल्मों में स्टार्स को चुन-चुन कर लेते थे। अपनी अलग ही कहानी और अपने चुनाव के चलते फिरोज की फ़िल्में सुपरहिट हो जाती थीं। उस समय फिरोज खान कुर्बानी फिल्म बना रहे थे और फिल्म के लिए उन्हें एक दमदार अभिनेता चाहिए था। इस फिल्म के लिए उनकी पहली पसंद अमिताभ बच्चन थे हालाँकि अमिताभ ने इस फिल्म में काम करने से साफ़ इंकार कर दिया था। अमिताभ के मना करने से फिरोज का दिल टूट गया लेकिन फिर भी वह अन्य बड़े-बड़े अभिनेताओं से बात करने में लगे रहे। इस दौरान रणधीर कपूर ने उनसे बात की क्योंकि वह फिरोज के बहुत अच्छे दोस्त भी थे, हालाँकि फिरोज उन्हें फिल्म में नहीं लेना चाहते थे। उन्होंने रणधीर को लेने से साफ़ मना कर दिया। उस दौरान फिरोज किसी नए चेहरे को भी तलाशने लगे। इसी बीच उनकी मिथुन से मुलाक़ात हुई।

दअसल फिरोज खान के भाई अकबर खान थे और अकबर ही मिथुन के दोस्त भी थे। जब फिरोज कुर्बानी फिल्म के लिए नए चेहरे को तलाश रहे थे तो यह बात मिथुन को पता चली। मिथुन फिरोज के साथ काम करने के लिए बड़े उत्साहित थे और इसी के चलते उन्होंने अकबर से कहा कि वह अपने भाई से उनकी सिफारिश करें। यह जानने के बाद अकबर ने फिरोज से मिथुन की सिफारिश की और उन्हें लेकर भाई के ऑफिस पहुंचे। वहां पहले तो फिरोज ने मिथुन को ऊपर से लेकर नीचे तक देखा। उसके बाद वह काफी समय तक उन्हें घूरते रहे और फिर जोर-जोर से हंसने लगे। उसके बाद फिरोज ने मिथुन से पूछा तुम फिल्म करोगे तो मिथुन ने फिरोज से कहा कि हां मैं इस फिल्म का हिस्सा बनना चाहता हूं। यह सुनकर फिरोज और जोर से हँसे और बोले- 'तुम हीरो क्या विलेन बनने के लायक भी नहीं हो'। जैसे ही मिथुन ने यह सुना उनका दिल टूट गया और वह वहां से बिना कुछ कहे निकल गए। फिरोज ने ऐसा क्यों कहा कोई नहीं जानता ।

फिल्ममेकर ने 10 रुपए देकर निकाल दिया था बाहर- यह किस्सा उन दिनों का है जब मिथुन के पास गुजारा करने के लिए भी पैसे नहीं हुआ करते थे। अपने करियर के शुरूआती दिनों में मिथुन हर तरफ काम मांगने के लिए जा रहे थे। उस समय उन्हें जैसे ही पता चलता था कि कोई डायरेक्टर, कोई प्रड्यूसर नए चेहरे की तलाश में है तो वह वहां पहुँच जाते थे और काम मांगने लगते थे। ऐसे में एक बार जब उन्हें पता चला कि फिल्ममेकर मनमोहन देसाई एक नए चेहरे की तलाश में हैं तो मिथुन उनके ऑफिस पहुंचे। वहां जाकर उन्होंने फिल्ममेकर मनमोहन देसाई से मुलाक़ात की और मिलते ही उन्होंने उनसे कहा कि 'मुझे कोई छोटा-मोटा काम दे दीजिये।' यह सुनते ही फिल्ममेकर मनमोहन देसाई ने पहले तो मिथुन को बहुत देर तक देखा और उसके बाद उन्होंने अपने पास से 10 रुपए निकालकर मिथुन को दे दिए और वहां से चले जाने को कहा। फिल्ममेकर मनमोहन देसाई की बात सुनकर मिथुन का दिल टूट गया और वह वहां से बिना कुछ कहे निकल गए। मिथुन को फिल्ममेकर मनमोहन देसाई का व्यवहार बहुत बुरा लगा लेकिन फिर भी उन्होंने अपने अभिनेता बनने के सपने को नहीं तोडा। मिथुन ने उस 10 रुपए मिलने के बाद यह सोच लिया था कि वह एक सफल अभिनेता बनकर रहेंगे

इस एक्टर ने कहा था 'काले को हीरो के लिए फिल्म मिल जाए तो मैं मुंबई छोड़ दूंगा'- यह किस्सा भी उन्ही दिनों का है जब मिथुन अपना करियर बनाने में लगे हुए थे। मिथुन जब शुरू-शुरू में काम खोज रहे थे तब उनका रंग काफी डार्क हुआ करता था, खैर अब भी मिथुन के रंग में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। वैसे मिथुन ने यह बात साबित कर दी कि काम से नाम बनता है रंग-रूप से नहीं। जो किस्सा हम बताने जा रहे हैं वह मशहूर अभिनेता जीतेन्द्र से जुड़ा है। उस दौर में जीतेन्द्र काफी मशहूर एक्टर थे और उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया था। उसी दौरान मिथुन स्ट्रगल कर रहे थे। उस समय मिथुन कई निर्माताओं के दफ्तर में काम मांगने के लिए पहुंचे थे लेकिन कोई उन्हें काम देने के लिए तैयार ही नहीं था। उसी दौरान मिथुन रंगभेद का भी शिकार हुए थे। जी दरअसल उस दौर में एक बार मिथुन एक निर्माता के दफ्तर में काम मांगने के लिए पहुंचे थे। उसी दौरान जीतेन्द्र वहां मौजूद थे। इस बीच जब उन्हें पता चला कि मिथुन वहां काम मांगने के लिए आए हैं तो उन्होंने कहा- ''इस काले को यदि हीरो के लिए फिल्म मिल जाए तो मैं मुंबई छोड़ दूंगा।'' उस समय मिथुन ने जब यह बात सुनी तो वह अपमान सहते हुए वहां से चुपचाप निकल गए।
Mithun Chakraborty

18/04/2024

13 November 2023 | part 1
mithun dialogue

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17/04/2024

Dialogue of Mithunda in bengali

16/04/2024

dance video Mithun Chakraborty

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