Krishna mahadev

Krishna mahadev Hello friends mera naam krishna kumar dwivedi hai mere page per bhakti reels and karmkand se

01/09/2024
Shri mahamrityunjay puja 🚩🚩 Krishna mahadev 🙏🌹
08/08/2024

Shri mahamrityunjay puja 🚩🚩
Krishna mahadev 🙏🌹

21/07/2024

गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष। गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मिटै न दोष।।
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरू देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम:।

|| श्रीगुरु चरण कमलेभ्यो नमः ||

हीरो  की फ़ोटो को तो सब लाइक करते है आज देखते है हमे कितने लोग लाइक करते हैं । ❤bhagya lashkmi today episode bhagya laxmi...
26/05/2024

हीरो की फ़ोटो को तो सब लाइक करते है आज देखते है हमे कितने लोग लाइक करते हैं । ❤

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☄️ शिव क्षमा प्रार्थना मंत्र 🚩🚩🕉🌍🌹🌹मृत्युञ्जय महारुद्र त्राहि मां शरणागतम्जन्म मृत्युजरारोगैः पीड़ितं कर्म बन्धनैः ।।१।।म...
25/05/2024

☄️ शिव क्षमा प्रार्थना मंत्र 🚩🚩🕉🌍🌹🌹
मृत्युञ्जय महारुद्र त्राहि मां शरणागतम्
जन्म मृत्युजरारोगैः पीड़ितं कर्म बन्धनैः ।।१।।

मन्त्रेणाक्षर हीनेन पुष्पेण विफलेन च
पूजितोसि महादेव तत्सर्वं क्षम्यतां मम ।।२।।

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवननयंजं वा मानसं वापराधम् ।।३।।

विहितमविहितं वा सर्वमेततक्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्री महादेवशम्भो ।।४।।

।। ॐ मृत्युञ्जयाय तत्सत् नमम ॐ ।।

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सत्य को धारण करना ही धर्म है, :धारणाद्धर्ममित्याहुः धर्मो धारयते प्रजाः। यत्स्याद्धारणसंयुक्तं स धर्म इति निश्चयः ॥धर्म ...
23/05/2024

सत्य को धारण करना ही धर्म है, :

धारणाद्धर्ममित्याहुः धर्मो धारयते प्रजाः। यत्स्याद्धारणसंयुक्तं स धर्म इति निश्चयः ॥

धर्म शब्द संस्कृत की 'धृ' धातु से बना है, जिसका तात्पर्य है धारण करना, आलंबन देना, पालन करना। इस प्रकार धर्म का स्पष्ट शब्दों में अर्थ है :

धारण करने योग्य आचरण धर्म है। सही और गलत की पहचान कराकर प्राणिमात्र को सदमार्ग पर चलने के लिए अग्रसर करे, वह धर्म है। जो हमारे जीवन में अनुशासन लाये वह धर्म है। आदर्श अनुशासन वह जिसमें व्यक्ति की विचारधारा और जीवनशैली सकारात्मक हो जाती है। जब तक किसी भी व्यक्ति की सोच सकारात्मक नहीं होगी, धर्म उसे प्राप्त नहीं हो सकता है। वास्तव में, धर्म ही मनुष्य की शक्ति है, धर्म ही मनुष्य का सच्चा शिक्षक है। धर्म के बिना मनुष्य अधूरा है, अपूर्ण है।

धर्म के लक्षण :

मनुस्मृति के अनुसार धर्म के 10 लक्षण होते है जो कि निम्न प्रकार है-

धृतिः क्षमा दमोस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रहः । धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम् ॥

अर्थात-

धैर्य, क्षमा, संयम, अस्तेय, पवित्रता, इन्द्रिय निग्रह, धी या बुद्धि, विद्या, सत्य और क्रोध न करना ये धर्म के दस लक्षण कहलाते है।

18/05/2024

|| श्री जानकी स्तुति ||❤🙏
|| Shri Janaki Stuti ||


भई प्रगट कुमारी भूमि-विदारी जनहितकारि भयहारी।
अतुलित छबि भारी मुनि - मनहारी जनकदुलारी सुकुमारी।।

सुन्दर सिंघासन तेहीं पर आसन कोटि हुताशन धुतिकारी।
सिर छत्र बिराजै सखि संग भ्राजे निज - निज कारज करधारी।।

सुर सिद्ध सुजाना हनै निशाना चढ़े बिमान समुदाई।
बरषहिं बहुफूला मंगल मूला अनुकूला सिय गन गाई।।

देखहिं सब ठाढ़े लोचन गाढ़े सुख बाढ़े उर अधिकाई।
अस्तुति मुनि करहिं आनंद भरहीं पायन्ह परहीं हरषाई।।

ऋषि नारद आये नाम सुनाये सुनि सुख पाये नृप ज्ञानी।
सीता अस नामा पूरन कामा सब सुखधामा गुण खानी।।

सिय सन मुनिराई विनय सुनाई सतय सुहाई मृदुबानी।
लालन तन लीजै चरित सुकीजै यह सुख दीजै नृपरानी।।

सुनि मुनिबर बानी सिय मुस्कानी लीला ठानी सुखदाई।
सोवत जनु जागीं रोवन लागीं नृप बड़ भागी उर लाई।।

दम्पति अनुरागे प्रेम सुपागेउ यह सुख लायउ मनलाई।
अस्तुति सिय केरी प्रेमलतेरी बरनि सुचेरी सिर नाइ।।

दोहा

निज इच्छा मखभूमि ते प्रगट भई सिय आय।
चरित किये पावन परम बरधन मोद निकाय।।

Mantra Courtesy--Maithili Thakur🙏

|| जानकी नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं ||
|| Shubh Janaki Navami ||













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✍🏻✍🏻 *मेरी आज की मेहनत ही, मेरी जिंदगी को सफल बनाने का सामर्थ्य रखती है..!!!**🙏🏻🙏🏻जय माता दी🙏🏻🙏🏻*या श्रीः स्वयं सुकृतिना...
14/05/2024

✍🏻✍🏻 *मेरी आज की मेहनत ही, मेरी जिंदगी को सफल बनाने का सामर्थ्य रखती है..!!!*

*🙏🏻🙏🏻जय माता दी🙏🏻🙏🏻*

या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः

पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः।

श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा

तां त्वां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम्॥

जो पुण्यात्माओं के घेरों में स्वयं ही लक्ष्मीरूप से, पापियों के यहाँ दरिद्रतारूप से, शुद्ध अन्त:करणवाले पुरुषों के ह्रदय में बुद्धिरूप से, सत्पुरुषों में श्रद्धारूप से तथा कुलीन मनुष्य में लज्जारूप से निवास करती हैं, उन आप भगवती दुर्गा को हम नमस्कार करते हैं । देवि ! आप सम्पूर्ण विश्वका पालन कीजिये
🙏🙏 श्री शतचंडी अनुष्ठान दिल्ली 🙏🙏





















































Kailash Vijayvargiya

Jay Shri Krishna 🕉️🛕🙏🚩❤️Gomukh-Tapovan is one the best treks in India. During the trek one can get a mighty view of Mt. ...
13/05/2024

Jay Shri Krishna 🕉️🛕🙏🚩❤️

Gomukh-Tapovan is one the best treks in India. During the trek one can get a mighty view of Mt. Shivling right from base to its summit.
Region: Uttarkashi, Uttarakhand
Duration: 6-8 Days
Grade: Moderate-Difficult
Max Alt: 14,202 ft.

 #भगवान_से_डरिये_यजमान_या_आयोजको_से_नही!!आज का पौराणिक एवं पौरोहित्य कर्म करने वाले (अधिकांश)एक वर्ग जो भगवान से नही आयो...
11/05/2024

#भगवान_से_डरिये_यजमान_या_आयोजको_से_नही!!

आज का पौराणिक एवं पौरोहित्य कर्म करने वाले (अधिकांश)एक वर्ग जो भगवान से नही आयोजक ओर यजमान से डरता है, (और जो यजमान से नहीं भगवान से डरते वहां कल्याण ही कल्याण है ) इसलिये उसका कोई भी कर्मकांड शास्त्र विधि अनुकूल सम्पन्न नही होता ,शायद इसलिए इनका कोई स्वाभिमान और आत्मसम्मान नही है।
>> भगवान ही आपको सुदृढ ओर मोक्ष देनेवाला है यजमान नही !!
कथावाचक आयोजको के अनुकूल कर्म करते देखे जाते
है,ओर पौरोहित्य कर्म करने वाले यजमान को प्रसन्न रखने
हेतु कर्मकांड आदि करते हुए देखे जाते है! ऐसे में शास्त्र विधि का पालन हो नहीं पाता..!
>>> अब ऐसे में धर्म शास्त्र की मर्यादा का पालन कदापि
सम्भव नही !

इस आपत्तिकाल में भी वही अर्थ सम्पन्न पौरोहित्य कर्म करने वाले लोग दरिद्रता का आवरण ओढ़कर आत्मसम्मान ओर स्वाभिमान का विक्रय कर रुदन कर रहे है कि हमारे पास कुछ नही है और यहां वहां सर्वत्र मात्र याचक बनकर धन संग्रह करना ही इनका लक्ष्य मात्र है।

विशेष--जो वास्तव में दरिद्री है और दीन हीन है लेकिन उसको पास स्वाभिमान और आत्मसम्मान के साथ भगवान पर भरोसा है वह कभी भी ईश्वर को त्यागकर यजमान की शरण मे नही जाएगा।

जिन पुरोहितों के पास अधिक यजमान है वह पुरोहित
स्वयं के अधीन कुछ नव पुरोहितों को रखकर उनको कर्मकांड
का कार्य देते है और उसकी आय में उनकी सुनिश्चित हिस्सेदारी भी होती है ऐसा सुनने में आता है ।
कुल मिलाकर स्वयं ही इस कार्य मे प्रतिशत लेकर दलाल सिद्ध हो रहे है।
>>> ये विरोध या निंदा नही,, वर्तमान का यथार्थ सत्य है..!!
Arun shastri जबलपुर
प्रश्न नही असहमति का स्वागत है!!

❗जय महादेव❗
⭕प्रश्न नहीं स्वाध्याय करें‼️

यजमान को आकर्षित करने के लिए पीठ क्रम स्थापन, निर्माण आदि का भी ध्यान नहीं देते मात्र रोचकता होना चाहिए,।।
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🌹🙏🏻🌹Jai Shri Radha Krishna ki Jai 🌹🙏🏻🌹🙏🏻Hare Krishna 🙏🏻🌹🙏🏻🌹Radha Rani ki Jai 🌹🙏🏻🌹              #श्री_महाकालेश्वर_ज्योतिर...
10/05/2024

🌹🙏🏻🌹Jai Shri Radha Krishna ki Jai 🌹🙏🏻🌹🙏🏻Hare Krishna 🙏🏻🌹🙏🏻🌹Radha Rani ki Jai 🌹🙏🏻🌹



#श्री_महाकालेश्वर_ज्योतिर्लिंग_उज्जैन

Krishna mahadev !! 👏🏾👏🏾👏🏾👏🏾👏🏾👏🏾

゚viralシ

Jay Shri Radhe
21/03/2024

Jay Shri Radhe

Jay Shri Radhe Radhe 🙏🚩🚩
13/03/2024

Jay Shri Radhe Radhe 🙏
🚩🚩

Sinhasan Ho Gaya Taiyar Padharo Ram Darbar || Jay Shree Ram 🚩राम जन्मभूमि मन्दिर उद्धाटन 22/1/2024🚩
16/01/2024

Sinhasan Ho Gaya Taiyar Padharo Ram Darbar || Jay Shree Ram 🚩
राम जन्मभूमि मन्दिर उद्धाटन 22/1/2024🚩

Please page ko follow Kare 🙏 🌺🌺🌺🌺भक्ति धारा 🌺🌺🌺🌺°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°यदि आप स्वयं को साकार शरीर मानते ह...
10/01/2024

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🌺🌺🌺🌺भक्ति धारा 🌺🌺🌺🌺
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यदि आप स्वयं को साकार शरीर मानते हैं, तो आप ही सगुण साकार हो!
किन्तु यदि आप स्वयं को निराकार आत्मा जान लो,तो अनुभव करोगे के आप ही जैसे निर्गुण निराकार भी हो!

वैसे ही परमात्मा ही सम्पूर्ण स्थूल,सूक्ष्म व कारण प्रकृति के रुप में सगुण साकार हैं,और वे ही स्थूल,सूक्ष्म व कारण प्रकृति से परे होने के कारण, निर्गुण निराकार भी हैं!

गुण के रुप में सबमें स्थित भी हैं,किन्तु निर्गुण के रुप में वे ही गुणातीत भी हैं!

जीव के रुप में मायाधीन भी हैं,तो ब्रह्मँ के रुप में वही मायातीत भी हैं,मायापति भी हैं!

अनन्त योनियों के रुप में उत्पन्न जीव लोकों के रुप में कालाधीन भी हैं!किन्तु आत्मा के रुप में सभी लोकों से लोकातीत और सभी लोकों के कालों से कालातीत भी हैं!

भूतों के रुप में देवाधीन भी हैं,किन्तु ईश्वर के रुप में देवातीत भी हैं!

देवों,पितरों व रिषियों के रुप में भूताधीन भी हैं! किन्तु परमब्रह्मँ परमात्मा के रुप में भूतातीत भी हैं!

इस प्रकार सूत्र में पिरोयी हुई मणियों के सदृश, परमब्रह्मँ परमात्मा,ने समस्त जड़ चेतन,क्षर अक्षर,प्रकृति पुरुष,शिव शक्ति सहित,

सम्पूर्ण ब्रह्माँण्ड़ मण्ड़ल रुपी मणियों को स्वयं की चेतना रुपी सूत्र में पिरो रखा है !

अर्थात सभी के हृदय में अवस्थित भी हैं,और सभी से परे स्वयं में ही अर्थात अपनी ही योगनिद्रा में स्थित भी हैं!!

Please page ko follow Kare 🙏 👉 मृत्यु की भी मृत्यु आखिर कैसे जो ईश्वर का भक्त होता है, उसका स्वामी ईश्वर होता है। उसपर म...
09/01/2024

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👉 मृत्यु की भी मृत्यु आखिर कैसे
जो ईश्वर का भक्त होता है, उसका स्वामी ईश्वर होता है। उसपर मौत का अधिकार नहीं होता। अनधिकार चेष्टा करने से मौत की भी मौत हो जाती है।
गोदावरी के तटपर ‘श्वेत’ नामक एक ब्राह्मण रहते थे। उनका सब समय निरन्तर साम्ब सदाशिव की पूजा में व्यतीत होता था। वे अतिथियों को शिव समझकर उनका भलीभाँति आदर-सत्कार किया करते थे। उनका शेष समय भगवान् के ध्यान में बीतता था। उनकी आयु पूरी हो चुकी थी, किन्तु उन्हें इस बात का ज्ञान न था। उन्हें न रोग था न शोक, इसलिये आयु पूरी हो चुकी है, इसका आभास नहीं हुआ। उनका सारा ध्यान शिव में केन्द्रित था।
यमदूत समय से उन्हें लेने आये, परन्तु वे उनके घर में प्रवेश नहीं कर पाते थे। चित्रगुप्त ने मृत्यु से पूछा–मृत्युदेव ! श्वेत अबतक यहाँ क्यों नहीं आया ? तुम्हारे दूत भी नहीं आये।‘
यह सुनकर मृत्यु को श्वेत पर बहुत क्रोध आया। वे स्वयं उन्हें लेने दौड़े। गृह के द्वार पर यमदूत भय से काँपते दिखायी पड़े। उन्होंने मृत्यु से कहा–‘नाथ ! हम क्या करें ? श्वेत तो शिव के द्वारा सुरक्षित है। उसे तो हम देख भी नहीं पा रहे हैं, उसके पास पहुँचना तो अत्यन्त कठिन है।’
दूतों की बात सुनकर मौत का क्रोध और भभक उठा। वे झट ब्राह्मण के घर में प्रवेश कर गये। ब्राह्मण देवता को यह पता न था कि कहाँ क्या हो रहा है ? मृत्युदेव को झपटते देखकर भैरव बाबा ने कहा–‘मृत्युदेव ! आप लौट जाइये।’ किन्तु मृत्युदेव ने उनकी बात को अनसुनी कर श्वेत पर फन्दा डाल दिया।
भक्त पर मृत्यु का यह आक्रमण भैरव बाबा को सहन न हुआ। उन्होंने मृत्यु पर डण्डे से प्रहार किया। मृत्युदेव वहीं ठण्डे हो गये। यमदूत भागकर यमराज के पास पहुँचे। वे डर के मारे थर-थर काँप रहे थे। मृत्यु की मृत्यु सुनकर यमराज को बड़ा क्रोध हो आया। उन्होंने हाथ में यमदण्ड ले लिया और अपनी सेना के साथ श्वेत के पास पहुँच गये।
वहाँ भगवान् शंकर के पार्षद पहले से ही खड़े थे। सेनापति कार्तिकेय के शक्ति-अस्त्र से सेना सहित यमराज की भी मृत्यु हो गयी। यह अपूर्व समाचार सुनकर भगवान् सूर्य देवताओं के साथ ब्रह्मा के पास पहुँचे और ब्रह्मा सबके साथ घटना स्थल पर आये।
देवताओं ने भगवान् शंकरकी स्तुति की और कहा–‘भगवन्! यमराज सूर्य के पुत्र हैं। ये लोकपाल हैं। इन्होंने कोई अपराध या पाप नहीं किया है, अतः इनका वध नहीं होना चाहिये। इन्हें जीवित कर दें, नहीं तो अव्यवस्था हो जायगी। भगवन्! आपसे की हुई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं होती।’
भगवान् आशुतोष ने कहा–‘मैं भी व्यवस्था के पक्ष में हूँ। वेद की एक व्यवस्था है कि जो मेरे अथवा भगवान् विष्णु के भक्त हैं, उनके स्वामी स्वयं हम लोग होते हैं। मृत्यु का उन पर कोई अधिकार नहीं होता। यमराज के लिये यह व्यवस्था की गयी है कि वे भक्तों को अनुचरों के साथ प्रणाम करें।’
इसके बाद भगवान् आशुतोष ने नन्दी के द्वारा गौतमी गंगा (गोदावरी) का जल मरे हुए लोगों पर छिड़कवाया। तत्क्षण सब-के-सब स्वस्थ होकर उठ खड़े हुए।
(ब्रह्मपुराण)
० ० ०

🙏🌹ॐ नम शिवाय🌹🙏
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Jay Shree Mahadev 🙏🙏🚩🚩     .                      🔥
09/01/2024

Jay Shree Mahadev 🙏🙏🚩🚩

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🙏❤जय श्री सीता राम ❤🙏  सदियां बीत गई पर प्रथा नही बदली।सीता जी के मायके से उनकी ससुराल अयोध्या जाने वाला सामान आप भी देख...
08/01/2024

🙏❤जय श्री सीता राम ❤🙏

सदियां बीत गई पर प्रथा नही बदली।सीता जी के मायके से उनकी ससुराल अयोध्या जाने वाला सामान आप भी देखिए !
नेपाल जनकपुर प्रभु श्रीराम जी के ससुराल माँ जानकी जी के जन्मस्थान जनकपुर से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा हेतु ,
सोने चांदी के आभूषण, धनुष बाण, चांदी के बर्तन, मेवा,फल की ढेर सारी टोकरियां ट्रक से लदकर भारत के लिए प्रस्थान कर चुकी हैं।
🙏🚩🚩जय श्री सीता राम🚩🚩

Jay Shri mahadev shambhu 🙏🚩Hara hara mahadev 🙏🙏
06/01/2024

Jay Shri mahadev shambhu 🙏🚩
Hara hara mahadev 🙏🙏

Jay Shri Krishna
03/01/2024

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