Aaj Ka Vichar

Aaj Ka Vichar जीवन का सत्य, Practical Life, और अनुभव यही है आज का विचार

01/12/2024

गलती मानने के लिए बहादुर होना पड़ता है...
और बहस करने के लिए बदतमीज़... see more

दो भाईयो के झगड़े में घर का ड्राइवर , मालिक बन बैठा !😀😀
25/11/2024

दो भाईयो के झगड़े में घर का ड्राइवर , मालिक बन बैठा !
😀😀

इंफोसिस के मुखिया नारायणमूर्ति जी का वार्षिक वेतन 17 करोड़ जबकि विराट कोहली की 2 महीने की कमाई 17 करोड़ है अब जब हमारे ब...
20/11/2024

इंफोसिस के मुखिया नारायणमूर्ति जी का वार्षिक वेतन 17 करोड़ जबकि विराट कोहली की 2 महीने की कमाई 17 करोड़ है अब जब हमारे बच्चे पूछते हैं कि मैं पढूँ या खेलने जाऊँ तो क्या जवाब दें एक समस्या है।
मेरे विचार से सही उत्तर:
अगर आप केवल अपने लिए कमाना चाहते हो तो खेलने जाओ और अगर तुम्हारे द्वारा दूसरे लोग भी कमा सके तो पढ़ाई के लिए जाओ।
इन्फोसिस के मुखिया नारायणमूर्ति जी दूसरे 5 लाख दूसरे और लोगों को रोजगार देते हैं.. विराट कोहली नही.....

19/11/2024

पैसों की तंगी से पढाई बहुत लोगों ने छोड़ी लेकिन भांग ,गांजा , बीड़ी, सिगरेट, शराब ,चिट्ठा किसी नें नहीं छोडा

11/11/2024
02/10/2024

एक महान नेता, देशभक्त का रोंगटे खडा कर देने वाला Great Speech....Benjamin Netanyahu

( “इज़राइल की पुकार/- बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के अंश” )

“75 साल पहले हमें मरने के लिए यहां लाया गया था। हमारे पास ना कोई देश था, ना कोई सेना थी। सात देशों ने हमारे विरुद्ध जंग छेड़ दी। हम सिर्फ 65,000 थे। हमें बचाने के लिए कोई नहीं था। हम पर हमले होते रहे, होते रहे। लेबनान, सीरिया, ईराक़, जॉर्डन, मिस्र, लीबिया, सऊदी अरब जैसे कई देशों ने हमारे ऊपर कोई दया नहीं दिखाई। सभी लोग हमें मारना चाहते थे किंतु हम बच गये।”

“संयुक्त राष्ट्र ने हमें धरती दी, वह धरती जो 65 प्रतिशत रेगिस्तान थी। हमने उसको भी अपने खून से सींचा। हमने उसे ही अपना देश माना क्योंकि हमारे लिए वही सब कुछ था। हम कुछ नहीं भूले, हम फिरऔन से बच गए। हम यूनान से बच गए। हम रोमन से बच गए। हम स्पेन से बच गए। हम हिटलर से बच गए। हम अरब देशों से बच गए। हम सद्दाम से बच गए। हम गद्दाफी से बच गए। हम हमास से भी बचेंगे, हम हिजबुल्ला से भी बचेंगे और हम ईरान से भी बचेंगे।”

“हमारे जेरूसलम पर अब तक 52 बार आक्रमण किया गया, 23 बार घेरा गया, 39 बार तोड़ा गया, तीन बार बर्बाद किया गया, 44 बार कब्जा किया गया लेकिन हम अपने जेरूसलम को कभी नहीं भूले। वह हमारे हृदय में है, वह हमारे मस्तिष्क में है और जब तक हम रहेंगे, जेरूसलम हमारी आत्मा में रहेगा। संसार ये याद रखें कि जिन्होंने हमें बर्बाद करना चाहा वह आज स्वयं नहीं है। मिस्र, लेबनान, बेबीलोन, यूनान, सिकंदर, रोमन सब खत्म हो गए हैं। हम फिर भी बचे रहे।”

“हमें वे (इस्लामी) खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने हमारे रस्म रिवाज को कब्जाया। उन्होंने हमारे उपदेशों को कब्जाया। उन्होंने हमारी परंपरा को कब्जाया। उन्होंने हमारे पैगंबर को कब्जाया। कुछ समय पश्चात अब्राहम इब्राहिम कर दिए गए, सोलोमन सुलेमान हो गए, डेविड दाऊद बना दिए गए, मोजेज मूसा कर दिए गए। फिर एक दिन... उन्होंने कहा तुम्हारा पैगंबर (मुहम्मद) आ गया है। हमने इसे नहीं स्वीकार नहीं किया। करते भी कैसे, उनके आने का समय नहीं आया था। उन्होंने कहा, स्वीकारो! कबूल लो! हमने नहीं कबूला। फिर हमें मारा गया। हमारे शहरों को कब्जाया गया, हमारे शहर यसरब को मदीना बना दिया गया। हम कत्ल हुए, भगा दिए गए।”

“मक्का के काबा में हम 2 लाख थे, मार दिए गए। हमें दुश्मन बता कर कत्ल किया गया, फिर सीरिया में, ओमान में यही हुआ। हम तीन लाख थे, मार दिए गए। ईराक़ में हम 2 लाख थे, तुर्की में चार लाख, हमें मारा जाता रहा, मारा जाता रहा। वे हमें मार रहे हैं, मारते जा रहे हैं। हमारे शहर, धन, दौलत, घर, पशु, मान-सम्मान सब कुछ कब्जाए जाते रहे फिर भी हम बचे रहे। 1300 सालों में करोड़ों यहूदियों को मारा गया फिर भी हम बचे रहे। 75 साल पहले वे हम पर थूकते थे, जलील करते थे, मारते थे। हमारी नियति यही थी किंतु हम स्वयं पर, अपने नेतृत्व पर, अपने विश्वास पर टिके रहे रहे।”

“आज हमारे पास एक अपना देश है। एक स्वयं की सेना है, एक छोटी अर्थव्यवस्था है। इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, फेसबुक, जैसी कई संस्थायें हमने इस दौर में बनाईं। आज हमारे चिकित्सक दवा बन रहे हैं, लेखक किताबें लिख रहे हैं, ये सबके लिए हैं , यह मानवता के कल्याण के लिए है।”

“हमने रेगिस्तान को हरियाली में बदला। हमारे फल, दवाएं, उपकरण, उपग्रह सभी के लिए है। हम किसी के दुश्मन नहीं है, हमने किसी को खत्म करने की कसमें नहीं खाईं। हमें किसी को बर्बाद भी नहीं करना, हम साजिशें भी नहीं करते। हम जीना चाहते हैं, सिर्फ सम्मान से, अपने देश में, अपनी जमीन पर, अपने घर में।”

“पिछले हजार सालों से हमें मिटाया गया, खदेड़ा गया, कब्जाया जाता रहा, हम मिटे नहीं, हारे नहीं और न आगे कभी हारेंगे। हम जीतेंगे, हम जीत कर रहेंगे, हम 3000 सालों से यरुशलम में ही थे। आज हम अपने पहले देश इजराइल में हैं। यह हमारा ही था, हमारा ही है और हमारा ही रहेगा, येरूसलम हमसे है और हम येरूसलम से हैं।”

“इस तरह की ऐसी जिजीविषा हम भारतवासियों में भी पनपनी चाहिए। मानसरोवर, काबुल, कंधार, पेशावर, लाहौर, ढाका, चटगांव अपनी संतानों की प्रतीक्षा में है।”

21/07/2024

बारात में पहुंचते ही, कबाब ढूंढने वाले बहुत निराश हुए होंगे इस शादी में 🤣
मुकेश अम्बानी दुनिया के कुछ सबसे बड़े धनकुबेरों में से एक हैं

इतने बड़े धनकुबेर कि अपने बेटे की 5000 करोड़ की शादी करने के बाद भी यह रकम उनकी कुल दौलत का मात्र 0.5% है

लेकिन मजे की बात तो ये है दोस्तो कि इतना पैसा खर्च करने और देश दुनिया भर के धर्म गुरुओं, बिजनसमेन, टॉप पॉलिटिशियन, खेल व मनोरंजन जगत की हस्तियों को बुलाने के बाद भी अम्बानियों की पार्टी में अब तक कि मिली जानकारी के अनुसार एक भी मांसाहारी व्यंजन नही परोसा गया

पूरी शादी में भारत के अलग अलग हिस्सों के लगभग 2500 शुद्ध शाकाहारी व्यंजन थे

दुनिया का टॉप शाकाहारी शेफ इस शादी के लिए बुलाया गया था

सोचिये जो विदेशी बिना नॉनवेज के खाना नही खाते उन बड़ी बड़ी हस्तियों को भी बिना झिझक भारत के शुद्ध शाकाहारी व्यंजन परोसे गए

वाकई अम्बानियों ने अपने संस्कारो, धर्म परायणता और जीवन मूल्यों पर चलते हुए पूरे विश्व को ये संदेश दिया है कि भारत का एक हिन्दू व्यापारी जिसे अपने हिन्दू जीवन मूल्यों और संस्कारों पर गर्व है उसने कैसे अपने बेटे की शादी में जब जब मौका मिला आधुनिकता के साथ धर्म ध्वजा को भी ऊपर रखा है

पूरा अम्बानी परिवार इसके लिए बधाई का पात्र है

Address

Trilokpur
Dharamsala
176225

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Aaj Ka Vichar posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Videos

Share