Devo ke Dev Mahadev

Devo ke Dev Mahadev My Name is Nilesh Verma and My Page Name is ke Dev Mahadev I upload Devotional Videos

29/01/2025

!! 🙏बनारस कशी विश्वनाथ 🙏🚩🔱 !!

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29/01/2025

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27/01/2025

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25/01/2025

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🌹🌹प्रतीक्षा🌹🌹शबरी बोली, यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो हे राम! तुम यहाँ कहाँ से आते ...? राम गंभीर हुए और कहा कि "भ्र...
21/01/2025

🌹🌹प्रतीक्षा🌹🌹

शबरी बोली, यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो हे राम! तुम यहाँ कहाँ से आते ...?
राम गंभीर हुए और कहा कि "भ्रम में न पड़ो माते!
राम क्या केवल रावण का वध करने यहां आया है...?

अरे रावण का वध तो मेरा अनुज लक्ष्मण भी कर सकता था।

राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल तुमसे मिलने आया है माते, ताकि हजारों वर्षों बाद जब कोई पाखण्डी भारत के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करे।
तो इतिहास चिल्ला कर उत्तर दे कि इस राष्ट्र को क्षत्रिय राम और उसकी भीलनी माँ ने मिल कर गढ़ा था।

जब कोई कपटी भारत की परम्पराओं पर उँगली उठाये तो काल उसका गला पकड़ कर कहे कि नहीं। यह एकमात्र ऐसी सभ्यता है जहाँ एक राजपुत्र वन में प्रतीक्षा करती एक दरिद्र वनवासिनी से भेंट करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार करता है।

राम वन में बस इसलिए आया है ताकि जब युगों का इतिहास लिखा जाय तो उसमें अंकित हो कि सत्ता जब पैदल चल कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे तभी वह रामराज्य है।

राम वन में इसलिए आया है, ताकि भविष्य स्मरण रखे कि प्रतिक्षाएँ अवश्य पूरी होती हैं।
सबरी एकटक राम को निहारती रहीं।

राम ने फिर कहा:- कि राम की वन यात्रा रावण युद्ध के लिए नहीं है माता! राम की यात्रा प्रारंभ हुई है भविष्य के लिए, आदर्श की स्थापना के लिए, धर्म की स्थापना के लिए।

राम आया है ताकि विधर्मियों को बता सके कि अन्याय का अंत करना ही धर्म है l

राम आया है ताकि युगों को सीख दे सके कि विदेश में बैठे शत्रु की समाप्ति के लिए आवश्यक है कि पहले देश में बैठी उसकी समर्थक सूर्पणखाओं की नाक काटी जाए और खर-दूषणो का घमंड तोड़ा जाय।

और राम आया है ताकि युगों को बता सके कि रावणों से युद्ध केवल राम की शक्ति से नहीं बल्कि वन में बैठी बूढ़ी शबरी के आशीर्वाद से जीते जाते हैं।
सबरी की आँखों में अश्रु भर आए,

उसने बात बदलकर कहा:- कन्द खाओगे पुत्र राम...।

राम मुस्कुराए बोले, "बिना खाये जाऊंगा भी नहीं माँ..."

सदैव प्रसन्न रहिये!!
जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!
🙏🙏🙏🙏🌳🌳🙏🙏🙏🙏

जीवन मंत्र१) धीरे बोलिये    - शांति मिलेगी२) अहम छोडिये  - बड़े बनेंगे३) भक्ति कीजिए   - मुक्ति मिलेगी४) विचार कीजिए  - ज...
21/01/2025

जीवन मंत्र

१) धीरे बोलिये - शांति मिलेगी
२) अहम छोडिये - बड़े बनेंगे
३) भक्ति कीजिए - मुक्ति मिलेगी
४) विचार कीजिए - ज्ञान मिलेगा
५) सेवा कीजिए - शक्ति मिलेगी
६) सहन कीजिए - देवत्व मिलेगा
७) संतोषी बनिए - सुख मिलेगा

"इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें और इतना बडा मन रखिए कि जब आप खडे हो जाऐं तो कोई बैठा न रह सके"...

ॐ नमः शिवाय शिवजी सदा सहाय
ॐ नमः शिवाय सदा सहाय

🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹

*महाकुंभ में आ रहे लोगों के लिए सूचनार्थ**🔴 पहुंचे कैसे?*अगर आप प्रयागराज आ रहे हैं तो कुछ स्थान जिनके नाम आपको पता होने...
21/01/2025

*महाकुंभ में आ रहे लोगों के लिए सूचनार्थ*

*🔴 पहुंचे कैसे?*
अगर आप प्रयागराज आ रहे हैं तो कुछ स्थान जिनके नाम आपको पता होने चाहिए।

*चुंगी 😗 यह आखिरी स्थान है जहां तक ऑटो जा सकती है। मेला क्षेत्र यहां से लगभग 3 km है। शाही स्नान के दिन ऑटो यहां तक नहीं आती।

*बैंक रोड 😗 यह प्रयाग जंक्शन के सबसे पास की जगह है। यहां से आपको कानपुर, लखनऊ, बलिया, गोरखपुर, आदि की बसें भी मिलेंगी। शाही स्नान के दिन यहां से आगे ऑटो जाने की अनुमति नहीं है।

*सिविल लाइंस 😗 यहां से आपको रोडवेज बसें मिलेंगी सभी स्थानों के लिए।

*बालसन चौराहा 😗 इसके पास ही भरद्वाज पार्क और आश्रम है, सिविल लाइंस की तरफ से आपको यहां तक कि ऑटो मिल सकती है।

*आपके लिए 5 मुख्य रेलवे स्टेशन हैं जहां आपको उतारा जाएगा।*

- प्रयागराज जंक्शन
यहां उतरने के बाद आप सिविल लाइंस जा सकते हैं और वहां से आपको बालसन चौराहे तक की ऑटो मिल सकती है। आपको सरकारी बस भी मिल सकती है लेकिन फ्री होने के कारण उसमें भीड़ अधिक रहेगी।

-प्रयागराज संगम
यह मेला क्षेत्र के सबसे नजदीक का स्टेशन है, यहां से मेला क्षेत्र मात्र 1km से थोड़ा अधिक पड़ेगा।
ध्यान रहे शाही स्नान और कुछ विशेष दिनों पर यह स्टेशन बंद रहेगा।

-प्रयाग जंक्शन
यह स्टेशन लगभग 5km है अगर आप यहां उतरते हैं तो यहां से आपको पैदल ही मेला क्षेत्र तक जाना पड़ेगा, रात्रि के समय आपको ऑटो मिल सकती है।

- फाफामऊ
यह स्टेशन प्रयाग जंक्शन से पहले पड़ता है, यहां से उतरकर आप बैंक रोड जा सकते हैं और फिर वहां से मेला क्षेत्र में पैदल जाना पड़ेगा।

-प्रयागराज छिवकी
यहां से आपको बालसन चौराहे की तरफ आना पड़ेगा। बाहर निकलते ही ऑटो मिल जाएगा।

आप बैंक रोड से सीधा पैदल जा सकते हैं या फिर सिविल लाइंस से ऑटो पकड़ कर चुंगी या बैंक रोड जा सकते हैं।

*🔴रहने की व्यवस्था*

आपको स्टेशन के बाहर बहुत सारे होटल और लॉज मिल जाएंगे, इनका किराया थोड़ा ज्यादा होगा अगर आपका बजट कम है तो आपको डोरमेट्री मिल जाएगी, जिसका किराया आपको 300-1000 तक रहेगा। कई सारे रैन बसेरा भी हैं जो अलग अलग संस्थाओं द्वारा लगाए गए हैं। ये सब आपको मेला क्षेत्र में ही मिलेंगे।

*🔴खाने की व्यवस्था*

प्रयाग आने के बाद आपको खाने के लिए नहीं सोचना पड़ेगा, आप बैंक रोड से या बालसन चौराहे से आगे निकलेंगे तो हर 500 मीटर पर एक भंडारा मिलेगा। कई जगह कचौड़ी सब्जी, छोला चावल, खिचड़ी आदि आपको मिलेंगी।
इसके अतिरिक्त आप और से भी ऑर्डर कर सकते हैं। (No paid promotion) लेकिन इनकी डेलिवरी चुंगी क्षेत्र के उस तरफ नहीं होगी।

अगर आप फाफामऊ उतरते हैं तो आप गंगा जी के किनारे बनी रोड से भी मेले में जा सकते हैं। इसपर भीड़ कम रहेगी लेकिन ये रास्ता थोड़ा लंबा पड़ेगा। इसके किनारे तीन प्रमुख मंदिर हैं।
इसी रास्ते पर आपको नारायणी आश्रम और नागवासुकी मंदिर भी मिलेंगे।

*🔴इन बातों का विशेष ध्यान रखें।*

- बहुत छोटे बच्चों को लेकर न आएं।
- आपको पैदल चलना पड़ेगा इसलिए बहुत ज्यादा सामान लेकर न आएं।
- अपने फोन और पर्स का विशेष ध्यान रखें।
- सभी लोगों को एक फोन नंबर लिख कर अवश्य दें।
- आपके आस पास कई पुलिस वाले रहेंगे। अगर कोई खो जाता है तो जाकर अनाउंसमेंट करवाएं। इसमें पुलिस वाले आपकी सहायता करेंगे।
- मेला क्षेत्र में एक हॉस्पिटल भी बनाया गया है, यदि आवश्यकता हो तो किसी पुलिस वाले से संपर्क करें।
- नहाते वक्त फोन अपने सामान का विशेष ध्यान रखें क्योंकि उस समय संगम के किनारे भीड़ अधिक हो जाती है और इसलिए दिक्कत हो सकती है।

यहां आप रास्ता नहीं भटकेंगे बस भीड़ जिस तरफ जा रही हो आप भी उसी तरफ चलते रहें।
बाकी भगवान पर भरोसा रखिए, प्रयागराज पहुंचिए, कुंभ नहाइए।

हर हर महादेव🙏

मैं यहाँ गीता के सभी 18 अध्यायों का सार मात्र 18 वाक्यों में देता हूँ।वन लाइनर गीता -क्या आप इसे आगे बढ़ाएंगे और सभी को ...
21/01/2025

मैं यहाँ गीता के सभी 18 अध्यायों का सार मात्र 18 वाक्यों में देता हूँ।

वन लाइनर गीता -
क्या आप इसे आगे बढ़ाएंगे और सभी को प्रसारित करेंगे? प्रत्येक से अनुरोध है कि इसे 4 दिनों में 100 व्यक्तियों को अग्रेषित करें। आपके राज्य के भीतर ही नहीं बल्कि पूरे भारत में इसे फॉरवर्ड किया जाना चाहिए।

वन लाइनर गीता

*अध्याय 1 - गलत सोच ही जीवन की एकमात्र समस्या है।*
*अध्याय 2 - सही ज्ञान ही हमारी सभी समस्याओं का अंतिम समाधान है।*
*अध्याय 3 - निःस्वार्थता ही प्रगति और समृद्धि का एकमात्र मार्ग है।*
*अध्याय 4 - प्रत्येक कार्य प्रार्थना का कार्य हो सकता है।*
*अध्याय 5-व्यक्तित्व के अहंकार को त्यागें और अनंत के आनंद का आनंद लें।*
*अध्याय 6 - प्रतिदिन उच्च चेतना से जुड़ें।*
*अध्याय 7 - आप जो सीखते हैं उसे जिएं।*
*अध्याय 8 - अपने आप को कभी मत छोड़ो।*
*अध्याय 9 - अपने आशीर्वाद को महत्व दें।*
*अध्याय 10 - चारों ओर देवत्व देखें।*
*अध्याय 11 - सत्य को जैसा है वैसा देखने के लिए पर्याप्त समर्पण करें।*
*अध्याय 12 - अपने मन को उच्चतर में लीन करें।*
*अध्याय 13 - माया से अलग होकर परमात्मा से जुड़ो।*
*अध्याय 14 - एक ऐसी जीवन-शैली जिएं जो आपकी दृष्टि से मेल खाती हो।*
*अध्याय 15 - देवत्व को प्राथमिकता दें।*
*अध्याय 16 - अच्छा होना अपने आप में एक पुरस्कार है।*
*अध्याय 17 - सुखद पर अधिकार चुनना शक्ति की निशानी है।*
*अध्याय 18 - चलो चलें, ईश्वर के साथ मिलन की ओर बढ़ते हैं।*
(इस सिद्धांत में से प्रत्येक पर आत्मनिरीक्षण करें)

|| तत्सत् ||

20/01/2025

!!Mahakumbh Prayagraj !!
Devo ke Dev Mahadev

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20/01/2025

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🪷 *_लल्ला का रुला देने वाला प्रसंग_* 🪷
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*_नंद बाबा चुपचाप रथ पर कान्हा के वस्त्र आभूषणों की गठरी रख रहे थे।_*
*_दूर ओसारे में मूर्ति की तरह शीश झुका कर खड़ी- यशोदा को देख कर कहा: दुखी क्यों हो यशोदा, दूसरे की वस्तु पर अपना क्या अधिकार?_*
*_यशोदा ने शीश उठा कर देखा नंद बाबा की ओर, उनकी आंखों में जल भर आया था।_*
*_नंद निकट चले आये, यशोदा ने भारी स्वर से कहा: तो क्या...कान्हा पर हमारा कोई अधिकार नहीं ...? ग्यारह वर्षों तक हम असत्य से ही लिपट कर जीते रहे...?_*
*_नंद ने कहा: अधिकार क्यों नहीं, कन्हैया कहीं भी रहे, पर रहेगा तो हमारा ही लल्ला न! पर उसपर हमसे ज्यादा देवकी वसुदेव का अधिकार है, और उन्हें अभी कन्हैया की आवश्यकता भी है।_*

*_यशोदा ने फिर कहा- तो क्या मेरे ममत्व का कोई मोल नहीं?_*
*_नंद बाबा ने थके हुए स्वर में कहा- ममत्व का तो सचमुच कोई मोल नहीं होता यशोदा। पर देखो तो, कान्हा ने इन ग्यारह वर्षों में हमें क्या नहीं दिया है।_*
*_उम्र के उत्तरार्ध में जब हमने संतान की आशा छोड़ दी थी,तब वह हमारे आंगन में आया। तुम्हें नहीं लगता कि इन ग्यारह वर्षों में हमने जैसा सुखी जीवन जिया है, वैसा कभी नहीं जी सके थे।_*
*_दूसरे की वस्तु से और कितनी आशा करती हो यशोदा, एक न एक दिन तो वह अपनी बस्तु मांगेगा ही न! कान्हा को जाने दो यशोदा।_*

*_यशोदा से अब खड़ा नहीं हुआ जा रहा था, वे वहीं धरती पर बैठ गयी, कहा- आप मुझसे क्या त्यागने के लिए कह रहे हैं, यह आप नहीं समझ रहे।_*
*_नंद बाबा की आंखे भी भीग गयी थीं। उन्होंने हारे हुए स्वर में कहा: तुम देवकी को क्या दे रही हो- यह मुझसे अधिक कौन समझ सकता है यशोदा! आने वाले असंख्य युगों में किसी के पास तुम्हारे जैसा दूसरा उदाहरण नहीं होगा।_*
*_यह जगत सदैव तुम्हारे त्याग के आगे नतमस्तक रहेगा।_*
*_यशोदा आँचल से मुंह ढांप कर घर मे जानें लगीं- तो नंद बाबा ने कहा: अब कन्हैया को भेज दो यशोदा, देर हो रही है।_*
*_यशोदा ने आँचल को मुंह पर और तेजी से दबा लिया,और अस्पष्ट स्वर में कहा: एक बार उसे खिला तो लेने दीजिये, अब तो जा रहा है। कौन जाने फिर..._*

*_नंद चुप हो गए।_*
*_यशोदा माखन की पूरी मटकी ले कर ही बैठी थीं, और भावावेश में कन्हैया की ओर एकटक देखते हुए उसी से निकाल निकाल कर खिला रही थी। कन्हैया ने कहा: एक बात पूछूं मइया...?_*

*_यशोदा ने जैसे आवेश में ही कहा: पूछो लल्ला!_*
*_तुम तो रोज मुझे माखन खाने पर डांटती थी मइया,फिर आज अपने ही हाथों क्यों खिला रही हो?_*
*_यशोदा ने उत्तर देना चाहा पर मुह से स्वर न फुट सके। वह चुपचाप खिलाती रही। कान्हा ने पूछा- क्या सोच रही हो मइया?_*
*_यशोदा ने अपने अश्रुओं को रोक कर कहा- सोच रही हूँ कि तुम चले जाओगे तो मेरी गैया कौन चरायेगा।_*

*_कान्हा ने कहा: तनिक मेरी सोचो मइया, वहां मुझे इस तरह माखन कौन खिलायेगा? मुझसे तो माखन छिन ही जाएगा मइया।_*

*_यशोदा ने कान्हा को चूम कर कहा: नहीं लल्ला,वहां तुम्हे देवकी रोज माखन खिलाएगी।_*
*_कन्हैया ने फिर कहा: पर तुम्हारी तरह प्रेम कौन करेगा मइया?_*
*_अबकी यशोदा कृष्ण को स्वयं से लिपटा कर फफक पड़ी। मन ही मन कहा- यशोदा की तरह प्रेम तो सचमुच कोई नहीं कर सकेगा लल्ला, पर शायद इस प्रेम की आयु इतनी ही थी।_*
*_कृष्ण को रथ पर बैठा कर अक्रूर के संग नंद बाबा चले- तो यशोदा ने कहा- तनिक सुनिए न, आपसे देवकी तो मिलेगी न....? उससे कह दीजियेगा, लल्ला तनिक नटखट है पर कभी मारेगी नहीं।_*
*_नंद बाबा ने मुंह घुमा लिया। यशोदा ने फिर कहा: कहियेगा- कि मैंने लल्ला को कभी दूब से भी नहीं छुआ, हमेशा हृदय से ही लगा कर रखा है।_*
*_नंद बाबा ने रथ को हांक दिया। यशोदा ने पीछे से कहा: कह दीजियेगा- कि लल्ला को माखन प्रिय है,उसको ताजा माखन खिलाती रहेगी। बासी माखन में कीड़े पड़ जाते हैं।_*
*_नंद बाबा की आंखे फिर भर रही थीं,उन्होंने घोड़े को तेज किया। यशोदा ने तनिक तेज स्वर में फिर कहा: कहियेगा- कि बड़े कौर उसके गले मे अटक जाते हैं,उसे छोटे छोटे कौर ही खिलाएगी।_*
*_नंद बाबा ने घोड़े को जोर से हांक लगाई, रथ धूल उड़ाते हुए बढ़ चला।_*
*_यशोदा वहीं जमीन पर बैठ गयी और फफक कर कहा- कृष्ण से भी कहियेगा कि मुझे स्मरण रखेगा।_*
*_उधर रथ में बैठे कृष्ण ने मन ही मन कहा- तुम्हें यह जगत सदैव स्मरण रखेगा मइया। तुम्हारे बाद मेरे जीवन मे जीवन बचता कहाँ है ?_
_जय जय श्री राधे_
_🌸 जय श्री राधे 🌸_
_🪴।।जय जय श्री राम।। 🪴_
_🪷 ।।हर हर महादेव।। 🪷_

20/01/2025

!! क्या आप जानते है, हनुमानजी के पंचमुखी अवतार कैसे हुआ !!

Devo ke Dev Mahadev Beti Mahadev Ki

Thanks for being a top engager and making it on to my weekly engagement list! 🎉 Beti Mahadev Ki, Nayen Hindraz, Chandni ...
17/01/2025

Thanks for being a top engager and making it on to my weekly engagement list! 🎉 Beti Mahadev Ki, Nayen Hindraz, Chandni Mitya Chandni, Manojkumar Yadav, Chandrika Kori

17/01/2025

!! Mahakumbh !!
Devo ke Dev Mahadev Beti Mahadev Ki

15/01/2025

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Dhar
454001

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