Short Filmmaker, Film Editor, Writer, Director, Poetist...
here is my poem-
"" मुझे गर्व है ""
सिर्फ संभलने को कहते हो आपलोग मुझे,
पहले हमें जिंदगी को आगे बढ़ाने तो दो
जिंदगी से नाता तोड़ लूँ कैसे ?
अपने मंजिल पा लेने तो दो.
याद करोगे जरूर मुझे ,
बड़ों का आशीर्वाद पाने तो दो .
मैं हवा में उड़ना नहीं चाहता ,
फिर भी ज्ञान का पंख बना लेने तो दो .
भरोसा तो करो मेरे कर्मों पर,
हमें खुद को सपनों में खो जा
ने तो दो.
मेरे पास ज्यादा डिग्री तो नहीं है मगर ,
जो भी है उसका इस्तेमाल करने तो दो .
आपलोग नफरत क्यों करते हो मेरे सोचों से,
कुछ प्रयास ही सही पर कर लेने तो दो .
मैं बड़े फिल्मों का स्वप्न नहीं देखता ,
कुछ शार्ट फिल्म ही सही , बना लेने तो दो.
मेरे ज्ञान के बारे में मत सोचो,
ये हमेशा बढ़ते हीं रहेगा ,
कुछ पा लेने तो दो.
एहसान क्या जताएगा कोई मुझपर,
मुझे खुद गर्व है अपनी मेहनत पर,
कुछ और कदम आगे बढ़ जाने तो दो.
क्यों मेरे दर्द का मजाक करते हो ,
मेरे कांटे निकल जाने तो दो.
दुःख तो मेरा साथी ही है,
पर सुख को भी गले लगाने तो दो.
नजर लगाओ मुझपर, कोई ग़म नहीं है ,
क्योंकि माँ तो हमेशा मेरे पास है.
क्यों चिढ़ते हो मेरे विकास पर ,
अरे , माँ का सपना है,मेरी जिंदगी !
कृपया बुरा मत सोचो ,
माँ का सपना साकार हो जाने तो दो
आपलोग कौन हो मेरे ?
मैं कौन हूँ आपलोगों का ?
फिर भी हम एक इंसान तो हैं,
आदर्श नागरिक बन जाने तो दो .
कुछ तो सोचो !
परिवार का आशीर्वाद है,
इसे आजमाने तो दो.
प्रार्थना करता हूँ रोज ईस्वर से ,
कुछ आशीर्वाद पा लेने तो दो.
मैं तो आपकी भी दुआँ करता हूँ ,
खुश रहो , मैं भी खुश रहूँ,
हमें सफल हो जाने तो दो .
--जितेन्द्र कुमार ' जीतू '