25/06/2024
पत्रकार Aarju Siddiqui बता रहे हैं कि,
पत्रकारों से खचाखच भरे लल्लनटॉप के स्टूडियो में इंटरव्यू देने आए नाना पाटेकर ने एकाएक जब सौरभ द्धिवेदी से पूछा की क्या यहाँ कोई मुसलमान है?
तो सौरभ सकपका गए, फिर संभलते हुए बताया कि कैमरा के पीछे खड़ा वो शख्स मुसलमान है।
मुख्यधारा के पत्रकारिता में किसी तरह जैसे-तैसे ठेल-ठाल के कुछ मुसलमान पहुँचते भी हैं तो उन्हें पावर के पॉजिशन से दूर रखने की ख़ूब कोशिश की जाती है।
उसे पत्रकारिता के तकनीकि क्षेत्रों में ढकेला जाता है। रिपोर्टिंग और वो भी कैमरे के आगे तक पहुँचने में उसे गैर-मुस्लिम पत्रकारों से 100 गुणा ज़्यादा मेहनत करना होता है।
कई बार वो मेहनत भी बेकार जाता है। क्यूंकि संस्थान उसे किसी निर्णायक जगहों से पहले ही निषेध कर चुके होते हैं।
मीडिया चैनलों में कैमरे के पीछे काम करने वाले मुसलमान आपको हजारो की तादाद में मिल जाएगें, लेकिन कैमरे के आगे काम करने वाले मुसलमान एक्का-दुक्का ही मिलेगें और जो मिलेगें भी कमोबेश अपोलोजेटिक मुसलमान होगें।