29/12/2024
पिलखन (Ficus infectoria) एक प्रकार का वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। इसे "पिलखन का पेड़" भी कहा जाता है और यह भारतीय वनस्पति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पेड़ के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं:
1. **वैज्ञानिक नाम**: पिलखन का वैज्ञानिक नाम *Ficus infectoria* है और यह *Moraceae* परिवार से संबंधित है।
2. **विस्तार**: यह पेड़ आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांगलादेश में। यह मुख्य रूप से जंगलों और जलवायु से प्रभावित क्षेत्रों में उगता है।
3. **रूप और आकार**: पिलखन का पेड़ ऊंचाई में 10-12 मीटर तक बढ़ सकता है। इसके पत्ते बड़े, चमकदार और अंडाकार आकार के होते हैं। इसकी छाल ग्रे होती है और गहरे गहरे कटा हुआ रहता है।
4. **औषधीय गुण**: पिलखन का पेड़ आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोगी माना जाता है। इसके पत्तों, छाल, और दूध का उपयोग विभिन्न औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। इसे आमतौर पर पेट संबंधी समस्याओं, घावों और त्वचा रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है।
5. **फल और फूल**: पिलखन के फल छोटे और हरे रंग के होते हैं, जो बाद में पीले या लाल रंग के हो जाते हैं। इसके फूल छोटे होते हैं और इसकी विशेषता यह है कि इसके फूलों में मादा और पुरुष फूल एक ही स्थान पर होते हैं।
6. **आधिकारिक उपयोग**: पिलखन का पेड़ लकड़ी, फल, पत्ते और छाल के लिए मूल्यवान है। लकड़ी का उपयोग भवन निर्माण, फर्नीचर और अन्य निर्माण कार्यों में किया जाता है।
7. **संवेदनशीलता**: यह पेड़ पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होता है और पानी की भरपूर आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
इन सब कारणों से पिलखन का पेड़ भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र और पारंपरिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।