
04/01/2025
भगवान शिव और कालसर्प की नई कथा
एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव ध्यान में लीन थे। वहीं पास ही एक **कालसर्प** (अत्यंत शक्तिशाली नाग) अपनी शक्ति और अहंकार के कारण देवताओं और ऋषि-मुनियों को परेशान कर रहा था। वह अपनी ताकत से गर्वित होकर हर किसी को चुनौती दे रहा था।
कालसर्प ने सोचा कि यदि वह भगवान शिव को हराकर उनकी जटाओं में प्रवाहित गंगा को अपने अधिकार में ले ले, तो वह सबसे महान बन जाएगा। वह कैलाश पर गया और भगवान शिव के सामने उपस्थित हुआ। उसने शिवजी से कहा, "हे महादेव, मैंने सभी को परास्त कर दिया है। अब मैं तुम्हें चुनौती देने आया हूं। यदि तुम मुझसे हार गए, तो गंगा को मुझे सौंपना होगा।"
भगवान शिव ने अपनी आँखें खोलीं। उनके चेहरे पर एक शांत मुस्कान थी। उन्होंने कहा, "तुम्हारे साहस की सराहना करता हूं, लेकिन अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके दूसरों को परेशान करना उचित नहीं। मैं तुम्हें एक अवसर देता हूं, यदि तुम मेरी शक्ति सहन कर सको, तो गंगा तुम्हारी हो जाएगी।"
शिवजी की शक्ति का चमत्कार
कालसर्प ने यह सुनते ही अपना पूरा बल लगाकर भगवान शिव पर आक्रमण किया। लेकिन जैसे ही उसने अपनी फन से शिवजी को लपेटने की कोशिश की, शिवजी ने केवल "ऊं" का उच्चारण किया। उस दिव्य ध्वनि के प्रभाव से कालसर्प की सारी शक्ति क्षीण हो गई, और वह मूर्छित होकर गिर पड़ा।
कुछ समय बाद जब वह होश में आया, तो उसने शिवजी के चरणों में गिरकर क्षमा मांगी। उसने कहा, "हे महादेव, मैंने अपनी शक्ति का अहंकार किया और यह भूल गया कि आपकी महिमा अनंत है। कृपया मुझे क्षमा करें।"
भगवान शिव ने उसे क्षमा करते हुए कहा, "तुम्हारी शक्ति तुम्हारे अहंकार के कारण तुम्हारे लिए विनाशकारी बन गई। याद रखो, सच्ची शक्ति विनम्रता में होती है। जाओ और अपनी शक्ति का उपयोग सदैव दूसरों की भलाई के लिए करो।"
कथा का संदेश
यह नई कथा हमें सिखाती है कि भगवान शिव की शक्ति असीम है, लेकिन वे अपनी शक्ति का उपयोग हमेशा लोक-कल्याण के लिए करते हैं। साथ ही यह भी संदेश देती है कि अहंकार हमेशा विनाश का कारण बनता है, और सच्चा बल वही है जो विनम्रता और भलाई के लिए उपयोग किया जाए।