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|| श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ||
दिखावे की मोहब्बत से दूर रहता हूं मैं,
इसलिए महादेव के नशे में चूर रहता हूं मैं।"
भोलेनाथ का नाम जप के हम, दुनिया में छा गए,
हमारे दुश्मन भी बोले, वो देखो महादेव के भक्त आ गए।"
꧁༒Har Har Mahadev༒꧂

भगवान शिव और कालसर्प की नई कथाएक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव ध्यान में लीन थे। वहीं पास ही एक **कालसर्प** (अत्यंत शक्ति...
04/01/2025

भगवान शिव और कालसर्प की नई कथा
एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव ध्यान में लीन थे। वहीं पास ही एक **कालसर्प** (अत्यंत शक्तिशाली नाग) अपनी शक्ति और अहंकार के कारण देवताओं और ऋषि-मुनियों को परेशान कर रहा था। वह अपनी ताकत से गर्वित होकर हर किसी को चुनौती दे रहा था।

कालसर्प ने सोचा कि यदि वह भगवान शिव को हराकर उनकी जटाओं में प्रवाहित गंगा को अपने अधिकार में ले ले, तो वह सबसे महान बन जाएगा। वह कैलाश पर गया और भगवान शिव के सामने उपस्थित हुआ। उसने शिवजी से कहा, "हे महादेव, मैंने सभी को परास्त कर दिया है। अब मैं तुम्हें चुनौती देने आया हूं। यदि तुम मुझसे हार गए, तो गंगा को मुझे सौंपना होगा।"

भगवान शिव ने अपनी आँखें खोलीं। उनके चेहरे पर एक शांत मुस्कान थी। उन्होंने कहा, "तुम्हारे साहस की सराहना करता हूं, लेकिन अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके दूसरों को परेशान करना उचित नहीं। मैं तुम्हें एक अवसर देता हूं, यदि तुम मेरी शक्ति सहन कर सको, तो गंगा तुम्हारी हो जाएगी।"

शिवजी की शक्ति का चमत्कार
कालसर्प ने यह सुनते ही अपना पूरा बल लगाकर भगवान शिव पर आक्रमण किया। लेकिन जैसे ही उसने अपनी फन से शिवजी को लपेटने की कोशिश की, शिवजी ने केवल "ऊं" का उच्चारण किया। उस दिव्य ध्वनि के प्रभाव से कालसर्प की सारी शक्ति क्षीण हो गई, और वह मूर्छित होकर गिर पड़ा।

कुछ समय बाद जब वह होश में आया, तो उसने शिवजी के चरणों में गिरकर क्षमा मांगी। उसने कहा, "हे महादेव, मैंने अपनी शक्ति का अहंकार किया और यह भूल गया कि आपकी महिमा अनंत है। कृपया मुझे क्षमा करें।"

भगवान शिव ने उसे क्षमा करते हुए कहा, "तुम्हारी शक्ति तुम्हारे अहंकार के कारण तुम्हारे लिए विनाशकारी बन गई। याद रखो, सच्ची शक्ति विनम्रता में होती है। जाओ और अपनी शक्ति का उपयोग सदैव दूसरों की भलाई के लिए करो।"

कथा का संदेश
यह नई कथा हमें सिखाती है कि भगवान शिव की शक्ति असीम है, लेकिन वे अपनी शक्ति का उपयोग हमेशा लोक-कल्याण के लिए करते हैं। साथ ही यह भी संदेश देती है कि अहंकार हमेशा विनाश का कारण बनता है, और सच्चा बल वही है जो विनम्रता और भलाई के लिए उपयोग किया जाए।
















भगवान शिव की शक्ति और उनकी महानता को दर्शाने वाली कई कहानियाँ हैं। इनमें से एक सुंदर और प्रेरणादायक कथा है "शिव और भस्मा...
04/01/2025

भगवान शिव की शक्ति और उनकी महानता को दर्शाने वाली कई कहानियाँ हैं। इनमें से एक सुंदर और प्रेरणादायक कथा है "शिव और भस्मासुर" की, जो उनकी असीम शक्ति, धैर्य और चतुराई को उजागर करती है।

शिव और भस्मासुर की कथा

एक बार की बात है, भस्मासुर नामक एक असुर ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया। उसकी तपस्या से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उसे वरदान मांगने के लिए कहा। भस्मासुर ने वरदान मांगा कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा, वह तुरंत भस्म हो जाएगा। भगवान शिव ने उसे यह वरदान दे दिया।

वरदान पाकर भस्मासुर अहंकारी हो गया और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने लगा। उसने खुद भगवान शिव पर ही इस शक्ति को आजमाने का प्रयास किया। इससे शिवजी संकट में पड़ गए, लेकिन उन्होंने अपनी चतुराई और धैर्य से स्थिति को संभाला।

भगवान शिव ने तुरंत भगवान विष्णु से सहायता मांगी। भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और भस्मासुर को मोहित कर दिया। मोहिनी की सुंदरता से आकर्षित होकर भस्मासुर ने उसके साथ नृत्य करने की इच्छा जताई। मोहिनी ने उसे नृत्य करते हुए उसकी ही हरकतें दोहराने को कहा।

नृत्य करते-करते मोहिनी ने अपना हाथ अपने सिर पर रखा, और भस्मासुर ने भी वही किया। जैसे ही उसने अपना हाथ अपने सिर पर रखा, वह स्वयं ही भस्म हो गया।

कथा का संदेश
यह कहानी भगवान शिव की शक्ति और उनके धैर्य को दर्शाती है। शिवजी ने न केवल भस्मासुर के अहंकार को खत्म किया बल्कि यह भी सिखाया कि शक्ति का दुरुपयोग अंततः विनाश का कारण बनता है।

भगवान शिव अपनी भस्मधारी और त्रिनेत्र रूप में संहारक हो सकते हैं, लेकिन वे सदा अपने भक्तों के लिए करुणा और सहायता के प्रतीक हैं। उनकी शक्ति असीम और उनकी कृपा अनंत है।

























शिव शंकर, महादेव महान,सृष्टि के रचयिता, सृष्टि के प्राण।बलशाली हैं, अद्भुत है रूप,त्रिशूल के वार से डरता हर दुष्ट स्वरूप...
04/01/2025

शिव शंकर, महादेव महान,
सृष्टि के रचयिता, सृष्टि के प्राण।
बलशाली हैं, अद्भुत है रूप,
त्रिशूल के वार से डरता हर दुष्ट स्वरूप।

गले में सजे नागों का हार,
भस्म से सजी महाकाल की धार।
बल और भक्ति का है जिनमें मेल,
महादेव हैं वो, जिन्हें पूजा हर लोक में खेल।

नंदी पर सवार, गगन को चीरें,
शिव का नाम लेते ही डर दूर भागे।
बलशाली, अजेय, महादेव अद्भुत,
शिव की महिमा हर युग में अमिट।



















त्रिनेत्रधारी शिव: दिव्य और अद्भुत प्रतिमा 🙏💫🔥💖 Descriptions  यह छवि भगवान शिव की एक त्रिमात्रीय सिनेमाई प्रस्तुति है, ज...
04/01/2025

त्रिनेत्रधारी शिव: दिव्य और अद्भुत प्रतिमा 🙏💫🔥💖
Descriptions
यह छवि भगवान शिव की एक त्रिमात्रीय सिनेमाई प्रस्तुति है, जो उनकी अद्भुत और दिव्य उपस्थिति को दर्शाती है। भगवान शिव, जिन्हें त्रिनेत्रधारी और महादेव के नाम से भी जाना जाता है, इस चित्र में अपने त्रिशूल के साथ खड़े हैं। उनके गले में एक नाग देवता लिपटा हुआ है, जो उनके शांत और संतुलित स्वभाव को दर्शाता है। शिव का यह स्वरूप उनकी शक्ति, ध्यान और तपस्या का प्रतीक है।

पृष्ठभूमि में बर्फ से ढके पर्वत और मंद प्रकाश के चमकते तत्व भगवान शिव की महिमा और पवित्रता को और भी अद्वितीय बनाते हैं। उनकी जटाओं में बहती गंगा और माथे पर चंद्रमा उनकी पहचान के प्रमुख प्रतीक हैं। यह चित्र न केवल एक कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है।

यह छवि भगवान शिव के उन गुणों को रेखांकित करती है, जो उन्हें एक आदर्श योगी, संरक्षक और संहारक के रूप में दर्शाते हैं। भगवान शिव के प्रति असीम भक्ति और श्रद्धा का यह स्वरूप एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

अगर आप इस छवि के माध्यम से और अधिक जानकारी या भावना जोड़ना चाहते हैं, तो मुझे बताएं।

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"शनि देव की अद्भुत 3D छवि: न्याय और अनुशासन के देवता का दिव्य स्वरूप"  विवरण:  यह छवि भगवान शनि देव की एक भव्य और सिनेमे...
04/01/2025

"शनि देव की अद्भुत 3D छवि: न्याय और अनुशासन के देवता का दिव्य स्वरूप"

विवरण:
यह छवि भगवान शनि देव की एक भव्य और सिनेमेटिक 3D प्रस्तुति है, जो सनातन धर्म में न्याय और अनुशासन के प्रतीक हैं। इस चित्रण में उन्हें पारंपरिक काले और नीले वस्त्रों में दिखाया गया है, जो उनकी गंभीरता और शक्तिशाली प्रकृति को दर्शाते हैं। भगवान शनि देव स्वर्णाभूषणों से सजे हुए एक दिव्य सिंहासन पर विराजमान हैं। उनके पास उनकी सवारी कौवा भी है, जो उनके ग्रह शनि के प्रभाव का प्रतीक है।

पृष्ठभूमि में ब्रह्मांडीय और खगोलीय दृश्य को दिखाया गया है, जिसमें तारों, ग्रहों और प्रकाश की चमक से उनके दिव्य प्रभाव को प्रकट किया गया है। यह छवि उनकी गूढ़ता, शक्ति, और दैवीय आभा का सुंदर मिश्रण है।

भगवान शनि देव को कर्मफल दाता माना जाता है, और यह छवि उनके न्यायप्रिय स्वभाव और कर्म के महत्व को रेखांकित करती है। यह 3D चित्र उनकी महिमा और अद्वितीयता को और अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है।

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"भगवान शनि देव की दिव्य और सिनेमेटिक 3D छवि: न्याय, अनुशासन और कर्म के देवता का अलौकिक स्वरूप"  विवरण:  यह छवि भगवान शनि...
04/01/2025

"भगवान शनि देव की दिव्य और सिनेमेटिक 3D छवि: न्याय, अनुशासन और कर्म के देवता का अलौकिक स्वरूप"

विवरण:
यह छवि भगवान शनि देव की एक अद्वितीय और सजीव 3D सिनेमेटिक प्रस्तुति है, जो हिंदू धर्म में न्याय और अनुशासन के देवता के रूप में पूजित हैं। इस चित्रण में उन्हें पारंपरिक काले और नीले वस्त्रों में दिखाया गया है, जो उनके गूढ़ और शक्तिशाली व्यक्तित्व को प्रकट करते हैं। सोने के आभूषणों से सुसज्जित, भगवान शनि देव एक भव्य सिंहासन पर विराजमान हैं। उनके पास उनकी सवारी, कौवा, भी दिखाया गया है, जो उनकी प्रतीकात्मकता को और गहरा बनाता है।

पृष्ठभूमि में खगोलीय और ब्रह्मांडीय दृश्य उनकी ग्रह शनि के साथ जुड़े प्रभाव को दर्शाता है। सितारों और ग्रहों से सजी इस छवि में दिव्यता, रहस्य, और शक्ति का अनोखा सम्मिश्रण है। यह छवि न केवल उनकी शक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह कर्म और न्याय के महत्व को भी याद दिलाती है।

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यह छवि भगवान शनि देव की एक अद्भुत और वास्तविक 3D सिनेमेटिक प्रस्तुति है, जो न्याय, अनुशासन और कर्म के प्रतीक हैं। पारंपर...
04/01/2025

यह छवि भगवान शनि देव की एक अद्भुत और वास्तविक 3D सिनेमेटिक प्रस्तुति है, जो न्याय, अनुशासन और कर्म के प्रतीक हैं। पारंपरिक काले और नीले वस्त्रों में, स्वर्णाभूषणों से अलंकृत, भगवान शनि देव को एक भव्य सिंहासन पर विराजमान दिखाया गया है। उनकी सवारी, कौवा, पास में स्थित है, जो उनके गूढ़ और आध्यात्मिक स्वभाव का प्रतीक है। पृष्ठभूमि में ब्रह्मांडीय और खगोलीय दृश्य के साथ, ग्रह शनि के प्रभाव को प्रदर्शित किया गया है। यह छवि उनकी शक्ति, रहस्य, और दिव्यता को दर्शाती है।

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त्रिशूल जिसके हाथ में है,और गंगा जिसके जटा में।भोलेनाथ के चरणों में,संसार सारा समाया है।
03/01/2025

त्रिशूल जिसके हाथ में है,
और गंगा जिसके जटा में।
भोलेनाथ के चरणों में,
संसार सारा समाया है।

शिव की महिमा का गान करेंगे,हर पल उनका ध्यान करेंगे।भोले के चरणों में जगह मिले,बस यही अरमान करेंगे।
03/01/2025

शिव की महिमा का गान करेंगे,
हर पल उनका ध्यान करेंगे।
भोले के चरणों में जगह मिले,
बस यही अरमान करेंगे।

भोले तेरी भक्ति का सहारा मिल गया,मुझ जैसे आवारा को किनारा मिल गया।जब भी तेरा नाम लिया मुश्किलों में,हमें खुशियों का नज़ा...
03/01/2025

भोले तेरी भक्ति का सहारा मिल गया,
मुझ जैसे आवारा को किनारा मिल गया।
जब भी तेरा नाम लिया मुश्किलों में,
हमें खुशियों का नज़ारा मिल गया।

माँ लक्ष्मी की महिमा:कमल पर विराजे, सुंदरता की मूरत,संपदा की देवी, हर मन की सूरत।सच्चे मन से जो करे, माँ का ध्यान,लक्ष्म...
02/01/2025

माँ लक्ष्मी की महिमा:
कमल पर विराजे, सुंदरता की मूरत,
संपदा की देवी, हर मन की सूरत।
सच्चे मन से जो करे, माँ का ध्यान,
लक्ष्मी कृपा से चमके, उसका हर जहान।













लक्ष्मी माँ की कृपा:धन-दौलत की जो देवी, हर दिल की आस,लक्ष्मी माँ के चरणों में, मिलता सुख-विश्राम।जहाँ वास करें वो, वहां ...
02/01/2025

लक्ष्मी माँ की कृपा:
धन-दौलत की जो देवी, हर दिल की आस,
लक्ष्मी माँ के चरणों में, मिलता सुख-विश्राम।
जहाँ वास करें वो, वहां छाए उजाला,
उनकी कृपा से हर घर बने स्वर्ग का प्याला।










भोले के प्रेम में:हर हर महादेव का, जब गूंजे नाद,चिर निंद्रा से जाग उठे, मृतक भी व्याकुल जात।भोले की भक्ति में, सुख-शांति...
02/01/2025

भोले के प्रेम में:
हर हर महादेव का, जब गूंजे नाद,
चिर निंद्रा से जाग उठे, मृतक भी व्याकुल जात।
भोले की भक्ति में, सुख-शांति का वास,
उनके चरणों में झुका, हर कष्ट का नाश।

शिव की महिमा में:ध्यान में जिनका बसे, वो परम सत्य कहलाए,त्रिशूल थामे जो खड़े, हर अंधकार मिटाए।काल के भी काल हैं, सृष्टि ...
02/01/2025

शिव की महिमा में:
ध्यान में जिनका बसे, वो परम सत्य कहलाए,
त्रिशूल थामे जो खड़े, हर अंधकार मिटाए।
काल के भी काल हैं, सृष्टि के आधार,
भोलेनाथ के चरणों में, सारा संसार।

डमरू की धुन और गंगा की धार,शिव के चरणों में सारा संसार।भस्म रमाए, बैल सवारी,भोलेनाथ हैं सबके दुखों के तारनहार।          ...
02/01/2025

डमरू की धुन और गंगा की धार,
शिव के चरणों में सारा संसार।
भस्म रमाए, बैल सवारी,
भोलेनाथ हैं सबके दुखों के तारनहार।








कालों के काल, महाकाल हैं शिव,हर भक्त के लिए ढाल हैं शिव।जिनके नाम से मिट जाते हैं पाप,ऐसे कृपालु, दयालु त्रिनेत्रधारी है...
02/01/2025

कालों के काल, महाकाल हैं शिव,
हर भक्त के लिए ढाल हैं शिव।
जिनके नाम से मिट जाते हैं पाप,
ऐसे कृपालु, दयालु त्रिनेत्रधारी हैं शिव।










मोर मुकुट सिर पर सजाए,पीतांबर धारण किए आए।सुध-बुध खो जाएं सबके,जब बंसी की धुन कानों में समाए।
02/01/2025

मोर मुकुट सिर पर सजाए,
पीतांबर धारण किए आए।
सुध-बुध खो जाएं सबके,
जब बंसी की धुन कानों में समाए।




















राधा के बिना कृष्ण अधूरे,प्रेम बिना जीवन के सपने अधूरे।जो रास रचाए प्रेम की बंसी से,वो हैं हमारे श्रीकृष्ण प्यारे।      ...
02/01/2025

राधा के बिना कृष्ण अधूरे,
प्रेम बिना जीवन के सपने अधूरे।
जो रास रचाए प्रेम की बंसी से,
वो हैं हमारे श्रीकृष्ण प्यारे।


















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