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अगर हमारी कुंडली में खराब महादशा चल रही हो तो हम परेशान हो जाते हैं।18 साल (राहु) 19 साल (शनि) हमारे खराब जाएंगे और इस क...
10/01/2025

अगर हमारी कुंडली में खराब महादशा चल रही हो तो हम परेशान हो जाते हैं।
18 साल (राहु) 19 साल (शनि) हमारे खराब जाएंगे और इस कारण हम निराश हो जाते हैं कि अब हमारा कुछ नहीं हो सकता।
पर हम यह भूल जाते हैं कि जो हम महादशाएं देखते हैं वह भी एक तरह की महादशा होती है जिसे हम विंशोत्तरी महादशा कहते हैं।
यह कुल 120 वर्ष की होती है।
जैसे हम देखते हैं हमारे सूर्य की महादशा चल रही हैं, चंद्रमा की महादशा चल रही है यह विंशोतरी महादशा होती है बस।
एक बात और किसी का भी पूरा समय खराब नहीं होता कभी भी; क्योंकि गोचर कुंडली हमेशा एक जैसे नहीं रहती।
साथ ही अंतर्दशा, प्रत्यंतरदशा कभी एक जैसे नहीं होती।
अंतर्दशा या प्रत्यंतरदशा का हो सकता है कोई ग्रह अच्छा हो, जिस ग्रह की महादशा चल रही हो उससे केंद्र,त्रिकोण में हो, उसके साथ अच्छा संबंध हो तो वह अच्छा समय जाएगा।
यह आपकी एक दशा हुई जो हम (एस्ट्रोलॉजर लोग) आपको बताते हैं।
दूसरी एक और महादशा होती है जिसे योगिनी महादशा कहते हैं।
इन दोनों का फल मुख्य रूप से निकालकर हम महादशा को प्रेडिक्ट करते हैं।
अगर खराब ग्रह की महादशा चल रही हो तो परेशान ना हो उसका उपाय करें तो अच्छा रिजल्ट मिलेगा, आपकी कुंडली में किस ग्रह की महादशा चल रही है हमें कमेंट करके बताएं।
|।अस्तु।|

आज हम बात करेंगे तृतीय भाव में राहु और नवम भाव में केतु ग्रह की।राहु जिनके भी तीसरे भाव में होता है वह इंसान को पराक्रमी...
04/01/2025

आज हम बात करेंगे तृतीय भाव में राहु और नवम भाव में केतु ग्रह की।
राहु जिनके भी तीसरे भाव में होता है वह इंसान को पराक्रमी और पुरुषार्थी बना देता है।
बाकी ग्रह की चाहे जैसे भी पोजीशन हो, ऐसा इंसान कभी भूखा नहीं मर सकता क्योंकि वह बहुत पुरुषार्थी होता है।
केतु ऑन द अदर हैंड जब नाइंथ हाउस में आ जाता है तो ऐसा इंसान धार्मिक टर्न हो जाता हैं, धार्मिक हो जाता है।
ऐसे लोगों का विदेश सेटलमेंट लगभग पक्का रहता है कि वो विदेश में सेटल हो सकते है।
अगर नहीं तो यात्रा तो पक्का रहेंगी विदेश की,तो तृतीय भाव का राहु बहुत अच्छा प्लेसमेंट देगा।
आपका राहु ग्रह किस भाव में है हमें कमेंट करके बताएं।
|।अस्तु।|

अष्टम भाव इससे आप अपनी आयु का पता भी कर सकते है, केवल यही एक तरीका नहीं है तो कृपया वीडियो को देखकर डरे नहीं।अगर आपके अष...
30/12/2024

अष्टम भाव इससे आप अपनी आयु का पता भी कर सकते है, केवल यही एक तरीका नहीं है तो कृपया वीडियो को देखकर डरे नहीं।
अगर आपके अष्टम भाव में शनि, राहु, केतु या फिर बृहस्पति है तो आप दीर्घायु हो सकते है।
अष्टम भाव को मृत्यु का स्थान भी बोलते हैं क्योंकि यह आयु का खत्म होना दिखाता है।
अब ऐसा क्यों है कि अष्टम भाव में शनि इंसान को लंबी आयु देता है,क्योंकि शनि दीर्घकालिक ग्रह है।
शनि अपनी राशि ढाई साल में परिवर्तन करता है। बृहस्पति 12 महीने में राशि बदलता है।
राहु केतु भी ऐसे ही है यह लंबे समय तक एक राशि में रहते हैं।
तो जितने भी ग्रह लंबे समय तक एक राशि में रहते हैं और वह अष्टम भाव में है तो ऐसे इंसान की मृत्यु धीरे-धीरे आयेगी अर्थात देर से होगी।
इसका अपोजिट अगर चंद्रमा, मंगल, शुक्र बाकी जो भी ग्रह है जो जल्दी राशि बदलते हैं, वह अगर अष्टम भाव में है तो इंसान की मृत्यु जल्दी आएगी।
इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं हुआ कि जिनके अष्टम भाव में शनि है तो वो दीर्घायु होंगे और जिनके अष्टम भाव में चंद्रमा है, मंगल और शुक्र आदि ग्रह है उनकी अल्पायु होगी।
बाकी की काफी चीजें भी ध्यान से देखनी होती है, लेकिन यह भी कुंडली देखते टाइम आप लग्न में देखें।
आपकी कुंडली के अष्टम भाव में कौन सा ग्रह है हमें कमेंट करके बताएं। |।अस्तु।|

शुक्र ग्रह बहुत ही महत्वपूर्ण एनर्जी कारक ग्रह है। शुक्र ग्रह अगर आपके बर्थ चार्ट में खराब होगा तो सबसे पहले दुनिया के प...
23/12/2024

शुक्र ग्रह बहुत ही महत्वपूर्ण एनर्जी कारक ग्रह है। शुक्र ग्रह अगर आपके बर्थ चार्ट में खराब होगा तो सबसे पहले दुनिया के प्रति आपका लगाव कम हो जाएगा। दुनिया भी आपको वेल्यू देना बंद कर देगी।
आपके घर, परिवार वाले ही आपको वेल्यू नहीं देंगे। जीवनसाथी, प्रेमी से अनबन, सभी रिश्तों में खराबी, ये शुक्र की खराबी है।
शुक्र ग्रह की दूसरी खराबी है कमाइए जितना मर्जी खुद पर खर्च करने का मौका ही नहीं मिलेगा।
घर का जो लग्जरी एलिमेंट है वो नीचे जाता रहेगा।
अगर आप चाहते है आपका शुक्र सही रहे, बहुत सरल रेमेडी आप करें।
घर में कच्ची जगह जरूर रखनी है, अब अगर घर में कच्ची जगह न हो तो एक बड़ा सा गमला लीजिए।
उसे मिट्टी से भरे और बिना कोई पौधा लगाए उसको घर के नॉर्थ वेस्ट या फिर घर के साउथ ईस्ट एरिया में रख दीजिए।
यकीन मानिए शुक्र ग्रह को सही करने की बहुत असरदार रेंमडी है।
अगर आपको शुक्र ग्रह से संबंधित और रेंमडी चाहिए तो हमें कमेंट करें।
|।अस्तु।|

राहु केतु वैसे तो छाया ग्रह है पर ये भी आपको राजयोग देते है। यह फैक्ट है कि राहु या केतु दशम भाव में, तीसरे भाव में, छठे...
21/12/2024

राहु केतु वैसे तो छाया ग्रह है पर ये भी आपको राजयोग देते है। यह फैक्ट है कि राहु या केतु दशम भाव में, तीसरे भाव में, छठे भाव में अकेले; किसी और ग्रह के साथ न हो तो अच्छा फल देते है लेकिन ये जो राजयोग है वह किसी ग्रह के साथ होने पर ही बनता है।
राहु और केतु कैसे राजयोग देंगे आपको ?
या तो आपका राहु या केतु किसी त्रिकोण के मालिक के साथ केंद्र में बैठा हो या किसी केंद्र के मालिक के साथ त्रिकोण में बैठा हो 2 प्रकार से हो गया तीसरा या केंद्र और त्रिकोण के मालिक के साथ दोनों के साथ किसी और घर में बैठा हो तो भी राजयोग यह राहु केतु से बन जाएगा। तो इन तीन तरह से राहु केतु से राजयोग आपको बनेगा।
अगर आप इनको रिजल्ट वाइज तो राजयोग देने की क्षमता इसमें बहुत ज्यादा बढ़ जाती है जब यह केंद्र और त्रिकोण दोनों के मालिक के साथ कहीं भी हो।
तो राहु केतु का भी अपना एक राजयोग होता है और बहुत बड़ा राजयोग देते है जब ये देते है तो।
आपकी कुंडली में कोई राजयोग बन रहा है तो हमें कमेंट करके बताएं। |।अस्तु।|

20/12/2024
आज हम आपको ग्रहों की दृष्टि देखना सिखाएंगे बहुत ही आसान शब्दों में।सब ग्रहों की सातवें घर में पूर्ण दृष्टि होती है, बाकी...
20/12/2024

आज हम आपको ग्रहों की दृष्टि देखना सिखाएंगे बहुत ही आसान शब्दों में।
सब ग्रहों की सातवें घर में पूर्ण दृष्टि होती है, बाकी कुछ ग्रहों की विशेष दृष्टियां भी होती हैं जिसमें से सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र इनकी केवल एक दृष्टि होती है। यह जहां पर भी बैठते हैं उसके सामने वाले घर को देखते हैं जिसे बोलते हैं सातवीं दृष्टि।
मंगल के पास में तीन दृष्टि होती है एक तो कॉमन सातवीं जो सभी ग्रहों की होती है दूसरी चौथे घर को मंगल देखते हैं और जहां बैठते हैं वहां से आठवें घर को भी मंगल देखते हैं।
वही शनि की तीन दृष्टियां होती हैं एक तीसरी दृष्टि, सातवीं दृष्टि और दसवीं दृष्टि इसके बाद में गुरु, राहु, केतु इनकी भी तीन दृष्टि होती है ये जहां बैठते हैं वहां से पंचम भाव को, सप्तम भाव को और नवम भाव को देखते हैं। |।अस्तु ।|

संतान के लिए अक्सर लोग पंचम भाव देखते हैं पंचम हाउस पर फोकस करते है। पंचम पर किसकी दृष्टि है पंचम के मालिक की क्या स्थित...
14/12/2024

संतान के लिए अक्सर लोग पंचम भाव देखते हैं पंचम हाउस पर फोकस करते है। पंचम पर किसकी दृष्टि है पंचम के मालिक की क्या स्थिति है ठीक है।
पर कौन सी संतान ?
तो पंचम भाव से हमेशा पहली संतान देखी जाती है। दूसरी संतान देखी जाती हैं सप्तम भाव से।
तीसरी संतान देखी जाती है नवम भाव से और चौथी संतान देखी जाती है एकादश भाव से।
इसका मतलब जब आप किसी की कुंडली देखते हैं लग्न देखते है तो लग्न से तृतीय हाउस छोटे भाई बहनों का होता है।
इसी प्रकार आप किसी की संतान देख रहे हैं तो संतान से मतलब हुआ पंचम भाव, पंचम भाव से तीसरा भाव हुआ सप्तम भाव मतलब की छोटे भाई या छोटी बहन, नवम भाव उससे छोटे भाई या छोटी बहन।
तो पहली संतान के लिए हमेशा पंचम भाव देखे और उसके बाद जैसा मैने ऊपर बताया उसी के अनुसार वैसा देखें तब आप पता कर पाएंगे की हमारी दूसरी संतान कौन सी होगी, तीसरी कौन सी होगी चौथी कौन सी होगी।
|।अस्तु।|

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