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05/10/2023

ये है तथाकथित महाभारत ग्रंथ में लिखी बेसिर पैर बातें! क्या ऐसे अनैतिक तथा गपोड़ी शास्त्रों का विश्वास और अनुसरण उचित है???
(1) घृताची नामक अप्सरा को नग्नावस्था में देखकर भारद्वाज ऋषि का वीर्यपात हो गया जिसे उन्होंने दोने में रख दिया उससे द्रोणाचार्य पैदा हुऐ,
(महाभारत,,आदिपर्व,अ०129)

(2) ऋषि विभाण्डक एक बार नदी में नहा रहे थे तभी उर्वशी को देखकर उनका वीर्य स्खलित हो गया नदी के उस वीर्य मिश्रित पानी को एक मृगी पी गई उसने एक मानव शिशु को जन्म दिया, यहीं श्रृंग ऋषि कहलाये,
(महाभारत,, वनपर्व,अ० 110)

(3) राजा उपरिचर का एक बार वीर्यपात हो गया उसने उसे दोने में डालकर एक बाज के द्वारा रानी गिरिका के पास भेजा। रास्ते में किसी दूसरे बाज ने उस पर झपट्टा मारा, जिससे वह वीर्य यमुना नदी में गिर गया और एक मछली ने निगल लिया इससे उस मछली ने एक लड़की को जन्म दिया लड़की का नाम सत्यवती रखा गया जो महाऋषि व्यास की माँ थी,
(महाभारत,, आदिपर्व,अ०166,15)

(4) महाऋषि व्यास हवन कर रहे थे और जल रही आग में से धृष्टधुम्न और द्रोपदी पैदा हुए,
(महाभारत,, आदिपर्व,166,39-44)

(5) महाराज शशि बिंदु की एक लाख रानिया थी। हर रानी के पेट से एक-एक हजार पुत्र जन्मे कुल मिलाकर राजा के 10 करोड़ पुत्र हुवे। तब राजा ने एक यज्ञ किया, और हर पुत्र को एक-एक ब्राह्मण को दान कर दिया, हर पुत्र के साथ सौ रथ और सौ हाथी दिए। (कुल मिलाकर 10 करोड़ पुत्र,10 करोड़ ब्राह्मण,10 अरब हाथी,10 अरब रथ) इसके अलावा हर पुत्र के साथ 100-100 युवतियां भी दान दी,
(महाभारत,, द्रोणपर्व,अ०65 तथा शांतिपर्व 108)

(6) एक राजा हर रोज प्रातः एक लाख साठ हजार गौएँ दस हजार घोड़े और एक लाख स्वर्णमुद्राएँ दान करता था यह काम वह लगातार 100 वर्षो तक करता रहा,
(महाभारत,, आ०65,श्लोक 13)

(7) राजा रंतिदेव की पाकशाला में प्रतिदिन 2000 गायें कटती थी। मांस के के साथ-साथ अन्न का दान करते-करते रंतिदेव की कीर्ति अद्वितीय हो गयी,
(महाभारत,, आ०208,वनपर्व,8-9)

(8) संक्रति के पुत्र राजा रंतिदेव के घर पर जिस रात में अतिथियों ने निवास किया, उस रात इक्कीस हजार गायों का वध किया गया,
(महाभारत,, द्रोण पर्व,अ०67,श्लोक 16)

(9) राजा क्रांति देव ने गोमेध यज्ञ में इतनी गायों को मारा कि रक्त,मांस,मज्जा से चर्मण्यवती नदी बह निकली,
(महाभारत,, द्रोण पर्व अ०67,श्लोक,5)

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