05/09/2023
"जागो रे परमात्मा के चाहने वालों........हिंदुस्तान में "अवतरित हो चुका है दुनिया का मुक्तिदाता"
संत रामपाल जी महाराज कोई मामूली संत नहीं बल्कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी के अवतार हैं जो धरती पर मानव जाति के कल्याण के लिए अवतरित हुए हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म भारत देश की पवित्र धरती पर जाट किसान श्री नंदराम जाटयाण के घर माता भक्तमति इंद्रो देवी जी गाँव धनाना धाम, तहसील गोहाना, जिला - सोनीपत (तत्कालीन रोहतक) प्रांत - हरियाणा (तत्कालीन पंजाब) में 8 सितंबर 1951 को हुआ था। वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज एकमात्र तत्वदर्शी संत है जो शास्त्रों के आधार पर सतभक्ति बताते हैं और ऐसा केवल पूर्ण परमात्मा या उनके कृपा पात्र संत ही कर सकते हैं। आज हम आपको कुछ भविष्यवक्ताओं कि भविष्यवाणी से साबित करके बताएंगे कि संत रामपाल जी ही पूर्ण परमात्मा के अवतार हैं जो जगत के उद्धार के लिए अवतरित हुए हैं। जिसको सुनने के बाद आपकी सभी शंकाए समाप्त हो जाएंगी।
✨ फ्रांस के विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां
फ्रांस देश के सुप्रसिद्ध भविष्यवक्ता श्री नास्त्रेदमस जी ने सन् 1555 में एक हजार श्लोकों में संसार में भविष्य में घटने वाली घटनाओं की सांकेतिक सत्य भविष्यवाणियां लिखी हैं। जिसे सौ-सौ श्लोकों के दस शतकों (Ten Centuries) में लिखा था। जिनमें से बहुत सी भविष्यवाणियां पूर्व में सत्य सिद्ध हो चुकी हैं। उसमें नास्त्रेदमस ने एक ऐसे महापुरुष के लिए भी भविष्यवाणी की है जो सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करके सर्व का उद्धार करेगा। नास्त्रेदमस ने कहा है:-
◆ विश्व को सच्चा नया आध्यात्मिक ज्ञान बताकर मुक्ति दिलाने वाला महान धार्मिक नेता (Great Chyran) उस देश में पैदा होगा जिस देश का नाम एक सागर के नाम पर होगा यानि हिंद महासागर के नाम पर (हिन्दुस्तान) होगा। हम सभी जानते हैं कि विश्व में हिन्दुस्तान ही एकमात्र देश है जिसका नाम सागर के नाम पर है।
◆ फिर नास्त्रेदमस ने कहा है कि उस महापुरुष का जन्म उस देश के उस प्रान्त में होगा जिसमें पाँच नदियाँ बहती हैं। भारत का एकमात्र पंजाब प्रान्त है जिसमें पाँच नदियाँ सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब और झेलम बहती है। इस कारण से इसका नाम पंजाब पड़ा है।
◆ श्री नास्त्रेदमस ने यह भी कहा है कि उस ग्रेट शायरन यानि महान धार्मिक नेता की माता तीन बहनें होंगी और उसकी चार संतानें दो पुत्र तथा दो पुत्री होंगी।
◆ नास्त्रेदमस ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि वह न तो क्रिश्चन (ईसाई) होगा, न मुसलमान, न ज्यू धर्म से होगा, वह निःसंदेह हिन्दु होगा।
◆ अपनी भविष्यवाणी के शतक पांच के अंत में तथा शतक छः के प्रारंभ में नास्त्रेदमस जी ने लिखा है कि आज अर्थात् सन् 1555 से ठीक 450 वर्ष पश्चात् अर्थात् सन् 2006 में एक हिन्दू सन्त (शायरन) प्रकाश में आएगा अर्थात् पूरे विश्व में उसकी चर्चा होगी। उस समय उस हिन्दू धार्मिक सन्त (शायरन) की आयु 50 व 60 वर्ष के बीच यानि 55 वर्ष होगी।
◆ फ्रांस के “नास्त्रेदमस” के अनुसार विश्व भर में सैनिक क्रांतियों के बाद थोड़े से ही अच्छे लोग संसार को अच्छा बनाऐंगे। जिसका महान धर्मनिष्ठ विश्वविख्यात नेता 20वीं सदी के अन्त और 21वीं सदी की शुरुआत में किसी पूर्वी देश से जन्म लेकर भ्रातृवृत्ति व सौजन्यता द्वारा सारे विश्व को एकता के सूत्र में बांध देगा। तीन ओर से सागर से घिरे द्वीप में उस महान संत का जन्म होगा। उस समय तत्वज्ञान के अभाव से अज्ञान अंधेरा होगा। नैतिकता का पतन होकर, हाहाकार मचा होगा। वह शायरन (धार्मिक नेता) गुरुवर अर्थात् गुरुजी को श्रेष्ठ मानकर अपनी साधना करेगा तथा करवाएगा। वह धार्मिक नेता (तत्वदर्शी सन्त) अपने धर्म को बल अर्थात् भक्ति की शक्ति से तथा तत्वज्ञान द्वारा सर्व राष्ट्रों को नतमस्तक करेगा। एशिया में उसे रोकना अर्थात् उसके प्रचार में बाधा करना पागलपन होगा। (शतक-1, श्लोक-50)
◆ नास्त्रेदमस जी ने भविष्यवाणी के शतक 6 श्लोक 71 में कहा है कि वह हिन्दु शायरन अपने तत्वज्ञान से दैदिप्यमान उतुंग ऊँचा भक्ति विधान फिर से बिना शर्त उजागर करेगा। Chyren will be chief of the world. Loved feared and unchalanged even at the death. His name and praise will reach beyond the skies and he will be content to be known only as victor.
वह शायरन विश्व का प्रमुख सतगुरू यानि जगतगुरु होगा। जनता में प्रिय होगा। उसकी कीर्ति आसमानों के पार त्रिखण्ड में होगी यानि देव लोकों के वासी भी उसके आध्यात्मिक नए ज्ञान की प्रशंसा करेंगे। वह विश्व महान नेता (Great Chyren) अपने तर्कशुद्ध, अचूक आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति तेज से विख्यात होगा।
◆ श्री नास्त्रदेमस ने कहा है कि मैं छाती ठोककर गर्व से कहता हूँ कि उस दिव्य महापुरूष (ग्रेट शायरन) के ज्ञान का उदय होते ही सभी पहले वाले विद्वान कहलाने वाले धार्मिक नेताओं को निष्प्रभ होकर उसके सामने नम्र बनना पड़ेगा। वह महान नेता (ग्रेट शायरन) सभी को समान कानून, अनुशासन पालन करवाकर सत्य पथ पर लाएगा। नास्त्रेदमस ने कहा है कि मैं एक बात निर्विवाद सिद्ध करता हूँ कि वह ग्रेट शायरन नया ज्ञान आविष्कार करेगा, जिसे ना किसी ने सुना, न बताया है। सर्वप्रथम वह अपने धर्म बन्धुओं यानि हिन्दुओं को अध्यात्म ज्ञान से परिचित करवाएगा। उस अद्वितीय सत्यज्ञान को सुन-समझकर व तब तक अज्ञान निंद्रा में गाढ़े सोये हिन्दु समाज को तत्वज्ञान की रोशनी से जगाएगा। फिर विश्व भर का मानव समाज हड़बड़ाकर जागेगा। उसके बताए तत्वज्ञान के अनुसार साधना करेगा। शायरन (तत्वदर्शी संत) के सानिध्य में उस भूतल की पवित्र भूमि (हिन्दुस्तान) पर स्वर्ण युग का अवतरण होगा, उसके पश्चात् वह पूरे विश्व में फैलेगा। उस विश्वनेता के शालीनता, विनम्रता, उदारता का रल-पेल बोलबाला होगा।
◆ नास्त्रेदमस जी ने कहा है कि मैं बड़े दुःख के साथ कह रहा हूँ कि प्रारम्भ में शायरन को ठीक से न समझकर उस पर राजद्रोह का केस लगा देंगे। उससे लोग नफरत करेंगे। फिर जानने के पश्चात् उससे बेहद प्रेम करेंगे। उसके सद्गुणों का बोलबाला होगा।
◆ नास्त्रेदमस ने कहा है कि निःसंदेह मेरी भविष्यवाणी का शब्दा-शब्द केवल उसी शायरन पर खरा उतरेगा। मेरी भविष्यवाणी को अन्य धर्मनेताओं तथा राजनेताओं पर तर्क-वितर्क करके देखेंगें, परंतु उसके अतिरिक्त कोई खरा नहीं उतरेगा।
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों का सटीक समर्थन अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने भी किया है।
✨ अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस की महत्त्वपूर्ण भविष्यवाणी
अमेरिका की विश्व विख्यात भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने अपनी भविष्यवाणियों में कई बार भारत का जिक्र किया है। ‘द फाल ऑफ सेंसेशनल कल्चर’ नामक अपनी पुस्तक में उन्होंने लिखा है कि सन् 2000 आते-आते प्राकृतिक संतुलन भयावह रूप से बिगड़ेगा। लोगों में आक्रोश की प्रबल भावना होगी। दुराचार पराकाष्ठा पर होगा। पश्चिमी देशों के विलासिता पूर्ण जीवन जीने वालों में निराशा, बेचैनी और अशांति होगी। अतृप्त अभिलाषाएं और जोर पकड़ेंगी, जिससे उनमें आपसी कटुता बढ़ेगी। चारों ओर हिंसा और बर्बरता का वातावरण होगा। ऐसा वातावरण होगा कि चारों ओर हाहाकार मच जाएगा। लेकिन भारत से उठने वाली एक नई विचारधारा इस घातक वातावरण को समाप्त कर देगी। वह विचारधारा वैज्ञानिक दृष्टि से सामंजस्य और भाईचारे का महत्व समझाएगी। वह यह भी समझाएगी कि धर्म और विज्ञान में आपस में कोई विरोध नहीं है। आध्यात्मिकता की उच्चता और भौतिकता का खोखलापन सबके सामने उजागर करेगी। मध्यमवर्ग उस विचारधारा से बहुत अधिक प्रभावित होगा। यह वर्ग समाज के सभी वर्गों को अच्छे समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करेगा। यह विचारधारा पूरे विश्व में चमत्कारी परिवर्तन लाएगी।
मुझे यह एहसास हो रहा है कि उस विचारधारा को जन्म देने वाला वह महान संत भारत में जन्म ले चुका है। उस संत के ओजस्वी व्यक्तित्व का प्रभाव सब को चमत्कृत करेगा। उसकी विचारधारा आध्यात्म के कम होते जा रहे प्रभाव को फिर से नई स्फूर्ति देगी। चारों ओर आध्यात्मिक वातावरण होगा। उस संत की विचारधारा से पूरा विश्व प्रभावित होगा और उनके चरण चिन्हों पर चलेगा। पश्चिमी देश के लोग उन्हें ईसा, मुसलमान उन्हें एक सच्चा रहनुमा और एशिया के लोग उन्हें भगवान का अवतार मानेंगे। फ्लोरेंस ने अपनी एक दूसरी पुस्तक ‘गोल्डन लाइट ऑफ न्यू एरा‘ में भी लिखा है:
“जब मैं ध्यान लगाती हूँ तो अक्सर एक संत को देखती हूँ जो गौर वर्ण का है, उसके सफेद बाल हैं, उसके मुख पर न दाढ़ी है, न मूंछ है। उस संत के ललाट पर गजब का तेज होता है। उनके ललाट पर आकाश से एक नक्षत्र के प्रकाश की किरणें निरंतर बरसती रहती हैं। मैं देखती हूं कि वह संत अपनी कल्याणकारी विचारधारा तथा अपने सत चरित्र प्रबल अनुयायियों की शक्ति से संपूर्ण विश्व में नए ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं।” वह संत अपनी शक्ति निरंतर बढ़ा रहे हैं। उनमें इतनी शक्ति है कि वह प्राकृतिक परिवर्तन भी कर सकते हैं। मैं उस पवित्र स्थान पर एक प्रचंड तपस्वी को देख रही हूँ। जिसका तेज बड़ी तेजी से फैल रहा है। मनुष्य में सोए देवत्व को जगाने तथा धरती को स्वर्ग जैसा बनाने के लिए वह संत दिन रात प्रयत्न कर रहे हैं। भविष्यवक्ता फ्लोरेंस बताती हैं कि मैं भविष्य के विषय में एक बहुत महत्वपूर्ण बात बता रही हूँ। 20वीं शताब्दी के अंत में भारतवर्ष से प्रकाश निकलेगा। यह प्रकाश पूरी दुनिया को उन दैवीय शक्तियों के विषय में जानकारी देगा जो अब तक हम सभी के लिए रहस्यमय बनी हुई हैं। एक दिव्य महापुरुष द्वारा यह प्रकाश पूरे विश्व में फैलेगा। वह सभी को सत मार्ग पर चलने की प्रेरणा देगा। समस्त दुनिया में एक नई सोच की ज्योति फैलेगी। जब मैं ध्यानावस्था में होती हूँ तो अक्सर यह दिव्य महापुरुष मुझे दिखाई देते हैं। फ्लोरेंस ने बार-बार इस संत या दिव्य महापुरुष का जिक्र किया है। साथ ही यह भी बताया है कि उत्तरी भारत वर्ष में एक पवित्र स्थान पर वह मौजूद हैं। उसका आध्यात्मिक ज्ञान सर्व को अचंभित करने वाला है।
✨ एक महापुरुष के विषय में जयगुरुदेव पंथ के श्री तुलसीदास जी की भविष्यवाणी
◆ जयगुरूदेव पंथ के संस्थापक श्री तुलसीदास जी ने सन् 1971 में जो प्रवचन किए थे, उन्हें उनके शिष्यों द्वारा पुस्तक "जय गुरूदेव की अमृतवाणी भाग-2" में संग्रह किया गया है। जिसके पृष्ठ 59 पर लिखा है कि महापुरूष का जन्म भारत के एक छोटे से गाँव में हो चुका है और वह व्यक्ति मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बनेगा। उसे जनता का इतना बड़ा समर्थन प्राप्त होगा कि आज तक किसी को नहीं मिला है। वह महापुरूष नए सिरे से विधान को बनाएगा और वह विश्व के सम्पूर्ण देशों पर लागू होगा। उसका एक झण्डा होगा। उसकी एक भाषा होगी। (शाकाहारी पत्रिका 28 अगस्त 1971)
◆ इसी पुस्तक में पृष्ठ 50 पर लिखा है कि वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं, 20 वर्ष का हो चुका है। यदि उसका पता बता दूँ तो लोग उसके पीछे पड़ जाऐंगे। अभी ऊपर से आदेश बताने के लिए नहीं हो रहा है। मैं समय का इंतजार कर रहा हूँ और सभी महात्माओं ने समय का इंतजार किया है। समय आते ही सबको सब कुछ मालूम हो जाएगा। (शाकाहारी पत्रिका 7 सितम्बर 1971 )
✨ भाई बाले वाली जन्म साखी में दिव्य शक्ति युक्त महापुरुष के लिए भविष्यवाणी
भाई बाले वाली जन्म साखी में पृष्ठ नं 305 पर भक्त प्रहलाद द्वारा की गई भविष्यवाणी में प्रमाण है कि नानक देव जी के सैंकड़ो वर्षो के बाद पंजाब की धरती पर जाट जाति में जन्मा सन्त, कबीर जी व नानक देव जी तरह ही दिव्य शक्ति युक्त होगा, उसका प्रचार क्षेत्र बरवाला होगा।
विश्व विजेता संत के लिए अन्य भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियाँ
✨ इंग्लैंड के ज्योतिषी ‘कीरो‘ ने सन् 1925 में लिखी पुस्तक में भविष्यवाणी की है, “बीसवीं सदी अर्थात् सन् 2000 ई. के उत्तरार्द्ध में (सन 1950 के पश्चात् उत्पन्न संत) ही विश्व में एक नई सभ्यता लाएगा जो संपूर्ण विश्व में फैल जाएगी। भारत का वह एक व्यक्ति सारे संसार में ज्ञानक्रांति ला देगा।”
✨ भविष्यवक्ता “श्री वेजीलेटिन” के अनुसार, “20 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में विश्व में आपसी प्रेम का अभाव, मानवता का ह्रास, माया संग्रह की दौड़, लूट व राजनेताओं का अन्यायी हो जाना, आदि बहुत से उत्पात देखने को मिलेगें। परन्तु भारत से उत्पन्न हुई शांति भ्रातृत्व भाव पर आधारित नई सभ्यता, संसार में, देश, प्रांत और जाति की सीमायें तोड़कर विश्वभर में अमन व चैन उत्पन्न करेगी।”
✨ अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता “जीन डिक्सन” के अनुसार, “20 वीं सदी के अंत से पहले विश्व में घोर हाहाकार तथा मानवता का संहार होगा। वैचारिक युद्ध के बाद आध्यात्मिकता पर आधारित एक नई सभ्यता सम्भवतः भारत के ग्रामीण परिवार के व्यक्ति के नेतृत्व में जन्म लेगी और संसार से युद्ध को सदा-सदा के लिए विदा कर देगी।”
✨ अमेरिका के “श्री एण्डरसन” के अनुसार, “20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में विश्व में असभ्यता का नंगा तांडव होगा। इस बीच भारत के एक देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा और एक झंडा की रूपरेखा का संविधान बनाकर संसार को सदाचार, उदारता, मानवीय सेवा व प्यार का सबक देगा। यह मसीहा सन् 1999 तक विश्व में आगे आने वाले हजारों वर्षों के लिए धर्म व सुख-शांति भर देगा।"
✨ हॉलैण्ड के भविष्यवक्ता “श्री गेरार्ड क्राइसे” के अनुसार, “20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरुष संपूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा। वह हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि को संसार से सदा के लिए मिटा देगा।”
✨ अमेरिका के भविष्यवक्ता “श्री चार्ल्स क्लार्क” के अनुसार, “20 वीं सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परंतु भारत की प्रतिष्ठा विशेषकर इसके धर्म और दर्शन से होगी जिसे पूरा विश्व अपना लेगा। यह धार्मिक क्रांति 21वीं सदी के प्रथम दशक में संपूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी और मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।”
✨ हंगरी की महिला ज्योतिषी “बोरिस्का” के अनुसार, “सन् 2000 ई. से पहले-पहले की परिस्थितियों, हत्या और लूटमार के बीच ही मानवीय सद्गुणों का विकास एक भारतीय फरिश्ते के द्वारा भौतिकवाद से सफल संघर्ष के फलस्वरूप होगा जो चिरस्थाई रहेगा, इस आध्यात्मिक व्यक्ति के बड़ी संख्या में छोटे छोटे लोग ही अनुयायी बनकर भौतिकवाद को आध्यात्मिकता में बदल देंगे।”
✨ फ्रांस के “डॉ. जुलर्वन” के अनुसार, “सन् 1990 के बाद यूरोपीय देश भारत की धार्मिक सभ्यता की ओर तेजी से झुकेंगे। सन् 2000 तक विश्व की आबादी 640 करोड़ के आस-पास होगी। भारत से उठी ज्ञान की धार्मिक क्रांति नास्तिकता का नाश करके आँधी, तूफान की तरह सम्पूर्ण विश्व को ढक लेगी। उस महान भारतीय आध्यात्मिक व्यक्ति के अनुयाई देखते-देखते एक संस्था के रूप में ‘आत्मशक्ति’ से सम्पूर्ण विश्व पर प्रभाव जमा लेंगे।”
✨ इजरायल के “प्रो. हरार” के अनुसार: “भारत देश का एक दिव्य महापुरुष मानवतावादी विचारों से सन् 2000 ई. से पहले-पहले आध्यात्मिक क्रांति की जड़ें मजबूत कर लेगा व सारे विश्व को उनके विचार सुनने को बाध्य होना पड़ेगा। भारत के अधिकतर राज्यों में राष्ट्रपति शासन होगा पर बाद में नेतृत्व धर्मनिष्ठ वीर लोगों पर होगा जो एक धार्मिक संगठन के आश्रित होंगे।”
✨ नार्वे के श्री “आनन्दाचार्य” की भविष्यवाणी के अनुसार: सन् 1998 के बाद एक शक्तिशाली धार्मिक संस्था भारत में प्रकाश में आयेगी, जिसके स्वामी एक गृहस्थ व्यक्ति की आचार संहिता का पालन सम्पूर्ण विश्व करेगा। धीरे-धीरे भारत औद्योगिक, धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व करेगा और उसका विज्ञान (आध्यात्मिक तत्वज्ञान) ही पूरे विश्व को मान्य होगा।”
आइये अब जानते हैं कि उस महापुरुष के बारे में जिसके विषय में विश्वप्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने भविष्यवाणियां की हैं। वे सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज पर खरी उतरती हैं। पाठकों को ज्ञात है कि संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 को पंजाब प्रांत के छोटे से गांव धनाना में हिंदू जाट किसान परिवार में हुआ था, जो एक नवंबर 1966 में पंजाब के हुए विभाजन के बाद हरियाणा प्रांत में आ गया। संत रामपाल जी की माता तीन बहनें थी जिनका नाम इन्द्रो देवी, लक्ष्मी देवी व रामप्यारी देवी है। उनकी चार संतान दो पुत्र (विरेन्द्र तथा मनोज) तथा दो पुत्री (अंजु बाला तथा मंजु बाला) हैं। सर्व विदित है 12 जुलाई 2006 में हुए करौंथा काण्ड के बाद संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में प्रकाश में आये थे। उस समय उनकी आयु 50-60 के मध्य यानि 55 वर्ष थी। साथ ही 2006 से वर्तमान तक संत रामपाल जी उपेक्षा के पात्र बने हैं। झूठी अफवाहों के शिकार हुए हैं। जनता नफरत करती है, परंतु जो बुद्धिजीवी उनके अद्वितीय अध्यात्म ज्ञान को ठीक सुन-समझ लेता है, वह संत शायरन रामपाल जी पर कुर्बान हो जाता है। उसके परिणामस्वरूप संत रामपाल जी के अनुयाई दिनों-दिन पूरे विश्व में बढ़ रहे हैं तथा 18 नवंबर 2014 को हुए बरवाला कांड में संत रामपाल जी पर बरवाला थाना (जिला-हिसार, प्रान्त - हरियाणा) में राष्ट्रद्रोह का झूठा मुकदमा नं. 428/2014 बनाया गया है। हम सभी जानते हैं कि संत रामपाल जी महाराज ने सर्व धर्मग्रंथों से प्रमाण सहित सृष्टि रचना में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, दुर्गा, ब्रह्म, परब्रह्म और पूर्णब्रह्म (परम अक्षर ब्रह्म) का भिन्न भिन्न भेद बताया, सर्व ब्रह्मांडो की सत्य जानकारी दी है तथा मोक्ष प्राप्ति के उन सांकेतिक मंत्रों की भी जानकारी दी और सर्व दैवीय शक्तियों का रहस्य उजागर किया, जिनकी जानकारी आज तक किसी को नहीं थी। उनके तत्वज्ञान से आज पूरे विश्व में आध्यात्मिक ज्ञान की क्रांति आई हुई है तथा उनके ज्ञान से चोरी, जारी (दुराचार), रिश्वतखोरी, जातीय व धार्मिक भेदभाव, सर्व नशा जड़ से समाप्त हो रहा है जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है। वहीं जयगुरुदेव पंथ के तुलसीदास जी की भविष्यवाणी के अनुसार 7 सितंबर 1971 को संत रामपाल जी महाराज पूरे 20 वर्ष के हुए थे। उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि नास्त्रेदमस, फ्लोरेंस, जयगुरुदेव पंथ समेत अन्य सभी भविष्यवक्ताओं के अनुसार वह महापुरुष, जगत का तारणहार कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान और विचारधारा से एक बार पुनः पूरा विश्व एक होगा, भारत पुनः सोने की चिड़िया बनेगा।
✴️उपसंहार:- इस तरह हमने पाया कि सभी भविष्यवक्ता भारत व उस भारतीय महापुरुष की ओर संकेत कर रहे हैं जिसके तत्वज्ञान से पूरा विश्व एक होगा, भारत विश्वगुरु बनेगा। इन भविष्यवाणियों के आधार से हमने तथाकथित महापुरुषों, संतों व आचार्यों को देखा और इन भविष्यवाणियों से उनकी तुलना की और उनमें एक ऐसा सन्त पाया जिस पर ये सभी भविष्यवाणियां खरी उतर रहीं थी। वह कोई ओर नहीं तत्कालीन पंजाब के छोटे से गाँव में जाट के घर अवतरित संत रामपाल जी महाराज जी हैं। कहते है हाथी का वस्त्र हाथी पर ही फिट हो सकता है बैल पर नहीं। अर्थात जिसके लिए भविष्यवाणी की गई हैं ये सभी भविष्यवाणी उसी महापुरुष पर फिट बैठ सकती है अन्य पर नहीं।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:- +91 8222880541