वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह
BBA विभाग में कार्यरत श्री बलवीत सिंह को जन्मदिन की बधाई।
S. Dadhwal कॉलेज के आईकार्ड पर आपने मुहर लगे हस्ताक्षर जरूरी देखे होंगे। इनका पूरा नाम है सतेंद्र डडवाल। आपक कॉलेज में चाहे किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट रहे हों। 100 फीसदी आपका वास्ता इनसे जरूर पड़ा हाेगा।
-कॉलेज के दूसरे बैच यानी 1975 के स्टूडेंट रहे। 1982 में नौकरी की शुरुआत इसी कॉलेज से और 2015 में यहीं से सेवानिवृत्त भी हुए।
-करियर के दौरान हरिपुर और सोलन में भी सेवाएं दीं। शिमला में राज्य पुस्तकालय के अध्यक्ष भी रहे।
-नौकरी की शुरुआत में लाइब्रेरी का जिम्मा संभालने के साथ ही अंग्रेजी भी पढाई। 2002 में जब कॉलेज में एमए की कक्षाएं शुरू हुई तब भी पीजी कक्षाओं को पढ़ाया।
-कॉलेज में हाेने वाले हर समारोह में मंच संचालक का जिम्मा भी संभाला।
आइए मिलते हैं सतेंद्र डढवाल जी से। उनसे बात की कॉलेज के पूर्व छात्र एवं पत्रकार सुनील राणा ने।
ये धरती छोड़ने के बाद भी मेरी आत्मा आपको देखती रहेगी
गोल्डन जुबली समारोह में पहुंचे फाउंडर प्रिंसिपल श्री बलबीर सिंह पठानिया
91 साल की आयु। 32 साल पहले सेवानिवृत्त, लेकिन आज भी घर के किसी बड़े बुजुर्ग की तरह कॉलेज की चिंता
जुलाई 1973 को स्थापना के समय पठानिया जी ने ही संभाला था कॉलेज के प्रिंसिपल का चार्ज
जुलाई 1991 में हुए थे सेवानिवृत्त
कॉलेज का गोल्डन जुबली समारोह
मुकेश पंडित दोस्तों और टीचर्स में जोनू के नाम से जाने जाते हैं। ढलियारा के रहने वाले हैं। जितने बेहतर हैंडबॉल और फुटबाल के खिलाड़ी रहे हैं उतना ही छात्र राजनीति में नाम कमाया। अच्छे व्यवहार और मिलनसार व्यक्तित्व का हो कमाल था की एससीए चुनाव में कुल पड़े वोटों में से 84 फीसदी इनके हिस्से में आए थे। मौजूदा समय में प्रतिष्ठित ठाकुर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ढलियारा में OSD हैं।
युट्यूबर गीतांजलि शर्मा मूल रूप से चिंतपूर्णी के नजदीकी गांव समनोली से हैं। काफी साल से मुंबई में सेटल हैं। उनके चैनल पर समाज को जागरूक करते प्रसारित होते संदेश उन्हें अलग मुकाम पर खड़ा करते हैं। साल में एक आध बार हिमाचल आना होता है, लेकिन इतना पक्का है कि दिल आज भी पूरी तरह पहाड़ी है। आइए इस बधाई संदेश में सुनते हैं कॉलेज का प्रति उनके भाव।
शिक्षाविद उदय पंडित 2004 में कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं। Nehran Pukhar के नजदीकी गांव बढ़हूं के मूल निवासी उदय 2005 में कॉलेज से बीएससी पास हैं। वह 10 साल से ज्यादा समय से शिक्षा जगत से जुड़े हैं।
संदीप चौहान 2003 में कॉलेज एससीए के अध्यक्ष रहे हैं। फुटबॉल में एचपीयू शिमला का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके संदीप दोस्तों में शिंका के नाम से भी जाने जाते रहे। वह हैंडबाल के भी बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। शिक्षक के रूप में करियर शुरू करने वाले संदीप अब फार्मा उद्योग में बड़ा नाम कमा चुके हैं। कॉलेज की गोल्डन जुबली पर सुनते हैं उनका बधाई संदेश।