Rohit duklan UK

Rohit duklan UK कूड़े से खाना बीनते बच्चे जब तक दिखते रहेंगे
हकीकत को सिर्फ और सिर्फ हकीकत लिखते रहेंगे
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know for small poem or photo caption releted to uttrakhandi culture , Rohit duklan 8368680281

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20/12/2024

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2020 तक सब कुछ ठीक था, फिर पति को केंसर हुआ, अब 19को बुरी खबर आ गयी, अतुल सुभाष के केस से शादी को लेकर बने डर पर ये खबर ...
20/12/2024

2020 तक सब कुछ ठीक था, फिर पति को केंसर हुआ, अब 19को बुरी खबर आ गयी, अतुल सुभाष के केस से शादी को लेकर बने डर पर ये खबर बहुत कुछ सिखाती है, तस्बीर मे दिख रही लड़की की अरेंज मैरिज हुयी थी, शादी को 3 4 साल ही हुये थे की विवेक को केंसर हो गया, पर लड़की ने विवेक का साथ नहीं छोड़ा, दिन रात उसके साथ रही, उसके इलाज के लिये डोनेशन लिया यहाँ तक विवेक के बाल गये तो खुद के बाल भी काट दिये, दिन रात अपने पति की सेवा मे लगी रही, इस 19को विवेक के ना रहने की खबर आयी, ये बहुत दुःखद है, पर भाग्य से कौन जीत पाया है, समाज मे हर तरह के लोग है, अच्छे भी बुरे भी, बस किस्मत अपनी है, किसको कैसा जीवन साथी मिले 🥹

कक्षा 12th मे अतरिक्त विषय के रूप मे उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों मे पढ़ाई जायेगी नेपाली, नेपाली  भाषा के शिक्षको की जल्द ...
18/12/2024

कक्षा 12th मे अतरिक्त विषय के रूप मे उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों मे पढ़ाई जायेगी नेपाली, नेपाली भाषा के शिक्षको की जल्द होंगी भर्ती, अब सचिवालय के 80% अधिकारीयो मे ख़ुशी की लहर है उन्हें उम्मीद है की जल्द उनकी भाषा भोजपुरी भी उत्तराखंड मे पढ़ाई जायेगी, गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी सिर्फ जगरी जागर मे गायेंगे, उनके पोते ढोल बजाने को पढ़ेगे, और लोग उनका छुवा पानी तक पीने से परेज करेंगे, बाकि नेपाल ससुराल वालों को मंत्री, प्रदेश मुखिया बनाओ, स्कूल मे नेपाली भोजपुरी पढ़ाओ,

शिव संग नंदी महाराज 🥰 श्री केदारनाथ धाम से आयी एक तस्बीर जिस से मन गद गद हो गया 🥰
15/12/2024

शिव संग नंदी महाराज 🥰 श्री केदारनाथ धाम से आयी एक तस्बीर जिस से मन गद गद हो गया 🥰

पति के न रहने के बाद थामा स्टीयरिंग और अब चलाती है हेवी ट्रक पहाड़ों पर, यह नीलकमल हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है जो पिछल...
15/12/2024

पति के न रहने के बाद थामा स्टीयरिंग और अब चलाती है हेवी ट्रक पहाड़ों पर, यह नीलकमल हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है जो पिछले 10 साल से हेवी ट्रक चलाती है पति की मौत के बाद कोई सहारा नहीं था तो मजबूरी में ट्रक का स्टीयरिंग पकड़ा और अब हिमाचल प्रदेश में ट्रक चलाती है और कहती है कि महिलाएं भी हर काम कर सकती हैं नीलकमल को हमारी तरफ से शुभकामनाएं हिमाचल प्रदेश की बेटियां खूब आगे बढ़ रही हैं और कई सारी ड्राइवर बनी हुई हैं जो पहाड़ों के खतरनाक रास्तों पर ट्रक चलाती हैं।

"After her husband's passing, Neelkamal from Himachal Pradesh took charge of steering a heavy truck through the treacher...
15/12/2024

"After her husband's passing, Neelkamal from Himachal Pradesh took charge of steering a heavy truck through the treacherous mountain roads. With no support system after her husband's demise, she was forced to take the wheel. For the past 10 years, Neelkamal has been driving heavy trucks, inspiring other women to believe in themselves. She's a testament to the fact that women can accomplish anything. We wish Neelkamal all the best. The daughters of Himachal Pradesh are making tremendous progress, and many have become truck drivers, navigating the perilous mountain roads."

पहाड़ी और पहाड़
14/12/2024

पहाड़ी और पहाड़

Childhood memories of pahadi bachapan 😁
14/12/2024

Childhood memories of pahadi bachapan 😁

"アンブロジア" (アンブロジア)।
13/12/2024

"アンブロジア" (アンブロジア)।

एक सुखद जीवन जीने के लिये, सबसे जरुरी है शांति
13/12/2024

एक सुखद जीवन जीने के लिये, सबसे जरुरी है शांति

The Char Dham is a set of four sacred Hindu sites in India1.   : Located in Uttarakhand, it's dedicated to Lord Vishnu.2...
12/12/2024

The Char Dham is a set of four sacred Hindu sites in India
1. : Located in Uttarakhand, it's dedicated to Lord Vishnu.
2. : Located in Gujarat, it's dedicated to Lord Krishna.
3. : Located in Odisha, it's dedicated to Lord Jagannath (Lord Krishna).
4. : Located in Tamil Nadu, it's dedicated to Lord Shiva.

लफ्जो के मायने समझ कर आखिर हमको क्या मिल जाएगाबेजुबानों की खामोशी समझ पगले,जितनी उम्मीद रखता है,स्नेह उस से ज्यादा ही पा...
12/12/2024

लफ्जो के मायने समझ कर
आखिर हमको क्या मिल जाएगा
बेजुबानों की खामोशी समझ पगले,
जितनी उम्मीद रखता है,स्नेह उस से ज्यादा ही पायेगा 😊

12/12/2024

"This ATM is closed permanently" the Last words of Atul Subhash

10 फर्जी केस लगे, 40हज़ार महीना दे रहा था, "तू रहा तो तू देगा, नहीं रहा तो तेरा बाप देगा" कुछ यही शब्द अपने अंतिम वीडियो ...
11/12/2024

10 फर्जी केस लगे, 40हज़ार महीना दे रहा था, "तू रहा तो तू देगा, नहीं रहा तो तेरा बाप देगा"
कुछ यही शब्द अपने अंतिम वीडियो मै अतुल सुभाष ने कहे, पेसे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने " this ATM is closed " लिख कर जीवन ख़त्म कर दिया, अतुल सुबह बिहार के रहने वाले थे, बैगलोर मे सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, साल 2019 मे शादी.कॉम से अपना जीवन साथी चुना था, लड़की MBA पास थी HR डिपार्टमेंट मे कार्यरत थी, सब कुछ ठीक चल था, उनका एक बेटा भी हुआ, पर फिर लोकडाउन लग गया, पत्नी की जॉब चली गयी, अब वो घर पर रहने लगी, लड़की ने पहले 3लाख मांगे अतुल ने दिये, फिर 15लाख मांगे उसने वो भी दिये, फिर 50लाख की मांग की जिसके लिये अतुल ने मना किया, और लड़की ससुराल छोड़ बच्चे को लेकर मायके चली गयी, अतुल ने जब अपने पेसे वापस मांगे तो बात बढ़ने लगी और बात तलाक तक आने लगी, फिर अतुल पे अलग अलग 9 केस ठोक दिये गये, फैमली कोर्ट की जज तक मिली हुयी थी जिसपे 5लाख घूस मांगने के आरोप है, कोर्ट ने अतुल से कहा आपको 40000 महीना अपनी बीवी को देना है, अतुल दे रहा था, पर 2021 से उसको उसके बेटे से बात नहीं करने दी गयी, फिर उससे 1लाख महीना और केस बंद करने के लिये पहले 1करोड़ फिर 3करोड़ की मांग होने लगी, mumy पापा भाई पर मर्डर के केस लगाये गये, थक हार कर अतुल ने अलविदा कह दिया, 90min का वीडियो आने के बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुयी, देश को पुरुष आयोग की जरूरत है,

माता अनसुया मेला 14 व 15 दिसम्बर मे आप सबका स्वागत है    #अनसुया
11/12/2024

माता अनसुया मेला 14 व 15 दिसम्बर मे आप सबका स्वागत है
#अनसुया

जब फ़िल्म पायर   को एक ऐसी हीरोइन मिलीं जिन्हें वैनिटी वैन की नहीं बल्कि भैंस के चारे की चिंता थी इसे पढ़ना शुरू करेंगे ...
11/12/2024

जब फ़िल्म पायर को एक ऐसी हीरोइन मिलीं जिन्हें वैनिटी वैन की नहीं बल्कि भैंस के चारे की चिंता थी

इसे पढ़ना शुरू करेंगे तो अंत तक पढ़ते चले जाएँगे

पैंसठ पार की हीरा देवी विनोद कापड़ी की नई फिल्म ‘पायर’ की हीरोइन हैं. उत्तराखण्ड के सुदूर कस्बे बेरीनाग से कोई दस किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव गढ़तिर की रहने वाली हीरा देवी ने फिल्म के लिए चुने जाने से पहले अपना ज़्यादातर जीवन पहाड़ की अधिकतर निर्धन महिलाओं की तरह अपने परिवार और मवेशियों की देखरेख करते हुए बिताया था. सिनेमा और कैमरा छोड़िये, बड़ी स्क्रीन वाले फोन भी उनके लिए किसी दूसरे संसार की चीजें थीं.

दो बेटों और एक बेटी की शादी-परिवार वगैरह निबटा चुकीं हीरा देवी कुछ वर्ष पहले पति के न रहने के बाद से एकाकी जीवन बिता रही थीं जब नज़दीक के ही गाँव उखड़ से वास्ता रखने वाले पत्रकार-फिल्म निर्देशक विनोद कापड़ी ने उनके जीवन में दस्तक दी और अपनी फिल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया.

घर में अकेली हीरा देवी का साथ देने को एक पालतू भैंस थी जो इत्तफाक से उन्हीं दिनों ब्याई थी. सो सारी दिनचर्या भैंस और उसके नवजात के लिए घास वगैरह का इतंजाम करने के इर्दगिर्द घूमा करती. जब फिल्म में काम करने की बात चली तो पहला सरोकार भी वही था. दूसरी चिंता यह हुई कि अड़ोसी-पड़ोसी क्या कहेंगे. कुछ परिचितों ने उन्हें चेताया भी कि पिक्चर वालों का कोई भरोसा नहीं होता, कब कौन सी चीज की फिल्म खींच लें!

बहरहाल सारी परेशानियों का तोड़ निकाला गया और शूटिंग शुरू हो गई. हीरादेवी का घर मुख्य लोकेशन से कोई 6 किलोमीटर दूर था. शूटिंग सुबह साढ़े छः पर शुरू होती और अक्सर रात के आठ बजे तक चलती. प्रोडक्शन वाले हीरादेवी को वैसी ही इज्जत बख्शते जैसी बॉलीवुड की किसी ऐक्ट्रेस को मिलती होगी. उन्हें अभिनय सिखाने के लिए Anoop Trevedi बाकायदा प्रशिक्षक के तौर पर तैनात थे. हर रोज़ लाने-छोड़ने जाने को एक गाड़ी हमेशा खड़ी रहती. वे तड़के उठकर ही जंगल जाकर गाड़ी के आने से पहले भैंस के लिए दिन भर की घास की व्यवस्था कर लेतीं.

शूटिंग का एक बेहद दिलचस्प वाकया है.

एक सीन में उन्हें घास का गठ्ठर उठाए नायक के साथ कहीं जाते हुए दिखाया जाना था. सुबह का सीन था. हीरा देवी के आने से पहले ही प्रोडक्शन की टीम ने कहीं से एक गट्ठर घास का इंतजाम किया हुआ था. सेट पर पहुँचते ही हीरा देवी की निगाह सबसे पहले उसी पर पड़ी. उनकी आँखों में चमक आई.

सीन शुरू हुआ लेकिन उस दिन हीरादेवी के अभिनय में कोई जान नहीं आ रही थी. उनकी निगाह बार-बार उसी गट्ठर की तरफ चली जाती. डायरेक्टर झुंझलाने लगता उसके पहले ही सीन रुकवा कर उन्होंने विनोद से पूछा –

“इस घास का क्या करोगे?”

“यहीं फेंक देंगे. और क्या!”

उनके मन में टीस जैसी उठी. उन्होंने देर तक विनोद से बात की और यह बात सुनिश्चित करवाई कि शूटिंग ख़त्म होने पर फेंकने के बजाय घास उन्हें घर ले जाने को दे दी जाएगी. इस निश्छलता से अन्दर तक भीग गए विनोद ने प्रोडक्शन टीम को एक और गट्ठर की व्यवस्था कर लाने को कहा. उसके बाद सब कुछ अच्छी तरह हुआ.

उस शाम घर जाते हुए उनकी जीप में दो गट्ठर घास भी भरी हुई थी. हीरादेवी के चेहरे पर उस दिन कैसा संतोष रहा होगा इसकी कल्पना वही कर सकता है जिसने हर सुबह जान की बाजी लगाकर चारे-लकड़ी की खोज में पहाड़ की महिलाओं को बाघों से भरे जंगलों में जाते हुए देखा है.

एक रेस्टोरेंट मे लगा पेम्पलेट, छोटा प्रयास बडा संदेश उत्तराखंड
10/12/2024

एक रेस्टोरेंट मे लगा पेम्पलेट, छोटा प्रयास बडा संदेश
उत्तराखंड

एक समय एक साथ खाते पीते रहते थे, विनोद कामली और सचिन तेंदुलकर, और आज एक साथ बैठने मे परेज है, क्या कारण होगा?
08/12/2024

एक समय एक साथ खाते पीते रहते थे, विनोद कामली और सचिन तेंदुलकर, और आज एक साथ बैठने मे परेज है, क्या कारण होगा?

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