देवभूमि उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड अपनी उत्तराखण्ड़ की रीती , रिवाजो और संस्कृति को सजोए रखने का प्रयास
(5)

14/12/2024

अक्सर लड़कों की हैसियत दो शब्दों में तौल दी
जाती है।
कमाता कितना है ??
🙏🏻🙏🏻🙏🏻

बन्द तो होने ही है पलायन के कारण
14/12/2024

बन्द तो होने ही है पलायन के कारण

ये तो होना ही है जब पहाड़ के लड़कियों  और उनके परिजनों के दिमाग सातवे आसमान में हो और सिर्फ पैसा दिखता हो
14/12/2024

ये तो होना ही है जब पहाड़ के लड़कियों और उनके परिजनों के दिमाग सातवे आसमान में हो और सिर्फ पैसा दिखता हो

नगर पालिकाओं में सामान्य निर्वाचन, 2024 हेतु अध्यक्ष के पदों का आरक्षण एवं आवंटन की अंतिम अधिसूचना जारी
14/12/2024

नगर पालिकाओं में सामान्य निर्वाचन, 2024 हेतु अध्यक्ष के पदों का आरक्षण एवं आवंटन की अंतिम अधिसूचना जारी

नगर निगमों में सामान्य निर्वाचन, 2024 हेतु नगर प्रमुख के पदों का आरक्षण एवं आवंटन की अंतिम अधिसूचना जारी
14/12/2024

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अभी मैंने अतुल सुभाष जी का पूरा वीडियो देखा। कुछ बातें बिंदुवार रखना चाहता हूं। 1. अतुल जी ने पूरी वीडियो में अपनी सास ,...
14/12/2024

अभी मैंने अतुल सुभाष जी का पूरा वीडियो देखा।

कुछ बातें बिंदुवार रखना चाहता हूं।

1. अतुल जी ने पूरी वीडियो में अपनी सास , ससुर, साले, उसके ताऊ को एक भी अपशब्द नहीं बोले।
2. पूरे वीडियो में अतुल जी के मुंह से " मेरी पत्नी " शब्द ही निकला जबकि वह उसके कुकर्मों की सजा भुगत रहे थे और खुद को मुक्त कर लिया।
3. न्याय के लिए पूरी शिद्दत से लड़ने के बाद जब व्यवस्था को खुद के विरुद्ध पाया तब निराशा में हार मान ली।
4. अतुल जी के ससुराल वालों ने कमाऊ दामाद को दुहने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
5. इस पूरे प्रकरण में मुख्य समस्या लड़के और लड़की के परिवार के संस्कार और संस्कृति का बेमेल होना है। पूरी दुनिया में संस्कार और संस्कृति स्कूलों में नहीं सिखाई जाती। यह आती है मूलतः परिवार , परिवेश और समाज से। लड़का भारतीय मूल्यों से पूर्ण था और लड़की woke संस्कृति और धन प्रधान संस्कारों से प्रभावित थी।
6. इस प्रकरण से यह सिद्ध होता है कि उच्च शिक्षा उच्च चरित्र को निर्मित नहीं कर सकती।
7. न्याय पालिका का भ्रष्टाचार जगजाहिर है। वकील विवादों को सुलझाने की जगह उनको लंबा खींचते है ताकि उनकी कमाई होती रहे, न्यायधीश न्याय से ऊपर अपने निहित स्वार्थों को वरीयता देते हैं।
8. पुरुष ही दोषी होगा और स्त्री पूजनीय है ऐसी मान्यता ने समाज को एक वास्तविक समस्या को सुलझाने से रोका हुआ है।
9. स्त्री का सशक्तिकरण उसे परिवार नाम की संस्था को पोषित करना सिखाता है या उस परिवार को नष्ट कर देना यह स्त्री की मान्यताओं पर निर्भर करता है। यदि वह नियंत्रणवादी है तब परिवार की तबाही लगभग निश्चित है।
10. अनजान लोगों से रिश्ता जोड़ना बहुत ही जोखिम भरा कदम है।

सीख :

1. अपने बच्चों को woke संस्कृति से बचाएं। उनके पश्चिमी woke संस्कृति के अनुसरण पर गौरवान्वित होकर उनको प्रोत्साहन न दें।
2. विवाह एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय होता है। आप एक ऐसे व्यक्ति के साथ एक कमरा, एक रसोई, एक बिस्तर, पूरा जीवन साथ गुजारने का निर्णय लेते है जो आपके बच्चों का माता या पिता बनेंगे। प्रयास करें कि अच्छी संस्कृति और संस्कार वाले परिवार की पूरी परख करने के बाद ही उस परिवार से लड़का या लड़की को अपना जीवन साथी बनाएं।
3. अपने मन से यह अवधारणा निकाल दें कि उच्च शिक्षा प्राप्त लड़का या लड़की चरित्रवान, संस्कारवान और अच्छी संस्कृति का पालन करने वाले होंगे। हमारी शिक्षा पद्धति का इनसे कोई विशेष संबंध नहीं है।
4. धन को केंद्र बिंदु बनाकर सामने वाले व्यक्ति के साथ व्यवहार करने वाले परिवार से संबंध जोड़ने से बचना चाहिए।
5. अमीर लोग बुरे होते हैं या गरीब लोग अच्छे होते हैं यह कोई निश्चित पैमाना नहीं है और ना ही इसका विपरीत सत्य है। किसी व्यक्ति की अच्छाई और बुराई उसके परिवार और परिवेश पर निर्भर करती है। कोई व्यक्तिगत रूप से कितना भी घटिया क्यों न हो परंतु यदि वह अच्छे संस्कृत और उच्च संस्कृति वाले परिवार से है तब उसमें उसका कुछ अंश अवश्य बचा रहेगा।
6. किसी से सिर्फ इस बात पर विवाह करने से बचें कि वह आकर्षक है, सुंदर है, आपको पसंद है या आप उसको पाना चाहते हैं। यह एक भयानक मान्यता है कि जो आपको पसंद है वह अच्छा ही होगा, वास्तव में जो व्यक्ति हमको प्रिय होता है उसके दुर्गुणों को हम नजरअंदाज कर देते है या खुदको समझा लेते हैं कि अपने साथी को हम सुधार लेंगे या अपने अनुकूल रूपांतरित कर लेंगे। ऐसा नहीं होता है, व्यक्ति अपने स्वभाव, संस्कार, संस्कृति और मान्यताओं से बंधा हुआ होता है और वह मृत्यु के साथ ही जाते हैं।
7. जीवन साथी का चुनाव करने से पहले उसकी आवश्यकता को समझना आवश्यक है कि आप विवाह करने क्यों जा रहे हैं। आपका विवाह के पीछे उद्देश्य क्या है। हिंदू समाज में विवाह एक संस्कार है जो संतति के उद्देश्य से किया जाता है। यानी इस संसार में अगली पीढ़ी के बच्चों को जन्म देने हेतु। आप एक परिवार का सृजन करने जा रहे होते हैं। परिवार नाम की संस्था को एक इकाई के रूप में देखना चाहिए जहां माता और पिता उत्पादक हैं और उनके बच्चे उनका उत्पाद। एक अच्छे माता और पिता मिलकर एक बेहतर उत्पाद को इस समाज में ला सकते हैं। अपने जीवन साथी को एक बिजनेस पार्टनर की तरह देखना चाहिए। आपका बिजनेस पार्टनर सिर्फ आपको पसंद है, आपका उसपे दिल आ गया है, आप उसके स्नेह से आकर्षित है क्या बस यह योग्यता उसे आपका पार्टनर बनाने हेतु पर्याप्त है या फिर वह अपने साथ विशेष उद्देश्य के लिए निर्मित संस्था और उसके उत्पाद को निर्मित करने में कितना कौशल, कितनी योग्यता, कितना प्रशिक्षण प्राप्त है यह आवश्यक है।

आपका जीवन साथी आपके जीवन में, आपके परिवार में क्या मूल्य लेकर आ रहा है यह निश्चित करना आवश्यक है। बड़े स्तर पर यह चूक हो रही है।

लोग लड़की की सुंदरता, लड़के की कमाई और शिक्षा को देखकर रिश्ता जोड़ लेते हैं। यह शैली परिवार और बच्चों के चरित्र, संस्कार और संस्कृति के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है।

विवाह करें तो यह निश्चित करें कि आपका साथी आपके जीवन में ऐसा क्या लेकर आ रहा है जो आपके पास नहीं है ताकि दोनों मिलकर बेहतरीन बच्चों को तैयार कर सकें।

विवाह के लिए सुंदर पत्नी की जगह एक सुयोग्य माता के गुणों वाली कन्या का चुनाव करें।

पुरुष के लिए विवाह का मतलब responsibility और स्त्री के लिए विवाह का मतलब opportunity नहीं होना चाहिए।

विवाह के लिए पहले परिवार की परख करें, फिर लड़के या लड़की की परख करें। अनजान परिवार से संबंध जोड़ने से जितना बच सकते हैं बचें।

घटते हुए सामाजिक दायरे, घर से दूर नौकरी है व्यापार ने शादी ब्याह को बेहद कठिन बना दिया है।

या लड़का किसी लड़की पर दिल हार बैठता है या फिर परिवार किसी वेबसाइट से लड़की को सामूहिक रूप से पसंद कर लेता है। दोनों ही जगह सिर्फ पसंद आधारित निर्णय हो जाते है ।

ऊपर से दहेज और लड़के की कमाई देखना कोढ़ में खाज जैसी स्थिति बना देता है।

नई पीढ़ी को बर्बाद होने से बचाना है तो शादी करने की तमीज सीख लें।

13/12/2024

 #पड़ा_लिखा_गवार_समाजकल पूरे दिन ट्विटर पर अतुल सुभाष का नाम ट्रेंड करता रहा। बैंगलोर अतुल सुभाष जो महिंद्रा ऑटो में ai ...
12/12/2024

#पड़ा_लिखा_गवार_समाज
कल पूरे दिन ट्विटर पर अतुल सुभाष का नाम ट्रेंड करता रहा।
बैंगलोर अतुल सुभाष जो महिंद्रा ऑटो में ai इंजीनियर के रूप में काम करते थे ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर और 90 मिनिट का डिटेल्ड वीडियो बनाकर कई हफ्तों की तैयारी के बाद सुसाइड कमिट कर लिया।
अतुल की शादी जौनपुर निवासी सिंघानिया से हुई थी जो स्वयं एसेंचर में जॉब करती थी।
शादी में अनबन हुई..
पत्नी ने घर छोड़ा..
अतुल पर दहेज का केस ठोक दिया .. उसके परिवार वालों को भी इसमें लपेट लिया..

अतुल रहते थे बंगलौर..
केस चल रहा था जौनपुर..अतुल अपने सुसाइड नोट में लिखते हैं कि
पिछले 24 महीने में उन्हें 120 बार मुकदमे की तारीखों पर उपस्थित होने के लिए जौनपुर जाना पड़ा..
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से पेश होने की अर्जी लगाई गई.. जो पेंडिंग ही रही..
कोर्ट के आदेश से 40 हजार रुपए महीना वे अपनी उस पत्नी को देते थे जो स्वयं एक mnc में जॉब कर रही थी..और ये उस 4 साल के बच्चे की परवरिश के लिए था जिसकी शक्ल पिछले तीन साल से अतुल ने देखी भी नहीं थी..
उनकी पत्नी के इस धनराशि को बढ़ाकर 1 लाख करने की अर्जी कोर्ट में डाली हुई थी ..साथ ही तीन करोड़ रुपए की राशि केस को निबटाने के लिए ऑफिशियल मांगी गई थी।
अतुल कोर्ट की एक बहस का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि कोर्ट में उन्होंने जज साहिबा से कहा कि ncrb के डेटा के अनुसार फर्जी दहेज मुकदमों की वजह से हर वर्ष इतना आदमी आत्महत्या कर लेता है तो उनकी पत्नी ने कहा कि " तुम भी क्यों नहीं कर लेते"

इस पर जज साहिबा हंसी और उनकी पत्नी को बाहर जाने को बोल दिया।

अतुल आगे लिखते हैं कि अपने ही शत्रुओं को खुद से हर महीने पैसे देना ये जानते हुए भी कि वह पैसा वो मेरे ही खिलाफ कानूनी लड़ाई को फ्यूल करने में use करेंगे..मुझसे अब और नहीं हो सकता..

और वे तैयारी करते हैं..
मरने की तैयारी..

वे एक प्रॉपर चेक लिस्ट बनाते हैं ..
कौन कौन से डॉक्यूमेंट साइन करने हैं..
101 बार नमः शिवाय का जप करना है..
स्नान करना है..
खिड़कियां खोल देनी हैं..
दरवाजा बंद कर लेना है..
राष्ट्रपति को चिट्ठी भेजने है..
इन इन लोग को मेल करना है..
अलग अलग फोल्डर बनाकर गूगल ड्राइव पर सब कुछ अपलोड करना है..
उसका लिंक शेयर करना है..
वीडियो बनाना है और अपलोड करना है..
एक कविता लिखते हैं..
और फिर चेकलिस्ट का काम पूरा होने लगता है..

फिर सब खत्म..

मुझे नहीं लगता कि इससे ज्यादा प्रिपरेशन के साथ कोई आज तक आत्महत्या किया होगा।

दहेज कानून ने जजों, वकीलों और पुलिस का एक ऐसा भ्रष्ट गठजोड़ तैयार कर दिया है जिसके चंगुल में आते ही पुरुष पूरी तरह टूट जाता है।

अपने ऊपर दायर हुए 9 फर्जी मुकदमों से लड़ते हुए अतुल सुभाष चले गए..
कुछ दिन ज़िक्र होगा..
फिर शांति हो जाएगी..
फिर दहेज कानून से जूझता हुआ कोई पुरुष फंदे पर लटक जाएगा ..
तब शायद कोई जिक्र भी न होगा..

दहेज कानून इतना विसंगतियों से भरा हुआ है कि एक महिला को सिर्फ वकील के पास जाने भर की ही देर है..पुरुष और उसके पूरी परिवार का जीवन बर्बाद होना तय है।

साभार

© Ajit Singh जी के फीड से
मध्यमवर्गीय परिवार के पुरुषों के लिए विवाह एक ज़बरदस्ती वसूली वाली प्रक्रिया हो गयी है। अतुल सुभाष जैसे सुलझे व्यक्तियों के लिए जब ये अंत था, तो सोचो ऐसे कई कमजोर दिल वाले हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं। स्त्रियों ने महिला सशक्तिकरण के ढोंग में पुरुषों को कंगाल एवम उपयोग किया है

 #अष्टचिरंजीवी
11/12/2024

#अष्टचिरंजीवी

सौल का काटा
10/12/2024

सौल का काटा

🌱 #तुलसी सर्दियाँ शुरू होते ही आपकी तुलसी के आस पास बहुत सारे पौधे निकल गए होंगे या किसी से मिल जाएंगे क्योंकि इन्ही दिन...
10/12/2024

🌱 #तुलसी
सर्दियाँ शुरू होते ही आपकी तुलसी के आस पास बहुत सारे पौधे निकल गए होंगे या किसी से मिल जाएंगे क्योंकि इन्ही दिनों तुलसी की जर्मीनेशन होती है अत्यधिक
तो अपने घर,बगिया में लगाइए तुलसी जी

तुलसी का पौधा लगाने के लिए, इन बातों का ध्यान रखें:
गमले का आकार मध्यम या बड़ा होना चाहिए
मिट्टी में 50% कोको-पीट और 50% वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद KhadNath मिलाएं और गमले में भर दें.
अगर आप पौधे को एक गमले से दूसरे गमले में लगा रहे हैं तो पहले गमले में सूखी मिट्टी डालें फिर तुलसी का पौधा जड़ से लगाएं और फिर खाद वाली मिट्टी डालें.
गमले के लिए मिट्टी के गमले का चुनाव करें जिससे पानी इकट्ठा न हो. सीमेंट या प्लास्टिक के गमले न चुनें, क्योंकि इनमें पौधे को ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते और वह जल्दी मुरझा जाता है.

तुलसी का पौधा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. तुलसी का पौधा कभी भी साउथ या साउथ वेस्ट दिशा में न रखें.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गुरुवार और शुक्रवार का दिन तुलसी का पौधा लगाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है चैत्र माह के गुरुवार या शुक्रवार को तुलसी का पौधा लगाया जाए तो यह और भी शुभ माना जाता है अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो शनिवार के दिन तुलसी का पौधा घर में लगाएं. शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह लगभग 11 बजे से 12 बजे के आस-पास में तुलसी का पौधा लगाना लाभकारी होता है.

तुलसी को हरा-भरा रखने के लिए गोबर को सुखाने के बाद उसका चूरा बना लें और फिर उसे पौधे में डालें. नीम की पत्तियों को सुखाकर उसका पाउडर बना लें और उसे तुलसी के पौधे में डालें. तुलसी के पौधे में समय-समय पर नीम के पानी का छिड़काव करें. तुलसी हरी-भरी रहे इसके लिए उसमें हल्दी का पानी डालें

अगर आप चाहते हैं कि आपका तुलसी का पौधा साल के 12 महीनों हरा-भरा बना रहे, तो इसके लिए हमेशा म‍िट्टी के गमलों का चुनाव करें, जिससे गमले में पानी इकट्ठा नहीं होता। पौधे को धूप व हवा बराबर मिलती रहती है। वहीं अगर आपने सीमेंट का गमला चुना तो पूरे चांसेज हैं प्लांट के सूखने के। इसके अलावा प्लास्टिक के गमले भी न ही चुनें तो बेहतर। इससे भी पौधे को जरूरी पोषक तत्‍व नहीं म‍िल पाते जिससे वो जल्दी मुरझा जाता है।

पानी का रखें ख्याल

गमले की मिट्टी अगर थोड़ी गीली है तो उसमें जबरदस्ती का पानी न डालें। गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में पौधों को कम पानी
डालें

इन बातों का रखें खास ध्यान दो तीन महीने में एक बार तुलसी के पौधे की ट्रीमिंग करते रहें।
तुलसी के पौधों से मंजर काट कर अलग करते रहें, पौधे घने होंगे
तुलसी के पौधे पर लगी मंजरी को तुलसी माता के सिर का भार माना जाता है। ऐसे में तोड़कर हटा देना ही शुभ होता है।

गमला बदलें तो इसके पौधे की जड़ को सावधानी से रिप्लेस करें।

तुलसी के पत्तों में छेद नजर आ रहे हों तो इसका मतलब उसमें कीड़े लग रहे है तोइसके लिए पानी और एक चम्मच साबुन डालकर पेस्ट कंट्रोलकरें।

तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।

अर्थात
तुलसी को कभी पेड़ ना समझें गाय को पशु ना समझे और गुरू को कभी साधारण मनुष्य ना समझे
क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैं🙏

कहा जा रहा है सरकारी तंत्र ?? UKSSSC के स्टेनोग्राफर में पुछा गया सवाल । #देवभूमि_उत्तराखंड  #उत्तराखंड
10/12/2024

कहा जा रहा है सरकारी तंत्र ??
UKSSSC के स्टेनोग्राफर में पुछा गया सवाल ।
#देवभूमि_उत्तराखंड #उत्तराखंड

खलिया टॉप ट्रेक रोमांच प्रेमियों के लिए सबसे अच्छी जगह है, ऊपरी खलिया-मुनस्यारी शहर, तहसील और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ क्ष...
09/12/2024

खलिया टॉप ट्रेक रोमांच प्रेमियों के लिए सबसे अच्छी जगह है, ऊपरी खलिया-मुनस्यारी शहर, तहसील और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ क्षेत्र में उप-विभाग पहाड़ी, समुद्र तल से लगभग 11,500 फीट ऊपर स्थित है, जो सुंदर पंच पहाड़ों के बीच छिपा हुआ है। पूरे हाइक के साथ चोटियाँ

दिन - 1: काठगोदाम से मुनसियरी

काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पहुँचें और मुनसियर के लिए एक सुंदर ड्राइव पर जाएँ। मुनसियरी पिथौरागढ़ क्षेत्र में समुद्र तल से 2250 मीटर (7,380 फीट) ऊपर स्थित एक छोटा सा शहर है। खलिया टॉप शुरुआती लोगों के लिए एक है और इसकी सिफारिश की जाती है। बर्फ की चोटियों से घिरी शानदार मुनस्यारी घाटी में उतरने से पहले सड़क 9027 फीट की ऊंचाई पर कलामुन की चोटी तक जाती है।

दिन – 2: मुनसियरी से भुजनी

मुनस्यार से भुजना तक का ट्रेक 4 किमी का है और इसमें लगभग 5 घंटे लगते हैं। रोडोडेंड्रोन और ओक के जंगलों से होकर चलें और 10,000 फीट की ऊँचाई तक चढ़ें। खलिया टॉप ट्रेक शुरुआती लोगों के लिए एक आसान हाइक है। सर्दियों में आपको बर्फ से ढकी स्की ढलानों पर स्की करने का मौका मिलता है। घाटी आपको पैराग्लाइडिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए एक बेहतरीन जगह प्रदान करती है।

रास्ते में भीर्ट का झरना एक अतिरिक्त आकर्षण है। भुजना कैंपग्राउंड ओक के जंगलों के बीच स्थित है जहाँ से पंचचूली के शानदार नज़ारे दिखाई देते हैं। आप एक ऐसी घाटी के रोमांच का अनुभव कर सकते हैं जो हाइक के आधे हिस्से से भी ज़्यादा है। भुजना में रात भर कैंप करें।

दिन - 3: भुजनी से मुनसियरी व खलिया टॉप शिखर

खलिया टॉप तक की चढ़ाई 6 किमी लंबी है और इसमें 5 घंटे लगते हैं। जब आप भुजनी को आसमान में खुला छोड़ते हैं, तो विशाल घास के मैदान आपको आमंत्रित करते हैं। खलिया के शीर्ष से सूर्यास्त का दृश्य बहुत स्पष्ट है, इस आकर्षक दृश्य को कैद करना न भूलें। पहाड़ की चोटियाँ सफ़ेद, नारंगी और गुलाबी रंगों में चमकती हैं।

कुमाओ हिमालय में एक विशाल घास का मैदान खलिया पीक, 360 डिग्री के मनोरम पर्वत दृश्य प्रस्तुत करता है। अत्यधिक सुंदरता, आसमान को छूते पहाड़, बर्फ से ढकी चोटियाँ, रंगीन घाटियों की बर्फ से ढकी रेखा और खूबसूरत पहाड़।

दिन - 4: मुनसियरी से काठगोदाम

ट्रेक समाप्त करें और सुबह जल्दी काठगोदाम के लिए प्रस्थान करें। काठगोदाम पहुंचने के बाद, आपकी यात्रा समाप्त हो जाती है। लेकिन, आप अपने दिन को कैसे फलदायी तरीके से बिताना है, इसकी योजना खुद बना सकते हैं, चाहे वह दर्शनीय स्थल हों या खरीदारी, काठगोदाम आपको निराश नहीं करेगा।

#उत्तराखंड

खत्म होती मानवता, शर्मसार होती मानवता, नेताओं के क़ाफ़िलो मे एक एम्बुलेंस हमेसा बेवजह तेल फुकती रहती है, लेकिन ऐसे समय मे ...
09/12/2024

खत्म होती मानवता, शर्मसार होती मानवता, नेताओं के क़ाफ़िलो मे एक एम्बुलेंस हमेसा बेवजह तेल फुकती रहती है, लेकिन ऐसे समय मे किसी जरूरतमंद के काम ना आ सकी, धिक्कार है ऐसे सवेदनहीन अधिकारियो पर. Narendra Modi Pushkar Singh Dhami

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग की 76 वर्षीय प्रभा देवी ने अपने जुनून से 500 से अधिक पेड़ लगाकर एक हरा-भरा जंगल तैयार कर दिया ह...
09/12/2024

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग की 76 वर्षीय प्रभा देवी ने अपने जुनून से 500 से अधिक पेड़ लगाकर एक हरा-भरा जंगल तैयार कर दिया है। सागवान, बांज, रुद्राक्ष, और केसर जैसे पेड़ उनके जंगल की शोभा बढ़ाते हैं। गाँव से बाहर कभी न जाने वाली प्रभा देवी पर्यावरण संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण हैं। उनके लगाए पेड़ न सिर्फ गाँव की जरूरतें पूरी करते हैं, बल्कि आने-जाने वाले बच्चों को भी फल देते हैं। उन्होंने कभी किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुँचाया और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया।


08/12/2024

#देवभूमि_उत्तराखंड

कुमाऊं की सबसे बड़ी बाखली,उत्तराखंड के नैनीताल से करीब 63 किलोमीटर दूर है। यह दुपरा शैली में बनी है और इसमें 24 घर एक सा...
08/12/2024

कुमाऊं की सबसे बड़ी बाखली,उत्तराखंड के नैनीताल से करीब 63 किलोमीटर दूर है। यह दुपरा शैली में बनी है और इसमें 24 घर एक साथ बने हुए हैं। उत्तराखंड की सबसे लंबी बाखली, नैनीताल के कुमाटी गांव में है।

#उत्तराखंड

जानकार बताये उत्तर  देवभूमि उत्तराखंड I Love My Uttrakhand Sanskriti Uttarakhand by euttaranchal Himalaya Speaking सोमेश...
07/12/2024

जानकार बताये उत्तर देवभूमि उत्तराखंड I Love My Uttrakhand Sanskriti Uttarakhand by euttaranchal Himalaya Speaking सोमेश्वर घाटी - उत्तराखंड

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