देवभूमि उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड अपनी उत्तराखण्ड़ की रीती , रिवाजो और संस्कृति को सजोए रखने का प्रयास
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नागर निकाय चुनाव के मतदान दिवस पर उत्तराखण्ड शासन की ओर से 23 जनवरी 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया।    #चुनावप्र...
13/01/2025

नागर निकाय चुनाव के मतदान दिवस पर उत्तराखण्ड शासन की ओर से 23 जनवरी 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। #चुनावप्रचार #चुनावप्रक्रिया #चुनावप्रबंधन

मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है, । यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है, जो कि एक नए साल की ...
13/01/2025

मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है, । यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है, जो कि एक नए साल की शुरुआत का संकेत है।

मकर संक्रांति के दिन लोग सूर्य की पूजा करते हैं, पतंग उड़ाते हैं, और तिल के लड्डू और खिचड़ी जैसे विशेष व्यंजन बनाते हैं। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सूर्य की पूजा करना और नए साल की शुरुआत करना है।

मकर संक्रांति के अवसर पर कुछ प्रमुख गतिविधियाँ हैं:

- सूर्य की पूजा
- पतंग उड़ाना
- तिल के लड्डू और खिचड़ी बनाना
- परिवार और मित्रों के साथ मिलना-जुलना
- नए साल की शुरुआत करना

मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हमें सूर्य की शक्ति और नए साल की शुरुआत की याद दिलाता है। #मकरसंक्रांति_की_हार्दिक_शुभकामनाएं #मकरसंक्रांति #मकरसक्रांति #मकरसंक्रांति2025

फिटकरी का पानी पौधों में डालने से 100 से ज्यादा फूल खिलेगें गमले में! 🌸🌿फिटकरी (Alum) पौधों के लिए एक प्राकृतिक और प्रभा...
13/01/2025

फिटकरी का पानी पौधों में डालने से 100 से ज्यादा फूल खिलेगें गमले में! 🌸🌿
फिटकरी (Alum) पौधों के लिए एक प्राकृतिक और प्रभावी उर्वरक है। यह न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारता है, बल्कि पौधों की वृद्धि को भी बढ़ावा देता है। फिटकरी का पानी पौधों की जड़ों को मजबूत करता है और फूलों की संख्या में भी वृद्धि करता है।

इससे पौधे स्वस्थ रहते हैं और कम समय में अधिक फूल देते हैं। बस, थोड़ी सी फिटकरी को पानी में घोलकर हफ्ते में एक बार पौधों में डालें। #प्रकिर्ती_प्रेमी #प्रकिर्ति

मानवता के मंगलपर्व 'महाकुम्भ 2025' में 'पौष पूर्णिमा' के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों...
13/01/2025

मानवता के मंगलपर्व 'महाकुम्भ 2025' में 'पौष पूर्णिमा' के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन।

प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.50 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।

प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुम्भ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन, UP Police, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुम्भ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद!

पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें। #महाकुम्भ2025 #महाकुम्भ2025प्रयागराज #महाकुम्भ_चलें_हम #महाकुम्भ_2025 #महाकुम्भ #महाकुंम्भ #महाकुम्भ_2021 #महाकुम्भ_पर्व #महाकुम्भ_प्रयागराज_2025 #महाकुम्भ_प्रयागराज #महाकुम्भ_प्रयागराज_२०२५

अमेरिका की अग्नि कांड ने यह साबित किया कि,"धन और शक्ति के शिखर पर बैठने वाले भी,ईश्वर की शक्ति के आगे नतमस्तक हो जाते है...
13/01/2025

अमेरिका की अग्नि कांड ने यह साबित किया कि,

"धन और शक्ति के शिखर पर बैठने वाले भी,
ईश्वर की शक्ति के आगे नतमस्तक हो जाते हैं।

संपत्ति और सामर्थ्य की चमक-दमक में भी,
ईश्वर की महिमा के आगे सब कुछ फीका पड़ जाता है।

यह अग्नि कांड एक संदेश है मानवता के लिए,
कि ईश्वर की शक्ति के आगे कोई भी नहीं टिक सकता।"

This is USA , not .
More than 15,000 homes were burned in a fire. Praying for LA & beyond.
, focus on your own crises! Stop funding wars abroad and prioritize your people's needs.

महाकुंभ में आए हुए श्रद्धालुओं को टिकट निकालना हुआ आसान UTSमोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं टिकट निकाले । #महाकुम्भ2025   #उ...
13/01/2025

महाकुंभ में आए हुए श्रद्धालुओं को टिकट निकालना हुआ आसान UTSमोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं टिकट निकाले ।
#महाकुम्भ2025


#उत्तरमध्यरेलवे
#इलाहाबाद
#इंडियन

#महाकुंभ





इस साल विवाह के मूहर्त जनवरी से लेकर दिसंबर तक केवल 68 दिन ही शुभ मूहर्त।
13/01/2025

इस साल विवाह के मूहर्त जनवरी से लेकर दिसंबर तक केवल 68 दिन ही शुभ मूहर्त।

जहां संस्कृतियों का संगम भी है, श्रद्धा और समरसता का समागम भी है।'अनेकता में एकता' का संदेश देता महाकुम्भ-2025, प्रयागरा...
13/01/2025

जहां संस्कृतियों का संगम भी है, श्रद्धा और समरसता का समागम भी है।

'अनेकता में एकता' का संदेश देता महाकुम्भ-2025, प्रयागराज मानवता के कल्याण के साथ ही सनातन से साक्षात्कार करा रहा है।

#एकता_का_महाकुम्भ #देवभूमि_उत्तराखंड ゚viralシ ゚viralシfypシ゚viralシalシ ゚viralシfypシ゚viralシalシ #fypシ゚viralシfypシ゚viralシalシ ゚viralシfypシ゚viralシalシfypシ゚viralシfypシ゚viralシalシ ゚viralシfypシ゚viralシalシfypシ゚viralシfypシ゚viralシalシ ゚viralシfypシ゚viralシalシfypシ゚viralシfypシ゚viralシalシ ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️💓💓💓 ❤️❤️❤️ ❤️❤️❤️

बहुत ही दुखःद घटनापौड़ी में एक दर्दनाक बस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय ...
12/01/2025

बहुत ही दुखःद घटना

पौड़ी में एक दर्दनाक बस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय हुई जब मिनी बस संख्या यूके12पीबी0177 पौड़ी बस अड्डे से केंद्रीय विद्यालय होते हुए श्रीनगर के लिए अपराह्न 03.00 बजे निकली थी। बस तहसील पौड़ी के कोठार बेंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, बस में लगभग 18 लोग सवार थे, जिनमें से लगभग 4 यात्रियों की घटना स्थल पर मृत्यु हो गई
इस बस दुर्घटना के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए गहरी संवेदना है। यह एक बहुत ही दुखद घटना है और सभी लोगों के साथ अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हैं जो इस दुर्घटना से प्रभावित हुए हैं। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और घायलों को जल्दी से जल्दी ठीक होने की शक्ति दें

शीतलहर के दृष्टिगत जिलाधिकारी देहरादून ने जनपद के कक्षा 12 तक के समस्त शासकीय/अर्धशासकीय एवं निजी स्कूल तथा समस्त आंगनबा...
12/01/2025

शीतलहर के दृष्टिगत जिलाधिकारी देहरादून ने जनपद के कक्षा 12 तक के समस्त शासकीय/अर्धशासकीय एवं निजी स्कूल तथा समस्त आंगनबाडी केन्द्र 31 जनवरी, 2025 तक प्रातः 08:30 बजे के पश्चात् ही संचालित करने के आदेश किए जारी।


धर्मनगरी अयोध्या जी में भव्य-दिव्य राम मंदिर निर्माण एवं प्रभु श्री रामलला जी के नूतन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम...
11/01/2025

धर्मनगरी अयोध्या जी में भव्य-दिव्य राम मंदिर निर्माण एवं प्रभु श्री रामलला जी के नूतन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। #राममंदिर #राममंदिर_निर्माण #राममंदिर_भूमिपूजन #राममंदिर_निर्माण_से_राष्ट्रमंदिर_निर्माण #राममंदिरअयोध्या #राममंदिर_उद्घाटन_समारोह #राममंदिरप्राणप्रतिष्ठा #राममंदिरयोध्या

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का लाडला रिसोर्ट बना रहा है। रिसोर्ट के लिए उसने संरक्षित प्रजाति के पेड़ काट दिए और अवैध...
10/01/2025

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का लाडला रिसोर्ट बना रहा है। रिसोर्ट के लिए उसने संरक्षित प्रजाति के पेड़ काट दिए और अवैध रूप से सड़क भी बना डाली। अब मंत्री जी का लाडला कह रहा है कि जुर्माना भर देंगे। सवाल खड़ा होता है कि जब पेड़ काटे जा रहे थे, तब वह विभाग कहाँ सोया था। सुनने में आ रहा है कि जब पेड़ काटे जा रहे थे, तब वन विभाग ने आँखों में पट्टी बांध दी थी। अब मंत्री जी का लाडला कह रहा है कि जुर्माना भर देंगे। अरे भई, जुर्माना तो भर दोगे, लेकिन जंगल को हुए नुकसान की भरपाई कैसे होगी ?

ख़बर है कि कौडियाला में भी मंत्री जी का बड़ा होटल बन रहा है। यहां भी कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर पेड़ों का अवैध पातन हुआ।

जब रक्षक ही भक्षक हो जाए तो
जल, जंगल और ज़मीन बचाने की उम्मीद किससे करें ? आज रसूखदार लोग रिसॉर्ट्स/होटल के नाम पर जंगल खत्म कर रहे हैं और इसमें शासन-प्रशासन की मिली भगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
#देवभूमि_उत्तराखंड ゚viralシ #उत्तराखंड

मसूरी से देहरादून का रात्रि दृश्य              #देवभूमि_उत्तराखंड    ゚viralシ    #उत्तराखंड    ゚viralシfypシ゚viralシ  #fypシ゚...
09/01/2025

मसूरी से देहरादून का रात्रि दृश्य #देवभूमि_उत्तराखंड ゚viralシ #उत्तराखंड ゚viralシfypシ゚viralシ #fypシ゚viralシfypシ゚viralシalシ ゚viralシfypシ゚viralシalシ

प्रैस विज्ञप्ति क्या प्रयाग राज कुम्भ से राम राज्य स्थापना का स्वप्न साकार होगा?राम राज्य को लाना है,भेदभाव रहित समाज को...
09/01/2025

प्रैस विज्ञप्ति
क्या प्रयाग राज कुम्भ से राम राज्य स्थापना का स्वप्न साकार होगा?
राम राज्य को लाना है,भेदभाव रहित समाज को बनाना है,
गौ हत्या बंद हो,भारत अखण्ड हो, भारत से गौ मांस निर्यात पर प्रतिबंध हो।
"ॐ शिव गोरक्ष आदेश आदेश "
अखिल भारतीय संत एकता आंदोलन परिषद एवं गुरु गोरखनाथ मानव कल्याण संस्थानम के परमाध्यक्ष गद्दीनशीन गोरख पंथी महंत कैलाश नाथ हठयोगी महाराज जी की संत समाज से मार्मिक अपील,
धर्म परिवर्तन विश्व व्यापी समस्या है।मनुष्य को स्वतंत्रता है कि वह किस धर्म ओर जीवन शैली को स्वीकार करे, लेकिन
धर्म परिवर्तन मनुष्य कब और क्यों करता है?
धर्म परिवर्तन का मुख्य कारण है दबाव,प्रभाव और देश समाज में भेदभाव, छुआछूत, ऊंच नीच,अमीर गरीब,राजा रंक में अंतर के कारणों से धर्म परिवर्तन विश्व व्यापी समस्या बन चुका है जिसका सर्वाधिक प्रभाव पिछड़े क्षेत्रों में जहां पर शिक्षा स्वास्थ्य भोजन वस्त्र सुविधाओं से कुप्रबंध होने के कारण धर्मांतरण की परम्परा सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त हो चुकी है जिसका समाधान हमारे शासकों,धर्माचार्यों, धर्मप्रचारको आदि को अपने स्वभाव व्यवहार में करुणा,प्रेम,मैत्री, सद्व्यवहार परिवर्तन लाने तथा अभाव ग्रस्त पिछड़े क्षेत्रों के लोगों को उनकी आवश्यकताओं को पूरा कर के धर्मांतरण पर अंकुश/रोक लगाना होगा।
धर्मस्थानों,तीर्थ स्थानों में सामान्य जन मानस को जाने आने,ठहरने,दर्शन करने आदि में कुप्रबंध जैसे VIP दर्शनों का होना,प्रसाद वितरण, सतसंग में अतिविशिष्ट लोगों को विशेष स्थान सम्मान मिलने के कारण से समाज,धर्मप्रेमियों में बिखराव तनाव का वातावरण बनता है जिसके कारण से ऐसे तिरस्कृत उपेक्षित व्यक्ति विचार धारा वाले लोग ही धर्मांतरण करने के लिए मजबूर हो जाते है क्योंकि अन्य धर्मों में उन्हें करुणा प्रेम भेदभाव रहित साधारण वातावरण मिलता है जहां पर उन्हें एक साथ बैठ कर दर्शन,सत्संग,प्रार्थना, उपासना,पूजन, सम्मान, भर पेट भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य, शिक्षा अन्य आवश्यक संसाधनों की पूर्ति होती है
प्रयाग राज कुम्भ में भी शासन प्रशासन सरकार द्वारा किए जा रहे व्यवस्था प्रबंध में भी अनेक प्रकार का भेद भाव पूर्ण कुप्रबंध होने की खबरें मिल रही है जैसे कि शासन प्रशासन का सर्वाधिक ध्यान सम्पन्न धर्माचार्यों,राजनेताओं,व्यापारियों,कारोबारियों,अधिकारियों के प्रति सर्वाधिक है इस भयंकर ठंड में जन साधारण सामान्य साधु संतों तीर्थ यात्रियों के ठहरने नित्य कर्म(शौच आदि) की उचित व्यवस्था ना होने की सूचनाएं भी मिल रही है कुम्भ में पधारे सभी साधु संतों धर्माचार्यों तीर्थ यात्रियों से अनुरोध है कि प्रयाग कुम्भ स्नान में तीर्थ यात्रा, सनातन धर्म की गरिमा बनाए रखने के साथ साथ आपसी सद्भाव, देश की एकता अखण्डता को बनाए रखने की परम्परा का पालन करें।
राम राज्य को लाना है,भेदभाव रहित समाज को बनाना है,
गौ हत्या बंद हो,भारत अखण्ड हो, भारत से गौ मांस निर्यात पर प्रतिबंध हो।
"ॐ शिव गोरक्ष आदेश आदेश "
महंत कैलाशनाथ हठयोगी

* बेटा तुने अपना मायका खुद बिगाड़ा है*" बहु सुरभि आ रही है। इस बार तुम मायके मत जाना। उसे सातवां महीना चल रहा है। वो डिल...
09/01/2025

* बेटा तुने अपना मायका खुद बिगाड़ा है*

" बहु सुरभि आ रही है। इस बार तुम मायके मत जाना। उसे सातवां महीना चल रहा है। वो डिलीवरी के बाद ही यहां से जाएगी "
सास ममता जी ने उत्साहित होते हुए कहा।
सुनकर बहू वैशाली के हाथ काम करते-करते रुक गए। सुरभि का नाम सुनते ही तो वैसे ही उसका मन कसैला हो जाता था। और अब तीन-चार महीने यहां रुकने आ रही है। वो भी डिलीवरी के लिए।
आखिर क्या सोचकर यहां आ रही है कि उसकी भाभी उसकी सेवा करेगी। क्योंकि सासू मां से तो काम होता नहीं था। वैशाली के चेहरे पर बदलते हुए भावों को देखकर ममता जी ने कहा
" बहू मैं मानती हूं कि तेरा सुरभि की तरफ से मन खट्टा है। पर वो इस घर की बेटी है। यहां नहीं आएगी तो कहां
जाएगी"
इससे पहले की वैशाली कुछ कहती उसकी बेटी परी रो पड़ी।
इसलिए वो उसे संभालने के लिए अपने कमरे में आ गई। और अपनी एक साल की बेटी परी को गोद में लेकर चुप कराने
लगी।
तभी उसका पति सुमित नहा कर बाथरूम से निकल कर बाहर आया।
"अरे तुम आ गई। मुझे लगा की परी अकेली है इसलिए फटाफट नहा कर निकला हूं "
सुमित ने कहा।
पर वैशाली ने कोई जवाब नहीं दिया। उसे इस तरह चुप देखकर सुमित ने पूछा,
" क्या हुआ? तुम इतनी चुप चुप क्यों हो?"
" तुमने बताया नहीं कि सुरभि आ रही है। वो भी अपनी डिलीवरी के लिए"
वैशाली के मुंह से यह सुनकर सुमित के हाथ वहीं रुक गए,
" हां, कल मम्मी कह तो रही थी कि सुरभि का सातवां महीना चल रहा है इसलिए वो डिलीवरी के लिए आएगी"
" तुम्हें लगता है मैं उसका ध्यान रख पाऊंगी? मुझसे उसकी सेवा होगी? मेरे मन में सुरभि के लिए जरा सी भी जगह नहीं है। कैसे कर पाऊंगी ये सब?"
वैशाली एक ही सांस में ये सब बोल गई।
" हां जानता हूं कि तुम ये सब नहीं कर पाओगी। बिल्कुल भी नहीं कर पाओगी। और ना ही मैं तुमसे इतना बड़ा दिल रखने
की उम्मीद करता हूं। इसीलिए मम्मी को कह दिया है कि एक मेड लगा ले। आखिर जैसी भी है बहन है मेरी। उसे आने से
इंकार तो नहीं कर सकता। आखिर मम्मी का दिल दुखाने से क्या फायदा?उन्होंने तो कुछ गलत नहीं किया था"
सुमित ने समझाया तो वैशाली ने कहा,
" मैं उसके यहां आने से मना नहीं कर रही हूं। पर याद रहे मैं उसका कोई काम भी नहीं करूंगी। मुझसे यह होगा भी नहीं। कल को भगवान ना करे अगर कुछ गलत होता है तो वो उसका इल्जाम तक मुझ पर लगा देगी "
" मैं समझ सकता हूं। पर वैशाली तुम परेशान ना हो। तुम बस परी को संभालो और घर के थोड़े बहुत काम संभाल लेना। उसे मम्मी और मेड संभाल लेंगी"
सुमित ने कह कर बात को वही खत्म कर दिया।
इधर परी को संभालते हुए वैशाली को अपने पुराने दिन याद आ गए। सुरभि शुरू से ही नकचड़ी ननद रही थी। ना ही खुद कोई मदद करती थी और ना ही मम्मी जी को मदद करने देती थी। उसके अनुसार तो हर काम बहू का होता है।
बदतमीज इतनी थी कि किसी के भी सामने कुछ भी कह देती थी। मम्मी जी और सुमित उसे खूब डांटते थे लेकिन वो
नहीं सुधरती थी। उल्टा वो उससे लड़ पड़ती थी कि वो जानबूझकर उसे डांट पड़वाती है।
जब वो प्रेग्नेंट हुई तब भी सुरभि ने उसे परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सुमित उसके लिए कुछ भी खाने पीने
की चीज लेकर आता तो सुरभि पहले उस पर अपना हक जमा लेती। कई बार तो उसके कमरे में से खाने पीने की चीजें
उठा कर ले जाती।
ममता जी उसे खूब डांटती। पर वो थी कि सुधरने का नाम नहीं लेती।
" अरे मैं इस नालायक लड़की का क्या करूं। इसके पापा और दादी ने इसकी हर जिद पूरी करके इसे नकचड़ी और जिद्दी बनाकर रख दिया। कितना मना करती थी तो मुझसे
लड़ने को तैयार हो जाते थे। हमारी बेटी को कुछ नहीं कहोगी। पर अब वो दोनों चले गए। और इसे बिगाड़ कर मेरे माथे छोड़ गए"
लेकिन जब वैशाली को सातवां महीना चल रहा था, तब उन दिनों ममता जी के बड़े भाई की मृत्यु हो गई। अब ऐसे समय में ममता जी और सुमित को ममता जी के मायके जाना पड़ा। लेकिन ममता जी जाने से पहले सुरभि को अच्छे से समझा कर गई थी कि वैशाली को जरूरत हो तो संभाल लेना। ननद के नाते ना सही इंसान होने के नाते ही संभाल लेना।
ममता जी को दो दिन के लिए जाना था इसलिए सुरभि को सख्त हिदायत देकर गई थी कि वो दो दिन कहीं नहीं जाए। घर पर ही वैशाली के पास रहे। लेकिन सुरभि तो अपने कमरे में ही मस्त रहती। उसे वैशाली से कोई लेना देना नहीं था। सिर्फ खाना लेने के लिए बाहर आती या फिर अपने झूठे बर्तन रखने के लिए।
वैशाली अगर उसके पास उसके कमरे में जाती तो वो चिढ़ जाती। और लताड़कर उसको कमरे के बाहर निकाल देती। और अंदर से दरवाजा बंद कर लेती।
लेकिन दूसरे दिन वैशाली को सुबह से ही परेशानी थी। उसने दो-तीन बार सुरभि से कहा तो सुरभि ने कहा,
" अरे आज आज की ही तो बात है। कल भैया आ जाएंगे तो उनके साथ हाॅस्पिटल चले जाना। आज आज जैसे भी हो, सहन कर लो। मैं कहीं नहीं जाऊंगी"
कहकर वैशाली के मुंह पर ही अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। कुछ समय पश्चात वैशाली को ब्लीडिंग भी शुरू हो गई।
उसने सुरभि से फिर कहा, लेकिन सुरभि ने ना तो दरवाजा खोला और ना ही कोई और बात। आखिर थक हार कर वैशाली ने सुमित को फोन किया और अपनी स्थिति बताई।

सुनकर सुमित ने अपने दोस्त को फोन किया और उसे उसकी पत्नी के साथ अपने घर भेजा। जब तक दोस्त और उसकी पत्नी घर पर पहुंचे तब तक वैशाली की हालत ज्यादा खराब हो चुकी थी। जैसे-तैसे वो लोग उसे हाॅस्पिटल लेकर गए।

लेकिन जब अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि बच्चा तो काफी देर पहले ही अंदर ही खत्म हो चुका है। और इस कारण से यूट्रस में इन्फेक्शन भी हो गया तो यूट्रस भी निकलना पड़ गया। वैशाली सदमे को झेल नहीं पाई। और उसके मन में सुरभि के लिए नफरत समा गई।
इसलिए जब सुरभि की शादी हुई तब भी उसने कोई उत्साह नहीं दिखाया। लेकिन उसकी हालत देखकर ममता जी और सुमित ने मिलकर यह निर्णय लिया कि वो एक बच्चा गोद ले लेंगे। इसलिए सात महीने पहले ही उन्होंने परी को गोद लिया था।
आखिर परी को गोद लेने के बाद वैशाली की हालत में कुछ सुधार हुआ। लेकिन सुरभि के लिए नफरत मन से नहीं गई।

आखिर दो दिन बाद सुरभि भी यहां आ गई। लेकिन वैशाली ना उससे बात करती और ना ही उसका कोई काम करती। और इसके लिए ममता जी और सुमित उसे कोई बंदिश
में नहीं रखते।
आखिर एक दिन सुरभि चिड़चिड़ा गई कि मेरा काम तो या मेरी मम्मी करती है या फिर नौकरानी। तब ममता जी ने उसे साफ-साफ कह दिया,
" बेटा जब तक मैं हूं, बस तब तक ही तेरा मायका है। इसके बाद उम्मीद मत करना। क्योंकि तूने अपना मायका खुद ही खत्म कर दिया। तूने कभी भाभी के लिए कुछ किया है जो
वो तुझे अपना मानेगी। उल्टा जो था तूने तो वो भी बिगाड़ दिया"
आखिर सुरभि उसके आगे कुछ कह नहीं पाई। समझ गई कि मम्मी के बाद उसे कोई झेलने वाला नहीं। पर ननद होने का घमंड इतना था कि उसने कभी भी इसके लिए वैशाली से माफी नहीं मांगी।

महाकुम्भ 2025 के लिए रंग - बिरंगे पेंटिंग से सजा प्रयागराज रेलवे स्टेशन.
09/01/2025

महाकुम्भ 2025 के लिए रंग - बिरंगे पेंटिंग से सजा प्रयागराज रेलवे स्टेशन.

समुद्र मंथन के दौरान, देवताओं और असुरों ने मिलकर अमृत कलश को प्राप्त किया। जब अमृत कलश को ले जाया जा रहा था, तो उसकी कुछ...
09/01/2025

समुद्र मंथन के दौरान, देवताओं और असुरों ने मिलकर अमृत कलश को प्राप्त किया। जब अमृत कलश को ले जाया जा रहा था, तो उसकी कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गईं। इन बूंदों के गिरने से चार स्थानों पर पवित्र नदियों का उद्गम हुआ: प्रयाग (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नाशिक। इन स्थानों पर पूर्ण कुम्भ मेला आयोजित किया जाता है। 🔱☘️

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08/01/2025

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