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10/01/2024

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अब कोई नाराज मत होना बोलना भी बंद है Kp Shyalawas Sudama Bendada Alipura Evervanna B.L. Dobwal
07/01/2024

अब कोई नाराज मत होना बोलना भी बंद है

Kp Shyalawas Sudama Bendada Alipura Evervanna B.L. Dobwal

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07/01/2024

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15/10/2022
 #छोटा बड़ा कोई भी हो  #जीव तो जीव होता हैं!वही पुराना  #इतिहास वर्तमान में दोहराया जा रहा है अपनो को मारने के लिए  #विद...
20/09/2022

#छोटा बड़ा कोई भी हो #जीव तो जीव होता हैं!
वही पुराना #इतिहास वर्तमान में दोहराया जा रहा है अपनो को मारने के लिए #विदेशियों को बुलाया जा रहा है! 😔😔😔

चीता स्पेशल प्लेन में लाये जा रहे हैं; और गाय क्रेन में ढोए जा रहे हैं, वो भी आपत्तिजनक हालत मेंजबकि देश में उनका शासन च...
18/09/2022

चीता स्पेशल प्लेन में लाये जा रहे हैं; और गाय क्रेन में ढोए जा रहे हैं, वो भी आपत्तिजनक हालत में

जबकि देश में उनका शासन चल रहा है जो गाय को भगवान बताते हैं

अरे... घबरा गए क्या? भारत जोड़ो यात्रा में उमड़े जनसैलाब को देखकर।मुद्दे की बात करो... बेरोजगारी और महंगाई पर बोलो।बाकी ...
09/09/2022

अरे... घबरा गए क्या? भारत जोड़ो यात्रा में उमड़े जनसैलाब को देखकर।

मुद्दे की बात करो... बेरोजगारी और महंगाई पर बोलो।

बाकी कपड़ों पर चर्चा करनी है तो मोदी जी के 10 लाख के सूट और 1.5 लाख के चश्मे तक बात जाएगी।

बताओ करनी है? Bharatiya Janata Party (BJP)

 #मीना_हाई_कोर्ट  #दौसा❣️✌️❣️ #जोहार_आदिवासीबाबा तेरा कमाल❣️✌️🙏🙏🙏👈
09/08/2022

#मीना_हाई_कोर्ट #दौसा
❣️✌️❣️
#जोहार_आदिवासी
बाबा तेरा कमाल
❣️✌️🙏🙏🙏👈

16/07/2022

शिक्षा पैसों की मोहताज नहीं होती

साहिब-दिल्ही आने तक के पैसे नही है कृपया पुरुस्कार डाक से भिजवा दो!हलधर नाग - जिसके नाम के आगे कभी श्री नही लगाया गया, 3...
14/07/2022

साहिब-दिल्ही आने तक के पैसे नही है कृपया पुरुस्कार डाक से भिजवा दो!

हलधर नाग - जिसके नाम के आगे कभी श्री नही लगाया गया, 3 जोड़ी कपड़े ,एक टूटी रबड़ की चप्पल एक बिन कमानी का चश्मा और जमा पूंजी 732 रुपया का मालिक आज पद्मश्री से उद्घोषित होता है ।।

ये हैं ओड़िशा के हलधर नाग ।
जो कोसली भाषा के प्रसिद्ध कवि हैं। ख़ास बात यह है कि उन्होंने जो भी कविताएं और 20 महाकाव्य अभी तक लिखे हैं, वे उन्हें ज़ुबानी याद हैं। अब संभलपुर विश्वविद्यालय में उनके लेखन के एक संकलन ‘हलधर ग्रन्थावली-2’ को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। सादा लिबास, सफेद धोती, गमछा और बनियान पहने, नाग नंगे पैर ही रहते हैं। ऐसे हीरे को चैनलवालों ने नहीं, मोदी सरकार ने पद्मश्री के लिए खोज के निकाला । उड़‍िया लोक-कवि हलधर नाग के बारे में जब आप जानेंगे तो प्रेरणा से ओतप्रोत हो जायेंगे। हलधर एक गरीब दलित परिवार से आते हैं।10 साल की आयु में मां बाप के देहांत के बाद उन्‍होंने तीसरी कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। अनाथ की जिंदगी जीते हुये ढाबा में जूठे बर्तन साफ कर कई साल गुजारे। बाद में एक स्कूल में रसोई की देखरेख का काम मिला। कुछ वर्षों बाद बैंक से 1000रु कर्ज लेकर पेन-पेंसिल आदि की छोटी सी दुकान उसी स्कूल के सामने खोल ली जिसमें वे छुट्टी के समय पार्टटाईम बैठ जाते थे। यह तो थी उनकी अर्थ व्यवस्था। अब आते हैं उनकी साहित्यिक विशेषता पर। हलधर ने 1995 के आसपास स्थानीय उडिया भाषा में ''राम-शबरी '' जैसे कुछ धार्मिक प्रसंगों पर लिख लिख कर लोगों को सुनाना शुरू किया। भावनाओं से पूर्ण कवितायें लिख जबरन लोगों के बीच प्रस्तुत करते करते वो इतने लोकप्रिय हो गये कि इस साल राष्ट्रपति ने उन्हें साहित्य के लिये पद्मश्री प्रदान किया। इतना ही नहीं 5 शोधार्थी अब उनके साहित्य पर PHd कर रहे हैं जबकि स्वयं हलधर तीसरी कक्षा तक पढ़े हैं।

आप किताबो में प्रकृति को चुनते है
पद्मश्री ने, प्रकृति से किताबे चुनी है।।

नमन है ऐसी विभूतियो को जिनका लक्ष्य धन अर्जन नहीं बल्कि ज्ञानार्जन हैं। नागजी ने काव्यों की रचना कर साहित्य जगत को समृद्ध किया।🙏🙏

13/07/2022

❤️❤️❤️

12/07/2022

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