Jitendra Daindan

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🙏 JITENDRA DAINDAN 🙏
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16/07/2025

Fecebook ka big update मीत्रो से बात 🤟🎉

16/07/2025

आज Facbook ने 1 करोड़ अकाउंट को सस्पैंड कर दिया..🤘
जो दूसरों के कंटेंट चोरी करके डालते हैं उनका धीरे धीरे ईलाज हो रहा है 🤘
और अभी भी समय है सभी भाई ओरिजिनल कंटेंट बनाएं

16/07/2025

समय-समय की बात है समय-समय का फेर
समय बदल जाए मर्द की पलकी लगे ना देर
इसलिए किसी भी काम को आज के अलावा कल का नहीं छोड़ना चाहिए

आज कुछ चाहने वाले दोस्त मिले थे 🌷नटनी के बारा पर 👍
16/07/2025

आज कुछ चाहने वाले दोस्त मिले थे 🌷नटनी के बारा पर 👍

सुबह की राम राम जी सभी दोस्तों को 🌹🌹
16/07/2025

सुबह की राम राम जी सभी दोस्तों को 🌹🌹

16/07/2025

दांत माता यात्रा सोंग 🌹 🪷पुजगी सिहर्रा की कुल देवी जमवा रामगढ़ में ✌🏽 दांत माता ऊंचों कर दियो हाथ पकड़ लै आंगड़ी म्हारी 🤟🏽

सावन की हरी चूड़ियां :  उस दौर में चूड़िहारन काकी तब अपनें सर पर ढेर सारी रंग बिरंगी कांच की चुड़ियों की टोकरी लिये गांव...
15/07/2025

सावन की हरी चूड़ियां : उस दौर में चूड़िहारन काकी तब अपनें सर पर ढेर सारी रंग बिरंगी कांच की चुड़ियों की टोकरी लिये गांव गली मुहल्लों में घुम घुमकर आवाज लगाती थी ........
"सावन लग गवा है, बिट्टी बहुरिया आव ज्जा हरी हरी सावन में चुड़ी पहिन ल"
और काकी की आवाज अम्मा के कानों तक पहुंचते ही अम्मा झट से आवाज लगाती कि..........
" जल्दी ज्जा बिट्टी! चूड़िहारन काकी के बुलाई लियाव,सावन क चुड़ी पहिन लेई ....सावन में हरी चुड़ी पहिनें से बड़ा शुभ होई..."
और हम बहनों में से कोई एक झटपट दौड़ लगाते काकी को बुलानें के लिये ताकि काकी दुसरे के चौखट तक न पहुंच जाये तबतक.......
अम्मा घर का सब काम काज छोड़कर लपक कर आती और इधर तब तक हम चुड़िहारन काकी के सर से चूड़ियों से भरी टोकरी उतरवा रखते....और बोरिया बिछा देते........अम्मा और चुड़िहारन काकी निश्चिंतता से बैठकर चुड़ी पहनने -पहनानें में व्यस्त हो जातीं......
उस दौर में कांच की कामदानी चुड़ी मिलती थी... बहुत मजबूत और मोटी-मोटी होती थी....चूड़ियों में अलग अलग कटिंग डिजाइन और एक अलग ही तरह की चमक होती.....मुझे याद है 20₹ दर्जन के हिसाब से कामदानी चूड़ियां मिलती थी तब और आजकल तो 100₹ दर्जन हो चुके हैं शायद उन्हीं चुड़ियों के दाम........
चूड़ियों के कई-कई डिजाईन लाती थी काकी जिसमें से औरतें अपनी अपनी पसंद की चूड़ियां पहनती तो अम्मा भी अपनी पसंद की चूड़ी चुन लेतीं........और तब सिलसिला शुरू होता पहनानें का....हालांकि अम्मा के हाथ थोड़े कड़क थे तो
चूड़ीहारन काकी अम्मा का दोनों हाथ मसलती कुछ देर तक ताकि हाथ थोड़ा धिले हो जायें .....चूड़ियां चढ़ाने के पहले ढेर सारा पाउडर की भी मालिश करतीं ताकि चूड़ियां आसानी से चढ़ जायें.....इस बीच सावन में हरी चूड़ी क्यूं पहननी चाहिये उसकी महत्ता और कहानी भी कह देती काकी........और बताती कि हरी चूड़ियां पहनने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और सुहागिनों को अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद प्रदान करती हैं इसलिए हरा रंग सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है....... हरा रंग पति और पत्नी के बीच प्रेम और सौहार्द को बढ़ाता है जिससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है इसलिये सावन में हरी कांच की चूड़ी जरूर से पहननी चाहिये सभी औरतों को और बेटियों को भी.............
मुझे याद है अम्मा को चूड़ी पहनाते काकी के हाथों कभी कभी चूड़ियां भी टूट जाती थीं और कभी कभी चूड़ियां टूटकर हाथों में धंस भी जाती थी...खरोंचें लग जाती थी लेकिन तब भी चूड़ियां पहन ही ली जाती थीं...उस दौर में अम्मा लोग भर भर चूड़ियां पहनती थीं लगभग एक हाथ में 2 दर्जन ....और वो चूड़ियां महीनों तक चलते थे ....बस जब भी थोड़ी बहुत गंदी हो जाती तो अम्मा ब्रश से रगड़ देतीं तो चूड़ियों की चमक और रौनक फिर लौट आती थीं......तब चूड़ियों का मैंचिंग जैसा कुछ खास चोंचले नहीं होते थे....एक बार चूड़ियां पड़ गईं तो फिर किसी शादी विवाह समारोह में ही चूड़ियां बदली जाती थी......

चूड़िहारन काकी हमेशा दोनों हाथ में से एक हाथ में एक चूड़ी ज्यादा डालती थी जिसे घेलवा चूड़ी (extra) कहतीं थी और कहतीं कि एक हाथ में चूड़ी कम होनें से मायका थोड़ा सा गरीब और एक हाथ में चूड़ी ज्यादा होनें से औरत का ससुराल मायके से थोड़ा ज्यादा अमीर रहता है........

चूड़िहारन काकी चूड़ियां पहनाकर पैसे ले लेती तब अम्मा काकी के जानें से पहले उनका पैर अपनें साड़ी के अंचरे (आंचल) कोने को पकड़कर आशिर्वाद जरूर लेती थीं वो भी सात बार .....और कहतीं की काकी !

"आशिर्वाद दई द हम सदा सुहागिन रही "

और चुड़िहारन काकी हृदय से आशिर्वाद देतीं....

"सदा सुहागन रहा बहुरिया, तोहार गोद और परिवार सदा भरा भूरा रहई"

फिर अम्मा 1-2 दर्जन चूड़ियां दुसरे कलर की पसंद करके रखवा लेती अगली बार के लिये ......कागज में लपेटकर मिलती थी तब चूड़ियां......

और फिर चूड़िहारन काकी बोलती .......बहुरिया .....

"तनि क हमार चूड़ियन क टोकरिया (चूड़ियों से भरी टोकरी) हमरे मुड़े (सिर पर) रखवाई द "

और अम्मा और मैं काकी के सर पर चूड़ियों की टोकरी रखवा देती......और फिर काकी चल पड़ती दुसरे चौखट के लिये आवाज लगाते.....

"सावन आई गवा बा हरी हरी चूड़ी पहिन ल बिट्टी और बहुरिया लोगन"

धीरे-धीरे दौर बदला और धीरे धीरे मनिहारन, चूड़िहारन काकी लोग का जमाना रवाना हो गया और फिर उसके कुछ दिनों तक ठेलों पर ले लेकर गली मुहल्लें गांवो और बाजारों में काका या भैया लोग चूड़ियां लेकर घुमनें लगे.....हालांकि चूड़ियां तो आज भी खरीदती हैं अम्मा लोग ठेले में चूड़ियां बेचनें वाले काका और भैया से लेकिन उस दौर में जो चूड़िहारन काकी अपनें हाथ से पहनाती थी ......उस बीच जो मसखरी होती थी, चार और औरतें इंतजार में खड़ी रहतीं थीं चूड़ियों के लिये , हाल खबर भी हो जाती थी उसी दौरान, फिर वो अम्मा का चूड़िहारन काकी का पैर छूकर सदा सुहागन रहो का आशिर्वाद लेना ......वो सब दौर तो आज के जमानें में लगभग खतम ही हो गया है......

जो बीत गया है वो .......
अब दौर ना आयेगा.......🥀

हालांकि आज के दौर में भी सावन में हरी चूड़ियां पहननें का क्रेज है और शहरों बाजारों गांवों में हर जगह औरतें पहनती हैं ......बस तौर तरीके बदल चुके हैं.....चूड़िहारन काकी, मनिहारन काकी सब गायब हो चुकी हैं.....और नये तरीकों का ट्रेंड चल गया है जैसे की ऑनलाइन शाॅपिंग........

आप सब भी उस दौर से संबधिंत रोमांचक घटना यहां जरूर शेयर करें.....ताकि हम सब फिर से उस पुरानें दौर को एक साथ जीये.......पोस्ट अच्छी लगी हो तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें ताकि मुझे आगे और अच्छा लिखते रहनें का मोटिवेशन मिलती रहे.........
सादर धन्यवाद ....

15/07/2025

समय समय की बात यार सब समय समय को खेल
जब समय आपका आयेगा तो सब टुट जांयगी जेल
Like share karo dosto

15/07/2025

राज गया राजान का गया पंच का न्याय
मुश्किल भही गरीब की
समय बिगड़ता जाए
लाइन अच्छी लगी हो तो लाइक करना

प्रकृति की हरियाली को बचाने के लिए आज एक और पेड़ लगा दिया हमने हमारे ग्रेड सब स्टेशन पर
15/07/2025

प्रकृति की हरियाली को बचाने के लिए आज एक और पेड़ लगा दिया हमने हमारे ग्रेड सब स्टेशन पर

14/07/2025

फेसबुक की सबसे बड़ी विशेषता ये है की,
जब कोई घर पर आपकी बात ना सुने तो यहाँ आकर आप आसानी से सुना सकते हैं🤣😆

Ashok Singh भाई ने मेरे पेज को मॉनिटाइजेशन आज 2 दिन की लगातार के बाद ठीक कर दिया, में 3 महीने से परेशान था ,  अशोक सिंह ...
14/07/2025

Ashok Singh भाई ने मेरे पेज को मॉनिटाइजेशन आज 2 दिन की लगातार के बाद ठीक कर दिया, में 3 महीने से परेशान था ,
अशोक सिंह जी की कलम से 👇🏻👇🏻

काम होता है , लेकिन समस्या ऐसी हो तो उसे हाल करवाने का तरीका भी बदलना पड़ेगा आपको, अगर मुझसे ये समस्याएं हल करवानी हो तो मेरी भी सुन लिया करो , समस्याएं आपकी है, ओर शिकायतें भी आपकी बहुत है, लेकिन समाधान तो मेरे अनुसार होगा,
भाई को मैंने जैसे बोला उसी तरह काम किया , फिर मैने मेटा को आड़े हाथों लिया ओर आज परिणाम आपके सामने है,

Jitendra Daindan की कलम से 👇🏻👇🏻
आज अशोक सिंह जी ने मेरे पेज को मेटा टीम से लड़ झगड़ करके उनकी दिमागी शक्तियों को लगाकर वापस मोनेटाइज कर दिया है भाई का मैं शुक्रगुजार हूं और आप सभी से कहना चाह रहा हूं कि भाई जैसा बंदा आपको कहीं ढूंढने पर नहीं मिलेगा और आप इन पर आंख मिचकर विश्वास करो और अपनी समस्याओं का समाधान करवाओ बार-बार धन्यवाद भाई को मेरा पेज ठीक करने के लिए

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