Madarsa faizan e gareeb Nawaz dataganj budaun

Madarsa faizan e gareeb Nawaz dataganj budaun زمین کے اوپر کام
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زمین کے نیچے آ رام

कौन कहता है हुआ पर्दा मियां हुज़ूर काहज़रत ए गाज़ी हैं जलवा मियां हुज़ूर का😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
23/10/2023

कौन कहता है हुआ पर्दा मियां हुज़ूर का
हज़रत ए गाज़ी हैं जलवा मियां हुज़ूर का

😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭

मस्जिद हजरत अली मदरसा फैजाने गरीब नवाज में23 अक्टूबर  बरोज पीर( कल) बाद नमाज ए फजर शैखे़ तरीक़त रहबरे राहे शरीअत पीरो मु...
22/10/2023

मस्जिद हजरत अली मदरसा फैजाने गरीब नवाज में23 अक्टूबर बरोज पीर( कल) बाद नमाज ए फजर शैखे़ तरीक़त रहबरे राहे शरीअत पीरो मुर्शिद शाह मुहम्मद सक़लैन मियां हुजू़र का़दरी नक़्शबन्दी मुजद्दिदी रहमतुल्लाही ताला अलैह के तीजे का एहतिमाम किया गया है,
आप तमाम हज़रात से गुज़ारिश है, कि बाद नमाज ए फजर तीजे में शिरकत फ़रमा कर सवाबे दारैन हासिल करें।
पता ,मस्जिद हज़रत अली, मदरसा फैजा़ने ग़रीब नवाज़
मोहल्ला ख़्वाजा नगर, क़स्बा दातागंज, ज़िला बदायूं शरीफ
जे़रे एहतिमाम .हाफ़िज़ो का़री निज़ाकत अली सक़लैनी मुस्तफाई
मोबाइल नंबर. 983748 3323

22/10/2023

इस्लामिया मैदान बरेली शरीफ 8: 50

21/10/2023

हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रौज़े पर हज़रत पीरो मुर्शिद शाह मुहम्मद सक़लैन मियाँ हुज़ूर मुजज्दिदी नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह के इसाले सवाब की महफ़िल सजाई गई

ख़ुदा के आख़री पैग़ाम के नुज़ूल के बाद,कोई रसूल न आया मेरे रसूल के बाद.... तमाम आलमए इस्लाम आमदे मुस्तफा मुबारक हो, सरका...
28/09/2023

ख़ुदा के आख़री पैग़ाम के नुज़ूल के बाद,
कोई रसूल न आया मेरे रसूल के बाद.... तमाम आलमए इस्लाम आमदे मुस्तफा मुबारक हो, सरकार की आमद मरहबा

अल्हम्दुलिल्लाह आज आप के अपने मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ मस्जिद हज़रत अली दातागंज में माहे रबीउल नूर का इस्तिक़बाल में प्र...
17/09/2023

अल्हम्दुलिल्लाह आज आप के अपने मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ मस्जिद हज़रत अली दातागंज में माहे रबीउल नूर का इस्तिक़बाल में प्रोग्राम किया गया जिसमें मेहमाने खुसूसी हाफ़िज़ क़ारी मौलाना इसराइल क़ादरी सहाब
व आलीजनाब इरफ़ान क़दरी सहाब व
मदरसे के तलबा व असातिज़ाए किराम मौलाना क़ारी गुलाम नबी सहाब
हाफिज व क़री आरिफ रज़ा साहब व आप का अपना भाई निज़ाकत अली सक़लैनी मुस्तफाई
खादिम मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ दातागंज
9837483323
9837483327

11/08/2023

कुछ लोग प्रॉपर्टी छोड़कर मरते हैं और कुछ लोग नेक औलाद
जो उन्हें दुनिया में भी सुकून देती है और कब्र में भी सुकून पहुंचाती है

22/07/2023

छोटे बच्चे के मुंह से निकलने वाला दूध पाक है या नापाक

देखो हमारे ख्वाब कैसे बिखर गए हाथ में टिकट था मगर हम घर नहीं गए 😭🚇 सफर शुरू किया था कि घर जाएंगे-     यह किसने सोचा था क...
09/06/2023

देखो हमारे ख्वाब कैसे बिखर गए
हाथ में टिकट था मगर हम घर नहीं गए 😭
🚇 सफर शुरू किया था कि घर जाएंगे-
यह किसने सोचा था कि मर जाएंगे😭😭
बस ज़िंदगी ऐसी ही है मेरे दोस्तों इसलिए हर पल अपनी आखिरत की तैयारी में लगे रहे
मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ दातागंज
دیکھو ہمارے خواب کیسے بکھر گئے ہاتھ میں ٹکٹ تھا۔مگر ہم گھر نہیں گئے۔😭
۔🚇۔سفر شروع کیا تھا ۔کے گھر جائیبنگے۔ یہ کس نے سوچا تھا کے مر جائینگے 😭😭.
بس زندگی ایسی ہی ہے میرے پیارے اس لیے ہر پل اپنی آخرت کی تیاری میں لگے رہیں
مدرسہ فیضان غریب نواز داتاگنج

बेशक आप हवा में उड़ते हों, उडये लेकिन जमीं वालों से ताल्लुक़ बनाए रखिए  काम वही आते हैं।🥰🥰
02/06/2023

बेशक आप हवा में उड़ते हों, उडये लेकिन जमीं वालों से ताल्लुक़ बनाए रखिए काम वही आते हैं।🥰🥰

02/06/2023
जानशीने हुजूर ताजदारे अहले सुन्नत अल्लामा वा मौलाना शेख अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मिया कादरी अजहरी सज्जादा नशीन खानकाहे आल...
02/06/2023

जानशीने हुजूर ताजदारे अहले सुन्नत अल्लामा वा मौलाना शेख अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मिया कादरी अजहरी सज्जादा नशीन खानकाहे आलिया कादरिया बुदायू शरीफ की यौमे विलादत मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ दातागंज की तरफ
से तमाम दोस्तों अहवाब को बहुत बहुत मुबारक हो

अस्सलामु अलेकुम तमाम दोस्तो अहवाब को ये जानकर बेहद खुशी होगी कि आप के अपने मदरसा फैजाने गरीब नवाज दातागंज में बाहर के और...
25/04/2023

अस्सलामु अलेकुम
तमाम दोस्तो अहवाब को ये जानकर बेहद खुशी होगी कि आप के अपने मदरसा फैजाने गरीब नवाज दातागंज में बाहर के और मकामी तलवा के लिए तालीम व तरबीयत और कयाम व तुआम का बेहतरीन इंतजाम है

अपने नौनिहालों के रोशन मुस्तक़बिल के लिए मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ में दाखिला करवाने के लिए राबता करें
📱703724 6145 सदरुल मुद्ररिस मौलाना क़ारी गुलाम नबी कादरी
📱 8941841546 मुद्ररिस हाफ़िज़ व क़ारी आरिफ रज़ा

मिनजानिब
क़ारी निज़ाकत अली मुस्तफाई
बानियों मोहतमिम मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ मो.ख्वाजा नगर दातागंज ज़िला बदायूं शरीफ
📱9837483323

07/04/2023

अलहमदुलिल्ला
अल्लाह के फज़लों एहसान से और आपकी दुआओं से आपके अपने मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ का पहला सालाना कैलेंडर छपा है आप से और मज़ीद दुआ की दरखास्त है

तमाम दोस्तों अहबाब को माहे रबीउल अव्वल का चांद बहुत बहुत मुबारक हो
27/09/2022

तमाम दोस्तों अहबाब को माहे रबीउल अव्वल का चांद बहुत बहुत मुबारक हो

अभी नमाज़े जमा के बाद मस्जिद हज़रत अली मैं आला हज़रत के कुल शारीफ का अहतिमाम  किया गया है 2: 38 पर मदरसा फैज़ाने गरीब नव...
23/09/2022

अभी नमाज़े जमा के बाद मस्जिद हज़रत अली मैं आला हज़रत के कुल शारीफ का अहतिमाम किया गया है
2: 38 पर
मदरसा फैज़ाने गरीब नवाज़ मोहल्ला ख्वाजा नगर में तशरीफ़ लाएं और सवावे दारैंन हासिल करें

*‏دیہاتوں میں ایک کیڑا پایا جاتا ہے جسے گوبر کا کیڑا (گونگٹ) کہا جاتا ہے**اسے گائے بھینسوں کے گوبر کی بو بہت پسند ہوتی ہ...
10/09/2022

*‏دیہاتوں میں ایک کیڑا پایا جاتا ہے جسے گوبر کا کیڑا (گونگٹ) کہا جاتا ہے*
*اسے گائے بھینسوں کے گوبر کی بو بہت پسند ہوتی ہے*
*وہ صبح اٹھ کر گوبر کی تلاش میں نکل پڑتا ہے اور سارا دن جہاں گوبر ملے اس کا گولا بناتا رہتا ہے*
*شام تک اچھا خاصا گولا بن جاتا ہے ﭘﮭﺮ اس گولے کو دھکا دیتے ‏ہوئے اپنی بل تک لے جاتا ہے*
*لیکن بل پر پہنچ کر اسے* *احساس ہوتا ہے کہ گولا تو بڑا بنا اور بل کا سوراخ چھوٹا ہے*
*بہت کوشش کے باوجود بھی گولا بل کے اندر نہیں جا سکتا اور اسے وہیں پر چھوڑ کر اندر چلا جاتا ہے*
*یہی حال ہمارا ہے ساری زندگی حلال حرام کی تمیز کیے بغیر‏دنیا کا مال و متاع جمع کرنے میں ﻟﮕﮯ ﺭﮨﺘﮯ ﮨﯿﮟ اور جب آخری وقت قریب آتا ہے تو پتہ چلتا ہے کہ یہ سب تو*
*"ﻗﺒﺮ" میں ساتھ نہیں لے جا سکتے ﺍﻭﺭ ﮨﻢ زندگی بھر کی*
*کمائی ﮐو حسرت سے دیکھتے ﮨﯽ ﺭﮦ ﺟﺎﺗﮯ ہیں.......*

उर्स रिज़वी में शिरकत करने वाले हज़रात के लिए खुसूसी ऐलान
09/09/2022

उर्स रिज़वी में शिरकत करने वाले हज़रात के लिए खुसूसी ऐलान

आज मदरसा फैजाने गरीब नवाज मैं खलिफा ए हुजूर सुबहानी मियां हजरत अल्लामा मौलाना  कारी जुल्फिकार साहब किबला दातागंजवी रहमतु...
05/09/2022

आज मदरसा फैजाने गरीब नवाज मैं खलिफा ए हुजूर सुबहानी मियां हजरत अल्लामा मौलाना कारी जुल्फिकार साहब किबला दातागंजवी रहमतुल्लाह अलैहि का उर्स मनाया गया
जिस में मदरसे के असातिज़ा ए इकराम और तलबा ने शिरकत की

जामा मस्जिद शम्सी, बदायूँमदीनातुल औलिया के नाम से मशहूर शहर बदायूँ की इस ऐतिहासिक मस्जिद की नींव शम्शुद्दीन अल्तुमिश ने ...
04/09/2022

जामा मस्जिद शम्सी, बदायूँ

मदीनातुल औलिया के नाम से मशहूर शहर बदायूँ की इस ऐतिहासिक मस्जिद की नींव शम्शुद्दीन अल्तुमिश ने 607 हिजरी मुताबिक 1210 ई मे रखी।उस वक्त शम्शुद्दीन बदायूँ के सूबेदार थे।शहर की जामा मस्जिद शम्सी हिंदुस्तान की शानदार मस्जिदों में गिनी जाती है। जामा मस्जिद शम्सी पंद्रह साल में बनकर तैयार हुई इस मस्जिद का निर्माण उनके बेटे रुकुनुद्दीन ने पूरा कराया था। बदायूं की मस्जिद शम्सी खुद में काबिले तारीफ है।

मदरसा फैज़ान ए  गरीब नवाज़ की जानिब से मोहल्ला ख्वाजा नगर दातागंज में 75 वे योमे आजादी का जुलूस निकाला गया जिसमे मदरसे क...
18/08/2022

मदरसा फैज़ान ए गरीब नवाज़ की जानिब से मोहल्ला ख्वाजा नगर दातागंज में 75 वे योमे आजादी का जुलूस निकाला गया जिसमे मदरसे के तलवा व असातिज़ा ए किराम और मोहल्ले के मोअज़ज़ लोगो ने शिरकत की

14/08/2022

#हरियाणा के मेवात में #तिरंगा_यात्रा….

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर #मदरसा "स्टूडेंट्स जमीयत मेवात" के बच्चों का आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर तिंरगा यात्रा का मनमोहक दृश्य।

#हिन्दुस्तान_ज़िंदाबाद🇳🇪🇳🇪...

08/08/2022

क़मर ए बनी हाशिम हज़रत ए अब्बास अलमबरदार का अलम मुबारक ( बिलग्राम शरीफ़ )

07/08/2022

ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
अपने बाप कि मय्यत पे ढोल बजा के दिखा
अपने बाप की मय्यत पे ढोल क्यों नहीं बजाते

06/08/2022

‏میچورٹی کا ایک لیول یہ ہوتا ہے کہ آپ وضاحت دینا چھوڑ دیتے ہیں. خاموش ہوجاتےہیں، بحث نہیں کرتے اگر کوئی آپکو برا بھلا کہہ بھی دے تو یہ کہہ کر مسکرا کر آگے بڑھ جاتے ہیں کہ Yes I'm
‏اسکا مطلب یہ نہیں ہوتا کہ آپ سچ میں ویسے ہی ہوتے ہیں بلکہ فرق صرف یہ ہے کہ وہ بات آپکے لیئے اہمیت ہی نہیں رکھتی.

کتا گاڑی کے پیچھے کچھ فاصلے تک بھونکتا اور دوڑتا ہے، نہ یہ کتا آپ سے گاڑی چھیننا چاہتا ہے، نہ گاڑی میں بیٹھنا چاہتا ہے اور نہ ہی اسے گاڑی چلانی ہے بس خوامخواہ بھوکنا ‏اسکی عادت ہے.ایسے ہی زندگی کے سفر میں جب آپ اپنی منزل کی طرف رواں داواں ہوتے ہیں تو کچھ اسی عادت کے لوگ بغیر کسی مقصد کے آپکی راہ میں رکاوٹ پیدا کرنے کی کوشش کرتے ہیں.

اس لیئے جب آپ اپنی منزل پر رواں دواں ہوں اور لوگ آپکی راہ میں رکاوٹیں ڈالنے کی کوشش کریں ‏تو ان سے الجھنے کے بجائے اپنی منزل کی طرف رواں دواں رہیں. آپکو تلخ نہیں ہونا، آپکو بدلہ لینے والا نہیں بننا.

آپکو چالیں چلنے والا، جال بچھانے والا بھی نہیں بننا. آپکو ایسا بھی نہیں ہونا کہ آپ شاطر کہلائیں اور ایسا بھی نہیں کرنا کہ آپ گڑھے کھودیں. زخم ہیں جو دل اور روح پر ہیں.
‏لیکن انکے لیئے مرہم بدلہ لے کر تیار نہ کریں کیونکہ مرہم آسمانی ہی اچھے ہوتے ہیں. مرہم رحمانی ہی شفاء دیتے ہیں. چھوڑ دیں جو ہوا، جانے دیں جس نے جو کیا. اپنے پیچھے دروازے بند کرکے آگے بڑھ جائیں. زخم دینےو الوں، تکلیف پہنچانے والوں، روح کو روند دینے والوں کو انکے حال پر چھوڑ کر ‏اپنا حال ٹھیک کریں کیونکہ آپکو وہ نہیں بننا جو حالات آپکو بنا رہے ہیں. آپکو وہ بننا ہے جو اعمال بناتے ہیں یعنی رب کا بندہ، بندہ مومن، انسان.
ان شاء اللہ تعالی کامیابی آپکی منتظر رہے گی.

*बहुत ही अहम  पोस्ट है दोस्तों जरूर पढ़ना**मुसलमान कैसे इस्लाम से खारिज हो जाता है और उसको पता भी नहीं चलता!!*(कुफ्रिया ...
06/08/2022

*बहुत ही अहम पोस्ट है दोस्तों जरूर पढ़ना*

*मुसलमान कैसे इस्लाम से खारिज हो जाता है और उसको पता भी नहीं चलता!!*
(कुफ्रिया गानों की वजह से)

*और फिर कहता है कि हम पर अज़ाब ,मुसिबत, ज़ुल्म और वबा क्यो आई❓*🤔

अस्सलामु अलैकुम!

(गुस्ताखी माफ़)
नमाज़ और रोजा के बारे में हम कुछ हद तक जानते हैं,

जकात और हज के बारे में भी पढ़ते, सुनते रहते हैं,

मगर...
आज एक ऐसे टॉपिक पर भी बात की जाए जिस से आज का मुस्लिम नौजवान बे-खबर है।

हम सबको ये पता है कि *गाना🎼 गुनगुनाना, सुनना और सुनाना हराम व गुनाह और जहन्नम में ले जाने वाला काम है।* लेकिन फिर भी हम में से ज्यादातर लोग, *गाने* बड़ी दिलचस्पी से सुनते हैं, लेकिन क्या आपको ये पता है कि गाने सुनने से ना सिर्फ आप गुनाहगार हो रहे हैं बल्कि कुछ वुजूहात की बिना पर *काफ़िर* भी बन जाते हैं और आपको पता तक नहीं चलता।

लेकिन कैसे ? आइये जानते है !

आज कल मुश्किल से ही कोई ऐसे गाने बचे होंगे जिसमे खुदा का नाम ना इस्तेमाल किया जाता हो, बात केवल खुदा के अल्फाज तक सीमित नहीं है अब तो *अल्लाह* का ज़ाती नाम भी गानों में लिया जाने लगा है।
और रुकिए बात अभी भी यहाँ तक खत्म नहीं होती
बल्कि
कुछ गाने तो माजल्लाह ऐसे होते है जिसमे खुदा की तोहीन की जाती है और खुदा को कुछ नहीं समझा जाता।(अस्तग्फिरुल्लाह) और ऐसे गानों को हम बहुत ही ज्यादा शौक से सुनते हैं।

यहाँ मैं आपको दो तीन गानों की मिसाल देता हूँ जिसमे बहुत ज्यादा कुफ्र बोल है जो अभी बहुत शौक से सुने जाते हैं और हैरत व अफसोस तो ये है कि इनको गाने वाला बंदा भी मुसलमान।

गायक – अतीफ असलम
फिल्म का नाम – बागी – 2
बोल कुछ इस तरह है -

अल्लाह मुझे दर्द के काबिल बना दिया
तुफां को ही कश्ती का साहिल बना दिया
बे-चेनियां समेट के सारे जहां की
*जब कुछ ना बन सका* तो मेरा दिल बना दिया

पहले तो 👆इस गाने में अल्लाह रब्बुल इज्जत का नाम लिया गया है और गाने के अन्दर नचनिया नाचती है और आपस में इश्क लड़ाते हुवे बे-हया सीन दिखाए जाते हैं और अगर चौथी लाइन पर गौर किया जाए तो उसमे ये कहा जा रहा है (अस्तग्फिरुल्लाह) कि जब खुदा से कुछ नहीं बन पा रहा था तब उसने गाने वाले का दिल बना दिया (माजल्लाह
अल्लाह)
याद रहे अल्लाह पाक हर चीज पर कादिर है। कोई काम उसकी कुदरत से बाहर नहीं, वो जो चाहता है, करता है।

मगर इसी तरह के गाने सुनकर हम अल्लाह की कुदरत का *इन्कार* / उसमें *ऐतराज* पर दिलचस्पी लेते हैं और ईमान चला जाता है।

एक और ALBUM SONG है जो अभी बहुत चल रहा है जिसके बोल कुछ इस तरह है:

वास्ते जाँ भी दूँ
*मैं गवा ईमाँ भी दूँ*
किस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
बदले में मैं तेरे
*जो खुदा खुद भी दे जन्नते*
*सच कहूँ, छोड़ दूँ*
और दी गई लाइन का मतलब है की तेरे लिए मैं जान भी दे सकता हूँ तेरे लिए मैं ईमान भी गँवा सकता हूँ तेरे लिए किस्मतो का लिखा भी मोड़ सकता हूँ और बात यही ख़त्म नहीं होती गाने वाला शख्स ये कहता है की “ तेरे बदले में अगर खुदा खुद मुझे जन्नत दे तो वो भी तेरे लिए छोड़ दूँ “

क्या ये👆 बोल कुफ्रियात नही हैं??

याद रहे! ईमान के जाने या गंवाने पर खुश होना *कुफ्र* है और इसका इरादा करना भी।

और बताओ फिर
तकदीर बदलना / मोङना तो खुदा का काम है, खुद को ऐसा कर लेने वाला समझना / कहना...?
क्या ये कुफ्र व शिर्क नहीं!!??
(अलबत्ता! ये जरूर है कि अल्लाह पाक जिसे चाहे, *अपनी अता से* उसकी *दुआ पर तकदीर टाल / बदल* देता है।)

और
क्या खुदा की जन्नत के मुकाबले में एक नचनिया की कोई हैसियत है???
बल्कि
सारी दुनिया भी उस जन्नत के एक जर्रे के बराबर नहीं हो सकती।
लिहाजा ये गाने वाला तो काफिर हो ही गया और इसे दिलचस्पी से सुनकर हम भी काफिर बन रहे हैं।

एक आखरी गाना और बताना चाहूँगा जिसमे हद कर दी गई है

गायक – अतीफ असलम
फिल्म का नाम – प्रिंस
बोल कुछ इस तरह है :

अखियाँ बिछाई मैंने तेरे लिए
दुनिया भुलाई मैंने तेरे लिए
*जन्नतें सजाई मैने तेरे लिए*
*छोड़ दी खुदाई मैने तेरे लिए*

अब आप खुद समझदार है की आखरी की दो लाइन में किस क़दर अल्लाह की तोहीन की जा रही है और गाने वाला इस गाने के जरिये कितने कुफ्रियात बोल गया।
और (अस्तग्फिरुल्लाह) ऐसे गाने हम शौक से सुनते हैं और हम भी काफिर हो जाते हो हैं और हमें पता भी नहीं चलता।

और भी इस तरह के बहुत सारे गाने है जो हम शौक से सुनते हैं जिसमे बहुत ही ज्यादा कुफ्र के बोल होते हैं

मुसलमानो! अगर सुनना ही है तो अपने आका صلی اللہ علیہ وسلم की नाते पाक सुनो और दिल के कानो से सुनो इंशा अल्लाह कभी गानों को सुनने की नोबत नहीं आएगी।
नात वो नगमा है जो कानों को ही नहीं बल्कि रूह व दिल को सुकून भी देता है।

अल्लाह हम सबको नेक तौफीक दे और हर तरह के कुफ्र व शिर्क से बचाए।
(आमीन)

ध्यान रहे! जिस तरह नेकी फैलाना सवाबे-जारिया है,
उसी तरह ऐसे गाने / हराम व ना-जाइज कामों को भी (सोशल मीडिया, *स्टेटस* के जारीये से) फैलाना भी गुनाहे-जारिया है।
{ यानी ये हराम व ना-जाइज काम आपके जारीये *जब तक* और *जितने लोग* देखेंगे / सुनेंगे *तब तक, उतने गुनाह* आप के आमाल-नामे में भी लिखे जाते रहेंगे}

अगर आप अपने दोस्त व अहबाब के भी ईमान की हिफाजत चाहते हैं तो इसे आगे शेयर करें और नेकी में हिस्सेदार बनें

03/08/2022

انا للہ و انا الیہ راجعون 😭😭😭
बड़े अफसोस के साथ यह इतला दी जाती है के
बुलबुले बागे मदीना,,मोहम्मद नासिर रजा मुंबई,,का इंतकाल हो गया है
अल्लाह की बारगाह में दुआ है कि मौला इमामे हुसैन के सदके में उनकी मगफिरत फरमाए और घर वालों को सबरे जमील अता फरमाए
शरीके ग़म
मदरसा फैजाने गरीब नवाज़ के असातिज़ाऐ किराम व तलबह 😭😭😭😭😭😭

01/08/2022

❤️ऐसा गांव जहां हिंदू पढ़ते हैं मस्जिद में अज़ान और नमाज़ गांव में एक भी मुस्लिम नही है, ❤️

01/08/2022

यह हज़रत भी पैदल हज के सफ़र में निकलें हैं 2023 में अल्लाह और उसके रसूल के रोज़े की ज़ियारत करेंगे इंशाअल्लाह
अल्लाह ताला इनके सफर में आसानी अता फरमाए ❤️❤️❤️

अस्सलामु अलैकुमतमाम दोस्तों अहबाब को इतला दी जाती है के माहे मोहर्रमुल हराम का चांद नजर नहीं आया है
29/07/2022

अस्सलामु अलैकुम
तमाम दोस्तों अहबाब को इतला दी जाती है के माहे मोहर्रमुल हराम का चांद नजर नहीं आया है

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